Turn Off English >>>

Hindi

English

अध्याय 1

Chapter 1

1 यह किताब इस्राएल पर राज्य करने वाले सुलैमान की बुद्धि से भरी हुई बातों का संग्रह है जो राजा दाऊद का बेटा था।
2 सुलैमान ने इन बातों को इसलिए लिखा ताकि हम समझ सकें कि बुद्धि क्या है। वह चाहता था कि हम सीखें कि हमें उचित सुधारों के प्रति कैसे बर्ताव करना चाहिए। यह किताब इसलिए लिखी गई ताकि हम बुद्धिमानों की बातों में छिपे हुए मतलब को समझ सकें।
3 सुलैमान ने उन बातों को इकट्ठा किया है जो हमें अपने चरित्र को संवारने और बुद्धिमानी से काम करने में हमारी मदद कर सकती हैं। तब हम समझ पाएंगे कि धार्मिकता, न्याय और ईमानदारी क्या हैं।
4 अगर कोई साधारण व्यक्ति बुद्धि की इन बातों को सुनेगा तो वह चतुर बन जाएगा। अगर कोई जवान व्यक्ति बुद्धि की इन बातों को ध्यान से पढ़ेगा तो उसे ज्ञान मिलेगा जो उसे सही फैसले लेना सिखाएगा।
5 अगर कोई बुद्धिमान व्यक्ति बुद्धि की बातों पर ध्यान देगा तो वह अपने ज्ञान को बढ़ाएगा। और अगर कोई पढ़ा-लिखा व्यक्ति बुद्धि की बातों को सुनेगा तो वह उनमें बहुमूल्य सलाह को पाएगा।
6 जो व्यक्ति बुद्धि की इन बातों को ध्यान से पढ़ता है, वह उन लोगों को समझना सीखेगा जो छिपे हुए मतलब के साथ या मज़ाक में बोलते हैं। वह समझ पाएगा कि बुद्धिमान लोगों का क्या मतलब है।
7 जो प्रभु का भय मानता है, वह समझने लगेगा कि बुद्धि क्या है। सिर्फ़ मूर्ख ही बुद्धि और उचित सुधार को तुच्छ समझते हैं।
8 हे मेरे बेटे, मैं तुम्हारा पिता हूँ। इसलिए जब मैं तुम्हारा उचित सुधार करता हूँ तब मेरी बात सुनना। और जब तुम्हारी माता तुम्हें परमेश्वर के कानून को सिखाती है तब तुम उसका विरोध न करना।
9 अपने माता-पिता की बातों पर ध्यान देना। तब अनुग्रह तुम्हारे ऊपर मुकुट की तरह चमकेगा और हार की तरह तुम्हें सजाएगा।
10 हे मेरे बेटे, पापियों को तुम्हें पाप में धकेलने न देना।
11 वे तुम्हें मना लेंगे और कहेंगे, “हमारे साथ आओ! हम जाल बिछाएंगे और छिपकर इंतज़ार करेंगे। फिर हम अचानक किसी निर्दोष व्यक्ति पर हमला करेंगे और उसे बिना किसी कारण के मार डालेंगे।”
12 हे मेरे बेटे, अपराधी कहेंगे, “चलो, हम जीवित लोगों को नरक में भेजें और उन्हें सीधे ही कब्र में मरे हुए लोगों के पास डाल दें।”
13 डाकू कहेंगे, “हम सभी प्रकार की कीमती चीजें चुराएंगे और अपने घरों को लूट की चीजों से भर लेंगे।”
14 अपराधी कहेंगे, “आ जाओ और हमारे साथ पर्चियाँ डालो। जो तुम जीतोगे, उसे तुम ले लेना और इस तरह हम चोरी का माल आपस में बाँट लेंगे।”
15 हे मेरे बेटे, किसी भी उपद्रवी गिरोह में शामिल न होना और सभी अपराधियों से दूर रहना।
16 याद रखना कि अपराधी बुराई करने के लिए बेसब्र होते हैं। और बिना किसी हिचकिचाहट के वे हत्या कर देते हैं।
17 पक्षी कभी भी यह नहीं सोचते कि वे जाल में फंस सकते हैं।
18 लेकिन शिकारी छिपकर इंतज़ार करते हैं और पक्षियों को फँसाते हैं ताकि उन्हें मार सकें।
19 ऐसा ही उस व्यक्ति के साथ होगा जो दूसरों की चीज़ें चुराना चाहता है। ये चुराई हुई चीज़ें ही अपराधी के जीवन को छीन लेंगी।
20 बुद्धि सड़कों में और चौराहों पर सभी से ज़ोर-ज़ोर से कहती है।
21 वह हर जगह प्रचार करती है जहाँ लोग इकट्ठा होते हैं। बुद्धि उन लोगों से बात करती है जो शहर में प्रवेश करते हैं और फाटक से होकर चले जाते हैं।
22 वह यही कहती है, “तुम, जिनके पास ज्ञान नहीं, कब तक अपने अज्ञान से प्रेम रखोगे? तुम, जो दूसरों का अपमान करते हो, कब तक अपमान करके आनंद मनाते रहोगे? हे मूर्खों, तुम कब तक ज्ञान से नफ़रत करोगे?”
23 बुद्धि कहती है, “जब मैं तुम्हें डाँटती हूँ तब मेरी बात सुनो और अपने पापों से मन फिराओ। तब मैं अपनी आत्मा तुम पर उँडेल दूँगी और जो कुछ मैं जानती हूँ, वह तुम्हें सिखाऊँगी।
24 लेकिन जब मैंने तुम्हें पुकारा तब तुमने मेरी बातों को नहीं सुना। जब मैंने मदद करनी चाही और अपने हाथ तुम्हारी ओर बढ़ाया तब किसी ने मेरी ओर ध्यान नहीं दिया।
25 तुमने मेरी सारी सलाहों को अनसुना किया और अपने जीवन में सुधार करने से इनकार कर दिया।
26 इसलिए जब तुम पर मुसीबत आएगी तब मैं हँसूँगी। और जब तुम घबराओगे तब मैं आनंद मनाऊँगी।
27 बड़ा भय तुम पर तूफ़ान की तरह आ पड़ेगा। और तबाही तुम पर अचानक बवंडर की तरह टूट पड़ेगी। तुम कष्ट और मुश्किल हालातों में जीवन बिताओगे।
28 तब मूर्ख मुझे पुकारेंगे लेकिन मैं उनकी बात नहीं सुनूँगी। वे मेरी खोज करेंगे लेकिन वे मुझे ढूँढ नहीं पाएंगे।
29 उनके साथ ऐसा इसलिए होगा क्योंकि उन्होंने ज्ञान से नफ़रत की। उन्होंने प्रभु की बात मानने से इंकार किया और ऐसे जीने लगे जैसे कि परमेश्वर है ही नहीं।
30 उन्होंने मेरी सारी सलाहों को ठुकरा दिया। और जब मैंने उन्हें ठीक किया तब उन्होंने मेरी निंदा ​​की।
31 इसलिए वे अपने जीवन में उगने वाले कड़वे फल खाएंगे। वे दूसरों को नुकसान पहुँचाना चाहते थे लेकिन उनकी योजनाएँ उनके अपने जीवन को नष्ट कर देंगी।
32 जिनके पास ज्ञान नहीं, वे बुद्धि के खिलाफ़ विद्रोह करेंगे और यह उन्हें मौत की ओर ले जाएगा। मूर्ख जीवन को गंभीरता से नहीं लेते और यह उन्हें नष्ट कर देगा।
33 और जो मेरी बात सुनेगा, वह बुराई से नहीं डरेगा। वह सुरक्षित और शांति से रहेगा।”
1 This book is a collection of the wise sayings of Solomon who reigned over Israel and was the son of King David.
2 Solomon wrote down these sayings so that we could understand what wisdom is. He wanted us to learn how we should respond to proper correction. This book was written so that we could understand the meaning that is hidden in the words of the wise.
3 Solomon collected the sayings that could help us work on our character and act wisely. Then we will be able to understand what righteousness, judgment, and justice are.
4 If a simple person listens to the wise sayings, he will become smart. If a young person studies the wise sayings carefully, he will gain knowledge that will teach him to make right decisions.
5 If a wise person pays attention to the words of wisdom, he will increase his knowledge. And if an educated person listens to wise sayings, he will find valuable advice in them.
6 The one who studies the wise sayings carefully will learn to understand those who speak with hidden meaning or irony. He will be able to understand what wise people mean.
7 The one who fears the Lord will begin to understand what wisdom is. Only fools despise wisdom and proper correction.
8 My son, I am your father. So listen to me when I make proper corrections to you. And do not resist when your mother teaches you the Law of God.
9 Pay attention to what your parents tell you. Then grace will shine over you like a crown and beautify you like a necklace.
10 My son, do not let sinners push you into sin.
11 They will persuade you, “Come with us! We will set a trap and wait in a hiding place. Then we will suddenly attack an innocent person and kill him for no reason.”
12 My son, the criminals will say, “Let’s send the living to hell and drop them down straight to the dead in the grave.”
13 The bandits will say, “We will steal all kinds of precious things and fill our houses with stolen things.”
14 The criminals will say, “Come on, and you will cast lots with us. You take what you win, and in this way we will share stolen goods among us.”
15 My son, do not join any gang, stay away from all criminals.
16 Remember that criminals are eager to do evil. And without any hesitation they commit murder.
17 None of the birds think that any of them will get caught in a net.
18 But bird catchers wait in a hiding place and trap birds to kill them.
19 The same will happen to the one who wants to steal other people’s things. These stolen goods will take away the life of the criminal.
20 Wisdom speaks loudly to everyone in the streets and in public places.
21 She preaches everywhere people gather. Wisdom speaks to those who enter the city and leave it through the gate.
22 And this is what she says, “How long will you, who have no knowledge, love your ignorance? How long will you, who offend others, insult and enjoy it? Fools, how long will you hate knowledge?”
23 Wisdom says, “Listen to me when I correct you, and repent of your sins. Then I will pour out my spirit on you and teach you what I know.
24 But when I called you, you did not listen. When I wanted to help and stretched out my hand to you, no one paid any attention to me.
25 You ignored all my advice and refused to change your life.
26 So when you face trouble, I will laugh. And when panic grips you, I will rejoice.
27 Horror will fall on you like a storm. And disaster will suddenly come to you like a hurricane. You will suffer and face difficult circumstances.
28 Then the fools will call me, but I will not hear them. They will look for me, but they will not find me.
29 It will happen to them because they hated knowledge. They refused to obey the Lord and began to live as if God does not exist.
30 They rejected all my advice. And when I corrected them, they treated me with contempt.
31 That is why they will eat bitter fruits that will grow in their lives. They wanted to harm others, but their plans will destroy their own lives.
32 Those who have no knowledge will rebel against wisdom, and it will lead them to death. Fools take life easy, and it will destroy them.
33 But the one who listens to me will not be afraid of evil. He will live safely and peacefully.”

अध्याय 2

Chapter 2

1 हे मेरे बेटे, मेरी बातों को याद रखना और जो आज्ञाएँ मैंने तुम्हें सिखाई हैं, उन्हें कभी न भूलना।
2 ध्यान से सुनो कि बुद्धि क्या कहती है। सोचना और मनन करना सीखो।
3 ज्ञान की खोज करो और अपनी समझ को बढ़ाओ।
4 ज्ञान को ऐसे ढूँढो जैसे तुम चाँदी या खजाने को ढूँढ़ते हो।
5 तब तुम सीखोगे कि प्रभु का भय क्या है और तुम समझोगे कि परमेश्वर कौन है।
6 प्रभु बुद्धि देता है। वह ऐसी बातें बोलता है जो व्यक्ति को ज्ञान और समझ देते हैं।
7 परमेश्वर उन लोगों को सफलता देता है जो ईमानदारी से काम करते हैं और वह अपनी ढाल से उनकी रक्षा करता है।
8 प्रभु उन लोगों के जीवन के सभी क्षेत्रों की रक्षा करता है जो ईमानदारी से काम करते हैं। वह उस रास्ते की रक्षा करता है जिस पर उसके पवित्र लोग चलते हैं।
9 हे मेरे बेटे, मेरी बात सुनो। तब तुम समझोगे कि धार्मिकता और न्याय क्या हैं। तुम वह करना सीखोगे जो सही है और सही चुनाव करना सीख जाओगे।
10 अपने दिल को बुद्धि से भर लो और अपने प्राण को ज्ञान से प्रेम करने दो।
11 तब तुम समझदार हो जाओगे और यह तुम्हारी रक्षा करेगा। तुम बुद्धिमान हो जाओगे और यह तुम्हें बुराई से बचाएगा।
12 अगर तुम बुद्धिमान हो जाओगे तो तुम जीवन में सही दिशा चुनोगे। बुद्धि तुम्हें झूठ बोलने वाले व्यक्ति से बचाएगी।
13 अगर तुम समझदार हो जाओगे तो यह तुम्हें उन लोगों से बचाएगा जिन्होंने जीवन में गलत रास्ता चुना है और अंधकार के मार्गों में चलते हैं।
14 बुद्धि तुम्हें उन लोगों से बचाएगी जो बुराई करके खुश होते हैं और उलट फेर के काम में आनंद लेते हैं।
15 जो अनैतिक जीवन जीता है, वह अपने कामों के परिणामों को नहीं समझता।
16 अगर कोई पराई स्त्री चिकनी-चुपड़ी और मीठी बातें बोलती है तो तुम्हें बुद्धिमान व्यक्ति की तरह व्यवहार करना होगा ताकि वह तुम्हें लुभा न सके।
17 उसने जवानी में शादी कर ली थी। लेकिन अब वह अपने पति को छोड़ चुकी है और जो वादा उसने परमेश्वर के सामने अपने पति से किया था, उसे उसने तोड़ दिया।
18 चरित्रहीन औरत के घर में जाने वाला व्यक्ति नष्ट हो जाएगा और अंत में कब्र में जाएगा।
19 जो ऐसी औरत के साथ संबंध बनाता है, वह रुक नहीं पाएगा और जीवन के सही रास्ते पर नहीं लौट पाएगा।
20 उन लोगों के उदाहरण का अनुसरण करो जो सही काम करते हैं। परमेश्वर पर विश्वास करने वाले लोगों की तरह जियो।
21 याद रखो कि सिर्फ़ परमेश्वर पर विश्वास करने वाले ही इस धरती पर जीवित रहेंगे। और ईमानदारी से काम करने वाले ही इस धरती पर बने रहेंगे।
22 लेकिन नीच लोग धरती के ऊपर से नाश कर दिए जाएंगे। और जो बुराई की योजनाएँ बनाते हैं, वे पूरी तरह से मिटाए जाएंगे।
1 My son, remember my words and never forget the commandments that I taught you.
2 Listen carefully to what wisdom says. Learn to think and reflect.
3 Look for knowledge and develop your ability to think.
4 Seek knowledge as you would seek silver or treasure.
5 Then you will learn what the fear of the Lord is, and you will understand who God is.
6 The Lord gives wisdom. He speaks words that bring knowledge to a person and gives him understanding.
7 God gives success to those who act honestly, and He protects them with His shield.
8 The Lord guards all areas of life of those who act justly. He protects the way where His holy people walk.
9 My son, listen to me. Then you will understand what righteousness and justice are. You will learn to do what is just and make right choices.
10 Let wisdom fill your heart. And let your soul love knowledge.
11 Then you will become a person of understanding, and it will guard you. You will become intelligent, and it will protect you from evil.
12 If you become wise, you will choose the right direction in life. Wisdom will save you from a person who tells lies.
13 If you become a person of understanding, it will protect you from those who have chosen the wrong path in life and walk in the ways of darkness.
14 Wisdom will save you from those who do evil with joy and delight in immorality.
15 The one who lives an immoral life does not understand the consequences of his actions.
16 If a wife of another man speaks flattering and pleasant words, you must behave like a wise person so that she could not seduce you.
17 She got married when she was young. But now she has left her husband and broken the promise she made to him before God.
18 The one who enters the house of an immoral woman will perish and end up in the grave.
19 The one who enters into a relationship with such a woman will not be able to stop and return to the right way of life.
20 Follow the example of those who do what is right. Live as those people who believe in God.
21 Remember that only those who believe in God will live in the land. And only those who act honestly will remain in it.
22 But the wicked will be destroyed from the land. And those who make evil plans will be completely removed.

अध्याय 3

Chapter 3

1 हे मेरे बेटे, परमेश्वर के कानून को न भूलना जो मैंने तुम्हें सिखाए हैं। परमेश्वर की आज्ञाओं को अपने दिल में रहने देना।
2 तब तुम लंबी उम्र तक शांति और सफलता के साथ खुशहाल जिंदगी जीओगे।
3 दूसरों पर दया दिखाना और वही करना जो सच्चाई तुम्हें सिखाती है। यह तुम्हारे जीवन को एक अनमोल हार की तरह सुंदर बना देगा। दया और सच्चाई को अपने दिल में ऐसे लिख लो जैसे पत्थर पर शब्द खुदे होते हैं।
4 तब तुम्हें परमेश्वर की नज़र में अनुग्रह मिलेगा और लोग तुम्हारा आदर करेंगे।
5 अपने पूरे दिल से प्रभु पर भरोसा रखना और अपनी समझ का सहारा न लेना।
6 हर परिस्थिति में यह समझने का हर संभव प्रयास करना कि परमेश्वर क्या करना चाहता है और वह कदम-कदम पर तुम्हारी अगुवाई करेगा।
7 यह न सोचना कि तुम सब से अधिक चतुर हो। प्रभु का भय मानना और बुराई से दूर रहना।
8 तब तुम्हारा शरीर और तुम्हारी सभी हड्डियाँ इतनी मजबूत हो जाएंगी कि तुम अपनी बीमारियों से ठीक हो जाओगे।
9 जो कुछ तुम्हारा है, उसे प्रभु को समर्पित कर दो और उसकी सेवा करो। अपनी फ़सल का पहला फल उसके पास लाओ और अपने लाभ का हिस्सा उसे दो। इस तरह तुम प्रभु को अपना गहरा आदर दिखाओगे।
10 तब परमेश्वर तुम्हें इतनी बहुतायत से फसल देगा कि तुम अपने भंडार घरों को ऊपर तक अनाज से भर दोगे। और तुम्हारे पास इतने अंगूर होंगे कि तुम बहुतायत से नया दाखरस बनाओगे।
11 हे मेरे बेटे, जब प्रभु तुम्हारी गलतियों को दिखाए तब उसकी ओर ध्यान देना। और जब वह तुम्हें सुधारे तब गुस्सा न करना।
12 प्रभु उसी को सुधारता है जिससे वह प्यार करता है। जैसे पिता अपने प्यारे बेटे को सुधारता है, वैसे ही परमेश्वर उसे सुधारता है जिससे वह प्यार करता है।
13 जिसने बुद्धिमानी और समझदारी से काम लेना शुरू कर दिया, वह आशीषित और सुखी जीवन जीएगा।
14 बुद्धि तुम्हें चाँदी से ज़्यादा लाभ देगी। बुद्धि से तुम्हें सोने से भी ज़्यादा लाभ मिलेगा।
15 बुद्धि बहुमूल्य पत्थर से भी ज़्यादा कीमती है। तुम बुद्धि की तुलना ऐसे किसी भी धन से नहीं कर सकते, जिसकी तुम इच्छा करते हो।
16 बुद्धि अपने दाहिने हाथ में लंबे जीवन को पकड़े रहती है और अपने बाएं हाथ में धन-संपत्ति और महिमा को थामे रहती है।
17 बुद्धि के मार्ग पर चलना कितना सुहावना है जहाँ हर कदम तुम्हें शांति और सफलता देगा!
18 जो बुद्धि की खोज करता है, वह जीवन के पेड़ की खोज करता है। आशीषित और सुखी जीवन जीने के लिए बुद्धिमानी से काम करें।
19 प्रभु ने पृथ्वी को बुद्धि से बनाया और ज्ञान से आकाश को फैलाया।
20 परमेश्वर जानता था कि पानी के सोते कैसे बनाए जाएं, जो ज़मीन से बाहर फूटने लगें। उसने बादल बनाए ताकि ओस ज़मीन पर गिरे।
21 हे मेरे बेटे, कोई भी फ़ैसला लेने से पहले सोच-समझकर विचार करना। सही तरीके से सोचना और समझदारी से काम करना।
22 यह तुम्हारे प्राण को जीवन देगा और तुम्हें कीमती हार की तरह सजाएगा।
23 तब तुम सुरक्षित रहोगे और सही रास्ते से नहीं भटकोगे।
24 जब तुम बिस्तर पर जाओगे तब डर के कारण तुम्हारी रातों की नींद खराब नहीं होगी। तुम शांति से सो पाओगे और गहरी नींद का आनंद लोगे।
25 अगर नीच लोग तुम्हें धोखा देने की कोशिश करें तो न डरना और न घबराना।
26 प्रभु पर भरोसा रखो और वह तुम्हें उस जाल से बचने में मदद करेगा जो नीच लोग तुम्हारे लिए बिछाते हैं।
27 अगर तुम्हें किसी जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करने का मौका मिले तो उसकी मदद करने से इनकार न करना।
28 अगर तुम आज अपने दोस्त की मदद कर सकते हो तो अपना अच्छा काम कल पर मत टालो।
29 जो तुम्हारे पास शांति से रहता है, उसके खिलाफ़ कोई बुरी योजना न बनाना।
30 उसका दुश्मन बनने की कोई ज़रूरत नहीं, क्योंकि उसने तुम्हें कोई नुकसान नहीं पहुँचाया।
31 किसी बेरहम व्यक्ति की सफलता से ईर्ष्या न करना। और कभी भी उसके जैसा काम न करना।
32 प्रभु अनैतिक व्यक्ति से नफ़रत करता है। परमेश्वर उन लोगों से बात करता है जो उस पर विश्वास रखते हैं और सही काम करने के लिए उत्सुक रहते हैं।
33 प्रभु पाप में रहने वाले अविश्वासी के घर को श्राप देता है। लेकिन वह सही काम करने के लिए उत्सुक रहने वाले विश्वासी के घर को आशीष देता है।
34 परमेश्वर उस व्यक्ति का मजाक उड़ाएगा जो परमेश्वर का मजाक उड़ाता है। लेकिन प्रभु अपना अनुग्रह उसी को देगा जो परमेश्वर के सामने खुद को नम्र करता है।
35 जो बुद्धि से काम करता है, वह अच्छी प्रतिष्ठा पाएगा। लेकिन जो मूर्खता से काम करता है, वह खुद को शर्मिंदा करेगा।
1 My son, do not forget the Law of God that I taught you. Let the commandments of God live in your heart.
2 Then your life will continue for many years, and you will live in complete peace and prosperity.
3 Show compassion and act according to the teaching of the truth. It will make your life beautiful like a precious necklace. Let compassion and truth be written in your heart like words engraved on a stone.
4 Then you will find favor in the eyes of God, and people will treat you with respect.
5 Trust in the Lord with all your heart, and do not rely on your own understanding.
6 In every situation make every effort to understand what God wants to do, and He will guide you step by step.
7 Do not think that you are smarter than everyone else. Fear the Lord and depart from evil.
8 Then your body and all your bones will become so strong that you will be healed of your diseases.
9 Dedicate to the Lord what belongs to you and serve Him. Bring Him the first fruits of the harvest and give Him a portion of your profit. This way, you will show your deep reverence to the Lord.
10 Then God will give you such a plentiful harvest that you will overfill your storehouses with grain. And you will have so many grapes that you will produce new wine in abundance.
11 My son, pay attention when the Lord shows your mistakes to you. And do not get angry when He corrects you.
12 The Lord disciplines the one He loves. He corrects a person as a father corrects his beloved son.
13 The one who began to act wisely and intelligently will live a blessed and happy life.
14 Wisdom will bring you more profit than silver. You will get more income from wisdom than from gold.
15 Wisdom costs more than precious stones. You cannot compare wisdom with any wealth you desire.
16 Wisdom holds long life in its right hand, and wealth and glory in its left hand.
17 How pleasant it is to walk on the paths of wisdom where every step brings peace and prosperity!
18 The one who searches for wisdom searches for the tree of life. Act wisely to live a blessed and happy life.
19 The Lord founded the earth with wisdom and spread out the heavens skillfully.
20 God knew how to create springs of water that started fountaining out of the ground. He created clouds so that dew could fall on the ground.
21 My son, think carefully before making a decision. Think soundly and act wisely.
22 It will bring life to your soul and beautify you like a precious necklace.
23 Then you will live in safety, and you will not go astray from the right path.
24 When you go to bed, you will not suffer from sleepless nights caused by fear. You will sleep peacefully and enjoy a sound sleep.
25 If evil people try to deceive you, do not be afraid and do not panic.
26 Trust in the Lord, and He will help you avoid the trap that the evil people set up for you.
27 If you have an opportunity to help a needy person, do not refuse to help him.
28 Do not delay doing your good deed until tomorrow if you can help your friend today.
29 Do not plan to do any evil to a person who lives peacefully near you.
30 There is no reason to become his enemy because he did not do you any harm.
31 Do not envy the success of a cruel person. And never act the way he does.
32 The Lord hates an immoral person. God communicates with those who believe in Him and who are eager to do what is right.
33 The Lord curses the house of the unbeliever who lives in sin. But He blesses the house of the believer who is eager to do what is right.
34 God will ridicule the one who ridicules Him. But the Lord will give His grace to the one who humbles himself before Him.
35 The one who acts wisely will earn a good reputation. But the one who acts foolishly will bring shame on himself.

अध्याय 4

Chapter 4

1 हे मेरे बच्चों, मैं तुम्हारा पिता हूँ। इसलिए जब मैं तुम्हारा उचित सुधार करता हूँ तब मेरी बात सुनना। समझने के लिए मेरी बातों पर ध्यान देना।
2 परमेश्वर के कानून को न भूलना जो मैंने तुम्हें सिखाए ताकि तुम सही काम कर सको।
3 जब मैं बच्चा था तब मेरा भी एक पिता था जो मुझसे बहुत प्यार करता था। और मेरी माँ ने मुझे अपने इकलौते बेटे की तरह माना।
4 मेरे पिता ने मुझसे कहा, “तुम्हारा दिल मेरी बातों को याद रखे। मैं तुम्हें आज्ञाएँ मानना सिखाता हूँ ताकि तुम सुखी जीवन जी सको।
5 समझदारी सीखने के लिए बुद्धि की खोज करना। इसे भूल न जाना और मेरी बातों को अनसुना न करना।
6 बुद्धि की बातों को अनसुना न करना, तब वह तुम्हारी रक्षा करेगी। बुद्धिमानी को पसंद करना, तब बुद्धि तुम्हें सुरक्षा देगी।
7 बुद्धि की खोज करना, क्योंकि यह जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है। समझदारी से कैसे काम करना है, यह सीखने के लिए हर संभव प्रयास करना।
8 बुद्धि को सबसे ऊपर मानना और यह तुम्हें महान बनाएगी। बुद्धि के साथ एक हो जाना तब लोग तुम्हारा आदर करेंगे।
9 बुद्धि अनुग्रह को माला की तरह तुम्हारे सिर पर रखेगी। बुद्धि तुम्हें शानदार मुकुट की तरह सजाएगी।”
10 हे मेरे बेटे, मेरी बात सुनो और जो मैं कहता हूँ, वह करो। तब तुम लंबा और सुखी जीवन जीओगे।
11 मैं तुम्हें बुद्धिमान बनना सिखाता हूँ। मैं तुम्हें सही तरीके से जीना सिखाता हूँ।
12 जब तुम कुछ करना शुरू करोगे तब कोई भी तुम्हें रोक नहीं पाएगा। और जब तुम्हें जल्दी से काम करना होगा तब तुम कोई गलती नहीं करोगे।
13 जब कोई व्यक्ति तुम्हारा उचित सुधार करता है तब उनकी बातों पर ध्यान देना और उन्हें अनदेखा न करना। खुद को सुधारना, क्योंकि इससे तुम्हें जीवन में सफलता मिलेगी।
14 अपने जीवन में सही दिशा चुनना। और कभी भी अपराधी या नीच व्यक्ति की तरह काम न करना।
15 अगर तुम गलत रास्ते पर चलने लगे हो तो रुक जाना और उस रास्ते को छोड़ देना। और अगर कोई तुम्हें अपराध करने की सलाह दे तो इसमें हिस्सा लेने से मना कर देना।
16 जब तक अपराधी बुरा काम न करे तब तक वे सो नहीं सकते। जब तक वे किसी को नुकसान न पहुँचाएं तब तक उन्हें नींद नहीं आती।
17 नीच लोग अपनी जीविका कमाने के लिए अपराध करते हैं। वे शराब के नशे में धुत होकर क्रूर काम करते हैं।
18 जो विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहते हैं, उनका जीवन उस सूरज की तरह होता है जो सुबह उगता है और दिन भर बढ़ती रोशनी की तरह और भी ज़्यादा चमकता जाता है।
19 लेकिन जो लोग कानून तोड़ते हैं, उनका जीवन उस अंधकार की तरह है जो लगातार गहरा होता जाता है जब तक कि वह पूरी रात के अंधेरे जैसा न हो जाए। ऐसे लोग यह नहीं देख सकते कि वे कहाँ जा रहे हैं और नहीं जानते कि वे किस चीज़ से ठोकर खाएंगे।
20 हे मेरे बेटे, मेरी बातों पर ध्यान दो। जो मैं कहता हूँ, उसे सुनो।
21 जो मैंने तुम्हें लिखा है, उसे बार-बार पढ़ना जिससे मेरी बातें तुम्हारे दिल की गहराई में उतर जाएं।
22 जो मेरी बातों का मतलब समझता है, वह पूरी तरह से स्वस्थ रहेगा और सुखी जीवन जीएगा।
23 किसी भी चीज़ से ज़्यादा इस बात पर ध्यान देना कि तुम्हारे दिल में क्या भरा है। तुम्हारा दिल स्रोत है और जो कुछ भी तुम्हारे जीवन में होता है, वह तुम्हारे दिल से शुरू होता है।
24 झूठ न बोलना और अपनी बातों से दूसरों को गुमराह न करना।
25 इस तरह से जीवन जीना कि तुम ईमानदारी से लोगों की आँखों में देख सको और शर्म के कारण अपनी आँखें न चुराओ।
26 पहले से सोच लो कि तुम्हें क्या करना चाहिए। सही दिशा में चलना और जो रास्ता तुम चुनते हो, उस पर शक न करना।
27 न दाएँ मुड़ना, न बाएँ। और न उन स्थानों पर जाना जहाँ लोग बुराई करते हैं।
1 My children, I am your father. So listen to me when I make proper corrections to you. Pay attention to my words to gain understanding.
2 Do not forget the Law of God that I taught you so that you may do what is right.
3 When I was a child, I also had a father who loved me very much. And my mother treated me as her only son.
4 My father told me, “Let your heart remember my words. I teach you to keep the commandments so that you may live a happy life.
5 Look for wisdom to gain understanding. Do not forget about it and do not ignore my words.
6 Do not neglect what wisdom says then it will guard you. Love acting wisely then wisdom will protect you.
7 Look for wisdom because wisdom is the most important thing in life. Make every effort to learn how to act with understanding.
8 Treasure wisdom above anything else, and it will make you a great person. Become one with wisdom then people will treat you with respect.
9 Wisdom will put grace on your head like a garland. Wisdom will decorate you like a magnificent crown.”
10 My son, listen to me and do what I say. Then you will live a long and happy life.
11 I teach you how to become wise. I tell you how to live in the right way.
12 When you start doing something, nothing will be able to stop you. And when you have to act quickly, you will not make a mistake.
13 Pay attention when someone makes proper corrections to you, and do not ignore them. Correct yourself because it will bring success to your life.
14 Choose the right direction in life. And never act like a criminal or a wicked person.
15 If you started walking on the wrong way, stop and leave this way. And if someone tempts you to commit a crime, refuse to participate in it.
16 Criminals cannot sleep unless they do evil. They lose sleep unless they harm someone.
17 Wicked people commit crimes to earn their living. They get drunk with wine and do cruel things.
18 The life of believers who are eager to do what is right is like the sun that rises at dawn and shines brighter and brighter until the full light of day.
19 But the life of those who break the law is like darkness that is getting deeper and deeper until it is as dark as night. Such people cannot see where they are going to and do not know what they will stumble over.
20 My son, pay attention to my words. Listen to what I say.
21 You should read again and again what I wrote to you so that my words may go deep into your heart.
22 The one who understands the meaning of my words will be completely healthy and live a happy life.
23 More than anything else pay attention to what fills your heart. Your heart is the source, and everything what happens in your life starts in your heart.
24 Do not tell lies or mislead others with your words.
25 Live in such a way that you could honestly look into other people’s eyes and not look away in shame.
26 Think ahead about what you should do. Go in the right direction and do not doubt the way you choose.
27 Do not turn to the right or to the left. And do not go to places where others do evil.

अध्याय 5

Chapter 5

1 हे मेरे बेटे, मेरे ज्ञान की बातों पर ध्यान दो और मेरी बुद्धिमानी भरी सलाह को मानो।
2 तब तुम समझदार हो जाओगे और योग्यता से बात करोगे।
3 चरित्रहीन औरत की बातें शहद की तरह मीठी और खुशबूदार तेल की तरह सुहावनी होती हैं।
4 अगर वह तुम्हें लुभाए तो तुम उसके परिणाम से बच नहीं पाओगे। तुम्हें इतना बुरा लगेगा जैसे तुम्हें ज़हर दे दिया गया हो। यह तुम्हें ऐसे चोट पहुँचाएगा जैसे कि तुम तेज़ तलवार से घायल किए गए हो।
5 चरित्रहीन औरत मौत की ओर जाती है और धीरे-धीरे वह नरक के पास पहुँच जाती है।
6 वह अपने जीने के तरीके के बारे में नहीं सोचती। और न ही वह इस बात की चिंता करती है कि उसके जीवन का कोई लक्ष्य नहीं।
7 हे मेरे बेटे, इसलिए मेरी बात सुनो और जो मैं तुम्हें बताता हूँ, उसे भूल न जाना।
8 चरित्रहीन औरत से दूर रहना और उसके घर के दरवाज़े के पास भी न जाना।
9 लेकिन अगर तुम उसके साथ संबंध बनाओगे तो तुम लोगों से आदर खो दोगे और तुम्हारा जीवन दुःख में बदल जाएगा।
10 ऐसी औरतों पर अपना जीवन बरबाद न करना। नहीं तो, जो कुछ भी तुम कमाते हो, वह सब तुम उन्हें दे दोगे।
11 बीमारी तुम्हारे शरीर को खा जाएगी। तुम अपनी सेहत खो दोगे और दर्द से पीड़ित हो जाओगे।
12 तब तुम कहोगे, “जब दूसरों ने मुझे सुधारा, तब मुझे उनकी बात सुननी चाहिए थी। जब मेरी अंतरात्मा ने मुझे रोकने की कोशिश की, तब मुझे इस पर ध्यान देना चाहिए था।
13 मैं उन लोगों की बातों को सुनना ज़्यादा पसंद करूँगा जिन्होंने मुझे सही काम करना सिखाया। मैं उन लोगों की बातों पर ध्यान देना ज़्यादा पसंद करूँगा जिन्होंने सच्चाई के मार्ग पर मेरी अगुवाई की।
14 और अब मेरे आस-पास के सभी लोग देखेंगे कि मैंने कितनी जल्दी अपना जीवन बरबाद कर लिया।”
15 तुम्हें अपनी पत्नी के प्रति वफ़ादार रहना चाहिए। अपने ही कुएँ से पानी पीना जो हमेशा ताजे पानी से भरा रहता है।
16 उन औरतों के साथ संबंध न बनाना जो खुद को सड़कों और शहर के चौकों में प्रदर्शित करती हैं। गंदे नाले का पानी न पीना।
17 तुम्हें सिर्फ़ अपनी पत्नी से ही संबंध रखना चाहिए और तुम्हारे जीवन में कोई दूसरी औरतें नहीं होनी चाहिए।
18 अपनी पत्नी के साथ आनंद करना जो जवानी से ही तुम्हारी साथी रही है। वही तुम्हारे लिए आशीषों का सोता बनी रहे।
19 तुम्हारी पत्नी प्यारे हिरण की तरह कोमल और पहाड़ी बकरी की तरह सुंदर है। और तुम हमेशा उसकी बाहों में प्यार का आनंद ले सकते हो।
20 हे मेरे बेटे, चरित्रहीन औरत के प्यार में न पड़ना। तुम खुद को उसकी बाहों में क्यों फेंकोगे?
21 प्रभु लोगों के सभी कामों को देखता है। वह हर बात पर ध्यान देता है जो व्यक्ति करता है।
22 अगर कोई बुराई करता है तो वह अपने कामों से कष्ट भोगेगा। वह अपने अपराधों से अपने ही जीवन को नष्ट कर देगा। और उसके पाप उसे लोहे की जंजीरों की तरह कसकर जकड़ लेंगे।
23 नीच व्यक्ति मर जाएगा, क्योंकि वह अपने जीवन को सुधारना नहीं चाहता। वह सही रास्ते से भटक चुका है और मूर्खता भरे बहुत सारे काम करने लगा है।
1 My son, pay attention to my words of knowledge and listen to my wise advice.
2 Then you will become a person of understanding, and you will speak with competence.
3 The words of an immoral woman are as sweet as honey and as pleasant as fragrant oil.
4 And if she seduces you, you will not be able to escape the consequences. You will feel as bad as if you were poisoned. It will hurt you as if you were wounded with a sharp sword.
5 An immoral woman goes towards death, and step by step she comes closer to hell.
6 She does not think about the way she lives. And she does not care that she has no purpose in life.
7 So, my son, listen to me and do not forget what I say to you.
8 Stay away from an immoral woman and do not come close to the door of her house.
9 But if you enter into a relationship with her, you will lose the respect of people, and your life will turn into torment.
10 Do not waste your life on such women. Otherwise, everything you earn, you will give away to them.
11 Disease will consume your body. You will lose your health, and you will suffer from pain.
12 Then you will say, “I should have listened to others when they corrected me. I should have paid attention to my conscience when it tried to stop me.
13 I would rather listen to those who taught me to do what is right. I would rather pay attention to the words of those who guided me to the way of truth.
14 And now everyone around me will see how quickly I ruined my life.”
15 Be faithful to your wife. Drink from your well that is always filled with fresh water.
16 Do not enter into a relationship with women who offer themselves in the streets and public places. Do not drink dirty water from the wastewater channels.
17 You must belong to your wife only, and you must not have any other women.
18 Enjoy your wife who belongs to you since your youth. May she be the source of blessing for you.
19 Your wife is as tender as a loving deer. She is as beautiful as a graceful antelope. And you can always enjoy love in her arms.
20 My son, do not fall in love with an immoral woman. Why would you throw yourself into her arms?
21 The Lord can see all the actions of people. He pays attention to everything what a person does.
22 If someone does evil, he will suffer because of his actions. The person will destroy his own life with his crimes. And his sins will hold him tight like iron chains.
23 A wicked person will die because he did not want to change his life. He has gone astray from the right way, and he started doing many foolish things.

अध्याय 6

Chapter 6

1 हे मेरे बेटे, तुमने अपने दोस्त के कर्ज को चुकाने का वादा क्यों किया? तुमने किसी दूसरे व्यक्ति के धन की जिम्मेदारी अपने ऊपर क्यों ली?
2 जब तुम किसी और के कर्ज को चुकाने के लिए सहमत हुए तब तुमने खुद को अपने ही शब्दों में फंसा लिया।
3 हे मेरे बेटे, तुमने खुद को दूसरे व्यक्ति के अधिकार में दे दिया है। इसलिए मेरी सलाह को सुनो। अपने उस दोस्त के पास जाओ जिसका कर्ज तुमने चुकाने का वादा किया है और उसके सामने घुटने टेको। तब तक उससे विनती करो जब तक वह तुम्हें उन जिम्मेदारियों से आज़ाद न कर दे जो तुमने अपने ऊपर ली हैं।
4 सारी शाम और सारी रात उससे विनती करो जब तक वह मान न जाए।
5 जैसे हिरण शिकारी से दूर भागता है वैसे ही किसी दूसरे का कर्ज चुकाने से अपने आप को बचाए रखना। जाल में फंसे पक्षी की तरह अपने आप को आज़ाद कर लेना।
6 हे आलसी, चींटियों के पास जाओ। उनके कामों को देखो और उनसे बुद्धि से व्यवहार करना सीखो।
7 चींटी के पास कोई अगुवा या नेता नहीं होता। और कोई भी चींटियों को काम करने के लिए मजबूर नहीं करता।
8 लेकिन वे पूरी गर्मियों में फ़सल कटने तक और सर्दियों के लिए खाना इकट्ठा करने के लिए काम करती हैं।
9 हे आलसी, तुम इतनी देर से क्यों उठते हो? तुम कब जागोगे और अपने बिस्तर से उठोगे?
10 बिस्तर में पड़े रहना और यह सोचना बंद करो, “अगर मैं थोड़ा और सो लेता हूँ और छोटी सी झपकी लेता हूँ तो यह ठीक है। अगर मैं कुछ नहीं करता और थोड़ा और आराम करता हूँ तो यह ठीक है।”
11 अगर तुम आलसी हो तो गरीबी तुम पर लुटेरे की तरह हमला करेगी। और सभी तरह की समस्याएँ तुम पर डाकू की तरह आ पड़ेंगी।
12 झूठ फैलाने वाला व्यक्ति घिनौने और नीच तरीके से काम करता है।
13 अपनी आँखों की हरकतों से जिस तरह से वह चलता है और जिस तरह से वह इशारे करता है, इनसे वह खुद को प्रकट करता है।
14 वह अपने दिल में नीचता छुपाए रखता है। वह दूसरों के लिए मुसीबतें खड़ी करने के लिए हमेशा तैयार रहता है ताकि उनमें झगड़ा भड़के।
15 इसलिए अचानक कोई तबाही उस पर आ पड़ेगी। और वह अचानक बिना चंगाई की उम्मीद लिए हुए नाश हो जाएगा।
16 छह चीजों से प्रभु नफ़रत करता है, यहाँ तक कि उसका प्राण सात चीजों से घृणा करता है।
17 प्रभु को घृणा होती है जब कोई व्यक्ति दूसरे की निंदा करता है। परमेश्वर को घृणा होती है जब लोग झूठ बोलते हैं। जब कोई निर्दोष व्यक्ति की हत्या करता है तब परमेश्वर इससे नफ़रत करता है।
18 प्रभु को घृणा होती है जब लोग अपने दिलों में बुरी योजनाएँ रखते हैं। उसे घृणा होती है जब कोई व्यक्ति अपराध करने के लिए बेसब्र होता है।
19 परमेश्वर नफ़रत करता है जब कोई झूठी गवाही देता है। उसे घृणा होती है जब कोई व्यक्ति भाइयों के बीच नफ़रत पैदा करता है।
20 हे मेरे बेटे, उन आज्ञाओं को मानना जिनके बारे में मैंने तुम्हें बताया था। और जब तुम्हारी माँ तुम्हें परमेश्वर का नियम सिखाती है तब उन्हें अस्वीकार मत करना।
21 अगर आज्ञाएँ हमेशा तुम्हारे दिल में बनी रहेंगी तो वे हमेशा तुम्हें बहुमूल्य हार की तरह सजाएंगी।
22 जब तुम कुछ करना शुरू करते हो तब ये आज्ञाएँ सही फैसले लेने में तुम्हारी मदद करेंगी। जब तुम बिस्तर पर जाओ तब वे तुम्हें बेचैन करने वाले विचारों से बचाएंगी। और जब तुम उठोगे तब तुम आज्ञाओं पर ध्यान लगाओगे।
23 आज्ञा दीपक की तरह तुम्हारे जीवन के मार्ग को प्रकाशित करेगी। परमेश्वर का कानून तुम्हारे जीवन पर धूप की तरह चमकेगा। जो उचित सुधारों पर ध्यान देता है और खुद को बेहतर बनाता है वह सुखी जीवन जिएगा।
24 चरित्रहीन औरत तुम से मीठी बातें करेगी। लेकिन अगर तुम आज्ञाएँ मानोगे तो वह तुम्हें लुभा न सकेगी।
25 उसके शरीर की सुंदरता की चाह मत करना और उसकी आँखों की सुंदरता में फंस न जाना। वासना भरी इच्छाओं को अपने दिल में न भरने देना।
26 चरित्रहीन औरत आदमी को गरीब बना देगी और उसे पूरी तरह से तोड़ कर छोड़ देगी। और जो पराई स्त्री के साथ रिश्ता बनाता है वह अपने जीवन से इसकी कीमत चुकाएगा।
27 अगर कोई व्यक्ति अपने कपड़ों के अन्दर आग रखेगा तो उसके कपड़े जल जाएंगे।
28 अगर कोई व्यक्ति जलते हुए अंगारों पर चलेगा तो वह अपने पैरों को जला लेगा।
29 और अगर कोई पराई स्त्री के साथ सोएगा तो वह आग से खेलेगा और सजा पाएगा जिसका वह हकदार है।
30 जब चोर खाने के लिए चोरी करता है तब कोई भी उस भूखे चोर को माफ़ नहीं करता।
31 और अगर लोग उसे पकड़ेंगे तो उसे चुराए हुए का सात गुना वापस करना पड़ेगा। जो कुछ उसने चुराया है उसके लिए उसे सब कुछ दे देना होगा।
32 और जो किसी औरत के साथ प्रेम संबंध शुरू करता है उसमें समझ नहीं। जो पराई स्त्री के साथ सोता है वह खुद को नाश कर देगा।
33 लोग उसकी पिटाई करेंगे और उसे शर्मिंदा करेंगे। और वह कभी भी अपने सम्मान को वापस नहीं पाएगा।
34 जब उसके पति को पता चलेगा कि उसकी पत्नी ने उसे धोखा दिया है तब वह क्रोध से भर जाएगा। जलन रखने वाला पति उस आदमी को नहीं छोड़ेगा जिसका उसकी पत्नी के साथ प्रेम संबंध था। वह अपने अपराधी से बदला लेने के लिए कुछ भी करेगा।
35 और अगर उसका अपराधी भरपाई करने की कोशिश करेगा तो सबसे बड़ा धन भी उस गुस्से वाले पति को शांत नहीं कर पाएगा।
1 My son, why did you promise to pay off your friend's debts? Why did you take on the financial obligations of another person?
2 You drove yourself into a trap with your words when you agreed to pay off someone else's debt.
3 My son, you have put yourself under the authority of another person. So listen to my advice. Go to your friend whom you promised to pay off his debt and kneel before him. Beg him until he releases you from the obligations you took upon yourself to pay off his debts.
4 Beg him all evening and all night until he agrees.
5 Save yourself from paying off someone else's debt like a deer that runs away from a hunter. Free yourself like a bird trapped in a net.
6 You lazy person, go to the ant. Watch its actions and learn from it to behave wisely.
7 The ant has no director or leader. And nobody forces it to work.
8 But it works all summer to harvest and store food for the winter.
9 You lazy person, why do you get up so late? When will you wake up and get out of bed?
10 Stop lying and thinking, “It is okay if I sleep a little longer and take a nap. It is okay if I do nothing and rest a little.”
11 If you are lazy, poverty will attack you like a robber. And all kinds of problems will strike you like a bandit.
12 A person who spreads lies acts in a disgusting and wicked way.
13 He reveals himself with his eye movements, the way he walks, and his gestures.
14 He hides evil in his heart. He is always ready to cause trouble for others to provoke a conflict.
15 So a disaster will unexpectedly fall on him. And he will be suddenly destroyed with no hope of recovery.
16 The Lord hates six things, His soul disgusts even seven things.
17 It is disgusting to Him when someone looks at others with contempt. It is disgusting to God when people tell lies. He hates when someone murders an innocent person.
18 It is disgusting to the Lord when people conceive evil plans in their hearts. It is disgusting to Him when a person is eager to commit a crime.
19 God hates when someone gives false testimony. It is disgusting to Him when a person causes brothers to hate each other.
20 My son, keep the commandments that I told you about. And do not oppose when your mother teaches you the Law of God.
21 If the commandments always live in your heart, they will decorate you all the time like a precious necklace.
22 When you start doing something, the commandments will help you make the right decisions. When you go to bed, they will protect you from anxious thoughts. And when you wake up, you will meditate on the commandments again.
23 The commandment will illuminate your path of life like a lamp. The Law of God will shine on your life like the sunshine. He who pays attention to proper corrections and improves himself will live a happy life.
24 An immoral woman will speak pleasant words to you. But if you keep the commandments, she will not be able to seduce you.
25 Do not get sexually aroused by the beauty of her body and do not get captivated by the beauty of her eyes. Do not let lustful desires fill your heart.
26 An immoral woman will make a man poor and leave him completely broke. And he who enters into a relationship with the wife of another person will pay for it with his own life.
27 If someone puts fire under his clothes, his clothes will be burned.
28 If someone walks on hot coals, he will burn his feet.
29 And if someone sleeps with another man's wife, he will play with fire and will receive a punishment he deserves.
30 No one excuses a hungry thief when he steals to eat.
31 If people catch him, he will pay back seven times more than he stole. He will give everything he has to repay what he stole.
32 He who starts a love affair with a woman has no understanding. He who sleeps with another man's wife will destroy himself.
33 People will beat him and put him to shame. And he will never be able to restore his reputation.
34 When a husband discovers that his wife betrayed him, he will be furious. A jealous husband will not spare the man who had a love affair with his wife. He will do anything to take revenge on his offender.
35 And if his offender tries to offer compensation, even the largest sum of money will not be able to calm down the angry husband.

अध्याय 7

Chapter 7

1 हे मेरे बेटे, जैसा मैं तुम्हें बताता हूँ वैसा ही करो। और उन आज्ञाओं को मत भूलना जो मैंने तुम्हें सिखाई हैं।
2 उन्हें मत तोड़ना और तुम सुखी जीवन जिओगे। परमेश्वर के कानून का पालन करना क्योंकि यह उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि अच्छी दृष्टि होना।
3 आज्ञाओं को मानना और यह तुम्हारे जीवन को अनमोल अँगूठियों की तरह सुंदर बनाएँगी। पत्थर पर खोदे गये शब्दों की तरह आज्ञाओं को अपने दिल में लिख लो।
4 बुद्धि की ओर मुड़ो और कहो, “मैं अपनी बहन की तरह तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ।” समझ की ओर मुड़ो और कहो, “मैं अपने करीबी दोस्त की तरह तुम्हें सराहता हूँ।”
5 तब बुद्धि और समझ तुम्हें चरित्रहीन औरत से बचाएंगे। और वह अपने मीठे शब्दों से तुम्हें लुभा नहीं पाएगी।
6 एक बार मैं घर पर था और खिड़की की जाली से देख रहा था।
7 मैंने मूर्ख जवानों की मण्डली को देखा और उन के बीच में मैंने एक बेपरवाह जवान पुरूष पर ध्यान दिया।
8 उसने चौराहे को पार किया और चरित्रहीन औरत के घर की ओर चला।
9 अंधेरा हो चला था जब शाम रात और अंधकार में बदल गयी।
10 तब एक औरत, जो बेशर्मों जैसे कपड़े पहने हुए थी, लुभाने के लिए जवान आदमी के पास आई।
11 वह हमेशा जोर-जोर से और बेशर्मी से व्यवहार करती है। और वह कभी घर पर नहीं टिकती।
12 वह गलियों में, चौराहों पर और हर एक कोने पर उन लोगों को ढूँढती है जिन्हें लुभाया जा सकता है।
13 उस ने जवान आदमी को पकड़ा और उसे चूमना शुरू कर दिया। बिना किसी शर्म के उसने उससे कहा,
14 “मैंने भगवान से जो वादा किया था उसे पूरा किया। आज मैं मन्दिर गई जहाँ मैंने भगवान को अपनी शांति बलि चढ़ाई। अब मेरे पास घर पर बहुत सारा बचा हुआ खाना है जो बलिदान के बाद बच गया है।
15 इसलिए मैं किसी ऐसे व्यक्ति को ढूँढने के लिए बाहर आयी जिसके साथ मैं आनन्द मना सकूँ। और तुम बिल्कुल वही हो जिसे मैं ढूँढ रही थी।
16 मैंने अपने बिस्तर पर मिस्र के खूबसूरत कंबल बिछाए हैं और अपने सोने वाले कमरे को कालीनों से सजाया है।
17 मैंने अपने सोने वाले कमरे को लोबान, अगर और दालचीनी से खुशबूदार बनाया है।
18 आओ, मेरे घर चलें! हम सुबह तक खेलेंगे और प्यार का आनन्द लेंगे।
19 मैं घर पर अकेली हूँ क्योंकि मेरा पति व्यापार की लंबी यात्रा पर गया है।
20 वह अपने साथ बहुत पैसा ले गया और महीने के अंत में ही घर लौटने का वादा किया था।”
21 उसने अपने मीठे शब्दों से जवान आदमी को ललचाया और अपने कोमल होंठों से उसे लुभा लिया।
22 और वह उसी घड़ी उसके पीछे हो लिया एक बैल की तरह जो नहीं समझता कि वह कसाई के पास जाता है। वह हिरण की तरह उसके पीछे हो लिया जिसे पता नहीं कि उसे धोखे से जाल में फंसाया जा रहा है।
23 जल्द ही उसे हिरण की तरह गोली मार दी जाएगी। और वह नहीं जानता कि एक तीर उसके दिल को छेद देगा। वह ऐसे पक्षी की तरह था जिसने खुद को जाल में फेंक दिया, यह महसूस किए बिना कि यह उसे नाश कर देगा।
24 इसलिए, हे मेरे बेटे, मेरी बात सुनो और जो मैं तुमसे कहता हूँ उस पर ध्यान दो।
25 किसी चरित्रहीन औरत से प्यार मत करना। अपना दिल उसे मत देना और उससे बहुत दूर रहना।
26 उसने बहुत दु:ख दिये और बहुत से मजबूत आदमियों के जीवन को पूरी तरह से नाश कर दिया।
27 चरित्रहीन औरत के घर में प्रवेश करने वाला उस मार्ग में प्रवेश करेगा जो उसे नरक की ओर ले जाएगा। उसके सोने के कमरे में जाने वाला नाश हो जाएगा।
1 My son, do what I tell you. And do not forget the commandments that I taught you.
2 Do not break them, and you will live a happy life. Obey the Law of God because it is as vital as having good eyesight.
3 Keep the commandments, and it will make your life beautiful like precious rings. Let the commandments be written in your heart like words engraved on stone.
4 Turn to wisdom and say, “I love you as much as my sister.” Turn to understanding and say, “I appreciate you as much as my close friend.”
5 Then wisdom and understanding will protect you from an immoral woman. And she will not be able to seduce you with her pleasant words.
6 Once I was at home looking through the window bars.
7 I saw a group of foolish young people, and I noticed a thoughtless young man among them.
8 He crossed the square and walked up to the house of an immoral woman.
9 It was getting dark when the evening turned into the night and darkness.
10 Then a woman dressed provocatively approached the young man to seduce him.
11 She always behaves loudly and shamelessly. And she never stays home.
12 In the streets, squares, and at every corner she looks for those whom she could seduce.
13 She grabbed the young man and started kissing him. Without any shame she said to him,
14 “I fulfilled what I promised to God. Today I visited the temple where I made my peace offering to God. Now I have a lot of food at home left from the sacrifice.
15 So I went outside to find someone to celebrate with. And you are the one I was looking for.
16 I covered my bed with beautiful Egyptian blankets and decorated my bedroom with rugs.
17 I perfumed my bedroom with myrrh, aloes, and cinnamon.
18 Let’s go to my home! We will indulge and enjoy love until morning.
19 I am alone at home because my husband has gone on a long business trip.
20 He took a lot of money with him and promised to return home only at the end of the month.”
21 She enticed the young man with her pleasant words and seduced him with her soft lips.
22 And he immediately followed her like an ox that does not understand it is being led to the slaughter. He walked after her like a deer that does not realize it is being tricked into a trap.
23 Soon he will be shot like a deer. And he does not know that an arrow will pierce his heart. He is like a bird that throws itself into the nets not realizing that it will destroy it.
24 So, my son, listen to me and pay attention to what I am telling you.
25 Do not fall in love with an immoral woman. Do not give your heart to her and stay far away from her.
26 She caused a lot of grief and completely destroyed the lives of many strong men.
27 The one who enters the house of an immoral woman will start a journey on the path that will lead him to hell. The one who enters her bedroom will perish.

अध्याय 8

Chapter 8

1 क्या तुम सुनते हो कि बुद्धि कैसे लोगों से ज़ोर से बोलती है? क्या तुम सुनते हो कि समझ कैसे सभी को अपने पास आने के लिए बुलाती है?
2 बुद्धि पहाड़ी की चोटियों पर, सड़क के किनारे और चौराहों पर खड़ी रहती है।
3 बुद्धि ज़ोर से उन लोगों से बोलती है जो शहर में प्रवेश करते हैं और फाटक से होकर चले जाते हैं।
4 बुद्धि कहती है, “हे लोगों, मैं तुम्हें पुकारती हूँ ताकि तुम मेरे पास आओ! जो मैं तुमसे कहना चाहती हूँ, उसे सुनो।
5 तुम, जिसके पास ज्ञान नहीं, अक्‍लमंदी से सोचना सीखो। और तुम, मूर्खों, बुद्धिमान बनो।
6 मेरी बात सुनो क्योंकि मैं उन चीजों के बारे में बात करूँगी जो सही और महत्वपूर्ण हैं।
7 मुझे सच बोलना पसंद है और मुझे झूठ से नफ़रत है।
8 मेरे सभी शब्द सच्चे हैं। मैंने कभी किसी को धोखा नहीं दिया और न ही गुमराह किया।
9 समझदार व्यक्ति मेरी हर बात का मतलब समझ सकेगा जो मैं कहती हूँ। और जिसने ज्ञान प्राप्त किया वह देखेगा कि मेरी बातें सच्ची हैं।
10 जब मैं तुम्हें सिखाती हूँ तब ध्यान से सुनो। चाँदी से ज़्यादा मेरी शिक्षा की प्रशंसा करो। ज्ञान प्राप्त करो क्योंकि यह शुद्ध सोने से बेहतर है।
11 बुद्धि गहनों से ज़्यादा कीमती है। तुम बुद्धि की तुलना ऐसे किसी धन से नहीं कर सकते जिसकी तुम इच्छा करते हो।
12 मैं बुद्धि हूँ। यही कारण है कि मैं अक्‍लमंदी और शुद्ध सोच को दिखाती हूँ। और मेरे पास ज्ञान की भरपूरी है।
13 मैं बुद्धि हूँ। मुझे नफ़रत होती है जब कोई व्यक्ति दूसरों को घमंड और अहंकार से देखता है। जब लोग अपराध करते हैं तो इससे मुझे घृणा होती है। मुझे नफ़रत होती है जब कोई व्यक्ति दूसरों को गुमराह करने के लिए झूठ बोलता है। इसलिए जो प्रभु का भय मानता है उसे बुराई से नफ़रत करनी है।
14 मैं ऐसी सलाह देती हूँ जो सफलता लाती है। मैं जानती हूँ कि किसी व्यक्ति को बुद्धिमान और मजबूत कैसे बनाया जाए।
15 मैं राजाओं को उनके देश पर अच्छी तरह से राज्य करना सिखाती हूँ। मैं सरकार को न्यायपूर्ण कानून बनाने के लिए बुद्धि देती हूँ।
16 मैं राज्यपालों, शासकों और पृथ्वी के न्यायियों को उनके लोगों की सही दिशा में अगुवाई करने में मदद करती हूँ।
17 मैं बुद्धि हूँ। मैं उनसे प्यार करती हूँ जो मुझसे प्यार करते हैं। और जो मुझे ढूँढता है वह मुझे पाएगा।
18 मेरे पास धन, महिमा और धार्मिकता है। मेरे पास वह खजाना है जो कभी नाश न होगा।
19 जो मुझे ढूँढने के लिए उत्सुक रहता है वह ऐसा इनाम पाएगा जो चोखे सोने से बेहतर होगा। मैं उसे ऐसा इनाम दूँगी जो शुद्ध चाँदी से ज़्यादा कीमती होगा।
20 मैं सही काम करती हूँ और न्यायपूर्ण फैसले करती हूँ।
21 जो बुद्धि से प्यार करते हैं उन्हें धन विरासत में मिलेगा। और मैं उनके घरों को बहुमूल्य चीज़ों से भर दूँगी।
22 प्रभु के दुनियाँ को बनाने से भी पहले उस के पास बुद्धि थी।
23 मैं बुद्धि हूँ। परमेश्वर के पृथ्वी को बनाने से भी पहले, मैं मौजूद थी।
24 परमेश्वर के गहरे समुद्रों को बनाने से पहले और झरनों में पानी भरने से भी पहले, मैं पैदा हुई।
25 परमेश्वर के पहाड़ों और पहाड़ियों को बनाने से भी पहले, मैं पैदा हुई।
26 परमेश्वर के धरती, खेतों और संसार की पहली धूल के कण बनाने से भी पहले, मैं पैदा हुई।
27 जब परमेश्वर ने आकाश को फैलाया तब मैं वहाँ थी। मैंने देखा कि उसने क्षितिज की रेखा कैसे खींची जहाँ आकाश बहुत गहरे महासागर से मिलता है।
28 जब परमेश्वर ने आकाश को बादलों से भर दिया तब मैं वहाँ थी। मैंने देखा कि पृथ्वी के नीचे क्या हो रहा था जब परमेश्वर ने पानी से भूमिगत सोतों को भरा।
29 जब परमेश्वर ने समुद्र को आज्ञा दी कि वह अपने किनारों से बाहर न आए तब मैं वहाँ थी। मैंने देखा जब उसने पृथ्वी का आंतरिक ढांचा बनाया।
30 मैं परमेश्वर के साथ थी और मैंने कारीगर की तरह उसकी योजनाओं को पूरा किया। हर दिन मैंने परमेश्वर को आनन्द दिया और हर समय मैं उसकी उपस्थिति में खुशी से हँसी।
31 जब परमेश्वर ने पृथ्वी और पहले परिवार को बनाया तो मैं कितनी उत्साहित थी!
32 हे लोगों, मेरी बात सुनो। जो बुद्धि से काम करता है वह आशीषित और सुखी जीवन जिएगा।
33 जब मैं तुम्हारा उचित सुधार करती हूँ तब मेरी बात सुनो और उनको अस्वीकार मत करो। तब तुम बुद्धिमान बन जाओगे।
34 जो हर दिन मेरे घर के दरवाज़े पर मुझे देखने का इंतजार करता है और जो मुझे सुनने के लिए मेरे दरवाज़े से बाहर आने का इंतेज़ार करता है वह आशीषित और सुखी जीवन जिएगा।
35 मैं बुद्धि हूँ। और जो मुझे पाएगा वह ऐसा जीवन जिएगा जो प्रभु के लिए आनन्द लाएगा।
36 लेकिन जो मुझे नहीं ढूँढता, वह खुद को नुकसान पहुँचाएगा। जो मुझसे नफ़रत करता है वह मौत से प्यार करता है।”
1 Can you hear wisdom speaking loudly to people? Can you hear understanding calling out to everyone to come?
2 Wisdom stands on the hilltops, along the roads, and at the crossroads.
3 She speaks loudly to those who enter the city and those who leave it through the gate.
4 Wisdom says, “People, I call you to come to me! Listen to what I want to tell you.
5 You, who have no knowledge, learn to think intelligently. And you, fools, become wise.
6 Listen to me because I will talk about what is right and important.
7 I love speaking the truth, and I hate lies.
8 All my words are true. I never deceive nor mislead anyone.
9 A person of understanding will be able to comprehend everything I say. And the one who gained knowledge will see that my words are true.
10 Listen carefully when I teach you. Appreciate it more than silver. Gain knowledge because it is better than pure gold.
11 Wisdom is more precious than jewels. You cannot compare wisdom with any wealth you desire.
12 I am wisdom. That is why I show understanding and sound judgment. And I have the fullness of knowledge.
13 I am wisdom. I hate when someone looks at others with pride and arrogance. It is disgusting to me when people commit crimes. I hate when someone tells lies to mislead others. So the one who fears the Lord must hate evil.
14 I give advice that brings success. I know how to make a person intelligent and strong.
15 I teach kings to govern their country well. I give wisdom to the government to make just laws.
16 I help governors, rulers, and judges of the earth lead their people in the right direction.
17 I am wisdom. I love those who love me. And the one who seeks me will find me.
18 I have riches, glory, and righteousness. I own a treasure that will never perish.
19 The one who is eager to find me will receive a reward better than the purest gold. I will give him a reward more precious than pure silver.
20 I do what is right and make just decisions.
21 Those who love wisdom will inherit wealth. And I will fill their homes with rich supplies.
22 The Lord had wisdom from the beginning, even before He created the world.
23 I am wisdom. I have existed from the beginning, even before God formed the earth.
24 I was born before God created bottomless oceans. I appeared before He filled the springs with water.
25 I was born before God made the mountains and the hills.
26 I was born before God created the earth, fields, and the very first dust of the Universe.
27 I was there when God spread out the heavens. I saw Him drawing the line of the horizon where the sky meets the bottomless depths of the ocean.
28 I was there when God filled the heavens with clouds. I saw what was happening deep under the earth when He filled underground springs with water.
29 I was there when God ordered the sea not to overflow its shores. I saw Him creating the inner structure of the earth.
30 I was with God, and I fulfilled His plans as an architect. Every day I brought joy to Him, and all the time I laughed happily in His presence.
31 How excited I was when God created the earth and the first family!
32 People, listen to me. The one who acts wisely will live a blessed and happy life.
33 Listen to me when I make proper corrections to you, and do not neglect them. Then you will become wise.
34 The one who awaits to meet me at the gates of my house every day and who waits for me to come out of the door to listen to me will live a blessed and happy life.
35 I am wisdom. And the one who finds me will live a life that will bring joy to the Lord.
36 But the one who does not seek me will harm himself. The one who hates me loves death.”

अध्याय 9

Chapter 9

1 बुद्धि ने अपना घर बनाया और वहाँ सात पत्थर के खम्भे खड़े किए।
2 उसने बहुत सारा स्वादिष्ट भोजन और पेय तैयार किए। उसने आनन्द मनाने के लिए मेज़ पर अपना भोजन रखा।
3 बुद्धि ने अपने मदद करने वालों को शहर के सबसे ऊँचे स्थानों पर जाने और लोगों को बुलाने के लिए भेजा,
4 “अगर तुम्हारे पास ज्ञान नहीं तो यहाँ आओ!” बेवकूफी से काम करने वालों से बुद्धि ने कहा,
5 “मेरे पास आओ! मेरी रोटी खाओ और जो मैंने तुम्हारे लिए तैयार किया है उसे पी लो।
6 बेवकूफी के काम करना बंद करो। सुखी जीवन जीने के लिए अक्लमंदी से काम लेना सीखो।”
7 अगर तुम उसका उचित सुधार करोगे जो अपने भद्दे मज़ाक से दूसरों को नाराज़ करता है तो वह बदले में तुम्हारा अपमान करेगा। और अगर तुम नीच व्यक्ति को ठीक करने की कोशिश करोगे तो तुम खुद को नुकसान पहुँचाओगे और मुसीबत में पड़ जाओगे।
8 जो दूसरों को नाराज़ करता है उसे न सुधारना क्योंकि वह तुम्हारा दुश्मन बन जाएगा जो तुमसे नफ़रत करेगा। लेकिन अगर तुम बुद्धिमान व्यक्ति को ठीक करोगे तो वह तुम्हारा दोस्त बन जाएगा जो तुमसे प्यार करेगा।
9 अगर तुम बुद्धिमान व्यक्ति को सिखाओगे तो वह और बुद्धिमान हो जाएगा। और अगर तुम ऐसे व्यक्ति को सलाह दोगे जो सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है तो वह तुम्हारी बात सुनेगा।
10 जो प्रभु का भय मानता है वह समझने लगेगा कि बुद्धि क्या है। और जो पवित्र परमेश्वर को जानने के लिए उत्सुक रहता है वह समझदारी से काम करना सीखेगा।
11 अगर तुम बुद्धि से व्यवहार करोगे तो परमेश्वर तुम्हारे जीवन में कई दिन और साल जोड़ देगा।
12 जो बुद्धि से काम करता है वह सफल इंसान बनेगा। लेकिन जो बुद्धि का मज़ाक उड़ाता है और बेवकूफी से व्यवहार करता है वह अपने जीवन को नाश कर देगा।
13 मूर्खता शोर मचाने वाली और बेवकूफ औरत की तरह है जो कुछ भी नहीं जानती।
14 वह अपने घर के दरवाज़े पर कुर्सी पर बैठती है। वह लोगों तक पहुँचने के लिए शहर के सबसे ऊँचे स्थानों पर भी जाती है।
15 वह उन लोगों को बुलाती है जो पास से गुज़रते हैं। वह उन लोगों को उलझाने के लिए उनकी ओर मुड़ जाती है जो अपने कारोबार के लिए जाते है।
16 वह उनसे कहती है, “जिनके पास ज्ञान नहीं, यहाँ आओ!” वह बेवकूफी से काम करने वालों से कहती है,
17 “चोरी करना मीठे पानी के जितना ही अच्छा है। धोखा देना स्वादिष्ट भोजन जितना ही आनन्दमय है।”
18 जो उस घर में प्रवेश करता है जहाँ मूर्खता रहती है वह नाश हो जाएगा। लेकिन मूर्ख व्यक्ति इसे समझ नहीं पाता। यही कारण है कि वह बेवकूफी की सलाह को सुनता है और सीधे नरक में जाता है।
1 Wisdom built her house and installed seven stone columns there.
2 She prepared a lot of delicious food and drinks. She set her food on the table to celebrate.
3 Wisdom sent her helpers to go up to the highest places of the city to call the people,
4 “If you don’t have knowledge, come here!” Wisdom said to those who act foolishly,
5 “Come to me! Eat my bread and drink what I have prepared for you.
6 Stop doing foolish things. Learn to act intelligently to live a happy life.”
7 If you make a proper correction to the one who offends others with his rude jokes, he will insult you in return. And if you try to correct a wicked person, you will harm yourself and face trouble.
8 Do not make corrections to the one who offends others because he will become your enemy who will hate you. But if you correct a wise person, he will become your friend who will love you.
9 If you teach a wise person, he will become wiser. And if you give advice to the one who is eager to do what is right, he will listen to you.
10 The one who fears the Lord will begin to understand what wisdom is. And the one who is eager to know who the Holy God is will learn to act with understanding.
11 If you behave wisely, God will add many days and years to your life.
12 The one who acts wisely will become successful. But the one who mocks wisdom and behaves foolishly will destroy his life.
13 Foolishness is like a noisy and senseless woman who knows nothing at all.
14 She sits in the chair at the door of her house. She also goes up to the highest places of the city to reach out to people.
15 She calls those who pass by. She turns to those who go about their business to confuse them.
16 She tells them, “People, if you have no knowledge, come to me!” She speaks to those who act foolishly,
17 “Stealing is as good as a sweet drink. Cheating is as enjoyable as delicious food.”
18 The one who enters the house where foolishness lives will perish. But a senseless person does not understand it. That is why he listens to foolish advice and goes straight to hell.

अध्याय 10

Chapter 10

1 यह किताब राजा सुलैमान की बुद्धि की बातों का संग्रह है। जो बेटा बुद्धि से काम करता है वह अपने पिता को आनंदित करता है। लेकिन जो बेटा बेवकूफी से काम करता है वह अपनी माँ को दुःखी करता है।
2 गैरकानूनी तरीकों से धन कमाने वाला व्यक्ति मुसीबत में पड़ेगा और अपने जीवन को खतरे में डालेगा। लेकिन ईमानदारी से काम करने वाला व्यक्ति सुरक्षित रहेगा।
3 अगर नीच लोग विश्वासी के जीवन को बर्बाद करने की योजना बनाएंगे तो प्रभु उन योजनाओं को नाश कर देगा। परमेश्वर ऐसे व्यक्ति का ध्यान रखेगा जो उस पर विश्वास करता है ताकि वह व्यक्ति भूख से परेशान न हो।
4 जो आलसी होना पसन्द करता है वह बर्बाद हो जाएगा। लेकिन जो काम करना पसन्द करता है वह अमीर हो जाएगा।
5 मेहनती बेटा कटनी के समय फसल इकट्ठा करता है। लेकिन आलसी बेटा सोता रहता है और अपने परिवार को शर्मिंदा करता है।
6 एक विश्वासी जो सही बोलने और सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है उसे बहुत आशीषें मिलेंगी। लेकिन नीच व्यक्ति जो झगड़े के बारे में बोलता और क्रूरता से काम करता है वह अपने जीवन को नाश कर लेगा।
7 जब लोग उस विश्वासी के बारे में सोचते हैं जो सही काम करने के लिए उत्सुक रहता था तो वे उसके नाम को आशीर्वाद देते हैं। लेकिन जब लोग नीच व्यक्ति के नाम का ज़िक्र करते हैं तो उन्हें घृणा होती है।
8 बुद्धिमान दिल का व्यक्ति आज्ञाओं को सुनता और सफल होता है। लेकिन मूर्ख किसी की बात नहीं सुनता। वह बकवास की बातें बोलता है और अपने जीवन को नाश कर देता है।
9 जो ईमानदारी से काम करता है वह सफलता और शांति से जिएगा। लेकिन जो धोखाधड़ी में लगा रहता है वह पकड़ा जाएगा और सज़ा पाएगा।
10 बुराई करने का इरादा रखने वाला व्यक्ति अपने साथियों को अपनी आँखों से गुप्त इशारे करता है। लेकिन आज नहीं तो कल, वह कुछ बेवकूफी भरी बात कहेगा और उसकी पोल खुल जाएगी।
11 जब सही काम के लिए उत्सुक रहने वाला विश्वासी बोलता है तब उसके शब्द जीवन देने वाले सोते की तरह बहते हैं। लेकिन जब नीच व्यक्ति बोलता है तब वह झगड़ा भड़काता है और लोगों के जीवनों को नाश करता है।
12 जो नफ़रत से भरा है वह माफ़ नहीं करना चाहता और झगड़े शुरू करता है। लेकिन जो प्रेम से भरा है वह अपराधों को माफ़ करता है और झगड़े मिटाता है।
13 अक्‍लमंद व्यक्ति जानता है कि शांति लाने के लिए बुद्धि के साथ कैसे जवाब दिया जाए। लेकिन मूर्ख ऐसे शब्दों के साथ जवाब देता है कि उसे अपनी पीठ पर छड़ी से मार खानी पड़ती है।
14 बुद्धिमान व्यक्ति योग्यता के साथ बोलता है और दूसरों की समस्याओं को हल करने में उनकी मदद करता है। लेकिन मूर्ख के पास कोई ज्ञान नहीं होता और उसकी सलाह मुसीबत लाती है।
15 अमीर व्यक्ति अपनी दौलत पर एक मजबूत गढ़ वाले किले की तरह भरोसा करता है जो उसे मुसीबतों से बचाता है। लेकिन गरीब व्यक्ति गरीबी में जीता है जो उसका जीवन बर्बाद कर देती है।
16 विश्वासी ईमानदारी से कमाता है और अपने जीवन में सफलता प्राप्त करता है। लेकिन नीच व्यक्ति गैरकानूनी तरीकों से बहुत अधिक लाभ प्राप्त करता है और पाप भरे सुखों पर अपना सब कुछ खर्च कर देता है।
17 जब दूसरे किसी व्यक्ति का उचित सुधार करते हैं और वह इन पर ध्यान देता है तब वह व्यक्ति सफल हो जाएगा। लेकिन जो अपनी गलतियों को स्वीकार नहीं करना चाहता, वह बिना लक्ष्य के अपना जीवन बिताएगा।
18 जो अपनी नफ़रत छिपाने के लिए दूसरे व्यक्ति से चिकनी चुपड़ी बातें बोलता है वह झूठा है। और जो खुलकर अपनी नफ़रत दिखाता और झूठी निंदा फैलाता है वह मूर्ख है।
19 बिना रुके बोलने वाला मूर्ख बहुत अधिक बोलेगा। लेकिन समझ रखने वाला व्यक्ति अपनी जीभ को रोक कर रखता है।
20 विश्वासी सही बातों के बारे में सोचता है। और उसके शब्द शुद्ध चाँदी की तरह कीमती हैं। लेकिन नीच व्यक्ति पाप भरे विचारों में लगा रहता है और वह दूसरों को कुछ भी अच्छा नहीं सिखा सकता।
21 अक्‍लमंदी के साथ बोलने वाले विश्वासी के शब्द बहुत से लोगों को उत्साहित करते हैं। लेकिन मूर्ख बुद्धि के शब्दों को नहीं सुनता और अपने जीवन को नाश कर देता है।
22 परमेश्वर की आशीष व्यक्ति को अमीर बनाती है और कोई परेशानी नहीं लाती।
23 मूर्ख परिणाम के बारे में नहीं सोचता और मज़ाक के लिए अपराध करता है। लेकिन समझदार व्यक्ति बुद्धि से काम करता है और कानून नहीं तोड़ता।
24 विश्वासी के सपने पूरे हो जाएंगे। और जिस बात से नीच व्यक्ति डरता है वही उसके साथ होगा।
25 तूफ़ान की तरह अचानक आने वाली तबाही नीच लोगों के जीवन को पूरी तरह से बर्बाद कर देगी। लेकिन अनन्त परमेश्वर पर विश्वास करने वाला और सही काम करने के लिए उत्सुक रहने वाला व्यक्ति परीक्षा के समय मज़बूती से खड़ा रहेगा।
26 आलसी को कोई काम मत दो। नहीं तो, वह सिरके की तरह तुम्हारे दांतों को खराब कर देगा या धुएँ की तरह तुम्हारे आँसू निकाल देगा।
27 अगर तुम प्रभु का भय मानोगे तो वह तुम्हारे जीवन में कई दिनों और सालों को जोड़ देगा। लेकिन नीच व्यक्ति अपने समय से पहले ही मर जाएगा।
28 सही काम करने के लिए उत्सुक रहने वाला विश्वासी आनन्द के साथ अपना सपना पूरा होने का इन्तज़ार करता है। नीच व्यक्ति भी सबसे अच्छी चीज़ों की आशा करता है लेकिन उसका सपना कभी पूरा नहीं होगा।
29 जो ईमानदारी से काम करता और प्रभु के पीछे चलता है वह गढ़ वाले किले की तरह सुरक्षित रहेगा। लेकिन जो कानून तोड़ता है वह समझ ले कि प्रभु उसे सज़ा देगा।
30 जो परमेश्वर पर विश्वास करता है और सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह हमेशा पूरी सुरक्षा में जीवित रहेगा। लेकिन नीच व्यक्ति का जीवन पूरी तरह से नाश हो जाएगा।
31 जब कोई विश्वासी बोलता है तब उसकी बात बुद्धि से भरी होती हैं और लोग खुशी से उसे सुनते हैं। लेकिन जब झूठा व्यक्ति बोलता है तब वह निन्दा फैलाता है और लोग उस से कहते हैं, “तुम्हारी जीभ काट दी जाए।”
32 परमेश्वर पर विश्वास करने वाला जानता है कि दूसरों से दया के साथ कैसे बात करें। लेकिन नीच व्यक्ति गुस्से से बोलता है।
1 This book is the collection of wise sayings of King Solomon. A son who acts wisely brings joy to his father. But a son who acts foolishly brings sorrow to his mother.
2 The one who gains wealth by illegal means will face trouble and put his life in mortal danger. But the one who acts honestly will live in safety.
3 If wicked people plan to ruin the life of a believer, the Lord will destroy these plans. God will take care of the person who believes in Him so that he will not suffer from hunger.
4 The one who loves being lazy will come to ruin. But the one who loves working will become rich.
5 A hardworking son gathers crops at harvest time. But a lazy one sleeps and brings shame to his family.
6 A believer who is eager to speak and do what is right will receive great blessings. But a wicked person who speaks about violence and acts cruelly will destroy his life.
7 When people think of a believer who was eager to do what was right, they bless his name. But when people mention the name of a wicked person, they feel disgusted.
8 A person whose heart is wise listens to the commandments and becomes successful. But a fool does not listen to anyone. He speaks nonsense and destroys his life.
9 The one who acts honestly will live in prosperity and complete peace. But the one who commits fraud will be caught and punished.
10 A person who has an intention to do evil sends secret signals with his eyes to his companions. But sooner or later he will say something foolish and be exposed.
11 When a believer who is eager to do what is right speaks, his words flow like a life-giving fountain. But when a wicked person speaks, he provokes violence and ruins the lives of others.
12 The one who is filled with hatred does not want to forgive and starts quarrels. But the one who is filled with love forgives offenses and resolves conflicts.
13 An intelligent person knows how to respond with wisdom to bring peace. But a fool answers in such a way that he gets beaten with a stick on his back.
14 A wise person speaks with competence and helps others resolve their problems. But a fool has no knowledge. And the one who listens to his advice will face trouble.
15 A rich person relies on his wealth as on a fortified fortress that protects him from trouble. But a poor person lives in poverty that ruins his life.
16 A believer earns his living in an honest way and achieves success in life. But a wicked person gains a lot of profit by illegal means and spends everything on sinful pleasures.
17 The one who pays attention when others make proper corrections to him will succeed. But the one who does not want to admit his mistakes will live his life without purpose.
18 The one who flatters another person to hide his hatred is a liar. And the one who openly expresses his hatred and spreads slander is a fool.
19 A person of understanding holds his tongue. But a fool who speaks nonstop will say too much.
20 A believer meditates on what is right. And his words are as valuable as pure silver. But a wicked person indulges in sinful thoughts, and he is not able to teach others anything good.
21 The words of the believer who speaks with intelligence encourage many people. But a fool does not listen to wise words and destroys his life.
22 God's blessing makes a person rich and does not bring any trouble.
23 A fool does not think about the consequences and commits a crime for fun. But a person of understanding acts wisely and does not break the law.
24 Whatever a believer dreams about will come to pass. And whatever a wicked person is afraid of will happen to him.
25 A sudden disaster that hits like a hurricane will completely ruin the life of a wicked person. But the one who believes in the everlasting God and is eager to do what is right will stand firm during trials.
26 Do not give any work to a lazy person. Otherwise, he will irritate you like vinegar that destroys teeth or like smoke that causes tears to flow.
27 If you fear the Lord, He will add many days and years to your life. But a wicked person will die before his time.
28 A believer who is eager to do what is right looks forward to seeing his dream come true. A wicked person also hopes for the best, but his dream will never come to pass.
29 The one who acts honestly and follows the Lord will be completely safe like in a fortified fortress. But the one who breaks the law can expect that he will be punished by the Lord.
30 The one who believes in God and is eager to do what is right will always live in complete safety. But the life of a wicked person will be completely destroyed.
31 When a believer speaks, his words are full of wisdom, and people listen to him with pleasure. But when a liar speaks, he spreads slander, and people tell him, “Let your tongue be cut off!”
32 The one who believes in God knows how to communicate with others kindly. But a wicked person speaks with anger.

अध्याय 11

Chapter 11

1 परमेश्वर नफ़रत करता है जब कोई बेचनेवाला खरीदने वाले को धोखा देने के लिए गलत तराज़ू का इस्तेमाल करता है। लेकिन जब लोग सही तराज़ू का इस्तेमाल करते हैं और ईमानदारी से कमाते हैं तब परमेश्वर उसे पसन्द करता है।
2 जो घमण्ड से काम करता है वह मूर्ख है। ऐसा व्यक्ति मुसीबत में पड़ेगा और शर्मिंदा होगा। लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति दूसरों के साथ आदर से व्यवहार करता है।
3 ईमानदार व्यक्ति हर परिस्थिति में सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है। लेकिन जब बेईमान के पास मौका होता है तब वह धोखा देता है और वह अपने कामों से अपने जीवन को बर्बाद कर लेगा।
4 जिस दिन बेईमान व्यक्ति की मौत आएगी, उस दिन उसका धन उसकी मदद नहीं कर पाएगा। लेकिन जो सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह अदालत में दोषी नहीं ठहरेगा और मौत से बच जाएगा।
5 जो ईमानदारी से जीता है वह मुसीबत में नहीं पड़ेगा। लेकिन नीच व्यक्ति को उसके बुरे कामों के अनुसार वही मिलेगा जिसका वह हकदार है।
6 जो व्यक्ति ईमानदारी से काम करता है वह अपने आप को मुसीबत से बचाएगा। लेकिन जो नीच व्यक्ति दूसरों को नुकसान पहुँचाने के लिए उत्सुक रहता है वह अपने कामों से दु:ख उठाएगा।
7 अपराधी अपनी बुरी योजनाओं को पूरा करने की आशा में जीता है। लेकिन वह मर जाएगा और उस बुराई को नहीं कर पाएगा जिसे उसने करने की योजना बनाई थी।
8 जो विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह मुसीबत में नहीं पड़ेगा। लेकिन नीच व्यक्ति उसके बदले मुसीबत में फंस जाएगा।
9 जो परमेश्वर पर विश्वास नहीं करता, वह पाखंड करता है और दूसरे व्यक्ति को धोखा देता है ताकि अपने वचनों से उसका नाश करे। लेकिन जो विश्वासी सच्चाई को जानता है और सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है, वह चिकनी चुपड़ी बातों पर विश्वास नहीं करेगा और धोखे में नहीं आएगा।
10 जब विश्वासी सफल होते हैं और अच्छे काम करते हैं तब सारा शहर आनन्दित होता है। और जब नीच लोग मरते हैं तब भी लोग अपना आनन्द छिपा नहीं सकते।
11 विश्वासी अपने शहर को सफ़ल बनाने के लिए उसे आशीर्वाद देते हैं। लेकिन नीच लोग अपने शहर को श्राप देते हैं और उसे नाश कर देते हैं।
12 दूसरों के बारे में घृणा के साथ बोलना मूर्खता है। इससे अच्छा है कि तुम समझदारी दिखाओ और चुप रहो।
13 जो व्यक्ति चुगली करना पसन्द करता है, उसे विश्वास की बातें न बताना, नहीं तो, वह तुम्हारे भेदों को प्रगट कर देगा। अपने रहस्यों को किसी भरोसेमंद व्यक्ति को बताना जो उन्हें किसी को भी नहीं बताएगा।
14 अगर किसी देश के नेता के पास योग्य सलाहकार कम हैं तो वह देश गरीबी में रहेगा। लेकिन अगर उसके पास कई बुद्धिमान सलाहकार हैं तो उस देश के लोग सफल होंगे।
15 जो गारंटर बनता है और किसी दूसरे व्यक्ति के कर्ज को भरने का वादा करता है वह मुसीबत में पड़ेगा। लेकिन जो दूसरों का कर्ज अपने ऊपर लेने के खिलाफ़ है वह अपने आप को समस्याओं से बचाएगा।
16 लोग उस दयालु महिला का आदर करेंगे जो दूसरों की मदद करती है। लेकिन जो अमीर व्यक्ति दया नहीं दिखाता वह कभी भी आदर का हकदार नहीं होगा।
17 जो दूसरों का भला करता है, उसके दिल में आनन्द होगा। लेकिन जो लोगों के साथ क्रूरता का व्यवहार करता है, उसके स्वास्थ्य को लेकर परेशानी होगी।
18 नीच व्यक्ति वह सब कुछ खो देगा जो उसने गैरकानूनी तरीकों से प्राप्त किया। लेकिन जो ईमानदारी से कमाता है वह हमेशा बहुतायत में रहेगा।
19 जो विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह सुखी जीवन जिएगा। लेकिन जो अपनी बुरी योजनाओं को पूरा करने के लिए बेसब्र रहता है वह अपनी मौत की ओर जा रहा है।
20 जो लोग अनैतिक चीज़ों के लिए सोच विचार करते हैं और पाप में जीते हैं उनसे प्रभु घृणा करता है। लेकिन जो सही बातों के लिए सोच विचार करते हैं और सही काम करते हैं वे प्रभु को आनन्दित करते हैं।
21 तुम पूरी तरह से निश्चिंत हो सकते हो कि जो लोग अनैतिक जीवन जीते हैं उन्हें वह सजा मिलेगी जिसके वे हकदार हैं। और तुम इसके लिए भी पूरी तरह से निश्चिंत हो सकते हो कि जो परमेश्वर पर विश्वास रखने वालों की संतान हैं और सही काम करने के लिए उत्सुक रहते हैं, वे उद्धार पाएंगे।
22 अगर कोई औरत सुन्दर है लेकिन मूर्ख है तो वह सुअर की नाक में सोने की नथ के समान है।
23 जो विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है और अच्छे के लिए आशा रखता है उसके सपने पूरे हो जाएंगे। जो नीच व्यक्ति अपराध करता है वह भी अच्छे की आशा करता है लेकिन उसे न्याय का सामना करना पड़ेगा।
24 एक व्यक्ति उदारता से दूसरों को बाँटता है और ज़्यादा अमीर बन जाता है। लेकिन दूसरा हमेशा बचत करता है और ज़्यादा गरीब हो जाता है।
25 जो उदारता से ज़रूरतमंद लोगों को बाँटता है वह सफल होगा। और जो प्यासे को पानी देता है उसे भी पानी दिया जाएगा।
26 जो अपने भण्डार घरों में अनाज जमा करता है ताकि जब उसका दाम बढ़ जाए तब उसे बाद में बेच दें, उसे लोग श्राप देंगे। लेकिन लोग उसे आशीर्वाद देंगे जो अनाज को तुरंत बेच देता है और कीमत नहीं बढ़ाता।
27 जो दूसरों का भला करता है उसके जीवन में भलाई ही आएगी। लेकिन जो दूसरों को नुकसान पहुँचाता है उसके जीवन में बुराई आएगी।
28 अगर किसी व्यक्ति को अपने धन पर आशा है तो उसका जीवन उन सूखे पत्तों की तरह है जो पतझड़ में पेड़ों से गिरते हैं। लेकिन अगर कोई व्यक्ति प्रभु पर विश्वास करता है और उस पर भरोसा रखता है तो उसका जीवन हरे पत्तों की तरह है जो वसंत में दिखाई देते हैं।
29 जो बेवकूफी से काम करता है वह अपने परिवार को बर्बाद कर देगा और जो कुछ उसके पास है वह उसे उड़ा देगा। मूर्ख उस व्यक्ति का दास बन जाएगा जो बुद्धिमानी से काम करता है।
30 जो परमेश्वर पर विश्वास रखता है वह अच्छे काम करता है। और उसका जीवन उस पेड़ की तरह है जिस पर फल लगते हैं जो दूसरों को जीवन देते हैं। ऐसा व्यक्ति बुद्धि से काम करता है और लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
31 जब तक विश्वासी पृथ्वी पर जीवित रहता है तब तक वह अपने भले कामों का ईनाम पाएगा। लेकिन जो परमेश्वर को ठुकराता है और पाप में जीता है उसे लगातार वह सज़ा मिलेगी जिसका वह हकदार है।
1 God hates when a seller uses unbalanced scales to deceive a buyer. But God delights when people use accurate scales and earn their living honestly.
2 The one who acts with pride is foolish. Such a person will face trouble, and he will be ashamed. But the one who treats others with respect is wise.
3 The honest person is eager to do what is right in every situation. But the dishonest person deceives when he has such an opportunity, and by his actions he ruins his life.
4 Wealth will not help a dishonest person on the day when he is condemned to death. But the one who is eager to do what is right will be justified and escape death.
5 The one who lives honestly will not face trouble. But a wicked person will get what he deserves according to his evil deeds.
6 A person who acts honestly will save himself from trouble. But a wicked person who is eager to harm others will suffer from his own actions.
7 A criminal lives in hope of fulfilling his evil plans. But he will die and will not be able to do the evil he planned.
8 A believer who is eager to do what is right will not face trouble. But a wicked person will face trouble instead of him.
9 The one who does not believe in God will deceive another person with hypocrisy to destroy him by his words. But a believer who knows the truth and is eager to do what is right will not believe the flattery and will not be deceived.
10 The whole city rejoices when believers succeed and do good deeds. And when the wicked die, people also cannot hide their joy.
11 Believers bless their city to make it prosper. But the wicked curse their city and destroy it.
12 It is foolish to speak about others with contempt. It is better to show wisdom and keep quiet.
13 Do not share confidential things with a person who loves gossiping, otherwise he will betray your secrets. Trust your secrets to a trustworthy person who will not share them with anyone.
14 If the leader of a country has few competent advisers, the country will have a low standard of living. But if he has many wise advisers, the people will prosper.
15 The one who becomes a guarantor and promises to pay off another person's debts will face trouble. But the one who is against taking on other people's debts will protect himself from problems.
16 People will respect a kind woman who helps others. But a rich man who does not show compassion will never deserve any respect.
17 The one who does good will feel joy in his heart. But the one who treats others with cruelty will have health problems.
18 A wicked person will lose everything he gained by illegal means. But the one who earns his living in an honest way will always live in abundance.
19 A believer who is eager to do what is right will live a happy life. But the one who is eager to fulfill his evil plans is going towards his death.
20 Those people who indulge in immoral thoughts and live in sin are disgusting to the Lord. But the Lord delights in those who meditate on the right things and do what is right.
21 You can be sure that people who indulge in immorality will receive the punishment they deserve. And you can also be sure that the descendants of those who believe in God and are eager to do what is right will receive salvation.
22 If a woman is beautiful, but foolish, she is like a golden ring inserted into a pig’s nose.
23 A believer who is eager to do what is right hopes for the best, and his dreams will come true. A wicked person who commits crimes also hopes for the best, but he will face judgment.
24 One person shares generously with others and becomes richer. Another one saves all the time and becomes poorer.
25 The one who shares generously with the needy will prosper. And the one who gives water to the thirsty will also be given water.
26 People will curse the one who accumulates grain in his storehouse to sell it later when the price goes up. But people will bless the one who sells grain right away and does not inflate the price.
27 Good will come into the life of the one who does good to others. But evil will come into the life of the one who brings harm to others.
28 If a person relies on his wealth, his life is like dry leaves that fall from the trees in autumn. But if a person believes in the Lord and trusts in Him, his life is like young leaves that appear in spring.
29 The one who acts foolishly will ruin his family and waste everything he has. A fool will become a slave to the one who acts wisely.
30 The one who believes in God does good works. And his life is like a tree bearing fruit that gives life. Such a person acts wisely and attracts other people to himself.
31 As long as believers live on earth, they will receive a reward for their good deeds. At the same time those who reject God and live in sin will receive the punishment they deserve.

अध्याय 12

Chapter 12

1 जो सीखना पसन्द करता है वह ध्यान से सुनता है जब दूसरे लोग उसका उचित सुधार करते हैं। लेकिन मूर्ख सीखना पसन्द नहीं करता और वह नफ़रत करता है जब दूसरे लोग उसका उचित सुधार करते हैं।
2 प्रभु भलाई करने वालों पर कृपा करता है। लेकिन जो दूसरों को नुकसान पहुँचाना चाहता है प्रभु उसकी निंदा करता है।
3 बुरे काम करने वाले के जीवन में स्थिरता नहीं होगी। लेकिन जो परमेश्वर पर विश्वास करता है और सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह मजबूत नींव पर खड़ा होगा।
4 अगर पत्नी सही काम करती है तो वह अपने पति को मुकुट की तरह सजाएगी। लेकिन अगर वह इस तरह से व्यवहार करे कि उसका पति शर्मिंदा होता है तो वह उसे ऐसी पीड़ा देगी जैसे कि हड्डियों में दर्द हो।
5 विश्वासी ऐसी बातों के बारे में सोचते हैं कि ईमानदारी से व्यवहार कैसे करें। लेकिन नीच लोग ऐसी बातों के बारे में सोचते हैं कि दूसरों को कैसे धोखा दें।
6 अपराधी एक दूसरे से बातें करते हैं कि किसी दूसरे व्यक्ति को मारने के लिए कैसे जाल बिछाएं। लेकिन विश्वासी चर्चा करते हैं कि इस व्यक्ति को मौत से कैसे बचाएं।
7 अगर नीच व्यक्ति पर मुसीबत आ पड़े तो वह उसके जीवन को पूरी तरह से नाश कर देगी। लेकिन अगर कोई विश्वासी मुसीबत में पड़ जाए तो उसका परिवार उस मुसीबत से गुजरेगा और मजबूत बना रहेगा।
8 लोग बुद्धिमान व्यक्ति के बारे में अच्छी बातें करेंगे। लेकिन जो मूर्ख अनैतिक विचारों में लगा रहता है उसका अपमान किया जाएगा।
9 खाना न होने पर भी अमीर व्यक्ति होने का दिखावा करने से साधारण व्यक्ति होना और अपनी जीविका कमाना बेहतर है।
10 विश्वासी जानवरों के साथ भी भलाई करता है न केवल मनुष्यों के साथ। लेकिन नीच व्यक्ति किसी पर दया नहीं करता क्योंकि उसका दिल क्रूरता से भरा हुआ है।
11 जो अपनी भूमि पर काम करता है वह बहुतायत का जीवन जिएगा। लेकिन जो मूर्ख सपनों का पीछा करता है और काम नहीं करना चाहता, वह गरीबी में रहेगा।
12 दूसरों के पास जो कुछ है नीच व्यक्ति उसका अधिकारी होना चाहता है। लेकिन जो विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह खुद कमाता है और दूसरों की मदद करता है।
13 झूठ बोलने वाला अपनी ही बातों से दु:ख उठाएगा और मुसीबत में फंस जाएगा। लेकिन विश्वासी झूठ नहीं बोलता इसलिए वह मुसीबत से बच जाएगा।
14 व्यक्ति का जीवन उसके शब्दों और कामों पर निर्भर करता है। जो कोई व्यक्ति सही बोलता और सही काम करता है वह सुखी जीवन जिएगा।
15 मूर्ख सोचता है कि वह हमेशा वही करता है जो सही है इसलिए वह दूसरों की सलाह नहीं लेता। लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति उनके पास जाता है जो उसे सलाह दे सकते हैं।
16 जब मूर्ख का अपमान होता है तो वह तुरन्त अपना गुस्सा दिखाता है। लेकिन समझदार व्यक्ति शान्त रहता है और अपमान को अनदेखा कर देता है।
17 जो व्यक्ति ईमानदारी से काम करना पसंद करता है वह अदालत में सच बोलेगा। लेकिन बेईमान व्यक्ति झूठ बोलेगा और अदालत को गुमराह करेगा।
18 मूर्ख बोलने से पहले नहीं सोचता और वह कठोर शब्द बोलता है। वह दूसरे व्यक्ति को तलवार की तरह चोट पहुँचाता है। लेकिन बुद्धिमान के शब्दों से चंगाई मिलती है।
19 समय दिखाएगा कि कौन सच बोल रहा था और कौन झूठ बोल रहा था। झूठ का जीवन छोटा होता है। लेकिन सच हमेशा जीवित रहेगा।
20 जो झगड़ा भड़काना चाहता है ऐसे व्यक्ति का दिल बुरे इरादों से भरा रहता है। लेकिन जो शान्ति लाना चाहता है ऐसे व्यक्ति का दिल आनंद से भरा रहता है।
21 उस विश्वासी के साथ कुछ बुरा नहीं होगा जो सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है। लेकिन नीच व्यक्ति का जीवन मुसीबतों से भरा रहेगा।
22 जब कोई झूठ बोलता है तब इससे परमेश्वर घृणा करता है। लेकिन परमेश्वर को खुशी होती है जब कोई व्यक्ति सच बोलता है।
23 बुद्धिमान व्यक्ति बहुत सी बातें जानता है लेकिन वह बहुत ज़्यादा नहीं बोलता। मूर्ख कम जानता है लेकिन वह बहुत सारी मूर्खतापूर्ण बातें बोलता है।
24 जो अपने काम को अच्छी तरह से करने के लिए प्रयास करता है उसे ऊँचा पद दिया जाएगा। लेकिन जो आलसी है वह गुलाम की तरह काम करने को मजबूर होगा।
25 जो हमेशा चिन्ता करता है वह निराशा में चला जाएगा। लेकिन अगर तुम किसी व्यक्ति से भले शब्द बोलोगे तो यह उसको शान्ति और आनन्द देगा।
26 जो परमेश्वर पर विश्वास करता है और सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह दूसरे व्यक्ति को सही फैसले लेने में मदद करेगा। लेकिन जो नीच व्यक्ति की तरह जीता है वह दूसरों को सही रास्ते से भटका देगा।
27 आलसी व्यक्ति कुछ भी पूरा नहीं कर सकता। जो उसके पास है वह उसकी कदर नहीं करता। इसलिए जो उसने शिकार में पकड़ा है वह खराब हो जाएगा। लेकिन मेहनती व्यक्ति उसकी कदर करता है जो कुछ भी उसने कमाया है इसलिए वह ज़्यादा अमीर बन जाता है।
28 जो परमेश्वर पर विश्वास करता है वह सही काम करेगा और सुखी जीवन जिएगा। लेकिन जो पाप करता है वह मौत की ओर जा रहा है।
1 The one who loves learning pays attention when others make proper corrections to him. But a fool does not like learning and hates being corrected.
2 The Lord is kind to the one who does good. But He condemns the one who wants to harm others.
3 There will be no stability in the life of a person who does evil deeds. But the one who believes in God and is eager to do what is right will stand on a strong foundation.
4 If a wife does what is right, she will beautify her husband like a crown. But if she behaves in such a way that her husband feels ashamed, she causes him the same suffering as if his bones were in pain.
5 Believers meditate on how to act justly. But the wicked think of how to deceive others.
6 Criminals talk to each other about how to trap another person in order to kill him. But believers discuss how to save this person from death.
7 If a wicked person faces trouble, it will completely destroy his life. But if a believer encounters hardship, his family will go through it and stand firm.
8 People will speak well of a wise person. But a fool who indulges in immoral thoughts will be treated with contempt.
9 It is better to be a simple person who earns his living than to pretend to be a rich person who does not have enough money to buy food.
10 A believer shows kindness not only to people, but also to animals. But a wicked person has no compassion for anyone because his heart is cruel.
11 He who works on his land will live in abundance. But a fool who chases dreams and does not want to work will live in poverty.
12 A wicked person wants to take possession of what others have. But a believer who is eager to do what is right earns his own living and helps others.
13 A liar will suffer from his own words and face trouble. But a believer does not lie, so he will avoid trouble.
14 A person's life depends on his words and deeds. The one who speaks and does what is right will live a happy life.
15 A fool thinks that he always does what is right, so he does not ask others for advice. But a wise person goes to those who can give him advice.
16 When a fool is insulted, he immediately shows his anger. But a person of understanding remains calm and does not respond to insult.
17 The one who loves acting honestly will speak the truth in court. But a dishonest person will tell lies and mislead the court.
18 A fool does not think before speaking, and he uses harsh words. He hurts another person as badly as with a sword. But the words of a wise person bring healing.
19 Time will show who was telling the truth and who was telling lies. Lies have a short life. But the truth will live forever.
20 The heart of a person who wants to provoke a quarrel is filled with evil intentions. But the heart of a person who wants to bring peace is filled with joy.
21 Nothing bad will happen to a believer who is eager to do what is right. But the life of a wicked person will be full of trouble.
22 It is disgusting to God when someone tells lies. But He delights when a person speaks the truth.
23 A wise person knows many things, but he does not say too much. A fool knows little, but he says a lot of foolish things.
24 The one who makes efforts to do his job well will be put in a leadership position. But the one who is lazy will be forced to work like a slave.
25 The one who worries all the time will have depression. But if you speak kind words to a person, it will bring peace and joy to him.
26 The one who believes in God and is eager to do what is right will help another person make right decisions. But the one who lives like a wicked person will lead others astray from the right path.
27 A lazy person is not able to complete anything. He does not appreciate what he has. So what he catches while hunting will rot. But a hardworking person appreciates what he has earned, so he becomes richer.
28 The one who believes in God will do what is right and live a happy life. But the one who sins is going towards death.

अध्याय 13

Chapter 13

1 बुद्धिमान बेटा अपने पिता को सुनता है जब वह उसका उचित सुधार करता है। लेकिन आज्ञा न मानने वाला बेटा ध्यान नहीं देता जब उसका पिता उसे सुधारता है।
2 व्यक्ति का जीवन उसके शब्दों पर निर्भर करता है। जो दूसरे लोगों से सही तरीके से बात करना जानता है वह सफल होगा। लेकिन जो बुरी बातें बोलता और बुराई करता है उसके जीवन में बुराई आएगी।
3 जो बोलने से पहले सोचता है वह अपने आप को मुसीबतों से बचाएगा। लेकिन जो बोलने से पहले नहीं सोचता वह अपने जीवन को नष्ट कर देगा।
4 आलसी व्यक्ति अमीर होने का सपना देखता है लेकिन वह और गरीब हो जाएगा। लेकिन जो काम करना पसंद करता है वह सब कुछ प्राप्त कर लेगा जो वह चाहता है।
5 जो परमेश्वर पर विश्वास करता है और सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह झूठ से नफ़रत करता है। लेकिन नीच व्यक्ति बेशर्मी से झूठ बोलता है और इस तरह से वह अपने आप को शर्मिंदा करता है।
6 जो विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह सीधे मार्ग से नहीं भटकेगा। लेकिन पापी व्यक्ति बुराई करता है जो उसे नष्ट कर देगी।
7 ऐसे लोग हैं जिनके पास कुछ भी नहीं। लेकिन वे ऐसी छाप छोड़ने की कोशिश करते हैं जैसे कि वे अमीर हैं। और ऐसे दूसरे लोग भी हैं जो बहुत अमीर हैं लेकिन वे साधारण तरीके से व्यवहार करते हैं।
8 अगर अमीर व्यक्ति को कोई धमकी देता है तो वह अपने जीवन के लिए धन देकर छूट सकता है। लेकिन गरीब व्यक्ति को ऐसी धमकियों का सामना कभी नहीं करना पड़ेगा।
9 विश्वासी का जीवन ज्योति और आनन्द से भरा हुआ होता है। लेकिन नीच व्यक्ति का जीवन बुझते हुए दीये की तरह अंधकारमय हो जाता है।
10 घमंडी व्यक्ति किसी से सलाह नहीं माँगता। वह झगड़े भड़काता है और लोगों के साथ रिश्तें तोड़ता है। लेकिन जो दूसरों से सलाह लेता है वह बुद्धि की सलाह पाता है और झगड़ों से बचता है।
11 जो अमीर बनने के लिए गैरकानूनी तरीकों से पैसा कमाता है वह अपना पैसा जल्दी ही बर्बाद कर देगा। लेकिन जो मेहनत से काम करता है वह थोड़ा-थोड़ा करके अपनी बचत को बढ़ाएगा।
12 अगर आशा लम्बे समय तक पूरी न हो तो व्यक्ति का दिल निराश हो जाता है। लेकिन पूरी की गई इच्छा इंसान के दिल को ऐसे आनन्द से भर देती है जैसे उसने जीवन के पेड़ का फल खा लिया हो।
13 जो परमेश्वर के वचन को नज़रअंदाज़ करता है वह उसके जीवन को नष्ट कर देगा। लेकिन जो परमेश्वर की आज्ञाओं को तोड़ने से डरता है वह सफल होगा।
14 जो दूसरों को परमेश्वर का कानून सिखाता है वह बुद्धि से काम करता है। वह लोगों को जीवन के सोते तक ले जाता है और उन्हें मौत के खतरे से बचाता है।
15 बुद्धिमान और दयालु व्यक्ति से बात करना कितना अच्छा लगता है। लेकिन कोई भी नीच व्यक्ति के साथ संगति नहीं करना चाहता क्योंकि वह दूसरों का अपमान करता है।
16 समझदार व्यक्ति योग्यता के साथ काम करता है। लेकिन मूर्ख के पास ज्ञान नहीं होता इसलिए वह अपनी मूर्खता दिखाता है।
17 किसी लापरवाह व्यक्ति पर भरोसा मत करना क्योंकि वह तुम्हें मुसीबत में डाल देगा। लेकिन जो जिम्मेदारी से अपने कर्तव्यों को पूरा करता है वह कठिन परिस्थिति से बाहर निकलने का रास्ता खोजने में तुम्हारी मदद करेगा।
18 जो पढ़ना नहीं चाहता वह गरीबी में जिएगा और लोग उसे नज़रअंदाज़ करेंगे। लेकिन जो ज्ञान प्राप्त करना पसन्द करता है वह सफलता पाएगा और लोग उस व्यक्ति का आदर करेंगे।
19 व्यक्ति अपने सपने के सच होने पर पूरे दिल से आनन्द मनाता है। लेकिन मूर्ख तब आनन्द मनाता है जब वह बुराई करता है।
20 जो बुद्धिमान लोगों के साथ संगति रखता है वह बुद्धिमान बन जाएगा। लेकिन जो मूर्खों से संगति रखने में समय बिताता है वह अपना जीवन बर्बाद कर लेगा।
21 बुराई उस व्यक्ति का पीछा करेगी जो परमेश्वर को अस्वीकार करता है और पाप में जीता है। लेकिन जो परमेश्वर पर विश्वास करता है और सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है उसका भला होगा।
22 दयालु व्यक्ति अपने नाती-पोतों के लिए भी विरासत छोड़ जाएगा। लेकिन पापी अपनी दौलत खो देगा और यह उस विश्वासी को मिल जाएगी जो सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है।
23 गरीब व्यक्ति भी अपने खेत में भरपूर फसल पा सकता है। लेकिन अगर देश में अन्यायपूर्ण कानून होता है तो गरीब व्यक्ति अपनी गरीबी से बाहर नहीं निकल पाएगा।
24 जो अपने बेटे को सजा नहीं देता वह अपने बेटे के जीवन को नष्ट कर देता है। लेकिन जो अपने बेटे से प्यार करता है वह उसे बचपन से ही सुधारता है और ठीक करता है।
25 जो विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह खाना खाएगा और संतुष्ट होगा। लेकिन नीच व्यक्ति भूखा ही रह जाएगा।
1 A wise son listens when his father makes proper corrections to him. But a disobedient son does not pay attention when he is being corrected.
2 A person's life depends on his words. The one who knows how to talk to others in the right way will achieve success. But the one who speaks evil words and harms others will suffer misfortune.
3 He who thinks before speaking will keep himself out of trouble. But he who does not think before speaking will destroy his life.
4 A lazy person dreams of getting rich, but he will become poor. But he who loves working will achieve everything he wants.
5 He who believes in God and is eager to do what is right hates lies. But a wicked person lies shamelessly, and this way he brings shame on himself.
6 A believer who is eager to do what is right will not go astray from the right path. But a sinner does evil that will destroy him.
7 There are people who have nothing. But they try to make such an impression as though they are rich. And there are also very wealthy people, but they behave in a simple way.
8 If there is a threat to a rich person, he can pay a ransom. But a poor person will never face such threats.
9 The life of a believer is filled with light and joy. But the life of a wicked person becomes darker like a dying out lamp.
10 A proud person does not ask anybody for advice. He provokes conflicts and breaks relationships with people. But he who consults with others receives wise advice and avoids quarrels.
11 He who makes money by illegal means in order to get rich will waste his money quickly. But he who works hard will increase his savings little by little.
12 If a person’s hope is not fulfilled for a long time, his heart becomes depressed. But a fulfilled desire fills his heart with such joy as if he has eaten the fruit from the tree of life.
13 He who neglects the Word of God will destroy his life. But he who is afraid to break God's commandments will succeed.
14 He who teaches others the Law of God acts wisely. He leads people to the source of life and saves them from mortal danger.
15 It is such a pleasure to talk to an intelligent and kind person. But no one wants to communicate with an evil person because he insults others.
16 A person of understanding acts with competence. But a fool has no knowledge, so he shows off his foolishness.
17 Do not rely on an irresponsible person because he will get you into trouble. But the one who fulfills his duties responsibly will help you find a way out of a difficult situation.
18 He who does not want to study will live in poverty, and people will neglect him. But he who loves gaining knowledge will achieve success and earn the respect of others.
19 A person rejoices with all his heart when his dreams come true. But a fool rejoices when he does evil.
20 The one who has fellowship with wise people will become wise. But the one who spends time in the company of fools will ruin his life.
21 Evil will chase the one who rejects God and lives in sin. But good will come to the one who believes in God and is eager to do what is right.
22 A kind person will leave an inheritance even to his grandchildren. But a sinner will lose his wealth, and it will go to a believer who is eager to do what is right.
23 Even a poor person can get an abundant harvest on his field. But if there are unjust laws in the country, a poor person will not be able to get out of poverty.
24 He who does not punish his son destroys his son’s life. But he who loves his son disciplines and corrects him from his childhood.
25 A believer who is eager to do what is right will eat and feel satisfied. But a wicked person will go hungry.

अध्याय 14

Chapter 14

1 बुद्धिमान औरत अपने परिवार की देखभाल करती है और अपना घर बनाती है। लेकिन मूर्ख औरत अपने घर की देखभाल नहीं करती और अपने परिवार को नष्ट कर देती है।
2 जो ईमानदारी से काम करता है वह प्रभु का भय मानता है। लेकिन जो दूसरों को धोखा देता है वह परमेश्वर से घृणा ​​करता है।
3 मूर्ख घमंड के साथ बोलता है। वह अपनी बातों से इस तरह दु:ख उठाएगा जैसे किसी ने उसे डंडे से पीटा हो। लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति अपनी बातों के कारण मुसीबत में नहीं पड़ेगा क्योंकि वह अपनी जीभ को वश में रखता है।
4 जिसके पास बैल नहीं, वह उनके पालने के लिए पैसे खर्च नहीं करता। लेकिन जिसके पास बैल हैं वह बहुत सारी भूमि जोत पाएगा और बड़ी फसल काटेगा।
5 ईमानदार व्यक्ति अदालत में सच बोलेगा। लेकिन बेईमान व्यक्ति बहुत सारे झूठ बोलेगा।
6 मूर्ख बुद्धि का मज़ाक बनाता है इसलिए वह कभी बुद्धिमान नहीं बनेगा। समझदार व्यक्ति बुद्धि को पसन्द करता है और वह आसानी से ज्ञान प्राप्त करता है।
7 मूर्ख तुम्हें कोई बुद्धि की बात नहीं सिखा सकता। इसलिए उस पर अपना समय बर्बाद मत करना।
8 जिस व्यक्ति के पास ज्ञान है वह समझता है कि सही काम कैसे करें इसलिए वह सही फैसला करता है। लेकिन मूर्ख सोचता है कि वह जानता है कि उसे क्या करना है इसलिए वह बेवकूफी भरा काम करेगा।
9 जो परमेश्वर से अपने पाप के लिए माफ़ी माँगता है मूर्ख उसका मज़ाक उड़ाते हैं। लेकिन विश्वासी स्वीकार करते हैं जब कोई व्यक्ति परमेश्वर के पास आता है और अपने पापों को छोड़ देता है।
10 कोई किसी दूसरे के टूटे हुए दिल के दु:ख को पूरी तरह से नहीं समझ सकता। और उसी तरह से कोई भी दूसरे व्यक्ति के आनन्द को पूरी तरह से नहीं समझ सकता।
11 नीच व्यक्ति का घर नष्ट किया जाएगा। लेकिन सही काम करने के लिए उत्सुक रहने वाले विश्वासी का घर, बहुत अच्छी स्थिति में रहेगा।
12 ऐसा खतरनाक रास्ता है जो इन्सान के नज़रिये से सही लगता है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति इस रास्ते को चुनेगा तो यह उसे मौत की ओर ले जाएगा।
13 चाहे कोई व्यक्ति खुश दिखता है तो भी उसके दिल में दु:ख भरा हुआ हो सकता है। और जब वह हँसना बन्द कर देगा तब वह अपने दुःखों के साथ अकेला रह जाएगा।
14 जिस व्यक्ति का दिल परमेश्वर को ठुकरा देता है उसे वह प्राप्त होगा जिसका हकदार वह अपने कामों के अनुसार है। और जिस विश्वासी ने अच्छे काम किए उसे भी वह मिलेगा जिसका वह हकदार है।
15 भोला-भाला व्यक्ति जो कुछ सुनता है उस पर विश्वास करता है और बेवकूफ़ी भरे फ़ैसले करता है। लेकिन समझदार व्यक्ति सही चुनाव करने से पहले हर स्थिति के बारे में ध्यान से सोचता है।
16 बुद्धिमान व्यक्ति मुसीबतों में पड़ने से डरता है इसलिए वह बुराई से दूर रहता है। लेकिन मूर्ख अपने कामों के परिणाम के बारे में नहीं सोचता। वह बुराई करता है और आशा करता है कि उसके साथ कुछ भी बुरा नहीं होगा।
17 जो आसानी से गुस्सा हो जाता है और कुछ बेवकूफी करता है लोग उसे माफ़ कर सकते हैं। लेकिन वे उससे नफ़रत करेंगे जो जानबूझकर दूसरों को नुकसान पहुँचाता है।
18 मूर्ख ज्ञान को पसन्द नहीं करता इसलिए वह मूर्खता विरासत में पाएगा। लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति ज्ञान प्राप्त करने के लिए उत्सुक रहता है जो उसे ताज की तरह सजाएगा।
19 जो बुराई करता है वह अपनी हार मान लेगा और भलाई करने वाले का अनुग्रह चाहेगा। और जो अपराध करता और परमेश्वर का विरोध करता है वह विश्वासी के घर मदद माँगने आएगा।
20 गरीब आदमी को कोई भी पसन्द नहीं करता। और यहाँ तक ​​कि उसके करीबी रिश्तेदार भी यह नहीं छिपा सकते कि वे उसे पसंद नहीं करते। लेकिन अमीर व्यक्ति के कई दोस्त होते हैं।
21 जो व्यक्ति दूसरे लोगों के मदद माँगने पर उन से घृणा करता है, वह पाप करता है। लेकिन करुणा दिखाने वाले और जरूरतमंदों की मदद करने वाले को कैसा आनन्द और आशीर्वाद मिलता है!
22 जो बुराई करने की योजना बनाता है वह भटक गया है। लेकिन जो सही रास्ते पर चलता है वह सोचता है कि दूसरों की कैसे मदद की जाए। ऐसा व्यक्ति लोगों का प्यार और आदर पाएगा।
23 मेहनती व्यक्ति अपने हर काम में सफल होगा और बहुतायत में जीवित रहेगा। लेकिन जो सिर्फ़ बोलता है और कुछ नहीं करता वह गरीबी में जिएगा।
24 जो बुद्धिमानी से काम करता है उसे ईनाम में धन दिया जाएगा। लेकिन जो मूर्खता से काम करता है उसे मूर्खता के अलावा कुछ नहीं मिलेगा।
25 ईमानदार व्यक्ति अदालत में सच बोलेगा और दूसरे लोगों को झूठे आरोपों से बचाएगा। लेकिन बेईमान व्यक्ति बहुत झूठ बोलेगा और निर्दोष लोगों को नुकसान पहुँचाएगा।
26 जो प्रभु का भय मानता है वह हर परिस्थिति में उस पर पूरा भरोसा रखेगा। और ऐसे व्यक्ति के परिवार को खतरा होने पर परमेश्वर उसके बच्चों को सुरक्षित स्थान पर छिपा देगा।
27 जो प्रभु का भय मानता है वह ऐसी शक्ति से भर जाएगा, मानो वह जीवन के सोते में से पीता है। ऐसा व्यक्ति उन परिस्थितियों से बचेगा जो उसे मौत की ओर ले जा सकती है।
28 किसी देश की जितनी अधिक जनसंख्या होती है, उस देश का राजा उतना ही अधिक शक्तिशाली हो जाता है। लेकिन अगर जनसंख्या कम हो जाती है तो राजा की शक्ति कमज़ोर हो जाती है।
29 व्यक्ति जितना अधिक धीरज धरता है, उसके पास उतनी ही अधिक बुद्धि होती है। लेकिन जो जल्दी से गुस्सा हो जाता है वह मूर्खता से व्यवहार करता है।
30 अगर किसी का दिल शान्ति से भरा है तो उसका स्वास्थ्य अच्छा होगा। लेकिन दूसरों से जलन स्वास्थ्य को वैसे ही नष्ट कर देती है जैसे घातक बीमारी हड्डियों को नष्ट कर देती है।
31 जो गरीब लोग के साथ अन्याय करता है और उनके खर्चे पर अपने आप को धनी बनाता है, वह उनके बनाने वाले का अपमान करता है। लेकिन जो दया दिखाता है और गरीब लोगों की मदद करता है, वह परमेश्वर की महिमा करता है।
32 जब मुसीबत आएगी तब नीच व्यक्ति का जीवन नाश कर देगी। और वह अपने बुरे कामों के अनुसार वह प्राप्त करेगा जिसके योग्य वह है। लेकिन जो विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह परमेश्वर पर भरोसा करेगा तब भी जब उसका जीवन खतरे में होगा।
33 बुद्धिमान व्यक्ति का दिल बुद्धि से भरा रहता है। और वह जानता है कि मूर्ख व्यक्ति को बुद्धिमानी से जवाब कैसे देना है।
34 जिस देश के लोग परमेश्वर पर विश्वास करते हैं और सही काम करने के लिए उत्सुक रहते हैं वे अपने देश को महान बनाएंगे। लेकिन जिस देश के लोग पाप में जीते हैं वे अपने देश को शर्मिंदा करेंगे।
35 राजा उस दास से खुश होगा जो अपना काम योग्यता से करता है। लेकिन जो गलत तरीके से अपना काम करता है उस से राजा गुस्सा होगा।
1 A wise woman takes care of her family and sets up her home. But a foolish woman does not care about her household and brings ruin to her family.
2 The one who acts honestly fears the Lord. But the one who deceives others treats God with contempt.
3 A fool speaks with arrogance. He will suffer from his words as though he was beaten with a stick. But a wise person will not face trouble because he controls his tongue.
4 He who does not have oxen has no expenses to take care of them. But he who has oxen will be able to plow a lot of land and will reap a large harvest.
5 An honest person will tell the truth in court. But a dishonest person will tell a lot of lies.
6 A fool mocks wisdom that is why he will never become wise. A person of understanding loves wisdom and gains knowledge easily.
7 A fool cannot teach you anything wise. So do not waste your time on him.
8 A person of knowledge understands what is the right thing to do, so he makes a wise decision. But a fool thinks that he knows what to do, so he will do a foolish thing.
9 Fools mock the one who repents of his sins. But believers approve when a person comes to God and leaves his sins.
10 No one can fully understand the sorrow of another person's broken heart. And no one can fully understand the joy of another person either.
11 The house of a wicked person will be destroyed. But the home of a believer who is eager to do what is right will be in excellent condition.
12 There is a dangerous path that seems right from a human point of view. But if a person chooses this path, it will lead him to death.
13 Even if a person looks joyful, his soul may hurt. And when he stops laughing, he will be left alone with his suffering.
14 A person whose heart rejects God will receive what he deserves by his actions. And a believer who does what is good will also receive what he deserves.
15 A naive person believes everything he hears and makes foolish decisions. But a person of understanding thinks carefully about each situation before making a right choice.
16 A wise person is afraid of getting into trouble, so he stays away from evil. But a fool does not think about the consequences of his actions. He does evil and hopes that nothing bad will happen to him.
17 People can forgive a hot-tempered person who gets angry and does something foolish. But they will hate the one who harms others on purpose.
18 A fool does not like learning that is why he will inherit foolishness. But a wise person is eager to gain knowledge that will beautify him like a crown.
19 The one who does evil will admit his defeat. He will seek the favor of the one who does good. The one who commits crimes and opposes God will come to the house of a believer to ask him for help.
20 Nobody likes a poor person. And even his closest relatives cannot hide their dislike for him. But a rich person has many friends.
21 The one who treats others with contempt when they ask him for help commits sin. But what joy and blessing receives the person who shows compassion and helps the needy!
22 He who plans to do evil has gone astray. But the one who walks on the right path thinks how to help others. Such a person will earn love and respect from people.
23 A hardworking person will succeed in everything he does and will live in abundance. But the one who only speaks and does nothing will live in poverty.
24 The one who acts wisely will be rewarded with riches. But the one who acts foolishly will receive nothing, but foolishness.
25 An honest person will speak the truth in court and save others from false accusations. But a dishonest person will tell many lies and destroy innocent people.
26 The one who fears the Lord will trust Him completely in every situation. And God will hide the children of such a person in a safe place if his family faces danger.
27 He who fears the Lord will be filled with such strength as if he drinks from the source of life. Such a person will avoid situations that could lead him to death.
28 The larger the population of a country, the more powerful the king becomes. But if the population decreases, the power of the king weakens.
29 The more patience a person shows, the more wisdom he has. But the one who quickly loses his temper behaves foolishly.
30 If the heart of a person is filled with peace, his health will be good. But envy ruins health like a fatal disease that destroys the bones.
31 The one who treats the poor unjustly and makes himself rich at their expense insults their Creator. But the one who shows compassion and helps the poor brings glory to God.
32 When trouble comes, it will ruin the life of a wicked person. And he will receive what he deserves according to his evil deeds. But a believer who is eager to do what is right will trust in God even when his life is in mortal danger.
33 The heart of a wise person is filled with wisdom. And he knows how to give a wise answer to a fool.
34 A nation that believes in God and is eager to do what is right will make its country great. But a nation that lives in sin brings shame to its country.
35 A king will be pleased with a slave who does his work with competence. But the king will get angry at the one who does not do his job well.

अध्याय 15

Chapter 15

1 जो व्यक्ति जानता है कि जब कोई उसका अपमान करता है तो उसे कोमलता से कैसे जवाब दें, ऐसा व्यक्ति क्रोध से भरे हुए दूसरे व्यक्ति को शान्त करने के योग्य होगा। लेकिन जो व्यक्ति जवाब में अपमानजनक शब्द बोलता है वह चिड़चिड़े व्यक्ति का क्रोध कई गुना बढ़ा देगा।
2 जब बुद्धिमान लोग बोलते हैं तब वे दूसरों के साथ उपयोगी ज्ञान को बाँटते हैं। लेकिन जब मूर्ख बोलते हैं तब उनके शब्दों में कोई समझ की बात नहीं होती।
3 प्रभु सब कुछ देखता है जो पृथ्वी पर होता है। वह बुराई करने वालों और भलाई करने वालों पर नजर रखता है।
4 भले वचन व्यक्ति को ऐसी शक्ति से भर देते हैं जैसे की उसने जीवन के पेड़ का फल खा लिया है। लेकिन बुरे शब्द दूसरे व्यक्ति के दिल को तोड़ देते हैं।
5 जो व्यक्ति अपने पिता के उचित सुधारों को अनदेखा करता है वह मूर्ख है। लेकिन जो व्यक्ति अपने पिता के उचित सुधारों पर ध्यान देता है वह समझदार है।
6 विश्वासी ईमानदारी से कमाता है और अपने घर के लिए बहुत सी महंगी चीजें खरीदता है। लेकिन नीच व्यक्ति गैरकानूनी तरीकों से बहुत अधिक लाभ प्राप्त करता है लेकिन यह उसके लिए सिर्फ़ समस्याएँ ही लाता है।
7 अगर किसी व्यक्ति का दिल बुद्धि से भरा है तो वह अपना ज्ञान दूसरों के साथ बाँटेगा। लेकिन अगर किसी व्यक्ति के दिल में मूर्खता रहती है तो उसके शब्दों में कोई समझ की बात नहीं होगी।
8 प्रभु को घृणा होती है जब नीच लोग अनुग्रह पाने के लिए उसके लिए बलिदान चढ़ाते हैं। लेकिन परमेश्वर प्यार करता है जब सही काम करने के लिए उत्सुक रहने वाले विश्वासी प्रार्थना में उसके पास आते हैं।
9 नीच व्यक्ति के जीवन के तरीके से प्रभु को घृणा होती है। लेकिन परमेश्वर उसी से प्यार करता है जिसने जीवन में सही दिशा चुनी।
10 जो व्यक्ति सही रास्ते से भटक जाता है उसे कठोर सजा मिलेगी। और जो व्यक्ति दूसरों के द्वारा सुधारे जाने से नफ़रत करता है, वह मर जाएगा।
11 प्रभु देखता है कि नरक में और उस जगह क्या हो रहा है जहाँ लोग मौत के बाद जाते हैं। और बिल्कुल, वह देखता है कि पृथ्वी पर रहने वाले लोगों के दिलों में क्या हो रहा है।
12 मूर्ख को दूसरों का मज़ाक उड़ाना अच्छा लगता है। और वह उन लोगों को पसन्द नहीं करता जो उसका उचित सुधार करते हैं। इसलिए वह बुद्धिमान लोगों के साथ कभी संगति नहीं करेगा।
13 अगर किसी का दिल आनन्द से भरा है तो वह खुश दिखाई देगा। लेकिन अगर उसका दिल दर्द से भरा है तो उसका दिल टूट जाएगा और वह निराश दिखाई देगा।
14 बुद्धिमान व्यक्ति का दिल ज्ञान को ढूँढता है। लेकिन मूर्ख व्यक्ति का दिल मूर्खता से भरा है और जो कुछ वह कहता है उसका कोई मतलब नहीं।
15 अगर किसी व्यक्ति का दिल दर्द से भरा है तो वह हर दिन दु:खी और उदास रहेगा। लेकिन जिसका दिल आनन्द से भरा है वह अपने जीवन के हर दिन का आनंद लेगा।
16 गैरकानूनी तरीकों से बहुत सा धन कमाने और हर समय चिंता करने से कम आमदनी होना और परमेश्वर का भय मानना बेहतर है।
17 प्यार करने वालों के साथ सादा सब्जी खाना, एक दूसरे से नफ़रत करने वालों के साथ पके हुए बैल का मांस खाने से बेहतर है।
18 गर्म स्वभाव का व्यक्ति झगड़ा शुरू करता है लेकिन धीरज रखने वाला व्यक्ति झगड़ा शान्त करता है।
19 आलसी व्यक्ति काम करना पसंद नहीं करता। और उसका जीवन उस रास्ते की तरह है जिस में कांटे वाले जंगली पौधे उग गए हैं। लेकिन विश्वासी काम करना पसंद करता है। और उसका जीवन अच्छी तरह से बनी हुई सड़क की तरह है।
20 बुद्धिमान बेटा अपने पिता के साथ आदर से व्यवहार करता है और अपने पिता को आनन्द देता है। लेकिन बेवकूफ बेटा अपनी माँ से घृणा करता है और उसे उदास करता है।
21 बेवकूफ व्यक्ति मूर्खता के काम करना पसंद करता है इसलिए वह अपने जीवन में गलत रास्ते पर चला जाता है। लेकिन समझदार व्यक्ति वही करना पसंद करता है जो सही है इसलिए वह सही दिशा में जाता है।
22 जो व्यक्ति दूसरे लोगों के साथ अपनी योजनाओं की चर्चा नहीं करता, वह अपनी योजनाओं को पूरा नहीं कर पाएगा। लेकिन जो व्यक्ति कई समझदार लोगों की सलाह सुनता है वह अपनी योजनाओं को पूरा कर पाएगा।
23 किसी व्यक्ति को कितनी खुशी मिलती है जब वह दूसरे की मदद करने के लिए सही समय पर सही शब्द कहता है।
24 बुद्धिमान का जीवन उस मार्ग की तरह होता है जो ऊपर जाता है। वह सही रास्ते से नहीं भटकेगा और खुद को उस सड़क पर नहीं पाएगा जो नरक की ओर जाती है।
25 प्रभु उन लोगों के घर को नष्ट कर देगा जो घमंडी हैं और विधवा के साथ अन्याय करते हैं। परमेश्वर विधवा और उसकी संपत्ति की रक्षा करेगा।
26 जब कोई नीच व्यक्ति बुराई करने के बारे में सोचता है तब प्रभु उसके विचारों से नफ़रत करता है। लेकिन जब विश्वासी अच्छा काम करने के बारे में सोचता है और इसके बारे में बात करता है तब परमेश्वर उससे प्यार करता है।
27 लालची व्यक्ति धनी होने के लिए रिश्वत लेता है लेकिन वह अपने परिवार को नष्ट कर देगा। लेकिन रिश्वत से नफ़रत करने वाला मुसीबतों से बचेगा।
28 विश्वासी बोलने से पहले सोचता है और शांति से दूसरे व्यक्ति को जवाब देता है। लेकिन नीच व्यक्ति अपनी बातों के परिणामों के बारे में नहीं सोचता और वह गुस्से से लोगों पर चिल्लाता है।
29 नीच लोग अपना जीवन प्रभु से दूर रहकर जीते हैं। लेकिन विश्वासियों का परमेश्वर के साथ करीबी संबंध होता है। और जब वे प्रार्थना में प्रभु के पास आते हैं तब वह उनकी सुनता है।
30 सकारात्मक व्यक्ति दूसरे लोगों को प्रभावित करता है और उनके दिलों में खुशी लाता है। वह लोगों को उत्साहित करता है और उन्हें नई शक्ति मिलती है।
31 जो व्यक्ति अपना जीवन बदलना चाहता है वह बुद्धिमान लोगों के पास जाए और उनकी शिक्षा को ध्यान से सुने।
32 जो व्यक्ति उचित सुधारों पर ध्यान नहीं देता, वह अपने आप को नुकसान पहुँचाता है। लेकिन जो व्यक्ति सुधारों को सुनता है वह बुद्धिमान बन जाएगा।
33 जो व्यक्ति प्रभु का भय मानता है वह बुद्धिमानी से काम करना सीखेगा। और जो व्यक्ति घमंड के बिना दूसरे लोगों के साथ व्यवहार करता है वह लोगों का आदर कमाएगा।
1 The one who knows how to respond gently when he is being insulted will be able to calm down another person who is overwhelmed with anger. But the one who insults in response will provoke even greater wrath in the irritated person.
2 When wise people speak, they share useful knowledge with others. But when fools speak, their words lack common sense.
3 The Lord can see everything what happens on the earth. He watches over those who do evil and those who do good.
4 Kind words fill a person with such strength, as if he has eaten the fruit from the tree of life. But evil words crush the spirit of a person.
5 He who ignores proper corrections from his father is foolish. But he who pays attention when his father corrects him is a person of understanding.
6 A believer earns his living honestly and purchases many expensive things for his home. But a wicked person gains a lot of profit by illegal means, and it only brings him problems.
7 If a person has a wise heart, he will share his knowledge with others. But if foolishness lives in a person's heart, his words will lack common sense.
8 It is disgusting to the Lord when wicked people offer sacrifices to Him to win His favor. But God delights when believers who are eager to do what is right come to Him in prayer.
9 The way of life of a wicked person is disgusting to the Lord. But God delights in the one who chooses the right direction in life.
10 The one who turns away from the right way will be punished severely. And the one who hates when others correct him will die.
11 The Lord can see what is happening in hell and in the world where people go after death. And of course, He can see what is happening in the hearts of those who live on the earth.
12 A fool enjoys mocking others. And he dislikes those who make proper corrections to him. So he will never spend time with wise people.
13 If a person's heart is filled with joy, he will look happy. But if his heart is filled with pain, his spirit will be crushed, and he will look depressed.
14 The heart of a wise person looks for knowledge. But the heart of a fool is filled with foolishness, and what he says has no meaning.
15 If a person's heart is filled with pain, he will feel unhappy and depressed every day. But the one whose heart is filled with joy will enjoy every day of his life.
16 It is better to have little income and fear the Lord than to gain a lot of wealth by illegal means and worry all the time.
17 It is better to eat a simple vegetable dish with loved ones than to eat the meat of a fattened ox with those whose hearts are filled with hatred.
18 A hot-tempered person starts a conflict, but a patient one stops it.
19 A lazy person does not like working, and his life is like a path overgrown with thorny weeds. But a believer likes working, and his life is like a well-made road.
20 A wise son treats his father with respect and brings him joy. But a foolish son treats his mother with contempt and upsets her.
21 A fool likes doing foolish things that is why he goes on the wrong path of life. But a person of understanding likes doing what is right that is why he goes in the right direction.
22 The one who does not discuss his plans with others will not be able to carry his plans out. But the one who listens to the advice of many competent people will be able to fulfill his plans.
23 What joy a person can experience when he says the right words at the right time to help someone else!
24 The life of a wise person is like a road that goes upward. He will not go astray from the right path and will not end up on the road that goes downward to hell.
25 The Lord will destroy the house of those who are proud and who treat a widow unjustly. God will protect the widow and her property.
26 The Lord hates when a wicked person thinks of how to do evil. But God delights when a believer thinks of how to do good and talks about it.
27 A greedy person takes bribes to get rich, but he will ruin his family. But the one who hates bribes will avoid trouble.
28 A believer thinks before speaking and responds calmly to another. But a wicked person does not think about the consequences of his words and shouts at people with anger.
29 Wicked people spend their lives far away from the Lord. But believers have a close relationship with God. And when they come to Him in prayer, He listens to them.
30 A positive person can influence others and bring joy to their hearts. He encourages people, and they gain new strength.
31 The one who wants to change his life should go to wise people and listen carefully to their teaching.
32 He who does not pay attention to proper corrections harms himself. But he who listens to corrections will become a wise person.
33 The one who fears the Lord will learn to act wisely. And the one who treats others without arrogance will earn the respect of people.

अध्याय 16

Chapter 16

1 व्यक्ति अपने दिल में योजनाएँ बनाता है। लेकिन प्रभु अपने लक्ष्यों को पूरा करना चाहता है इसलिए वह जानता है कि उसे अंत में क्या कहना है और क्या फैसला लेना है।
2 कोई व्यक्ति सोच सकता है कि जो कुछ भी वह करता है वह सही है। लेकिन प्रभु उसके सच्चे इरादों को जानता है। और सिर्फ़ परमेश्वर ही न्याय कर सकता है कि कोई व्यक्ति सही काम करता है या नहीं।
3 जो कुछ भी तुम करते हो उसे प्रभु को सौंप दो। तब तुम अपनी योजनाओं को पूरा कर पाओगे।
4 जो कुछ भी प्रभु करता है उसका अपना लक्ष्य होता है। प्रभु के पास उस व्यक्ति के लिए भी एक योजना है जो प्रभु को ठुकरा देता है। ऐसा व्यक्ति उस दिन नष्ट हो जाएगा जब बड़ा क्लेश उस पर आएगा।
5 परमेश्वर हर उस व्यक्ति से घृणा करता है जिसका मन घमण्ड से भरा है। ऐसा व्यक्ति सजा से बच नहीं पाएगा।
6 अगर कोई व्यक्ति दया करे और सच्चाई की शिक्षा के अनुसार काम करे तो परमेश्वर उसे उसके पाप से शुद्ध करेगा। जो प्रभु का भय मानता है वह कोई बुराई नहीं करेगा।
7 जब प्रभु तुम्हारे काम से खुश होगा तब परमेश्वर ऐसा करेगा कि तुम्हारे दुश्मन भी तुम्हारे साथ शान्ति से रहने लग जाएंगे।
8 गैरकानूनी तरीकों से बहुत अधिक लाभ प्राप्त करने की तुलना में कम आमदनी होना और ईमानदारी से जीना बेहतर है।
9 व्यक्ति अपने दिल में योजनाएँ बनाता है और सोचता है कि उसे क्या करना चाहिए। लेकिन यह प्रभु है जो व्यक्ति के जीवन का मार्गदर्शन करता है।
10 राजा के शब्दों में वह अधिकार होता है जो परमेश्वर ने उसे दिया है। इसलिए जब राजा दूसरों का न्याय करता है तब उसे सही फैसला लेना ही पड़ता है।
11 प्रभु चाहता है कि बेचने वाले सही तराजू और सही मापने वाले प्यालों का इस्तेमाल करें। परमेश्वर को अच्छा लगता है जब बेचने वाले के थैले में सभी वजन उनके असली वजन से मेल खाते हैं।
12 जब लोग कानून को तोड़ते हैं तब राजा को इस बात से नफ़रत करनी ही चाहिए। अगर राजा न्याय के साथ काम करता है तो यह उसके अधिकार को और भी अधिक मजबूत बनाएगा।
13 राजा सच जानना चाहता है। इसलिए वह उस व्यक्ति को पसन्द करता है जो उससे सच नहीं छिपाता।
14 अगर राजा गुस्सा होता है तो वह मौत की आज्ञा दे सकता है। लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति राजा से बात करना जानता है ताकि वह उसके गुस्से को दया में बदल सके।
15 अगर राजा अच्छे मूड में होता है तो वह दूसरे व्यक्ति को माफ़ कर सकता है और उसका जीवन बख्श सकता है। जैसे फसल बसंत की बारिश पर निर्भर करती है वैसे ही व्यक्ति का जीवन राजा के अनुग्रह पर निर्भर करता है।
16 बुद्धिमान बनने का हर संभव प्रयास करो क्योंकि बुद्धि सोने से ज़्यादा बेहतर है। समझदार व्यक्ति बनने का हर संभव प्रयास करो क्योंकि समझ शुद्ध चाँदी से ज़्यादा कीमती है।
17 जो लोग परमेश्वर पर विश्वास करते हैं वे ऐसा जीवन जीते हैं कि वे बुराई नहीं करते। जो सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह खुद को मुसीबतों से दूर रखेगा।
18 घमंड व्यक्ति को नष्ट कर देगा। अहंकार करने वाला व्यक्ति अपने गलत कामों से दु:ख उठाएगा।
19 ईमानदार होना और गरीब लोगों के बीच रहना अपराधियों के साथ दूसरे व्यक्ति को लूटने और इस बात पर घमंड करने से ज़्यादा बेहतर है कि तुम दूसरे अपराधियों के साथ अमीर बन गए।
20 जो आज्ञाओं को ध्यान से सुनता है और बुद्धि से काम करता है वह सफल होगा। और जो प्रभु पर भरोसा रखता है वह आशीषित और सुखी जीवन जिएगा।
21 जिसका दिल बुद्धि से भरा है वह समझदार व्यक्ति के नाम से जाना जाएगा। बुद्धिमान व्यक्ति दूसरों का अनुग्रह जीतना जानता है। वह सोच-समझकर बोलता है और उसकी बातें भरोसेमंद लगती हैं।
22 बुद्धिमान व्यक्ति इतने आनन्द से ज्ञान प्राप्त करता है जैसे की वह जीवन देने वाले सोते से पी रहा है। लेकिन मूर्ख कुछ भी सीखना नहीं चाहता इसलिए उस पर अपना समय बर्बाद न करें।
23 अगर किसी व्यक्ति का दिल बुद्धि से भरा है तो वह बुद्धि से बोलेगा और उसके शब्द भरोसेमंद लगेंगे।
24 दया की बातें शहद की तरह मीठी होती हैं। वे प्राण को आनन्द से भर देती हैं और चंगाई लाती है।
25 ऐसा खतरनाक रास्ता है जो इन्सान के नज़रिये से सही लगता है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति इस रास्ते को चुनेगा तो यह उसे मौत की ओर ले जाएगा।
26 हर एक को काम करना चाहिए। जो काम नहीं करता, वह भूखा रहेगा।
27 नीच व्यक्ति बुराई करने की योजना बनाता है। उसकी बातें आग की तरह खतरनाक हैं।
28 जो लड़ाई से प्यार करता है वह झगड़े की स्थिति पैदा करता है। और जो अफ़वाहें फैलाता है वह दोस्तों के बीच अच्छे रिश्ते को तोड़ देता है।
29 बुरे इरादों वाला व्यक्ति दूसरों को सही मार्ग से भटकाएगा। वह लोगों को गलत काम करने के लिए उकसाएगा।
30 उसकी आँखें बुरी हैं। वह अपनी बुरी योजनाओं के बारे में सोचता है और बुरी मुस्कराहट के साथ अपराध करता है।
31 सही काम करने के लिए उत्सुक रहने वाला विश्वासी लोगों से आदर पाएगा और वह पक्के बाल होने तक जीवित रहेगा।
32 बड़ा धीरज रखने वाला व्यक्ति उस व्यक्ति से बेहतर है जो बहादुरी से लड़ने लगता है। और जो अपने आप को वश में रखना जानता है वह नगरों को जीतने वाले से अधिक शक्तिशाली है।
33 व्यक्ति पर्ची डालता है और अच्छी किस्मत की आशा करता है। लेकिन उसकी किस्मत का फैसला प्रभु करता है पर्ची नहीं।
1 A person makes plans in his heart. But the Lord wants to achieve His goals, so He has the final word.
2 A person may think that everything he does is right. But the Lord knows the true motives of a man. And only God can judge if a person does what is right.
3 Commit to the Lord everything you do. Then you will be able to fulfill your plans.
4 Everything the Lord does has its purpose. He also has a plan for the one who rejects Him. Such a person will perish on the day when disaster comes upon him.
5 Anyone whose heart is filled with pride is disgusting to the Lord. An arrogant person will not be able to escape punishment.
6 If a person shows compassion and acts according to the teaching of the truth, God will cleanse him from his sin. The one who fears the Lord will do no evil.
7 When the Lord is pleased with the way you act, He will even make your enemies live at peace with you.
8 It is better to have little income and live honestly than to gain a lot of profit by illegal means.
9 A person makes plans in his heart and thinks about what he should do. But it is the Lord who directs the life of a person.
10 The words of a king have authority that God gave him. That is why when a king judges others, he must make fair decisions.
11 The Lord wants sellers to use accurate scales and correct measuring cups. The Lord delights when all the weights in the seller's bag match their weight.
12 A king must hate when the law is broken. If he acts with justice, it will make his authority even stronger.
13 A king wants to know the truth. That is why he appreciates the one who does not hide the truth from him.
14 If a king gets angry, he may pass a death sentence. But a wise person knows how to talk to the king to turn his anger into mercy.
15 If a king is in a good mood, he may pardon a person and grant him his life. As harvest depends on spring rain so the life of a person depends on the favor of a king.
16 Do your best to become wise because wisdom is much better than gold. Do your best to become a person of understanding because understanding is more precious than pure silver.
17 Believers live in such a way that they do not do evil. The one who is eager to do what is right will keep himself out of trouble.
18 Pride will destroy a person. The one who shows arrogance will suffer from his wrong actions.
19 It is better to be honest and live among the poor than to commit a crime and to be proud of becoming rich with looted property along with other criminals.
20 The one who listens carefully to the commandments and acts wisely will succeed. And the one who trusts in the Lord will live a blessed and happy life.
21 The one whose heart is wise will earn a reputation of a person of understanding. A wise person knows how to win favor with others. He speaks thoughtfully, and his speech sounds convincing.
22 A wise person gains knowledge with such joy as if he is drinking from a fountain that brings life. But a fool wants to learn nothing, so do not waste your time on him.
23 If a person has a wise heart, he will speak with wisdom, and his words will sound convincing.
24 Kind words are as sweet as honey. They fill the soul with joy and bring healing.
25 There is a dangerous path that seems right from a human point of view. But if a person chooses this path, it will lead him to death.
26 Everyone should earn his living. The one who does not work will starve.
27 A wicked person plans to do evil. His words are as dangerous as fire.
28 He who loves fighting creates conflict situations. And he who spreads gossip breaks good relationships between friends.
29 A person who has evil intentions will lead others astray from the right path. He will provoke people to do what is wrong.
30 He looks evil. He thinks over his wicked plans and commits crime with a grin.
31 A believer who is eager to do what is right will earn the respect of others and live long to the very gray hair.
32 A person who has great patience is better than the one who starts fighting bravely. And he who knows how to control himself is stronger than the one who conquers cities.
33 A person casts lots and hopes for good luck. But his fate is decided not by the lot, but by the Lord.

अध्याय 17

Chapter 17

1 बहस और झगड़ा पसन्द करने वालों के साथ उत्सव की मेज पर बैठने से अच्छे लोगों के साथ रोटी का सूखा टुकड़ा बाँटना बेहतर है।
2 बुद्धिमान दास अपने स्वामी के दुष्ट बेटे को वश में करना जानता है। इसलिए इस दास को अपने स्वामी के सब बेटों के साथ विरासत का हिस्सा मिलेगा।
3 जैसे आग चाँदी और सोने को अशुद्धियों से शुद्ध करने के लिए परीक्षा करती है वैसे ही प्रभु लोगों को पाप से शुद्ध करने के लिये उनके दिल की परीक्षा करता है।
4 नीच व्यक्ति उनकी बातें ध्यान से सुनता है जो दूसरों को बुराई करने के लिए उकसाते हैं। और झूठा व्यक्ति चुगली करने वालों की बातें खुशी से सुनता है।
5 जो व्यक्ति गरीब लोगों का मज़ाक उड़ाता है वह परमेश्वर का अपमान करता है जिसने उन्हें जीवन दिया। जो दूसरे व्यक्ति की मुसीबत में आनन्दित होता है वह सजा से बच नहीं पाएगा।
6 अगर बच्चे अपने माता-पिता का आदर करते हैं तो वे अपने दादा-दादी का भी आदर करेंगे। और यह बुजुर्गों को बहुत आनंद देगा।
7 अगर कोई मूर्ख बुद्धिमान की तरह बोलने की कोशिश करता है तो लोगों में भ्रम पैदा होता है। लेकिन अगर कोई आदरणीय व्यक्ति झूठी बातें फैलाता है तो लोग और भी हैरान हो जाते हैं।
8 जो रिश्वत देता है वह सोचता है कि वह जहाँ भी जाएगा, वहाँ उसे चमत्कारिक रूप से सफल होने में मदद मिलेगी।
9 जो प्यार और मित्रता बनाए रखना चाहता है वह लोगों की गलतियों को माफ़ कर देगा। लेकिन जो पिछली गलतियों की याद दिलाता है वह रिश्तों को नष्ट कर देगा और अपने दोस्तों को खो देगा।
10 बुद्धिमान व्यक्ति पर एक डांट का प्रभाव मूर्ख को सौ बार मारने के प्रभाव से ज़्यादा अच्छा होता है।
11 जो नफ़रत भड़काता है वह बुराई करने की योजना बनाता है। उसके खिलाफ़ बेरहम और गुस्से से भरा दूत भेजा जाएगा।
12 ऐसे भालू की माँ से मिलना कितना खतरनाक है जिसके बच्चे ले लिए गए हैं! लेकिन ऐसे मूर्ख के साथ व्यवहार करना और भी खतरनाक है जो बेवकूफी से काम करता है।
13 जो तुम्हारे साथ भला करते हैं उनको नुकसान न पहुँचाना। नहीं तो, बुराई हमेशा के लिए तुम्हारे घर में बस जाएगी।
14 जो झगड़ा शुरू करता है वह उस व्यक्ति की तरह है जो बांध को तोड़ता है। झगड़े से बचना इसके नतीजों से निपटने की तुलना में बेहतर है।
15 प्रभु दो बातों से नफ़रत करता है। वह घृणा करता है जब नीच व्यक्ति को सही ठहराया जाता है और निर्दोष व्यक्ति पर आरोप लगाया जाता है।
16 मूर्ख सोचता है कि अगर उसके पास बहुत पैसा होगा तो यह उसकी समस्याओं का समाधान कर देगा। लेकिन कोई भी पैसा उसकी मदद नहीं कर सकता जो बुद्धि को नहीं ढूँढता।
17 सच्चा दोस्त अच्छे समय के साथ-साथ बुरे समय में भी तुम्हारे साथ रहेगा। और मुसीबत के समय रिश्तेदार तुम्हारी मदद करेंगे।
18 कितना मूर्ख है वह जो ज़मानती बनता है और दूसरे के कर्ज को भरने का वादा करता है!
19 जो झगड़ा करना पसन्द करता है वह पाप से प्यार करता है। और जो डींग मारना पसन्द करता है वह मुसीबत में पड़ेगा।
20 जो बुराई करने की योजना बनाता है वह सफल नहीं होगा। और जो झूठ फैलाएगा, वह मुसीबत में पड़ेगा।
21 जिनके बच्चे मूर्खता करते हैं उनके माता-पिता पर धिक्कार है। मूर्ख बेटा अपने पिता को आनन्द नहीं देगा।
22 अगर किसी का दिल आनन्द से भर जाता है तो यह उसे दवा की तरह चंगा करता है। लेकिन अगर किसी व्यक्ति की आत्मा टूट जाती है और उदास होती है तो वह बीमार और थका हुआ महसूस करेगा।
23 भ्रष्ट न्यायी गलत फ़ैसला लेने के लिए चुपके से रिश्वत लेता है।
24 जब बुद्धिमान व्यक्ति किसी बात के विषय में सीखता है तब वह छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देता है। लेकिन मूर्ख विचलित रहता है और किसी भी बात पर ध्यान नहीं लगा सकता।
25 बेवकूफ बेटा अपने पिता के लिए हाय लाता है और अपनी माता को दुःख देता है।
26 यह अन्याय है जब निर्दोष व्यक्ति अपराधियों के अपराध की सजा काटता हैं। यह सही नहीं जब आदरणीय लोगों को सच बोलने के लिए अदालत में लाया जाता है।
27 बुद्धिमान व्यक्ति अधिक नहीं बोलता। वह अच्छा सोचता है और हर स्थिति में शान्त रहता है।
28 जब मूर्ख चुप रहता है तब वह बुद्धिमान दिखाई दे सकता है। जब तक वह अपना मुँह बन्द रखता है तब तक वह होशियार दिखाई देता है।
1 It is better to share a dry piece of bread with friendly people than to sit at a festive table with those who love arguing and quarreling.
2 A wise servant knows how to influence the wicked son of his master. So the servant will be able to receive a share of the inheritance along with all the sons of his master.
3 As fire tests silver and gold to purify them from impurities so does the Lord who tests the hearts of people to cleanse them from sin.
4 A wicked person willingly listens to those who provoke others to do evil. And a liar willingly listens to those who spread gossip.
5 The one who mocks poor people insults God who gave them life. The one who rejoices in the disaster of another person will not be able to escape punishment.
6 If children respect their parents, they will also respect their grandparents. And it will bring great joy to the elderly.
7 If a fool tries to speak like an intelligent person, it causes confusion. But if a respected person spreads lies, it is even more puzzling.
8 The one who gives a bribe thinks that it will help him succeed miraculously wherever he goes.
9 The one who wants to keep love and friendship will forgive others their mistakes. But the one who keeps reminding of old offenses will destroy relationships and lose his friends.
10 One rebuke will have a better effect on a wise person than a hundred blows on a foolish person.
11 The one who stirs up hatred plans to do evil. An angel full of rage and anger will be sent against such a person.
12 How dangerous it is to meet a mother bear who is robbed of her cubs! But it is even more dangerous to deal with a fool who acts without thinking.
13 Do not harm those who do good to you. Otherwise, evil will settle into your house.
14 The one who starts quarreling is like a person who breaks a dam. It is better to avoid conflict than to deal with its consequences.
15 The Lord hates two things. It is disgusting to Him when a wicked person is justified and when an innocent person is accused.
16 A fool thinks that if he has a lot of money, it will solve his problems. But no money can help the one who does not seek wisdom.
17 A true friend will be with you in good times and bad. And your relatives will help you in times of trouble.
18 How foolish is he who becomes a guarantor and promises to pay off the debts of another person!
19 The one who loves quarreling loves sinning. And the one who loves bragging will face trouble.
20 The one who plans to do evil will not succeed. And the one who spreads slander will face trouble.
21 Woe to those parents whose children act foolishly. A foolish son will not bring joy to his father.
22 If joy fills the heart of a person, it heals him like medicine. But if the spirit of a person is broken and oppressed, he will feel sick and tired.
23 A corrupt judge secretly takes a bribe to make an unfair decision.
24 When a wise person learns something, he goes into every detail. But a fool gets distracted and cannot concentrate on anything.
25 A foolish son brings woe to his father and sorrow to his mother.
26 It is unfair when the innocent pay for the crimes of others. It is wrong when respected people are brought to the court for speaking the truth.
27 A wise person does not speak much. He thinks soundly and keeps calm in any situation.
28 When a fool is silent, he may look wise. As long as he keeps his mouth shut, he looks smart.

अध्याय 18

Chapter 18

1 स्वार्थी व्यक्ति अपने हितों को दूसरों के हितों से ऊपर रखता है। वह उन लोगों से बहस करता है जो उसे अच्छी सलाह देते हैं।
2 मूर्ख सीखना पसन्द नहीं करता। उसके पास कोई ज्ञान नहीं लेकिन वह अपनी बात पर जोर देना पसन्द करता है।
3 लोग नीच व्यक्ति से घृणा करेंगे। वह बुरा नाम कमाएगा और अपने आप को शर्मिंदा करेगा।
4 बुद्धिमान व्यक्ति के शब्दों में गहरा मतलब छिपा हुआ होता है। यह सबसे गहरे समुद्र जितना गहरा है। जब वह बोलता है तब उसके शब्द तेज धारा की तरह बहते हैं।
5 यह ठीक नहीं कि कोई न्यायी किसी अपराधी को निर्दोष ठहराए और किसी निर्दोष को दण्ड दे।
6 मूर्ख की बातें झगड़े की ओर ले जाती हैं जो लड़ाई में बदल जाती है।
7 मूर्ख की बातें उसका जीवन को नष्ट कर देती है। वह मुसीबत में पड़ जाएगा और अपनी ही बातों से फंदे में फंस जाएगा।
8 अगर कोई व्यक्ति बकबक करना पसन्द करता है तो उसका दिल झूठ से भर जाता है। और वह बकबक करने का उतना ही आनन्द लेता है जितना लोग स्वादिष्ट भोजन का आनन्द लेते हैं।
9 आलसी मज़दूर उस व्यक्ति से अलग नहीं जो जानबूझकर अपने मालिक को नुकसान पहुँचाता है।
10 प्रभु का नाम एक मजबूत मीनार की तरह विश्वासी की रक्षा करता है। जो मुसीबत के समय परमेश्वर की ओर देखता है वह सुरक्षित होगा।
11 लेकिन अमीर व्यक्ति अपने धन पर भरोसा रखता है। वह सोचता है कि जैसे ऊँची दीवारें मजबूत शहर की रक्षा करती हैं वैसे ही उसका धन उसे मुसीबत से बचाएगा।
12 घमंडी व्यक्ति मुसीबत में पड़ेगा। लेकिन जो दूसरों से घृणा नहीं करता, वह लोगों से आदर पाएगा।
13 किसी को जवाब देने से पहले उसकी सुनना। नहीं तो, तुम मूर्ख दिखाई दोगे और शर्मिंदगी की स्थिति में आ जाओगे।
14 अगर कोई व्यक्ति अन्दर से मजबूत है तो वह बीमारी से लड़ पाएगा। लेकिन ऐसे व्यक्ति की मदद कैसे करें जिसने सारी आशा खो दी और जिसका दिल ही टूट गया हो?
15 बुद्धिमान व्यक्ति पूरे दिल से ज्ञान की खोज में रहता है। वह बुद्धिमान हो जाएगा क्योंकि जब दूसरे उसे सिखाते हैं तब वह ध्यान से सुनता है।
16 दान देने वाले व्यक्ति को नए मौके मिलेंगे और वह अधिकारी लोगों से मिलेगा।
17 जो अदालत में पहले बोलता है वह सही लगता है। लेकिन जब तक न्यायी दोनों पक्षों को नहीं सुनता, तब तक वह कोई फ़ैसला नहीं ले सकता।
18 अगर अधिकारी लोग एक-दूसरे से सहमत नहीं हो सकते तो उनके झगड़े को पर्चियाँ डालकर सुलझाया जा सकता है।
19 मज़बूत शहर को जीतना रूठे हुए व्यक्ति को मनाने से आसान है। जब लोग झगड़ते हैं तब वे अपने दिलों को ऐसे कसकर बन्द कर लेते हैं जैसे वे किसी मजबूत किले के दरवाज़े को बन्द करते हैं।
20 शब्द बीजों की तरह होते हैं जो बाद में फल लाएंगे। व्यक्ति का दिल उसकी बातों से भर जाएगा। और उसके शब्द उसके पूरे जीवन को प्रभावित करेंगे।
21 शब्दों में शक्ति होती है। वे जीवन और मौत दोनों ला सकते हैं। और जिन चीजों के बारे में व्यक्ति बात करना पसन्द करता है वही उसके जीवन में होगा।
22 जिसने पत्नी को पाया, उसने अपनी खुशी पाई और प्रभु की ओर से आशीष पाई है।
23 जब कोई गरीब व्यक्ति किसी अमीर व्यक्ति से मदद माँगता है तब उसे मदद की बजाय कठोरता भरा इनकार भी मिल सकता है।
24 किसी व्यक्ति के कई अविश्वसनीय दोस्त हो सकते हैं। लेकिन सच्चा दोस्त भाई से ज़्यादा करीब हो जाता है।
1 A selfish person puts his own interests above the interests of others. He argues with those who give him good advice.
2 A fool does not like learning. He has no knowledge, but he likes defending his point of view.
3 People will treat a wicked person with contempt. He will earn a bad reputation and bring disgrace upon himself.
4 There is a deep meaning hidden in the words of a wise person. It is as deep as the deepest waters. When he speaks, his words flow like a rushing stream.
5 It is wrong when a judge justifies a criminal and sentences an innocent person.
6 The words of a fool lead to a quarrel that turns into a fight.
7 What a fool says ruins his life. He will face trouble and will be trapped by his own words.
8 If a person loves gossip, his heart is filled with slander. And he gets the same pleasure from gossip as from delicious food.
9 A lazy worker is no different from the one who intentionally causes harm to his employer.
10 The name of the Lord protects a believer like a strong fortress. The one who turns to God in times of trouble will be safe.
11 But a rich person trusts in his wealth. He thinks that it protects him from disaster like high walls protect a fortified city.
12 The one who is proud will face trouble. But the one who treats others without contempt will earn respect.
13 Listen to another person before answering him. Otherwise, you will look foolish and get into an awkward situation.
14 If a person has a strong spirit, he will be able to fight the disease. But how can you help the one who has lost all hope and become broken-hearted?
15 An intelligent person seeks knowledge with all his heart. He will become wise because he listens carefully when others teach him.
16 New opportunities will open up before a generous person, and he will meet influential people.
17 He who speaks first in the court seems to be right. But the judge cannot make any decision until he hears both sides.
18 If influential people cannot agree with each other, their dispute may be resolved by drawing lots.
19 It is easier to conquer a fortified city than to restore relationships with an offended person. When people quarrel, they close their hearts as tightly as they close the gates of a strong fortress.
20 Words are like seeds that will bear fruit. A person's heart will be filled with what he says. And his words will affect his whole life.
21 Words have power. They can bring both life and death. And what a person loves talking about will happen in his life.
22 The one who found a wife found his happiness and received a blessing from the Lord.
23 When a poor person asks a rich man for help, he may receive a rude refusal instead of help.
24 A person may have many unreliable friends. But a true friend becomes closer than a brother.

अध्याय 19

Chapter 19

1 कितना मूर्ख है वह व्यक्ति जो गैरकानूनी तरीकों से पैसा कमाने के लिए झूठ बोलता है। ईमानदार होकर गरीब होना बेहतर है।
2 अगर किसी व्यक्ति के पास ज्ञान नहीं तो वह बिना सोचे समझे काम करेगा। वह अपने जल्दबाज़ी के फैसलों के कारण मुसीबत में पड़ेगा।
3 कोई व्यक्ति मूर्खता से काम करता है और अपने ही जीवन को नष्ट कर लेता है। लेकिन अपने दिल में वह प्रभु पर गुस्सा होता है और अपनी असफलताओं के लिए उसे दोष देता है।
4 अगर कोई व्यक्ति अमीर हो जाता है तो उसके पास बहुत से दोस्त हो जाते हैं। लेकिन अगर वह गरीब हो जाता है तो उसके पास एक दोस्त भी नहीं बचता।
5 जो अदालत में झूठी गवाही देता है वह सज़ा से बच नहीं पाएगा। और जो झूठ बोलता है वह अपना जीवन नहीं बचा सकता।
6 बहुत से लोग अधिकारी की तरफ़दारी पाने के लिए उसे खुश करना चाहते हैं। और हर कोई किसी ऐसे व्यक्ति के साथ अच्छे संबंध बनाना चाहता है जो उसकी मदद कर सकता है।
7 गरीब व्यक्ति के सभी रिश्तेदार उसे पसन्द नहीं करते। इसके अलावा, उसके दोस्त उसके साथ कोई भी संबंध नहीं रखना चाहते। अगर वह उनसे सिर्फ़ बात करना चाहता है तो भी वे उसे अनदेखा कर देते हैं।
8 जो बुद्धि से काम करना चाहता है वह अपने लिए भलाई चाहता है। और जो समझ दिखाता है वह सफल जीवन जिएगा।
9 जो अदालत में झूठी गवाही देता है वह सज़ा से बच नहीं पाएगा। और जो झूठ बोलता है वह नाश हो जाएगा।
10 मूर्ख को ऐश ओ आराम में नहीं जीना चाहिए। इसके अलावा, दास को अपने स्वामी को आदेश नहीं देना चाहिए।
11 समझदार व्यक्ति गुस्सा नहीं होता लेकिन वह धीरज धरता है। लोग उसका आदर करते हैं क्योंकि वह उन्हें उनकी गलतियों के लिए माफ़ कर देता है और उनके खिलाफ़ कोई अपराध नहीं करता।
12 जब राजा गुस्सा होता है तब वह दहाड़ते हुए शेर की तरह होता है जो अपने पास आने वाले को फाड़ डालने के लिए तैयार रहता है। लेकिन जब राजा अच्छे मूड में होता है तब वह अपने पास आने वाले पर अपनी कृपा दिखाता है। और उसकी दया जीवन देने वाली ओस के तरह है जो सुबह घास पर गिरती है।
13 बेवकूफ बेटा अपने पिता के लिए बहुत मुसीबतें लाता है। बड़बड़ाने वाली पत्नी अपने पति को टपकते पानी की तरह परेशान करती है।
14 माता-पिता अपने बेटे के लिए घर और धन विरासत के रूप में छोड़ कर जा सकते हैं। लेकिन सिर्फ़ प्रभु ही बुद्धिमान पत्नी दे सकता है।
15 जो आलसी होना पसन्द करता है उसे सोना अच्छा लगता है। और जो काम करने से इंकार करता है वह भूखा रहेगा।
16 जो आज्ञाओं का पालन करता है वह अपने प्राण को बुराई से बचाता है। लेकिन जो अपने कामों के परिणामों के बारे में नहीं सोचता और लापरवाही से व्यवहार करता है वह नाश हो जाएगा।
17 जो गरीब लोगों की मदद करता है वह प्रभु को उधार देता है। परमेश्वर कर्ज में नहीं रहेगा और वह ऐसे व्यक्ति को उसके अच्छे कामों के लिए ईनाम देगा।
18 जो अपने बेटे को सुधारता है वह आशा करता है कि उसका बेटा जीवन में ठीक मार्ग चुनेगा। लेकिन जो अपने बेटे को नहीं सुधारता, वह अपने बेटे का जीवन नष्ट कर देगा।
19 गर्म स्वभाव के व्यक्ति को उसके कामों के परिणामों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। लेकिन अगर तुम उसे उसकी ज़िम्मेदारी से दूर करने में मदद करते हो तो तुम्हें हर समय उसकी समस्याओं का समाधान करना होगा।
20 अगर तुम सलाह को सुनोगे और उचित सुधारों पर ध्यान दोगे तो बाद में तुम बुद्धिमानी से काम करना सीखोगे।
21 व्यक्ति अपने दिल में बहुत सी चीज़ों की योजनाएँ बना सकता है। लेकिन सिर्फ़ वही योजना पूरी होगी जो प्रभु ने बनाई है।
22 गैरकानूनी तरीकों से पैसा कमाने से गरीब होना अच्छा है। गरीब व्यक्ति दूसरों की मदद करने का आनन्द ले सकता है।
23 जो प्रभु का भय मानता है वह सुखी जीवन जिएगा। वह अपने जीवन के हर दिन के लिए परमेश्वर का आभारी रहेगा और बुराई उसके पास नहीं आएगी।
24 आलसी व्यक्ति चम्मच तो लेता है लेकिन वह उसे अपने मुँह तक नहीं उठाना चाहता।
25 अगर तुम किसी ऐसे व्यक्ति का उचित सुधार करोगे जो अनादर से व्यवहार करता है तो वह तुम्हें नहीं सुनेगा। इसलिए उसे अपने कामों के परिणामों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। तब साधारण लोग भी समझ से काम करना सीख जाएंगे। लेकिन अगर तुम किसी बुद्धिमान व्यक्ति का उचित सुधार करोगे तो वह समझ जाएगा कि उसे अपने व्यवहार को सुधारना चाहिए।
26 जो बेटा अपने पिता को बर्बाद कर देता है और अपनी माँ को घर से भगा देता है वह शर्मिंदगी भरा व्यवहार करता है और अपने आप को बदनाम करता है।
27 हे मेरे बेटे, अगर तुम उचित सुधारों पर ध्यान देना बन्द कर दोगे तो तुम बेवकूफी भरी गलतियाँ करने लगोगे।
28 जब गवाह झूठी गवाही देता है तब अदालत का मज़ाक बन जाता है। और जब कोई अपराधी बोलता है तब वह कुशलता से झूठ बोलता है।
29 अपराधी न्याय से नहीं बच सकता। और मूर्ख पिटाई से नहीं बच सकता।
1 How foolish is the one who tells lies to make money by illegal means! It is better to be poor, but honest.
2 If a person does not have knowledge, he will act thoughtlessly. He will face trouble because of his hasty decisions.
3 A person acts foolishly and destroys his own life. But in his heart he is angry with the Lord and blames Him for his failures.
4 If a person becomes rich, he will have many friends. But if he becomes poor, he will not have a single friend left.
5 The one who gives false testimony in court will not be able to escape punishment. And the one who tells lies cannot save his life.
6 Many people want to please the one who has authority to earn his favor. And everyone wants to have good relationships with a person who can be useful to him.
7 All the relatives of a poor person dislike him. Moreover, his friends do not want to maintain any relationships with him. They ignore him, even if he just wants to talk to them.
8 The one who is eager to act wisely desires good for himself. And the one who shows understanding will live in prosperity.
9 The one who gives false testimony in court will not be able to escape punishment. And the one who tells lies will perish.
10 A fool should not live in luxury. Moreover, a slave should not give orders to his master.
11 A person of understanding does not get angry, but he shows patience. People treat him with respect because he forgives them their mistakes and does not hold any offense against them.
12 When a king becomes angry, he is like a roaring lion, ready to tear apart anyone who approaches him. But when a king is in a good mood, he shows his favor to the one who comes to him. And his mercy is like life-giving dew that falls on the grass in the morning.
13 A foolish son brings a lot of trouble to his father. A grumbling wife irritates her husband like dripping water.
14 Parents can leave a house and wealth as an inheritance. But only the Lord can give a wise wife.
15 He who loves to be lazy loves to sleep. And the one who refuses to work will starve.
16 The one who keeps the commandments protects his life from evil. But the one who does not think about the consequences of his actions and behaves irresponsibly will perish.
17 The one who helps the poor lends to the Lord. God will not remain in debt, and He will reward such a person for his good deeds.
18 The one who corrects his son has hope that he will choose the right path in life. But the one who does not discipline his son will destroy his life.
19 The one who is hot-tempered should be responsible for the consequences of his actions. But if you help him escape responsibility, you will have to solve his problems all the time.
20 If you listen to advice and pay attention to proper corrections, you will learn to act wisely later.
21 A person can plan anything in his heart. But only what the Lord has planned will come true.
22 It is better to be poor than to make money by illegal means. A poor person can help others and enjoy it.
23 The one who fears the Lord will live a happy life. He will be grateful to God for every day of his life, and evil will not come close to him.
24 A lazy person takes a spoon, but he is reluctant to lift it up to his mouth.
25 If you make a proper correction to the one who acts disrespectfully, he will not listen to you. So he must be responsible for the consequences of his actions. Then even a simple person will learn a lesson to act with understanding. But if you make a proper correction to a wise person, he will understand that he should correct his behavior.
26 Shame and disgrace to the son who ruins his father and chases his mother out of the house.
27 My son, if you stop paying attention to proper corrections, you will begin to make foolish mistakes.
28 When a witness gives false testimony, the court turns into a mockery. And when a criminal speaks, he tells skillful lies.
29 A criminal will not be able to escape judgment. And a fool will not be able to escape being beaten.

अध्याय 20

Chapter 20

1 जो शराब पीता है, वह अपना तमाशा बनाता है। जो तीखी शराब पसन्द करता है, वह दूसरों से झगड़ता है। जो लोग शराब के आदी हैं वे बेवकूफी भरे काम करेंगे।
2 जब राजा गुस्से से भर जाता है तब वह दहाड़ते हुए शेर की तरह होता है। जो राजा के गुस्से को भड़काता है वह अपना जीवन खो सकता है।
3 कोई भी मूर्ख झगड़ा शुरू कर सकता है। लेकिन जो झगड़ों को सुलझाना जानता है वह आदर के योग्य है।
4 आलसी व्यक्ति बीज बोने के लिए भूमि को नहीं जोतता। वह व्यर्थ ही उस खेत में फसल का इन्तज़ार करता है जहाँ उसने कुछ भी नहीं बोया।
5 व्यक्ति के विचारों में इतनी गहराई होती है कि उसकी तुलना गहरे समुद्र से की जा सकती है। लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति अपने विचारों को इस तरह से कहना जानता है कि दूसरे लोग उसे समझ सकें।
6 व्यक्ति के आस-पास बहुत से लोग हो सकते हैं जो खुद को उसका दोस्त कहते हैं। लेकिन एक सच्चा दोस्त मिलना कितना मुश्किल है जो तुम्हें कभी असफल नहीं होने देगा!
7 अगर कोई विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है तो उसके बच्चे आशीषित और सुखी जीवन जिएंगे।
8 जब राजा अपराधी पर दंड की आज्ञा सुनाता है तब अपराधी के लिए राजा की ओर देखना कितना भयानक है!
9 कौन ऐसा कहने की हिम्मत कर सकता है, “मैंने अपने दिल को साफ़ किया और अपने पाप से छुटकारा पाया?”
10 प्रभु नफ़रत करता है जब बेचने वाले दूसरों को धोखा देने के लिए गलत तराजू और गलत मापने वाले प्यालों का इस्तेमाल करते हैं।
11 एक बच्चे के चाल-चलन को देखो। अगर उसके माता-पिता ने उसे सही तरीके से पाला है तो वह ईमानदारी से काम करेगा।
12 प्रभु ने लोगों को देखने और सुनने की क्षमता दी ताकि वे बुद्धि की बातें सीख सकें।
13 जो नींद से प्यार करता है वह गरीब हो जाएगा। लेकिन जो थके हुए भी काम करता है उसके पास जीवन भर के लिए जरूरत की हर चीज़ होती है।
14 शुरुआत में खरीददार कीमत कम करने के लिए सामान की गुणवत्ता के बारे में शिकायत करता है। लेकिन बाद में वह दूसरों के सामने फूलता है कि वह एक अच्छी कीमत पर अच्छा सामान खरीद पाया।
15 जब लोग योग्यता के साथ बोलते हैं तब उनकी बातें बहुमूल्य पत्थर से अधिक कीमती होती हैं। ऐसे शब्द सोने और अनमोल गहने से भी अधिक मूल्यवान हैं।
16 अगर तुमने दूसरे व्यक्ति का कर्ज चुकाने का वादा किया लेकिन तुम ऐसा नहीं कर पाए तो लेनदार तुम्हारी सारी संपत्ति ले लेंगे। तुम्हारे पास कपड़े भी नहीं बचेंगे।
17 जो गैरकानूनी तरीकों से पैसा कमाना पसन्द करता है वह उसी तरह इसका आनन्द लेता है जैसे लोग स्वादिष्ट भोजन का आनन्द लेते हैं। लेकिन बाद में उसे ऐसा लगेगा जैसे उसे उल्टी हो रही है क्योंकि उसने गंदगी खाई है।
18 अगर तुम समझदार लोगों से सलाह लोगे तो तुम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाओगे। बिना योजना के युद्ध में जल्दबाज़ी न करना, नहीं तो, तुम हार जाओगे।
19 जो अफ़वाहें फैलाता है वह भेद को छिपाना नहीं जानता। जो बहुत अधिक बोलता है उसके साथ संगति न रखना।
20 अपने माता-पिता का अपमान करने वाले का जीवन उस दीपक की तरह होगा जो घोर अन्धकार में चमकना बन्द कर देगा।
21 जितनी जल्दी कोई व्यक्ति अपनी विरासत प्राप्त करता है भविष्य में उसे उतना ही कम लाभ और आशीष मिलेगी।
22 जिस व्यक्ति ने तुम्हारे साथ गलत किया उस से यह मत कहो, “जैसा तुमने मेरे साथ किया, वैसा ही मैं भी तुम्हारे साथ करूँगा।” इस स्थिति को प्रभु के हाथ में सौंप दो और वह बुराई से तुम्हारी रक्षा करेगा।
23 जब बेचने वाले खरीददारों को धोखा देते हैं और असली वजन से मेल न खाने वाले बट्टों का इस्तेमाल करते हैं तब प्रभु इससे नफ़रत करता है। गलत तराजू से तुम्हारा कोई भला नहीं होगा।
24 प्रभु व्यक्ति के जीवन की दिशा निर्धारित करता है। और कोई भी नहीं जानता कि भविष्य में उसके साथ क्या होगा।
25 कोई भी वादा करने से पहले अच्छी तरह से सोचना। नहीं तो, तुम अपने ही शब्दों से मुसीबत में पड़ सकते हो।
26 जैसे लोग भूसी को अनाज से अलग करने के लिए दावने वाला पहिया चलाते हैं वैसे ही बुद्धिमान राजा नीच लोगों को अपने मुँह के सामने से दूर करता है।
27 प्रभु व्यक्ति के मन में ज्योति जलाता है ताकि वह व्यक्ति देख सके कि उसके मन की गहराइयों में क्या हो रहा है।
28 अगर कोई राजा दया दिखाए और सच्चाई की शिक्षा के अनुसार काम करे तो ये बातें बुराई से उसकी रक्षा करेंगी। और अगर राजा अपने लोगों का ध्यान रखे तो वह अपने देश पर बहुत दिनों तक राज्य करेगा।
29 जवान लोग अपनी शक्ति के लिए जाने जाते हैं। लेकिन जो बूढ़े लोग पक्के बाल होने तक जीवित हैं वे अपने बुद्धि के लिए जाने जाते हैं।
30 जो व्यक्ति बुराई करता है उसके चेहरे पर चोट के निशान होंगे। ऐसा व्यक्ति अपनी दुष्ट योजनाओं को तब तक नहीं छोड़ेगा जब तक उसे पीटा न जाए।
1 The one who drinks wine will make a fool of himself. The one who loves strong drink will get into fights. People who are addicted to alcohol will do foolish things.
2 When a king is full of anger, he is like a roaring lion. The one who provokes the wrath of a king may lose his life.
3 Any fool can stir up a quarrel. But the one who knows how to resolve conflicts is worthy of respect.
4 A lazy person will not plow the land to plant seeds. He will wait in vain for a harvest from a field where he planted nothing.
5 The thoughts of a person contain such depth that they could be compared to deep waters. And a wise person knows how to express his thoughts so that others could understand him.
6 A person may have many people around him who call themselves his friends. But how difficult it is to find a true friend who will never fail you!
7 If a believer is eager to do what is right, his children will live a blessed and happy life.
8 How terrifying it is for a criminal to look at the king when the king passes judgment on him!
9 Who would dare to say, “I cleansed my heart and got rid of sin?”
10 The Lord hates when sellers use inaccurate scales and wrong measuring cups to deceive others.
11 Observe the behavior of a child. If his parents raised him in the right way, he will act honestly.
12 The Lord gave people the ability to see and hear so that they could learn wisdom.
13 The one who loves sleeping will become poor. But the one who works despite being tired will have all he needs for life.
14 In the beginning, the buyer complains about the quality of a product to bring the price down. But later he boasts to others that he was able to buy a great product at a good price.
15 Words spoken with competence are of greater value than precious stones. They are more valuable than gold and many jewels.
16 If you promised to pay off the debts of another person, but you failed to do so, the creditors will take all your possessions. You will not even have clothes left.
17 The one who loves making money by illegal means enjoys it like people enjoy delicious food. But later he will feel like a person who is vomiting because he has eaten dirt.
18 You will be able to achieve your goal if you consult with competent people. Do not rush into battle without a plan, otherwise you will be defeated.
19 The one who spreads gossip does not know how to keep secrets. Do not fellowship with the one who talks too much.
20 The life of a person who insults his father and mother will be like a lamp that will stop shining in complete darkness.
21 The sooner a person receives his inheritance, the less benefit and blessing it will bring him in the future.
22 Do not say to the person who wronged you, “I will do to you what you did to me.” Give this situation into the hands of the Lord, and He will protect you from evil.
23 The Lord hates when sellers deceive buyers and use the weights that do not match their weight. Inaccurate scales will not do you any good.
24 The Lord determines the direction of a person's life. And no one knows what will happen to him in the future.
25 Think carefully before promising anything. Otherwise, you may suffer from your own words.
26 As people use a threshing wheel to separate the husk from the grain so a wise king removes wicked people from his presence.
27 The Lord turns on the light in a person's spirit so that a person could see what is going on in the depths of his heart.
28 If a king shows compassion and acts according to the teaching of the truth, it will protect him from evil. And if the king takes care of his people, he will rule the country for a long time.
29 Young people are known for their strength. But elderly people who have lived to the very gray hair are known for their wisdom.
30 The one who does evil will have bruises on his face. Such a person will not give up his wicked plans until he is beaten.

अध्याय 21

Chapter 21

1 अगर प्रभु चाहे तो वह तेज धारा वाली नदी की दिशा बदल सकता है। और उसी तरह से वह राजा के विचारों की दिशा भी बदल सकता है क्योंकि परमेश्वर राजा के दिल को अपने हाथ में रखता है।
2 कोई व्यक्ति सोच सकता है कि वह हमेशा वही करता है जो सही है। लेकिन प्रभु व्यक्ति के दिल के असली इरादों को जानता है। और सिर्फ़ परमेश्वर ही न्याय कर सकता है कि व्यक्ति सही करता है या नहीं।
3 जब कोई व्यक्ति सही फैसले लेता है और सही काम करता है तब प्रभु उस से प्यार करता है। लेकिन जो जीवन में गलत रास्ता चुनता है और उसकी तरफ़दारी पाने के लिए परमेश्वर को बलिदान चढ़ाता है वह प्रभु को खुश नहीं कर पाएगा।
4 जो पाप में जीता है और बुरे काम करता है, वह दूसरों को घमण्ड की दृष्टि से देखता है क्योंकि उसका मन घमण्ड से भरा हुआ है।
5 जो काम करना पसन्द करता है वह अपने काम को बढ़िया तरीके से करने का हर संभव प्रयास करता है। इसलिए वह सफलता में जिएगा। लेकिन जो लापरवाही से काम करता है और जल्दबाज़ी में अपना काम खत्म करता है वह गरीबी में जिएगा।
6 अगर कोई व्यक्ति अमीर होने के लिए झूठ बोलता है तो यह उसे मौत की ओर ले जाएगा। और उसकी दौलत पूरी तरह से गायब हो जाएगी।
7 जो न्याय करने से इन्कार करता है और दूसरों के साथ क्रूरता करता है उसके साथ भी क्रूरता की जाएगी।
8 जिसने अपराध किया वह दूसरों को धोखा देगा। लेकिन निर्दोष व्यक्ति ईमानदारी से व्यवहार करेगा।
9 बड़े घर में झगड़ालू पत्नी के साथ रहने से छत के किनारे पर रहना बेहतर है।
10 नीच व्यक्ति को बुराई करना अच्छा लगता है। इसलिए उसे अपने दोस्त पर भी दया नहीं आती।
11 अगर तुम किसी ऐसे व्यक्ति का उचित सुधार करोगे जो अनादर से व्यवहार करता है तो वह तुम्हें नहीं सुनेगा। इसलिए उसे अपने कामों के परिणामों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। तब साधारण व्यक्ति भी समझ से काम करना सीख जाएगा। और जो समझ के साथ काम करता है वह आनन्द से और भी समझदार बनना सीखेगा।
12 नीच व्यक्ति अपने घर के बन्द दरवाजों के पीछे जो करता है उसे परमेश्वर देखता है। प्रभु न्यायी है इसलिए नीच व्यक्ति विपत्ति से बच नहीं पाएगा।
13 जब गरीब व्यक्ति तुम से मदद माँगे तब उसे अनदेखा न करना। नहीं तो, जब तुम्हारे सामने मुश्किल परिस्थिति आएगी तब तुम्हारी भी कोई मदद नहीं करेगा।
14 अगर कोई व्यक्ति तुम पर गुस्सा है और क्रोध से भरा हुआ है तो उस से मेल मिलाप करने के लिए उदारता दिखाना। तुम को उससे अकेले में मिलना और उसे कोई अच्छा उपहार देना चाहिए।
15 जब लोग न्याय करते हैं तब विश्वासी आनन्दित होता है क्योंकि वह सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है। लेकिन कानून तोड़ने वाला न्याय से डरता है।
16 जो सही मार्ग से भटक जाता है वह नाश होकर कब्र में जाएगा।
17 जो मनोरंजन पसन्द करता है वह गरीब हो जाएगा। जो शराब और भोग विलास में पैसा खर्च करना पसन्द करता है वह अमीर नहीं होगा।
18 अगर कोई नीच व्यक्ति किसी विश्वासी को नुकसान पहुँचाना चाहता है तो विश्वासी के बजाय वह खुद दुःख उठाएगा। और अगर कोई झूठा व्यक्ति किसी ईमानदार व्यक्ति पर आरोप लगाना चाहता है तो ईमानदार व्यक्ति के बजाय वह खुद दुःख उठाएगा।
19 झगड़ालू और गुस्से वाली पत्नी के साथ रहने के बजाय रेगिस्तान में रहना बेहतर है।
20 बुद्धिमान व्यक्ति के घर में कीमती चीजें और खाने-पीने की वस्तुएं होती हैं। लेकिन मूर्ख बिना किसी लक्ष्य के वह सब कुछ खर्च कर देता है जो वह कमाता है।
21 जो ईमानदारी से काम करता है और दूसरों के साथ अच्छा करता है वह सुखी जीवन जिएगा। लोग ऐसे व्यक्ति के साथ अच्छी तरह से व्यवहार करेंगे और उसका आदर करेंगे।
22 बुद्धिमान व्यक्ति उस शहर को जीत पाएगा जिसकी रक्षा हथियारबंद लोग करते हैं। ऐसा लगता है कि शहर के चारों ओर की दीवारों को तोड़ना नामुमकिन है। लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति जानता है कि यह कैसे करना है।
23 जो व्यक्ति कुछ भी कहने से पहले सोचता है और बहुत ज़्यादा नहीं बोलता, वह अपने आप को मुसीबतों से बचाएगा।
24 जो घमण्ड दिखाता और दूसरों को नीचा दिखाता है वह बिना किसी शर्म के बुराई करेगा।
25 आलसी आदमी काम नहीं करना चाहता इसलिए उसके सपने कभी भी पूरे नहीं होंगे। वह काम पर जाने के बजाय भूखा मरना पसन्द करेगा।
26 लालची व्यक्ति के पास हमेशा काफ़ी नहीं होता है इसलिए वह कभी भी जरूरतमंद लोगों की मदद नहीं करता। लेकिन एक विश्वासी जो कुछ उसके पास है उसे उदारता से दूसरों के साथ बाँटता है।
27 जब नीच लोग परमेश्वर का अनुग्रह पाने के लिए उसे बलिदान चढ़ाते हैं तब परमेश्वर उस से नफ़रत करता है। और प्रभु विशेष रूप से इससे नफ़रत करता है जब वे अपराध करने से पहले ऐसा करते हैं।
28 बेईमान व्यक्ति जो अदालत में झूठी गवाही देता है वह सजा से बच नहीं पाएगा। लेकिन ईमानदार व्यक्ति जो हमेशा सच बोलता है वह अदालत में वही बताएगा जो वह जानता है।
29 नीच व्यक्ति बेशर्मी से व्यवहार करता है और अपने कामों के परिणाम के बारे में नहीं सोचता। लेकिन विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है इसलिए वह कुछ भी करने से पहले सोचता है।
30 ऐसा कोई बुद्धिमान और चतुर व्यक्ति नहीं जो प्रभु को उसकी योजनाओं को पूरा करने से रोक सके।
31 जब कोई व्यक्ति अपने घोड़े को युद्ध के दिन के लिए तैयार करता है तब वह जीतने के लिए हर संभव प्रयास करता है। लेकिन जीत प्रभु की ओर से आती है।
1 If the Lord wants, He can change the direction of a raging river. And He can also change the direction of king's thoughts because God holds king's heart in His hand.
2 A person may think that he always does what is right. But the Lord knows the true motives of a person's heart. And only God can judge if a person acts in the right way.
3 The Lord delights when a person makes right decisions and acts justly. But the one who chooses a wrong path in life and brings sacrifices to God to win His favor will not be able to please the Lord.
4 The one who lives in sin and does evil deeds looks at others with arrogance because his heart is filled with pride.
5 The one who loves working does his best to do his work with excellence. So he will live in abundance. But the one who works carelessly and is in a hurry to finish his work as soon as possible will live in poverty.
6 If a person tells lies to get rich, it will lead him to death. And his wealth will completely disappear.
7 The one who refuses to act justly and treats others with cruelty will also suffer from cruel treatment towards himself.
8 A person who committed a crime will deceive others. But an innocent person will behave honestly.
9 It is better to live on the edge of a roof than in a spacious house with a quarrelsome wife.
10 A wicked person loves doing evil. So he is unable to show compassion even to his friend.
11 If you make a proper correction to the one who acts disrespectfully, he will not listen to you. So he must be held accountable for the consequences of his actions. Then even a simple person will learn a lesson to act with understanding. And the one who acts with understanding will learn joyfully to become even wiser.
12 God can see what a wicked person does behind the closed doors of his house. The Lord is just, so a wicked person will not be able to escape disaster.
13 Do not ignore a poor person when he begs you for help. Otherwise, when you find yourself in a difficult situation, no one will help you either.
14 If someone is angry and furious with you, show generosity to make peace with this person. You should meet him privately and give him a nice gift.
15 When people do justice, the believer rejoices because he is eager to do what is right. But the one who breaks the law is afraid when justice is done.
16 The one who goes astray from the right path will perish and end up in the grave.
17 The one who likes entertainment will become poor. The one who loves spending money on alcohol and pleasures will not get rich.
18 If a wicked person wants to harm a believer, he will suffer instead of the believer. And if a liar wants to accuse an honest person, he will suffer instead of the honest one.
19 It is better to settle down in a desert than to live with an angry and quarrelsome wife.
20 There are valuable things and provisions of food in the house of a wise person. But a fool spends without any purpose everything he earns.
21 The one who acts honestly and does good to others will live a happy life. People will treat such a person in a good way and will show him respect.
22 A wise person will be able to conquer a city that is defended by well-armed men. He knows how to break down the walls around the city that seem impossible to break.
23 The one who thinks before saying something and does not speak too much will save himself from trouble.
24 The one who shows arrogance and puts other people down will do evil without any shame.
25 A lazy person does not want to work, so his dreams will never come true. He would rather die of hunger than go to work.
26 A greedy person always lacks something, so he never helps the needy. But a believer generously shares with others whatever he has.
27 God hates when wicked people offer sacrifices to Him to win His favor. And the Lord especially hates when they do it before committing a crime.
28 A dishonest person who gives false testimony in the court will not be able to escape punishment. But an honest person who always speaks the truth will tell the court what he knows.
29 A wicked person behaves shamelessly and does not think about the consequences of his actions. But a believer is eager to do what is right, so he thinks before doing something.
30 There is no such wise and intelligent person who could stop the Lord from fulfilling His plans.
31 When a person prepares his horse for the day of battle, he does his best to win. But the victory comes from the Lord.

अध्याय 22

Chapter 22

1 बड़े धन से ज़्यादा अच्छा नाम होना बेहतर है। अच्छी इज्जत चाँदी और सोने से ज़्यादा कीमती होती है।
2 अमीर व्यक्ति और गरीब व्यक्ति में क्या समानता है? प्रभु ने ही उन दोनों को बनाया और उन्हें जीवन दिया।
3 समझदार व्यक्ति खतरे को देख लेता है और सावधानी से रहता है। लेकिन लापरवाह व्यक्ति खतरे को नजरअंदाज करता और मुसीबत में पड़ जाता है।
4 जो अपने आपको प्रभु के सामने नम्र करता है और उसका भय मानता है वह धन पाएगा। वह आदरणीय व्यक्ति बनेगा और सुखी जीवन जिएगा।
5 जो बुराई करने की योजना बनाता है वह अपने ही कामों से दु:ख उठाएगा। वह मुसीबत में पड़ेगा जो उसे कांटों की तरह चोट पहुँचाएगी। उसे ऐसी परेशानियाँ होंगी जो उसे जाल की तरह पकड़ लेंगी। लेकिन जो सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह अपने आप को मुसीबतों से बचाएगा।
6 अगर तुम अपने बच्चे को बचपन से ही सही तरीके से बड़ा करोगे तो वह अपने जीवन के अन्त तक सही रास्ते से नहीं मुडे़गा।
7 गरीबों के ऊपर अमीरों का अधिकार होता है। और जो कर्ज लेता है वह दास की तरह अपने लेनदार की आज्ञा का पालन करेगा।
8 जो गुस्से करता और अन्याय के बीज बोता है वह मुसीबत की कटनी काटेगा और अपना अधिकार खो देगा।
9 जो गरीबों पर दया दिखाता है और जिन्हें भोजन की ज़रूरत है उन्हें खिलाता है वह आशीष पाएगा।
10 जब तुम ऐसे व्यक्ति की संगति करना छोड़ दोगे जो दूसरों को नाराज करता है तब तुम बहस करना, झगड़ा करना और अपमान करना छोड़ दोगे।
11 अगर किसी का दिल सच्चा हो और वह बात करने में अच्छा हो तो राजा उसको अपने करीब ले आएगा।
12 प्रभु अपने वचन के पूरा होने पर नज़र रखता है। वह उन लोगों की योजनाओं को नष्ट कर देगा जो उस पर विश्वास नहीं करते और उसकी सच्चाई के खिलाफ़ बोलते हैं।
13 आलसी व्यक्ति हमेशा बहाने बनाता है। वह कहता है, “शहर में एक शेर घूम रहा है इसलिए मैं काम पर नहीं जा सकता। अगर मैं बाहर जाऊँगा तो वह मुझे चौक के बीच में टुकड़े-टुकड़े कर डालेगा!”
14 जो चरित्रहीन औरत के साथ समय बिताता है, वह खड़ी चट्टान के किनारे पर खड़ा होता है और प्रभु का क्रोध अपने ऊपर लाता है। जो उस औरत के साथ रिश्ता बनाएगा वह इस चट्टान से गिर जाएगा।
15 अगर कोई बच्चा सुधारों को नहीं समझता और गलत तरीके से व्यवहार करता रहता है तो शारीरिक अनुशासन उसे सही काम करना सिखाएगा।
16 जो धनी होने के लिए गरीबों के साथ अन्याय करता है वह अपनी दौलत खो देगा। और जो अमीरों का तरफ़दारी पाने के लिए उन पर अपनी उदारता दिखाता है वह गरीब हो जाएगा।
17 जो बुद्धि से बोलते हैं उनकी बातों को ध्यान से सुनना। और जो मैं तुम्हें सिखाता हूँ उसे याद रखना। इन्हें अपने दिल में हमेशा के लिए रहने देना।
18 मेरी बातों को मत भूलना। तब तुम बुद्धि से बात करोगे और यह तुम्हें आनन्द देगा।
19 जो मैं तुम्हें सिखाता हूँ उसे याद रखना। हर दिन तुम्हें प्रभु पर भरोसा रखना चाहिए।
20 मैं तुम्हें पहले ही तीस सलाहें लिख चुका हूँ कि सही तरीके से काम कैसे करना है।
21 मैंने तुम्हें सच्चाई की शिक्षा के अनुसार सिखाया। और मैं चाहता हूँ कि जो लोग तुम्हारे पास सलाह के लिए आते हैं उनसे तुम सच्चाई के वचन कहना।
22 गरीब लोग अपनी रक्षा नहीं कर पाते इसलिए उन्हें अमीर बनाने के लिए बर्बाद न कर देना। और गरीब होने के बावजूद भी उनके साथ अदालत में न्याय करना।
23 याद रखना कि प्रभु उनकी रक्षा करेगा और वह गरीब लोगों को लूटने वालों का जीवन उनसे छीन लेगा।
24 जल्दी गुस्सा होने वाले व्यक्ति से दोस्ती न करना। गर्म स्वभाव वाले व्यक्ति के साथ संगति न रखना।
25 नहीं तो, तुम भी उसी की तरह गर्म स्वभाव वाले व्यक्ति बन जाओगे और यह आदत तुम्हारे जीवन को नष्ट कर देगी।
26 किसी दूसरे व्यक्ति के कर्ज को चुकाने के लिए सहमत न होना और उसके धन की जिम्मेदारी अपने ऊपर न लेना।
27 अगर तुम उसका कर्ज चुकाने का वचन देते हो लेकिन तुम ऐसा न कर पाए तो लेनदार तुम्हारी सारी संपत्ति ले लेंगे। तुम्हारे पास बिस्तर भी नहीं बचेगा।
28 ऐसी ज़मीन की सीमा को न बढ़ाना जिसे तुम्हारे बाप-दादों ने बहुत पहले निश्चित की थी।
29 क्या तुम किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हो जो अपने व्यवसाय में बहुत बढ़िया हो? वह राजाओं की सेवा करेगा और वह साधारण लोगों के लिए काम नहीं करेगा।
1 It is better to have a good name than great wealth. A good reputation is more valuable than silver and gold.
2 What can a rich person and a poor person have in common? The Lord created them both and gave them life.
3 A person of understanding foresees danger and takes precautions. But a careless person ignores danger and faces trouble.
4 The one who humbles himself before the Lord and fears Him will gain wealth. He will become a respected person and live a happy life.
5 The one who plans to do evil will suffer from his own actions. He will face trouble that will hurt him like thorns. He will have such problems that will catch him like a net. But the one who is eager to do what is right will save himself from trouble.
6 If you raise your child in the right way since his childhood, he will not turn away from the right path until the end of his life.
7 The rich have power over the poor. And the one who borrows will obey his creditor like a slave.
8 The one who gets angry and plants the seeds of injustice will reap the harvest of disaster and lose his authority.
9 The one who shows compassion to the poor and feeds those who need food will be blessed.
10 When you quit fellowship with the one who offends others, you will stop arguing, quarreling and insulting.
11 If a person has a sincere heart, and is pleasant to talk to, the king will draw him closer.
12 The Lord watches over His Word to be fulfilled. He will destroy the plans of those who do not believe in Him and speak against His truth.
13 A lazy person always makes excuses. He says, “There is a lion roaming through the city, so I cannot go to work. If I step outside, the lion will tear me apart in the middle of the square!”
14 The one who spends time with an immoral woman stands on the edge of a steep cliff and invites the wrath of the Lord upon himself. The one who will enter into a relationship with her will fall from this cliff.
15 If a child does not understand corrections and continues to behave in a wrong way, physical discipline will teach him to do what is right.
16 The one who treats the poor unjustly to get rich will lose his wealth. And the one who shows his generosity to the rich to win their favor will become poor.
17 Listen carefully to those who speak with wisdom. And remember what I teach you. Let it remain in your heart forever.
18 Do not forget my words. Then you will speak with wisdom, and it will bring you joy.
19 Remember what I teach you. Every day you should trust the Lord.
20 I have already written to you thirty advice on how to act in the right way.
21 I taught you according to the teaching of the truth. And I want you to speak the words of truth to those who come to you for advice.
22 Poor people are not able to defend themselves, so do not bring them to ruin to get rich. And despite their poverty show them justice in court.
23 Remember that the Lord will defend them and take the life of the one who robs the poor.
24 Do not make friendship with the one who gets angry easily. Do not have fellowship with a hot-tempered person.
25 Otherwise, you will become as short-tempered as he is, and this habit will ruin your life.
26 Do not agree to pay off another person's debts and do not take his financial obligations on yourself.
27 If you promise to pay off his debts, but you fail, the creditors will take all your possessions. You will not even have a bed left.
28 Do not move the boundaries of a land that your fathers set up long ago.
29 Do you know a person who is excellent at his business? He will serve kings, and he will not work for ordinary people.

अध्याय 23

Chapter 23

1 अगर कोई अधिकारी तुम्हारे साथ किसी बात पर चर्चा करने के लिए तुम्हें रात के खाने के लिए बुलाए तो सावधान रहना और जो कुछ तुम देखो वह सब कुछ न खाना।
2 चाहे तुम खाना बहुत पसन्द करते हो, फिर भी खुद पर काबू रखना।
3 उस स्वादिष्ट भोजन पर ध्यान न देना जो वह तुम्हारे सामने रखेगा। इसके बजाय, उसकी बात ध्यान से सुनना ताकि वह तुम्हें धोखा न दे सके और तुम्हें किसी ऐसे खतरनाक काम में शामिल न कर सके जो जल्दी लाभ कमाने का वादा करता है।
4 दौलत के पीछे न भागना। बुद्धिमान बनना और जोखिम भरे व्यवसाय में भाग लेने से इनकार करना।
5 नहीं तो, तुम्हारी दौलत पलक झपकते ही गायब हो जाएगी। यह बाज की तरह अपने पंख फड़फड़ाएगी और आकाश में उड़ जाएगी।
6 अगर कोई लालची व्यक्ति तुम्हें रात के खाने के लिए बुलाए तो उसके पास जाने से इंकार कर देना। और कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह तुम्हें किस तरह का स्वादिष्ट भोजन खाने को देगा।
7 व्यक्ति के दिल के विचार दिखाते हैं कि वह व्यक्ति असलियत में कौन है। इसलिए अगर तुम किसी लालची व्यक्ति से मिलने जाओ तो वह तुम से कहेगा, “खाओ और पियो।” लेकिन वह तुम्हारे खाने के हर एक टुकड़े की कीमत अपने मन में गिनेगा।
8 जब तुम उसके व्यवहार को समझोगे तब जो कुछ तुमने खाया उसके कारण तुम बीमार महसूस करोगे। और तुम पछताओगे कि तुमने उसे उसके स्वादिष्ट भोजन के लिए धन्यवाद दिया।
9 मूर्ख को बुद्धिमानी की सलाह न देना क्योंकि वह उन्हें तुच्छ समझेगा।
10 उस ज़मीन के सीमा को न बढ़ाना जो बहुत पहले ठहराई गयी। और उस भूमि को हड़प न लेना जो अनाथों की है।
11 जो अनाथों को नुकसान पहुँचाता है उसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर का सामना करना पड़ेगा जो उनकी रक्षा करता है।
12 ध्यान देना जब दूसरे लोग तुम्हारा उचित सुधार करते हैं। और जब लोग तुम्हें बुद्धिमानी की बातें सिखाते हैं तब तुम्हारा मन इधर-उधर भटकने न पाए।
13 अपने बच्चे को सुधारना और उसे वह सब कुछ न करने देना जो भी वह चाहता है। अगर तुम शारीरिक अनुशासन का इस्तेमाल करते हो तो इससे उसे कोई भी नुकसान नहीं होगा।
14 इसके बजाय, यह उसका भला करेगा। तुम उसके प्राण को नरक से बचाने के लिए उसे अनुशासित करते हो।
15 हे मेरे बेटे, अगर तुम्हारा मन बुद्धि से भर जाए तो मैं अपने सारे मन से आनन्दित होऊँगा।
16 और जब तुम वह बोलोगे जो सही है तब मैं तुम्हारे लिए बहुत खुश होऊँगा।
17 जो लोग पाप में जीते हैं उनकी सफलता से तुम्हारे दिल में जलन नहीं होनी चाहिए। अपने जीवन के सभी दिनों में तुम्हें अपने पूरे दिल से प्रभु का भय मानना ​​चाहिए।
18 उज्जवल भविष्य तुम्हारा इंतिज़ार कर रहा है। इसलिए हर परिस्थिति में प्रभु में अपनी आशा को न खोना।
19 हे मेरे बेटे, मेरी बात सुनो और बुद्धिमानी से काम करना शुरू करो। अपने पूरे दिल से जीवन में सही दिशा चुनने का हर संभव प्रयास करो।
20 अपना समय उन लोगों की संगति में न बिताना जो शराब पीते हैं और बहुत अधिक मांस खाते हैं।
21 ऐसे लोग शराब और खाने के सिवा किसी और चीज़ में दिलचस्पी नहीं रखते। वे बहुत ज़्यादा सोते हैं इसलिए वे गरीब हो जाएंगे और उनके कपड़े फटे चिथड़ों में बदल जाएंगे।
22 अपने पिता की सुनो क्योंकि उसने तुम्हें जीवन दिया है। और जब तुम्हारी माँ बूढ़ी हो जाये तब उसे नज़रअंदाज़ न करना।
23 अगर तुम समझ गए हो कि सच्चाई क्या है तो किसी पैसे के लिए सच्चाई को धोखा न देना। जब कोई तुम्हारा उचित सुधार करता है तब उस पर ध्यान देना। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कीमत क्या है हर कीमत पर हर स्थिति में बुद्धिमानी और उचित तरीके से व्यवहार करना।
24 पिता के लिए यह कितनी मधुर और आनन्द की बात है कि उसका बेटा ऐसा बुद्धिमान है जो परमेश्वर पर विश्वास करता है और सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है!
25 इसलिए बुद्धि से काम करना और यह तुम्हारे पिता को आनन्द देगा। और तुम्हारी माँ को खुशी होगी कि उसने ऐसे अच्छा बेटे को जन्म दिया।
26 हे मेरे बेटे, मैं जानना चाहता हूँ कि तुम्हारे दिल में क्या चल रहा है। मैं कैसे जीता हूँ इस पर ध्यान दो और मुझसे उदाहरण लो।
27 किसी चरित्रहीन औरत से सम्बन्ध शुरू न करना क्योंकि वह खड़ी चट्टान से गिरने जितना खतरनाक है। पराई स्त्री के साथ न सोना। नहीं तो, तुम इतनी बड़ी समस्याओं में फंस जाओगे कि तुम्हारे लिए उनसे निकलना उतना ही मुश्किल हो जाएगा जितना कि संकरे कुएं से निकलना।
28 चरित्रहीन औरत डाकू की तरह व्यवहार करती है जो दूसरे परिवारों को नष्ट कर देता है। वह उन आदमियों को ढूँढती है जिन्हें लुभाया जा सकता है। और बहुत से आदमी उसके साथ संबंध बनाते हैं और अपनी पत्नियों के विश्वासघाती बन जाते हैं।
29 दुःख में कौन रोता है और कौन उदास है? कौन झगड़े शुरू करता है और कौन जीवन के बारे में शिकायत करता है? फालतू के झगड़ों में किसे चोट लगती है? और किसकी आँखें खून से लाल हैं?
30 जो शराब पीना पसन्द करता है वह ऐसा ही दिखता है। जो हमेशा नई शराब पीने के लिए तैयार रहता है वह ऐसे ही जीता है।
31 जब शराब को गिलासों में डाला जाता है और वह जैसे चमकती है तब उसे न देखना।
32 लेकिन अगर तुम शराब पीना शुरू करोगे तो आगे चलकर तुम्हें ऐसा लगेगा जैसे कि सांप ने तुम्हें डस लिया या नाग ने डंक मारा हो।
33 तुम अजीब चीजें देखोगे। तुम अच्छी तरह से नहीं सोच पाओगे और तुम अनैतिक चीजों के बारे में बात करोगे।
34 जब तुम सो जाओगे तब तुम ऐसा महसूस करोगे जैसे तुम तूफ़ानी समुद्र में जहाज के मस्तूल पर चढ़ गए हो।
35 और जब तुम जागोगे तब कहोगे, “लोगों ने मुझे पीटा लेकिन मुझे कोई दर्द महसूस नहीं हुआ। उन्होंने मुझे धक्का दिया लेकिन मुझे कुछ महसूस नहीं हुआ। अब मुझे फिर से शराब पीनी है।”
1 If an influential person invites you for a meal to discuss something with you, be careful and do not eat everything you see.
2 Control yourself, even if you love eating.
3 Pay no attention to the delicious food that he will put in front of you. Instead, listen carefully to him so that he could not deceive you and involve you in a dangerous business that promises to bring a quick profit.
4 Do not run after wealth. Be wise and refuse to participate in a risky business.
5 Otherwise, your wealth will disappear in the blink of an eye. Like an eagle, it will flap its wings and fly into the sky.
6 If a greedy person invites you for a meal, refuse his invitation. And it does not matter what kind of delicious food he might offer.
7 The thoughts that fill the soul of a person show who he really is. So if you come to visit a greedy person, he will tell you, “Eat and drink.” But in his heart he will count the cost of every piece you eat.
8 When you feel his attitude, you will feel sick from what you have eaten. And you will regret that you thanked him for his delicious food.
9 Do not give wise advice to a fool because he will treat it with contempt.
10 Do not move the boundary of a land that was established long ago. And do not seize the land that belongs to orphans.
11 The one who offends orphans will deal with the Almighty God who will defend them.
12 Pay attention when people make proper corrections to you. And do not be distracted when others teach you wise things.
13 Correct your child and do not allow him to do whatever he wants. If you use physical discipline, it will not harm him.
14 Instead, it will benefit him. You discipline him to save his soul from hell.
15 My son, if your heart is filled with wisdom, I will rejoice with all of my heart.
16 And I will be very happy for you when you say what is right.
17 Your heart should not envy the success of those who live in sin. All the days of your life you must fear the Lord with all of your heart.
18 There is a bright future waiting for you. So in every situation do not lose your hope in the Lord.
19 My son, listen to me and begin to act wisely. With all your heart do your best to choose the right direction in life.
20 Do not spend time in the company of those who drink alcohol and eat too much meat.
21 Such people are interested in nothing, but alcohol and food. They sleep too much, so they will become poor and their clothes will turn into rags.
22 Listen to your father because he gave you life. And do not neglect your mother when she is old.
23 If you understand what the truth is, do not betray it for any amount of money. Pay attention when someone makes proper corrections to you. No matter what the cost is, you should behave in a wise and reasonable way in every situation.
24 How pleasant and joyful it is for a father to have a wise son who believes in God and is eager to do what is right!
25 So behave wisely and you will bring joy to your father. And your mother will be happy that she gave birth to such a wonderful son.
26 My son, I want to know what is going on in your heart. Pay attention to how I live and take an example from me.
27 Do not enter into a relationship with an immoral woman because it is as dangerous as falling from a steep cliff. Do not sleep with the wife of another man. Otherwise, you will get into such serious problems that it will be as difficult for you to get out of them as from a narrow well.
28 An immoral woman behaves like a robber who ruins other families. She looks for those who can be seduced. And many men enter into a relationship with her and become unfaithful to their wives.
29 Who weeps in sorrow and who is depressed? Who starts quarrels and who complains about life? Who gets hurt in foolish fights? And who has bloodshot eyes?
30 This is what the one who loves drinking wine looks like. This is what the one who is always eager to try new alcoholic drinks lives like.
31 Do not be captivated by the beautiful sparkle of wine as it is poured into glasses.
32 But if you start drinking, later on you will feel as bad as though a snake has bitten you or a viper has stung you.
33 You will have strange hallucinations. You will not be able to think clearly and will talk about immoral things.
34 When you fall asleep, you will feel as if you were climbing the mast of a ship in a stormy sea.
35 And when you wake up, you will say, “People beat me, but I did not feel any pain. They pushed me, but I felt nothing. Now I need to get drunk again.”

अध्याय 24

Chapter 24

1 बुराई करने वालों की सफलता से न जलना। ऐसे लोगों के साथ समय बिताने से बचना।
2 वे हिंसक अपराध करने की योजना बनाते हैं और इस बारे में बात करते हैं कि दूसरों को कैसे परेशान किया जाए।
3 जो घर बनाना चाहता है उसे पास बुद्धि होनी चाहिए। जो अपने घर को बेहतर बनाना चाहता है उसके पास सही ज्ञान होना चाहिए।
4 और जब घर बनता है तब बनावट की समझ रखने वाले लोग अपने घर को आरामदेह बनाने के लिए हर तरह की कीमती और खूबसूरत चीजें खरीदते हैं।
5 जो बुद्धिमान होता है वह बलवान होता है। और जो ज्ञान प्राप्त करता रहेगा वह और भी बलवान बनेगा।
6 इसलिए युद्ध की शुरुआत से पहले तुम समझदार लोगों के पास जाकर सावधानी से युद्ध के लिए योजना बनाना। अगर तुम अनुभवी लोगों की सलाह लगातार सुनते रहोगे तो तुम जीत पाओगे।
7 मूर्ख के लिए बुद्धि बहुत गहरी होती है। इसलिए जब बुद्धिमान लोग महत्वपूर्ण बातों की चर्चा करते हैं तब मूर्ख को समझ में नहीं आता कि बातचीत किस बारे में है और वह चुप रहता है।
8 जो दूसरों को नुकसान पहुँचाने की योजना बनाता है वह नीच व्यक्ति के नाम से जाना जाएगा।
9 जो मूर्खता करने की योजना बनाता है उसने पाप करने की योजना बनाई है। और लोग उससे नफ़रत करेंगे जो दूसरों से घृणा करता है।
10 मुसीबत के समय तुम्हारा व्यवहार दिखाता है कि तुम कितने मजबूत हो। अगर तुम चीजें गलत होने पर जल्दी हार मान लेते हो और अपना दिल हार जाते हो तो जीतने के लिए जितनी शक्ति तुम्हें चाहिए वह तुम्हारे पास नहीं होगी।
11 जो अपनी मौत के नज़दीक हैं उन्हें बचाना और जिनका भाग्य मरना है उनकी मदद करना।
12 मदद के लिए उनकी पुकार को अनसुना न करना और ऐसे न कहना, “यह मेरा काम नहीं!” प्रभु देखता है कि तुम्हारे दिल में क्या चल रहा है। वह निगरानी रखता है कि तुम कैसे व्यवहार करते हो। तुम्हें यह याद रखना चाहिए कि हर किसी को अपने कामों के अनुसार परमेश्वर से वही मिलेगा जिसका वह हकदार है।
13 हे मेरे बेटे, तुम्हें शहद खाना पसन्द है क्योंकि यह स्वादिष्ट और स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
14 बुद्धि से काम करना सीखो। और यह तुम्हारे प्राण के लिए उतना ही सुखदायक होगा जैसे कि तुमने शहद खा लिया हो। अगर तुम बुद्धिमान बन जाओगे तो तुम्हारा भविष्य बहुत अच्छा होगा और तुम्हारे सपने सच हो जाएंगे।
15 नीच व्यक्ति की तरह काम न करना जो उस घर पर नज़र रखता है जहाँ विश्वासी शान्ति से रहता है। उसके घर में घुसने और उसे लूटने की कोई योजना न बनाना।
16 विश्वासी सात बार मुसीबतों का सामना कर सकता है लेकिन वह हर बार अपनी समस्याओं को हल कर लेगा। लेकिन नीच व्यक्ति जो एक विश्वासी को नुकसान पहुँचाता है वह मुसीबत में नष्ट हो जाएगा।
17 जब तुम्हारे दुश्मन के साथ कुछ बुरा हो तब आनन्दित न होना। और जब तुम्हारे विरोधी पर मुसीबत आए तब तुम अपने दिल में आनन्दित न होना।
18 अगर तुम किसी दूसरे की मुसीबतों से आनन्दित होते हो तो प्रभु उसे देखेगा। जो कुछ तुम्हारे दिल में चल रहा है उसे वह पसन्द नहीं करेगा और वह तुम्हारे दुश्मन पर अपना क्रोध उंडेलना बन्द कर देगा।
19 अगर किसी ने तुम्हारा नुकसान किया तो गुस्सा न होना। और नीच लोगों की सफलता से ईर्ष्या न करना।
20 बुराई करने वाले के साथ भविष्य में कुछ भी अच्छा नहीं होगा। नीच व्यक्ति का जीवन बुझते हुए दीपक के समान फीका पड़ जाएगा।
21 हे मेरे बेटे, प्रभु और राजा का भय मानना। उन लोगों से कोई लेना-देना न रखना जो परमेश्वर के खिलाफ़ जाते हैं और सरकार गिराने के लिए विद्रोह करते हैं।
22 नहीं तो, उस व्यक्ति पर अचानक मुसीबत आ पड़ेगी जो प्रभु और राजा का भय नहीं मानता। कोई भी नहीं जानता कि प्रभु विद्रोहियों को कैसे सज़ा देगा और राजा दंगा करने वालों के साथ क्या करेगा।
23 और एक बुद्धिमानी भरी कहावत है। अगर कोई न्यायी किसी व्यक्ति के साथ पक्षपात करता है और गलत फ़ैसले लेता है तो यह सही नहीं।
24 जो अपराधी से कहता है कि वह सही है उस व्यक्ति को राष्ट्र श्राप देंगे और जातियाँ उस से नफ़रत करेंगी।
25 लेकिन अगर कोई न्यायी दोषियों को दण्ड देता है तो वह न्यायी अच्छा नाम कमाएगा और परमेश्वर से आशीष पाएगा।
26 सच्चा दोस्त इतनी ईमानदारी से प्यार करता है कि जब वह सच कहता है तब यह दोस्ताना चुंबन की तरह सुखद होता है।
27 पहले अपने घर के बाहर का सारा काम पूरा करना और अपने खेतों का काम पूरा कर लेना। अगर तुम देखते हो कि तुम अपनी आजीविका कमा पा रहे हो तो तुम अपना घर बनाने या सुधारने का काम शुरू कर सकते हो।
28 किसी निर्दोष के खिलाफ़ अदालत में झूठी गवाही न देना। क्या तुम नहीं समझते कि झूठ बोलने से तुम्हारा कुछ भला नहीं होगा?
29 अगर किसी ने तुम्हें नुकसान पहुँचाया तो उस से बदला लेने की कोशिश न करना। ऐसा न कहना, “मैं इस व्यक्ति के साथ वही करूँगा जो उसने मेरे साथ किया।”
30 मैं आलसी व्यक्ति के खेत से होकर चला। मैं मूर्ख की दाख की बारी के पास से गुज़रा।
31 मैंने देखा कि खेत और दाख की बारी में काँटे और जंगली पौधे उग आए हैं और पत्थर का बाड़ा टूट चुका है।
32 तब जो कुछ मैंने देखा उसके बारे में सोचने लगा। और जो सबक मैंने सीखा वह यह है।
33 तुम बिस्तर पर पड़े रहकर सोच सकते हो, “अगर मैं थोड़ा और सो लेता हूँ और छोटी सी झपकी लेता हूँ तो यह ठीक है। अगर मैं कुछ नहीं करता और थोड़ा और आराम करता हूँ तो यह ठीक है।”
34 लेकिन अगर तुम आलसी हो तो गरीबी लुटेरे की तरह तुम पर हमला करेगी। और सभी तरह की समस्याएँ हथियारबंद डाकू की तरह तुम पर हमला करेंगी।
1 Do not envy the success of those who do evil. Avoid spending time with such people.
2 They plan to commit violent crimes and talk about how to cause trouble for others.
3 The one who wants to build a house should have wisdom. The one who wants to improve his house must have professional skills.
4 And when the house is built, people who understand design buy all kinds of valuable and beautiful things to make their house cozy.
5 The one who becomes wise becomes strong. And the one who continues to gain knowledge will become even stronger.
6 So before you begin the battle, you should go to knowledgeable people to plan your actions. You will be able to win if you listen to the advice of experienced people.
7 Wisdom is too deep for a fool. So when wise people discuss important things, a fool does not understand what the conversation is about, and he keeps silent.
8 The one who makes plans to harm others will earn a reputation of a wicked person.
9 The one who plans to do something foolish has planned to commit sin. And the one who treats others with contempt will be hated.
10 The way you behave in the times of trouble shows how strong you are. If you give up quickly and lose your heart when things go wrong, you will not have enough strength to overcome.
11 Rescue those who are close to death, and help those who are doomed to die.
12 Do not ignore their cries for help and do not say, “It is none of my business!” The Lord can see what is happening in your heart. He watches the way you act. Remember that everyone will receive from God what he deserves according to his deeds.
13 My son, you love eating honeycomb because it is delicious and good for health.
14 Learn to act wisely. And it will bring your soul the same pleasure as eating honeycomb. If you become wise, you will have a great future and your dreams will come true.
15 Do not act like a wicked person who watches over a house where a believer lives peacefully. Do not make any plans to break into his house and loot it.
16 A believer may face trouble seven times, but he will always be able to solve all his problems. But a wicked person who harms a believer will be destroyed by disaster.
17 Do not rejoice when something bad happens to your enemy. And do not be glad in your heart when disaster happens to your adversary.
18 If you rejoice at another person's trouble, the Lord will see it. He will not be pleased with what is happening in your heart, and He will stop pouring out His wrath on your enemy.
19 Do not get angry if someone harmed you. And do not envy the success of evil people.
20 There will be nothing good in the future of the one who does evil. The life of a wicked person will fade away like a lamp that is dying out.
21 My son, fear the Lord and the king. Have nothing to do with those who go against God and raise a rebellion to overthrow the government.
22 Otherwise, disaster will suddenly happen to the one who does not fear the Lord and the king. No one knows how the Lord will punish the rebels, and how the king will deal with the rioters.
23 Here is one more wise saying. It is wrong if a judge shows favoritism to some person and makes unfair decisions.
24 The one who tells a criminal that he is right will be cursed by nations and hated by tribes.
25 But if a judge gives a just sentence to a guilty person, the judge will earn a good reputation and receive a blessing from God.
26 A true friend loves so sincerely that when he tells the truth, it is as pleasant as a friendly kiss.
27 First, complete all your business outside your home and finish your work in the fields. If you see that you are able to earn your living, you can start improving your house.
28 Do not give false testimony against an innocent person in court. Don't you understand that lying will not do you any good?
29 If someone harmed you, do not try to take revenge on him. Do not say, “I will do to this person what he did to me.”
30 I passed by the field of a lazy person. I walked past the vineyard that belonged to a fool.
31 I noticed that the field and the vineyard were overgrown with thorns and weeds, and the stone fence was in ruins.
32 Then I began to meditate on what I have seen. And this is the conclusion I came to.
33 You can stay in bed and think, “It is okay if I sleep a little longer and take a nap. It is okay if I do nothing and rest a little bit.”
34 But if you are lazy, poverty will attack you like a robber. And all kinds of problems will strike you like an armed bandit.

अध्याय 25

Chapter 25

1 ये सुलैमान की कुछ और बुद्धिमानी की बातें हैं जिन्हें यहूदा के राजा हिजकिय्याह के सेवकों ने इकट्ठा की और लिखी।
2 जो कुछ भी परमेश्वर करता है वह रहस्य से ढका है और यह मनुष्य की समझ से बाहर है। इसलिए लोग परमेश्वर के कामों की प्रशंसा करते हैं। और लोग उन राजाओं की भी प्रशंसा करते हैं जो परमेश्वर के रहस्यों को समझना चाहते हैं।
3 कोई भी आकाश की ऊँचाई और पृथ्वी की गहराई को माप नहीं सकता। उसी तरह से कोई भी नहीं समझ सकता कि राजा के दिल में क्या चल रहा है।
4 चाँदी में से अशुद्धता को दूर करो तभी जौहरी उस से एक महंगा बर्तन बना पाएगा।
5 वैसे ही नीच व्यक्ति को राजा की उपस्थिति दूर करो। तभी राजा न्यायपूर्ण कानून बना पाएगा जो उसके अधिकार को और मजबूत कर देगा।
6 राजा की उपस्थिति में घमंड न करना। और उस जगह पर भी न बैठना जो किसी आदरणीय व्यक्ति के लिए तैयार की जाती है।
7 नहीं तो, जब उसके सामने लोग तुम से दूसरी जगह पर बैठने के लिए कहेंगे तब तुम बहुत शर्मिंदा होगे। लेकिन अगर तुम साधारण जगह पर बैठोगे और लोग तुम्हें आदर की जगह पर जाने के लिए कहेंगे तब तुम बहुत खुश होगे।
8 अदालत जाने के लिए जल्दी न करना क्योंकि अगर तुम गलत साबित हो गए और अन्त में अपने विपक्षी से हार गए तो तुम क्या करोगे?
9 अगर तुम अपने मामले को अदालत में ले जाते हो तो वही बोलना जो तुम्हारे मामले से संबंधित है और किसी दूसरे लोगों के रहस्यों को न खोलना।
10 नहीं तो, जिसने तुम पर भरोसा करके अपने रहस्य तुम्हें बताए वह तुम्हारी बातें सुनेगा और तुम से अप्रसन्न होगा। तुम अपने सम्मान को वापस नहीं पा सकोगे और लोग तुम पर भरोसा करना बन्द कर देंगे।
11 कुशल जौहरी सोने के सेब बनाना और उन्हें चाँदी के गहनों से सजाना जानता है। और जो बोलने में अच्छा है वह सही समय पर सही बात कहना जानता है।
12 बुद्धिमान व्यक्ति के उचित सुधारों को ध्यान से सुनना। उसकी सलाह सोने की बालियों और शुद्ध सोने के गहनों से अधिक कीमती होती हैं।
13 कटाई के समय ठंडा पानी पीना कितना सुखदायक होता है। और उसी तरह से किसी ऐसे व्यक्ति के साथ व्यवहार करना भी सुखदायक होता है जो ठीक वही करता है जो उसे करने के लिए कहा जाता है। ऐसे व्यक्ति को काम पर रखने वाला हमेशा संतुष्ट रहेगा।
14 जब गर्मी के दिन हवा आकाश में बादलों को उड़ा कर लाती है लेकिन ये बादल बारिश नहीं लाते तब कोई भी ऐसे बादलों को पसन्द नहीं करता। और उसी तरह से जब कोई व्यक्ति उदारता दिखाने का वादा करता है लेकिन वह अपनी बात को पूरा नहीं करता तब कोई भी ऐसे व्यक्ति को पसन्द नहीं करता।
15 अगर तुम चाहते हो कि कोई अधिकारी तुम्हारी तरफ़ हो तो धीरज के साथ उसे अपनी बात समझाना। जिसके साथ बात करना अच्छा होता है ऐसा व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा क्योंकि कोमल जीभ कठोर हड्डी को तोड़ देती है।
16 अगर तुम्हें शहद मिले तो उसे बहुत ज़्यादा न खाना। नहीं तो, तुम अधिक खाकर उल्टी कर दोगे।
17 अपने दोस्त के घर बार-बार न जाना। नहीं तो, वह तुम से थक जाएगा और तुम्हें लगेगा कि वह तुम्हें पसन्द नहीं करता।
18 जो अदालत में झूठी गवाही देता है वह निर्दोष के जीवन को खतरे में डालता है। झूठे आरोप डंडे की तरह लगते हैं। वे तलवार की तरह छेदते हैं और नुकीले तीर की तरह घाव बनाते हैं।
19 अगर मुसीबत के समय तुम किसी लापरवाह व्यक्ति पर भरोसा रखोगे तो यह तुम्हें उतना ही दर्द देगा जितना टूटे हुए दांत से चबाने पर या लंगड़े पैर पर कदम रखने पर होता है।
20 अगर कोई व्यक्ति मुसीबत में है तो उसके लिए आनन्द के गीत न गाना। यह उतना ही अनुचित है जितना कि ठंड के दिन अपने कपड़े उतारना। यह घाव पर सिरका डालने के जितना दर्द देता है।
21 अगर तुम्हारा दुश्मन भूखा हो तो उसे रोटी देना। अगर वह प्यासा हो तो उसे पानी देना।
22 इस तरह से तुम अपने विरोधी को शर्म से ऐसा जलाओगे जैसे उसके सिर पर जलते हुए अंगारे डाल दिए गए हों। और प्रभु तुम्हें अपने दुश्मन का भला करने के लिए ईनाम देगा।
23 अगर उत्तरी हवा चलने लगती है तो यह बादल को ले आएगी और बारिश होगी। और अगर कोई व्यक्ति अफ़वाहें फैलाने लगे तो वह दुश्मनी के बीज बोएगा और लोग एक दूसरे को गुस्से से देखेंगे।
24 बड़े घर में झगड़ालू पत्नी के साथ रहने से छत के किनारे पर रहना बेहतर है।
25 दूसरे देश में रहने वाले अपनों की ओर से आई हुई अच्छी खबर बहुत प्यासे व्यक्ति के लिए ठंडे पानी की तरह सुखदायक होती है।
26 अगर कोई विश्वासी सच्चाई से फिर जाता है और नीच व्यक्ति की तरह काम करता है तो वह गंदे सोते या प्रदूषित कुएं की तरह बन जाता है।
27 बहुत ज़्यादा शहद खाने वाले व्यक्ति को उल्टी का अहसास होगा। और उसी तरह से जो हर समय खुद की प्रशंसा करता रहता है उस से लोग घृणा करेंगे।
28 जो अपने आप को अनुशासित करना नहीं जानता वह उस उजड़े हुए शहर की तरह है जिसकी दीवारें टूट चुकी हैं।
1 Here are more wise sayings of king Solomon that the servants of Hezekiah, the king of Judah, collected and wrote down.
2 Everything God does is covered with mystery, and it is beyond human understanding. So people admire the works of God. And they also admire kings who seek to understand God's mysteries.
3 No one can measure the height of the sky and the depth of the earth. In the same way, no one can understand what is going on in the heart of a king.
4 Remove the impurity from silver then a master will be able to make an expensive vessel.
5 Drive out a wicked person from the presence of a king. Then a king will be able to pass just laws that will make his authority strong.
6 Do not be arrogant in the presence of a king. And also do not take the place that is prepared for a respected person.
7 Otherwise, you will be greatly embarrassed when you are asked to move to another seat in his presence. But if you take a usual seat, and then you will be invited to a place of honor, you will be greatly pleased.
8 Do not rush to go to court. Otherwise, what will you do if you are proved to be wrong and lose to your opponent shamefully at the end?
9 If you defend your case in court, say only what is relevant to your case and do not reveal the secrets of other people.
10 Otherwise, the one who entrusted you with his secrets will hear your words and express his displeasure to you. You will not be able to restore your reputation, and people will stop trusting you.
11 A skillful jeweler knows how to make golden apples and decorate them with silver ornaments. And a skillful speaker knows how to say the right words at the right time.
12 Listen carefully to the proper corrections from a wise person. His advice is more precious than gold earrings and pure gold jewelry.
13 As it is pleasant to drink cold water at harvest time so it is pleasant to deal with someone who does exactly what he is asked to do. The one who hires such a person will always be satisfied.
14 No one likes it when on a hot day the wind carries clouds across the sky, but the clouds do not bring any rain. And no one likes it either when a person promises to show generosity, but he does not keep his word.
15 If you want an influential person to be on your side, explain to him your point of view with patience. A person who is pleasant to talk to will achieve his goal because soft tongue breaks hard bone.
16 If you find honey, do not eat too much. Otherwise, you will overeat and throw up.
17 Do not visit your friend’s home too often. Otherwise, he will get tired of you, and you will feel that he dislikes you.
18 The one who gives false testimony in court puts the life of an innocent person in mortal danger. False accusations hit like a club. They pierce like a sword and hurt like a sharp arrow.
19 If you rely on an irresponsible person in times of trouble, it will hurt you as much as chewing with a broken tooth or stepping on a lame foot.
20 If a person is in trouble, do not sing joyful songs to him. It is as inappropriate as taking off your clothes on a cold day. It hurts as much as pouring vinegar on a wound.
21 If your enemy is hungry, give him bread. If he is thirsty, give him water.
22 This way you will make your adversary burn with shame as if burning coals were poured on his head. And the Lord will reward you for doing good to your enemy.
23 If the north wind starts blowing, it will bring clouds, and it will rain. And if someone starts spreading gossip, he will sow hostility, and people will look at each other with anger.
24 It is better to live on the edge of a roof than in a spacious house with a quarrelsome wife.
25 Good news from the loved ones who live in another country is as pleasant as cold water for a very thirsty person.
26 If a believer turns away from the truth and acts like a wicked person, he becomes like a muddy spring or a polluted well.
27 The one who eats too much honey will feel like vomiting. And people will be disgusted with the one who praises himself all the time.
28 The one who does not know how to discipline himself is like a ruined city with broken-down walls.

अध्याय 26

Chapter 26

1 गर्मियों में बर्फ़ गिरना और कटनी के दौरान बारिश होना बहुत दु:ख की बात होती है। और यह भी बहुत दु:ख की बात है जब लोग मूर्ख को आदर देते हैं।
2 डरे हुए पक्षियों से कोई भी नहीं डरता। और तुम्हें भी नहीं डरना चाहिए अगर कोई तुम्हें श्राप देता है जबकि तुमने कोई बुरा काम नहीं किया। व्यर्थ श्राप सच नहीं होगा। वह चिड़िया की तरह अपने पंख फैलाएगा और अबाबील की तरह उड़ जाएगा।
3 जैसे लोग चाबुक से घोड़े को सही दिशा में लाते हैं और लगाम से गधे को रोकते हैं वैसे ही लोग मूर्ख की पीठ पर छड़ी से मारते हैं ताकि वह अपना काम करे।
4 अगर कोई मूर्ख तुम से बेवकूफी भरा सवाल पूछे तो उसे बेवकूफी भरा जवाब न देना। नहीं तो, तुम अपने आप को मूर्ख बनाओगे।
5 अगर कोई मूर्ख तुम से बेवकूफी भरा सवाल पूछे तो उसे ऐसा जवाब देना कि वह मूर्ख ठहरे और अपने आप को बुद्धिमान न समझे।
6 किसी मूर्ख से तुम्हारी बात दूसरों तक पहुँचाने के लिए न कहना। नहीं तो, तुम्हारे पैर कांपने लगेंगे जब तुम्हें पता चलेगा कि उसके कारण तुम एक बड़ी मुसीबत में पड़ गए हो।
7 जैसे लंगड़े व्यक्ति के लिए चलना कठिन होता है वैसे ही मूर्ख के लिए दूसरों को बुद्धि की शिक्षा देना कठिन होता है।
8 जैसे टूटे हुए हथियार से निशाना लगाना बेकार होता है वैसे ही मूर्ख का आदर करना भी बेकार है।
9 अगर मूर्ख कोई बुद्धिमान की बात कहने की कोशिश करे तो वह उस शराबी के समान भद्दा लगता है जो कांटेदार डाली पर हाथ फेरकर अपने आप को चोट पहुँचाता है।
10 एक अधिकारी बिना सोचे समझे काम कर सकता है। वह किसी मूर्ख या किसी भी व्यक्ति को नौकरी पर रख सकता है।
11 जैसे कुत्ता अपनी उलटी से नफ़रत नहीं करता और वापस उलटी की हुई जगह पर चला जाता है वैसे ही मूर्ख अपनी मूर्खता से नफ़रत नहीं करता और वह उसी को दोहराता है।
12 क्या तुम किसी ऐसे व्यक्ति से मिले हो जो खुद को सब से अधिक बुद्धिमान समझता है? ऐसा हो सकता है कि मूर्ख दूसरों की बातें सुने और खुद को बदले। लेकिन जो यह मानता है कि वह हमेशा सही काम करता है, वह कभी बुद्धिमान नहीं बन सकता।
13 आलसी व्यक्ति हमेशा बहाने बनाता है। वह कहता है, “एक शेर सड़क पर और गलियों में घूमता है इसलिए मैं काम पर नहीं जा सकता।”
14 जैसे दरवाज़ा अपने टिका पर झूलता रहता है वैसे ही आलसी व्यक्ति अपने बिस्तर पर करवटें बदलता रहता है।
15 वह अपनी थाली में से खाना तो लेता है लेकिन उसके लिए उसे मुँह तक ले जाना मुश्किल होता है।
16 आलसी व्यक्ति अपने आप को उन सभी पेशेवर लोगों से सात गुणा अधिक बुद्धिमान समझता है जो अपने काम को अच्छी तरह से जानते हैं।
17 जो चलते फिरते दूसरे के झगड़े में टाँग अड़ाता है वह अपने जीवन को खतरे में डाल सकता है। वह आवारा कुत्ते के कान खींचने वाले की तरह काम करता है।
18 जो पागल होने का ढोंग करता है वह बिना सोचे समझे जलते हुए तीर फेंकता है और दूसरों के जीवन को खतरे में डालता है।
19 वह उस व्यक्ति की तरह खतरनाक है जो अपने दोस्त को जानबूझकर धोखा देता है और फिर कहता है, “मैं तो मज़ाक कर रहा या।”
20 अगर कोई लकड़ी न फेंके तो आग बुझ जाती है। और अगर कोई अफ़वाहें न फैलाए तो झगड़े खत्म हो जाते हैं।
21 कोयला से बड़ी गर्मी निकलती है और लकड़ियों से आग लगती है। और झगड़ालू व्यक्ति के कारण झगड़ा शुरू हो जाता है।
22 गपशप करने वाले का दिल निन्दा से भरा रहता है। और वह गपशप का वैसे ही आनंद लेता है जैसे लोग स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेते हैं।
23 एक मिट्टी का बर्तन जो चाँदी के सस्ते रंग से रंगा गया हो वह देखने में बहुत सुन्दर तो लगता है लेकिन उसकी कोई कीमत नहीं। उसी तरह से जिस व्यक्ति का दिल बुराई से भरा है उसके चापलूसी भरे शब्दों का कोई मतलब भी नहीं।
24 अगर तुम्हारा दुश्मन तुम्हें मुसीबत में डालने की योजना बनाए तो वह अपनी नफ़रत को छिपाने के लिए चापलूसी भरे शब्द बोलेगा।
25 उसके दिल में सात घृणित पाप भरे हुए हैं। इसलिए उस पर विश्वास न करना चाहे वह तुमसे अच्छी बातें कहे।
26 दुश्मन अपनी नफ़रत को छिपाने के लिए चालाकी से काम ले सकता है। लेकिन जब गुस्सा उस पर हावी होने लगेगा तब वह उसे छिपा न सकेगा। फिर हर कोई देखेगा कि वह तुम्हें नुकसान पहुँचाना चाहता था।
27 जो दूसरे के लिए गड्ढा खोदता है वह खुद उसमें गिर जाएगा। जो किसी दूसरे व्यक्ति पर पत्थर को लुढ़काएगा वह इस पत्थर से कुचला जाएगा।
28 जो दूसरों से नफ़रत रखता है वह उसको नुकसान पहुँचाने के लिए झूठी बातें फैलाएगा। और जो लोगों से चापलूसी भरी बातें करता है वह दूसरे का जीवन नष्ट करना चाहता है।
1 It is frustrating when it snows in summer and when it rains during harvest. It is also frustrating when people honor a fool.
2 No one is afraid of fearful birds. You also should not be afraid if someone curses you, though you did not do any evil. An undeserved curse will not come true. It will flutter like a sparrow and fly away like a swallow.
3 As people direct a horse with a whip and stop a donkey with a bridle so people beat the back of a fool with a stick to make him do his work.
4 If a fool asks you a foolish question, do not give him a foolish answer. Otherwise, you will make yourself look foolish.
5 If a fool asks you a foolish question, answer him in such a way that he looks foolish and does not consider himself a wise person.
6 Do not ask a fool to convey your words to others. Otherwise, your legs will start trembling when you find out that you got into serious trouble because of him.
7 As it is difficult for a lame person to walk so it is hard for a fool to teach others something wise.
8 As it is useless to shoot with a broken weapon so it is useless to honor a fool.
9 If a fool tries to say something wise, he looks as ridiculous as a drunkard who swings a thorny branch and injures himself.
10 An authoritative person tends to act recklessly. He may hire a fool or a random person.
11 As a dog is not disgusted by its vomit and returns to where it vomited so a fool is not disgusted by his foolishness and repeats it again.
12 Have you met a person who considers himself smarter than everyone else? A fool is more likely to listen to others and change. But the one who is overconfident will never become wise.
13 A lazy person always makes excuses. He says, “There is a lion roaming through the roads and streets, so I cannot go to work.”
14 As a door turns on its hinges so a lazy person turns on his bed.
15 He takes food from his plate, but it is difficult for him to lift it to his mouth.
16 A lazy person considers himself seven times smarter than any other professionals who know their business well.
17 The one who walks by and interferes in someone else’s fight may put his life in danger. He acts like the one who pulls the ears of a stray dog.
18 A person who pretends to be mad shoots flaming arrows randomly and puts others in mortal danger.
19 He is as dangerous as the one who deliberately deceives his friend, and then says, “I was just joking.”
20 Fire goes out if no one adds firewood. And quarrels stop if no one spreads gossip.
21 Strong heat comes from coals, and fire starts from firewood. And a quarrel breaks out because of a quarrelsome person.
22 The heart of a person who loves gossip is filled with slander. He enjoys gossip as much as people enjoy delicious food.
23 A clay pot covered with cheap silver paint might look attractive, but it has no value. In the same way, the flattering words of a person whose heart is filled with evil mean nothing.
24 If your enemy plans to cause you trouble, he will speak flattering words to hide his hatred.
25 His heart is filled with seven disgusting sins. So do not believe him, even though he will say nice words to you.
26 The enemy may act cunningly to hide his hatred. But when anger begins to overwhelm him, he will no longer be able to hide it. Then everyone will see that he wanted to harm you.
27 The one who digs a pit for another person will fall into it. The one who rolls a stone on another one will be crushed by this stone.
28 The one who hates others will spread lies about them to harm them. And the one who flatters people wants to destroy their lives.

अध्याय 27

Chapter 27

1 जो कुछ तुम भविष्य में करने वाले हो उस पर घमण्ड मत करना क्योंकि तुम नहीं जानते कि कल तुम्हारे साथ क्या होगा।
2 खुद अपनी तारीफ़ मत करना, दूसरों को तुम्हारी तारीफ़ करने देना। इस तरह से जीवन जीना कि लोग तुम्हारे बारे में अच्छा बोलें।
3 पत्थरों और रेत के साथ काम करना कठिन है। लेकिन जल्दी गुस्सा करने वाले मूर्ख के साथ काम करना और भी मुश्किल है।
4 अगर कोई व्यक्ति गुस्से और जलजलाहट से उबलता है तो वह क्रूर काम कर सकता है। लेकिन अगर वह जलन से भरा हो तो वह और भी खतरनाक हो सकता है।
5 जो अपने दोस्त से प्यार करता है वह उस का उचित सुधार करेगा। अगर उसके दोस्त ने गलती की तो वह चुप नहीं रहेगा।
6 जब तुम्हारा दोस्त जो तुम से प्यार करता है, तुम्हारी कमजोरियों के बारे में तुम से ईमानदारी से बात करे तब अपने दोस्त की बात सुनना। और अपने दुश्मन पर भरोसा मत करना जो तुम से नफ़रत करता है चाहे वह चुम्बन की तरह चिकनी चुपड़ी बातें बोलता हो।
7 अगर तुम ऐसे व्यक्ति को शहद देते हो जिसका पेट पहले से भरा है तो वह उसे फेंक देगा। लेकिन अगर तुम किसी भूखे को बेस्वाद खाना दोगे तो वह उसे ऐसे आनन्द से खाएगा जैसे कि वह मीठा शहद हो।
8 जैसे पक्षी का बिना घोंसले के जीवित रहना कठिन है वैसे ही व्यक्ति का अपने घर से दूर रहना भी कठिन है।
9 दोस्त की अच्छी सलाह सुगंधित तेल और लोबान की तरह सुखदायक होती है।
10 अपने दोस्तों और अपने पिता के दोस्तों के साथ भी जो तुम्हारे नज़दीक रहते हैं अच्छे रिश्ते रखना। अगर तुम मुसीबतों में पड़ जाते हो तो दूर रहने वाले भाई से जल्दी नज़दीक रहने वाला दोस्त तुम्हारी मदद करेगा।
11 हे मेरे बेटे, अगर तुम परमेश्वर पर विश्वास करते हो और बुद्धिमानी से काम करते हो तो मैं अपने पूरे दिल से आनन्दित होऊँगा। तब मुझे पता चल जाएगा कि उन अविश्वासियों को क्या जवाब देना चाहिए जो मेरा मज़ाक उड़ाते हैं और जिनके बच्चे मूर्खता से काम करते हैं।
12 समझदार व्यक्ति खतरे को पहले से ही भांप लेता है और सावधानी बरतता है। लेकिन एक लापरवाह व्यक्ति खतरे को अनदेखा करता है और मुसीबत में पड़ जाता है।
13 अगर तुमने दूसरे व्यक्ति का कर्ज चुकाने का वादा किया लेकिन तुम ऐसा नहीं कर पाए तो लेनदार तुम्हारी सारी संपत्ति ले लेंगे। तुम्हारे पास कपड़े भी नहीं बचेंगे।
14 अगर तुम सुबह-सुबह तेज़ आवाज में प्रार्थना करते हो तो तुम दूसरों को जगा दोगे। तुम्हारी प्रार्थना आशीष नहीं लाएगी लेकिन लोगों को परेशान करेगी।
15 जब मौसम खराब होता है तब बिना रुके बारिश होती है। और जब पत्नी चिड़चिड़ी होती है तब बार-बार लड़ाई होती है।
16 जैसे हवा को रोकना असम्भव है वैसे ही उसकी शिकायतों को रोकना भी असम्भव है। जैसे हाथ में तेल पकड़ना नामुमकिन है वैसे ही कुड़कुड़ाने वाली पत्नी को झगड़ा करने से रोकना नामुमकिन है।
17 जैसे एक लोहे के ब्लेड से दूसरे लोहे के ब्लेड को अच्छे से पैना किया जा सकता है वैसे ही एक दोस्त दूसरे को अच्छी बातों में प्रभावित कर सकता है।
18 जो अंजीर के पेड़ की अच्छी तरह से देखभाल करता है वह उसका फल खाएगा। और जो अपना काम अच्छी तरह से करता है वह अपने मालिक की तरफ़ से इनाम पाएगा।
19 अगर तुम पानी की सतह को देखते हो तो तुम उस में अपने चेहरे को देखोगे। और अगर तुम देखते हो कि तुम्हारे दिल में क्या भरा है तो तुम समझ जाओगे कि तुम असलियत में किस तरह के व्यक्ति हो।
20 नरक और मौत कभी संतुष्ट नहीं हो सकते। उसी तरह से गन्दी नज़र वाला व्यक्ति कभी भी अपनी गन्दी इच्छा को संतुष्ट नहीं कर पाएगा।
21 जब आग चाँदी और सोने को शुद्ध करती है तब वे कीमती हो जाते हैं। और जब दूसरे किसी की तारीफ़ करते हैं तब हम समझ सकते हैं कि लोग उस व्यक्ति को कितना महत्व देते हैं।
22 जैसे लोग अनाज को बर्तन में कूट कर भूसी से अलग करते हैं। वैसे ही लोग मूर्ख को सुधारने के लिए डंडे से पीटते हैं लेकिन वह मूर्ख ही बना रहता है।
23 अपने पशुओं की अच्छी तरह से देखभाल करना। देखो कि तुम्हारे झुंड अच्छी स्थिति में हैं या नहीं।
24 याद रखना कि इकट्ठा किए हुए धन को हमेशा के लिए बनाए रखना असंभव है। और ऐसा हो सकता है कि तुम्हारे देश में राजनीतिक सत्ता बदल जाए।
25 इसलिए तुम्हें मेहनत से काम करना चाहिए ताकि तुम्हारे जीवन के लिए जो कुछ तुम्हें चाहिए वह सब तुम्हारे पास हो। अपने पशुओं के लिए भूसा इकट्ठा करना। और जब हरी-हरी घास उग आए तब अपने झुंड को खेतों की ओर ले जाना और पहाड़ों की ढलानों पर घास काटना।
26 अपनी भेड़ का ऊन काटकर अपने लिए कपड़े बनाना। और अपनी बकरियों को बेचकर एक और खेत खरीदना।
27 ऐसी बकरियाँ रखना जो ज़्यादा दूध दे सकती हैं। तब तुम अपने परिवार और किराए पर काम करने वाले मजदूरों को खिला सकोगे।
1 Do not boast about what you are going to do in the future because you do not know what may happen to you tomorrow.
2 Do not praise yourself, let others praise you. Live in such a way that people would speak well about you.
3 It is difficult to work with stones and sand. But it is even harder to work with a quick-tempered fool.
4 If a person boils with anger and great wrath, he may commit cruel actions. But if he is filled with jealousy, he may be even more dangerous.
5 The one who loves his friend will make a proper correction to him. He will not keep silent if his friend has made a mistake.
6 Listen to your friend who loves you when he sincerely speaks to you about your weaknesses. And do not trust your enemy who hates you, though he speaks flattering words that are as pleasant as kisses.
7 If you offer honey to a person who is full, he will throw it away. But if you give tasteless food to a hungry person, he will eat it with such pleasure as if it were sweet honey.
8 As it is difficult for a bird to live without a nest, so it is hard for a person to live far from his home.
9 Good advice from a friend is as pleasant as fragrant oil and incense.
10 Maintain good relationships with your friends and with your father's friends who live near you. If you face trouble, a friend who is near will help you faster than a brother who is far away.
11 My son, if you believe in God and act wisely, I will rejoice with all my heart. Then I will know what to answer unbelievers who ridicule me, and whose children act foolishly.
12 A person of understanding foresees danger and takes precautions. But a careless person ignores danger and faces trouble.
13 If you promised to pay off the debts of another person, but you failed to do so, the creditors will take all your possessions. You will not even have any clothes left.
14 If you pray loudly early in the morning, you will wake up others. Your prayer will not bring blessing, but it will irritate people.
15 When the weather is bad, it rains non-stop. And when a wife is grumpy, she nags again and again.
16 As it is impossible to calm the wind so it is impossible to stop her complaints. As it is impossible to hold oil in the hand so it is impossible to keep a grumbling wife from quarreling.
17 As one iron blade can be sharpened well by another one, so one friend can influence another one in a good way.
18 The one who takes good care of a fig tree will eat its fruit. And the one who does his job well will receive a reward from his boss.
19 Look at the surface of the water, and you will see your reflection. Look at what fills your heart, and you will understand what kind of person you really are.
20 Hell and death can never be satisfied. In the same way, a person who casts dirty looks will never be able to satisfy his lust.
21 When fire purifies silver and gold, they gain value. And when others praise a person, you can understand how much people appreciate him.
22 People grind grain in a bowl to separate it from the husk. And people beat a fool with a stick to correct him, but he remains foolish.
23 Take good care of your livestock. Watch if your flocks are in good condition.
24 Remember that it is impossible to keep accumulated wealth forever. And it may happen that political power in the country will change.
25 That is why you should work hard to have everything you need for life. Store hay for your livestock. And when fresh grass grows, drive your flocks to the fields and cut the grass on the slopes of the hills.
26 Cut the wool off your sheep to make clothes for yourself. And sell your goats to buy one more field.
27 Keep she-goats that can produce a lot of milk. This way, you will be able to provide food for your family and the workers you have hired.

अध्याय 28

Chapter 28

1 नीच व्यक्ति डर के मारे भागता है जबकि कोई भी उसका पीछा नहीं कर रहा होता। लेकिन जो विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह शेर की तरह बहादुरी से काम करता है।
2 अगर कोई राष्ट्र विद्रोह करेगा तो उस देश की राजनीतिक सत्ता बार-बार बदलेगी और उस देश में गड़बड़ी की स्थिति पैदा हो जाएगी। लेकिन जब एक बुद्धिमान और समझदार व्यक्ति शासन करेगा तब वह ऐसे कानून बनाएगा जो उसके देश में सफलता और स्थिरता लाएंगे।
3 एक गरीब व्यक्ति जिसे अधिकार मिला और उसने गरीबों को बर्बाद करना शुरू कर दिया, वह बहुत नुकसान पहुँचाएगा। वह ऐसी भारी बारिश की तरह है जो फसलों को नष्ट कर देती है और बहुत परेशानी लाती है।
4 जो परमेश्वर के कानून से दूर चला जाता है, वह नीच लोगों के कामों को पसंद करता है। लेकिन जो परमेश्वर के कानून का पालन करता है वह नीच लोगों के काम का विरोध करता है।
5 जो बुराई करता है वह नहीं समझता कि न्याय से काम कैसे करना है। लेकिन जो प्रभु के पीछे चलता है वह हमेशा जानता है कि सही काम कैसे करना है।
6 गरीब और ईमानदार होना गैरकानूनी तरीकों से पैसा कमा कर अमीर होने से बेहतर है।
7 अगर कोई बेटा परमेश्वर के कानून का पालन करता है तो वह बुद्धि से काम करता है और अपने माता-पिता को आनन्दित करता है। लेकिन अगर कोई बेटा किसी बुरी संगति में पड़ जाता है तो वह बहुत से बेवकूफी भरे काम करता है और अपने पिता का अपमान करता है।
8 जो अमीर होना चाहता है और ऊँचे ब्याज पर पैसा उधार देता है, वह अपना लाभ उसे देगा जो दान करता है।
9 अगर कोई व्यक्ति प्रार्थना करता है लेकिन परमेश्वर के कानून को सुनना नहीं चाहता तो इससे परमेश्वर घृणा करता है।
10 जो किसी विश्वासी को नुकसान पहुँचाना चाहे और उसे बुराई के मार्ग में धकेल दे, वह खुद अपने ही गड्ढे में गिर जाएगा। लेकिन सही काम करने के लिए उत्सुक रहने वाले विश्वासी के जीवन में अच्छी चीजें आएंगी।
11 अमीर व्यक्ति अपनी नजरों में हमेशा बुद्धिमान दिखाई देता है। लेकिन एक बुद्धिमान गरीब व्यक्ति अमीर व्यक्ति से हुई गलती की ओर इशारा कर सकता है।
12 अगर विश्वासी लोग देश में राज्य करते हैं तो लोग आनन्दित होंगे क्योंकि उनके देश में अनुशासन और सफलता होगी। लेकिन अगर नीच लोग अधिकार में आएंगे तो देश के लोग यह सोच कर डरेंगे कि भविष्य में क्या होगा। और देश के लोग इस तरह से जियेंगे ताकि वे अधिकारियों का ध्यान अपनी ओर न खींच पाएं।
13 जो अपने पापों को नहीं मानता, वह असफल हो जाएगा। लेकिन जो मान लेता है कि वह गलत था और अपने पापों को छोड़ देता है, उसे माफ़ी मिलेगी और वह सफल होगा।
14 जो परमेश्वर का भय मानता है और सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है, वह आशीषित और सुखी जीवन जिएगा। लेकिन जो प्रभु के खिलाफ़ अपने दिल को कठोर बना लेता है वह मुसीबत में पड़ जाएगा।
15 अगर नीच व्यक्ति देश पर शासन करता है और गरीब लोगों को बर्बाद करता है तो लोग उससे ऐसे डरेंगे जैसे एक दहाड़ते हुए शेर और भूखे भालू से डरते हैं।
16 अगर मूर्ख व्यक्ति किसी देश पर शासन करता है और अमीर बनने के लिए अपने पद का इस्तेमाल करता है तो वह अपने लोगों को बर्बाद करेगा और अपना अधिकार खो देगा। लेकिन अगर कोई ऐसा व्यक्ति देश पर शासन करता है जो भ्रष्टाचार से नफ़रत करता है तो उसके लोग सफल होंगे और वह लंबे समय तक शासन करेगा।
17 जिसने हत्या की है वह अपराध का दोषी है। वह मरने तक न्याय से छिपता रहेगा और कोई भी उसकी मदद के लिए नहीं आएगा।
18 जो सही काम करता है, वह अपने आप को मुसीबतों से बचा कर रखेगा। लेकिन जो गलत रास्ता चुनता है वह अपना जीवन नष्ट कर देगा।
19 जो अपनी भूमि पर काम करता है वह बहुतायत में जिएगा लेकिन आलसी व्यक्ति जो खाली सपनों का पीछा करता है वह गरीबी में रहेगा।
20 ईमानदार व्यक्ति के जीवन में बहुत सी आशीषें होंगी। लेकिन जो गैरकानूनी तरीकों से जल्दी अमीर बनने की लालसा रखता है, वह सजा से नहीं बच पाएगा।
21 न्यायी के लिए यह गलत है कि वह अपने फ़ायदे के लिए अन्याय के फ़ैसले ले। ऐसे न्यायी को थोड़े से पैसे से भी रिश्वत दी जा सकती है।
22 लालची व्यक्ति जल्दी से गैरकानूनी तरीकों से अमीर बनना चाहता है। लेकिन वह नहीं समझता कि वह मुसीबत में पड़ जाएगा और सब कुछ खो देगा।
23 अगर तुम अपने दोस्त का उचित सुधार करते हो और तुम्हारा दोस्त यह पसन्द नहीं करता। लेकिन बाद में वह तुम्हारी बड़ाई करेगा क्योंकि तुमने उसकी चापलूसी नहीं की और उसे सच बताया।
24 जो अपने माता-पिता को लूटता है और कहता है कि यह पाप नहीं, ऐसे व्यक्ति और चोर में कोई फर्क नहीं।
25 ऐसा व्यक्ति जो अपनी संपत्ति से संतुष्ट नहीं होता, वह दूसरों पर गुस्सा करेगा। लेकिन जो प्रभु पर भरोसा करता है और सब कुछ के लिए प्रभु का धन्यवाद करता है, वह शांतिपूर्ण जीवन का आनंद उठाएगा।
26 जो अपने आप पर भरोसा करता है, वह मूर्खता से काम करेगा। लेकिन जो दूसरों की सलाह सुनता है वह बुद्धि से काम करेगा और मुसीबतों से बचेगा।
27 जो गरीबों की मदद करता है वह आशीष पाएगा। और ऐसे व्यक्ति को किसी चीज़ की घटी न होगी। लेकिन जो गरीबों को अनदेखा करता है वह बहुत श्राप पाएगा।
28 जब नीच लोग अधिकार में आएंगे तो देश के लोग यह सोच कर डरेंगे कि भविष्य में क्या होगा। और देश के लोग इस तरह से जियेंगे ताकि वे अधिकारियों का ध्यान अपनी ओर न खींच पाएं। लेकिन जब नीच लोग अपना अधिकार खो देंगे तब लोग भय में जीना बंद कर देंगे और उनमें से बहुत से लोग परमेश्वर के पास आएंगे।
1 A wicked person runs away in fear, though no one chases him. But a believer who is eager to do what is right acts boldly like a lion.
2 If a nation rebels, the political power in the country will change often, and it will lead the country to chaos. But when a wise and knowledgeable person comes to power, he will establish such laws that will bring prosperity and stability to the country.
3 A poor person who gained authority and started ruining other poor people will do a lot of harm. He is like heavy rain that destroys crops and causes a lot of trouble.
4 The one who departs from the Law of God approves the works of the wicked. But the one who keeps the Law rises up against the actions of the wicked.
5 The one who does evil does not understand how to act with justice. But the one who follows the Lord always knows how to do what is right.
6 It is better to be poor and honest than to be rich and earn money by illegal means.
7 If a son keeps the Law of God, he acts wisely and brings joy to his parents. But if a son joins a bad company, he does a lot of foolish things and dishonors his father.
8 The one who wants to get rich and lends money at high interest will give his profit to the one who does charity.
9 It is disgusting to God if a person prays, but he does not want to listen to His Law.
10 The one who wants to harm a believer and pushes him into the path of evil will fall into his own pit. But good things will come into the life of a believer who is eager to do what is right.
11 A rich person always looks wise in his own eyes. But a poor person who has wisdom can point out the mistake that the rich person made.
12 If believers rule a country, people will rejoice because there will be order and prosperity in the country. But if the wicked come to power, people will be afraid of what will happen in the future. They will live in such a way as not to attract any attention.
13 He who does not acknowledge his sins will fail. But the one who admits that he is wrong and leaves his sins will receive forgiveness and achieve success.
14 The person who fears God and is eager to do what is right will live a blessed and happy life. But the one who hardens his heart against the Lord will face trouble.
15 If a wicked person rules a country and ruins the poor, people will fear him like a roaring lion or a hungry bear.
16 If a foolish person rules a country and uses his position to get rich, he will ruin his people and lose his power. But if the one who hates corruption rules the country, his people will prosper, and he will be in power for a long time.
17 The one who committed murder is guilty of a crime. He will hide from justice until his death, and no one will come to help him.
18 The one who does what is right will stay out of trouble. But the one who chooses a wrong path will destroy his life.
19 The one who works on his land will live in abundance. But a lazy person who chases empty dreams will live in poverty.
20 There will be many blessings in the life of an honest person. But the one who is eager to get rich quickly by illegal means will not be able to escape punishment.
21 It is wrong for a judge to make an unjust decision for personal gain. Such a judge may be bribed even for a small amount of money.
22 A greedy person wants to get rich quickly by illegal means. But he does not understand that he will face trouble and lose everything.
23 Your friend may feel uncomfortable if you make a proper correction to him. But later he will appreciate you because you did not flatter him, but told him the truth.
24 The one who robs his father and mother, and says that it is not a sin, is no different from a thief.
25 The one who is not happy with what he has will be angry with others. But the one who trusts the Lord and thanks Him for everything will enjoy a peaceful life.
26 The one who relies on himself will act foolishly. But the one who listens to the advice of others will behave wisely and avoid trouble.
27 The one who helps the poor will be blessed. And such a person will lack nothing. But the one who ignores the poor will receive many curses.
28 When the wicked come to power, people will be afraid of what will happen in the future. They will live in such a way as not to attract any attention. But when the wicked lose their power, people will stop living in fear and many of them will come to God.

अध्याय 29

Chapter 29

1 अगर लोग किसी व्यक्ति का उचित सुधार करते हैं लेकिन वह अपने आप को सुधारना नहीं चाहता तो अचानक से वह इतना बीमार हो जाएगा कि वह फिर चंगा नहीं हो पाएगा।
2 अगर सही काम करने के लिए उत्सुक रहने वाले विश्वासी लोग देश पर राज्य करते हैं तो उनका राष्ट्र सुखी और सफल जीवन जिएगा। लेकिन अगर कोई नीच व्यक्ति अधिकार में आएगा तो लोग दुःख उठाएंगे।
3 जो बुद्धिमानी से काम करना पसंद करता है, वह अपने पिता को आनन्दित करेगा। लेकिन जो चरित्रहीन स्त्रियों के साथ रिश्ता बनाता है, वह अपने परिवार की संपत्ति को मूर्खतापूर्वक उड़ाएगा और अपने पिता को दुःख देगा।
4 अगर राजा न्याय से काम करता है तो वह अपने देश को मज़बूत बनाएगा। लेकिन अगर वह रिश्वत के विरुद्ध नहीं लड़ता तो यह उसके देश को नष्ट कर देगा।
5 जो अपने दोस्त की चापलूसी करता है, वह अपने झूठ के द्वारा उसे नुकसान पहुँचाएगा।
6 अगर कोई व्यक्ति दूसरों को नुकसान पहुँचाता है तो वह अपने ही पाप से दु:ख उठाएगा। लेकिन जो विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है, वह सभी परेशानियों से बचेगा और आनंद के गीत गाएगा।
7 विश्वासी गरीबों के साथ न्याय से व्यवहार करता है और ध्यान से देखता है कि कोई भी उनके अधिकारों को न छीने। लेकिन नीच व्यक्ति गरीबों की परवाह नहीं करता और उनकी समस्याओं में उनकी मदद नहीं करना चाहता।
8 जो व्यक्ति हिंसा भड़काता है, वह शहर में दंगा शुरू करवा सकता है। लेकिन बुद्धिमान लोग शांति चाहते हैं और क्रोध से भरे हुए लोगों को शांत करने का प्रयास करते हैं।
9 अगर कोई बुद्धिमान व्यक्ति अदालत में मूर्ख व्यक्ति पर मुकदमा चलाता है तो मूर्ख गुस्सा होगा और बुद्धिमान व्यक्ति का मज़ाक उड़ाकर अपमान करेगा। मूर्ख खुद को वश में नहीं रख सकता और शांति से बातचीत नहीं कर पाता।
10 क्रूर हत्यारे निर्दोष लोगों को मारना चाहते हैं। लेकिन विश्वासी उनकी मदद करते हैं जिनके जीवन खतरे में है।
11 मूर्ख जल्दी ही गुस्सा होता है और चिल्लाने लगता है। लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति धीरज धरता है और शांति से बोलता है।
12 अगर नीच लोग देश के प्रधान को चारों ओर से घेरे रहते हैं तो वह उन से और कुछ नहीं लेकिन केवल झूठ ही सुनेगा।
13 गरीब व्यक्ति और उसके साथ अन्याय करने वाले में क्या समानता हो सकती है? उन दोनों का जीवन प्रभु के हाथ में है। जब तक परमेश्वर चाहे तब तक उनकी आंखें प्रकाश को देखेंगी।
14 अगर राजा गरीब लोगों के साथ न्याय से व्यवहार करता है और वह देखता है कि कोई भी उनके अधिकारों को न छीने तो वह लंबे समय तक राज्य करेगा।
15 अगर माता-पिता अपने बच्चे को शिक्षा देते हैं और उसका उचित सुधार करते हैं तो वह सही काम करना सीखेगा और बुद्धिमान बनेगा। लेकिन अगर उसकी माँ अपने बच्चे को सही तरीके से पालने की परवाह नहीं करती तो उसका बच्चा बड़ा होकर बेशर्म व्यक्ति बनेगा। और उसकी माँ उसके व्यवहार पर शर्मिंदा होगी।
16 नीच लोगों के अधिकार में आने से देश में अपराध बढ़ जाता है। लेकिन जब उनका अधिकार खत्म होगा तो विश्वासी देखेंगे कि नीच लोगों को वह सजा मिलेगी जिसके वे हकदार हैं।
17 बचपन से अपने बेटे को सुधारना। तभी वह बड़ा होकर अच्छा व्यक्ति बनेगा। और तुम पूरे दिल से आनन्दित होगे क्योंकि तुम्हें उसके भविष्य के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं।
18 अगर कोई राष्ट्र परमेश्वर के प्रकाशन के अनुसार नहीं चलता तो उस राष्ट्र के लोग जंगली हो जाते हैं। वे जो चाहते हैं वह करते हैं और दुःख उठाते हैं। लेकिन अगर कोई राष्ट्र परमेश्वर के कानून का पालन करता है तो लोग आशीषित और सुखी जीवन जियेंगे।
19 दास को बातों से सुधारना नामुमकिन है। वह सुधारों को सुनता है लेकिन वह उन्हें नज़रअंदाज़ कर देता है और अपनी इच्छा के अनुसार काम करता रहता है।
20 क्या तुम ऐसे व्यक्ति से मिले हो जो अपनी बातों के परिणाम के बारे में नहीं सोचता? वह मूर्ख से भी ज़्यादा बुरा है और तुम उस पर भरोसा नहीं कर सकते।
21 अगर तुम बचपन से किसी दास को बिगाड़ोगे तो वह बड़ा होकर तुम्हारा अपमान करेगा।
22 नीच व्यक्ति जल्दी ही गुस्सा होता और दूसरों से झगड़ने लगता है। गर्म स्वभाव वाला व्यक्ति खुद पर काबू नहीं रख पाता और बहुत से पाप करता है।
23 जो व्यक्ति घमण्ड करता है, वह बुरी स्थितियों में पड़ेगा और उसे अपने व्यवहार पर शर्म आएगी। लेकिन जो व्यक्ति दूसरों के साथ घृणा किये बिना व्यवहार करता है वह लोगों से आदर पाएगा।
24 अगर तुम किसी चोर की मदद करते और उसके साथ गुप्त में भागीदार होते हो तो तुम खुद को नुकसान पहुँचाओगे और एक अपराध में भागीदार बनोगे। जब तुम अदालत में खड़े होगे तब तुम कहोगे, “मैं सच बोलने की कसम खाता हूँ।” लेकिन तुम झूठी गवाही दोगे और खुद पर श्राप लाओगे।
25 दूसरे लोग तुम्हारे बारे में जो बोलते हैं उस की परवाह न करना। नहीं तो, तुम खुद को नुकसान पहुँचाओगे और परेशानी में पड़ोगे। प्रभु पर भरोसा रखना और वह तुम्हें हर बुराई से बचाएगा।
26 बहुत से लोग अधिकारी से मिलना चाहते हैं। वे उम्मीद करते हैं कि वह न्यायपूर्ण फ़ैसला लेने में उनकी मदद करेगा। लेकिन बहुत से लोग प्रभु के पास नहीं आते जिसके पास न्याय दिलाने की सारी शक्ति है।
27 विश्वासी नीच व्यक्ति के कामों से नफ़रत करता है। और नीच व्यक्ति विश्वासी के जीने के तरीके से नफ़रत करता है।
1 If people make proper corrections to a person, but he does not want to correct himself, he may suddenly become so sick that he will not be able to recover.
2 If believers who are eager to do what is right rule the country, their nation will live prosperously and happily. But if a wicked person comes to power, people will suffer.
3 The one who loves to act wisely will bring joy to his father. But the one who enters into a relationship with immoral women will foolishly squander the property of his family and bring sorrow to his father.
4 If a king acts justly, he will make his country strong. But if he does not fight against bribery, it will destroy his country.
5 He who flatters his friend will harm him with his lies.
6 If a person harms others, he will suffer from his own sin. But a believer who is eager to do what is right will avoid all the troubles and sing for joy.
7 A believer treats the poor with justice and ensures that no one violates their rights. But a wicked person does not care about the poor and does not want to help them with their problems.
8 The one who provokes violence can start an uprising in the city. But the wise call for peace and make efforts to calm down the people who are full of rage.
9 If a wise person sues a fool in court, the fool will become angry and ridicule the wise person with insults. A fool is not able to control himself and negotiate peacefully.
10 Cruel murderers want to kill innocent people. But believers help those whose lives are in mortal danger.
11 A fool gets angry quickly and starts shouting. But a wise person remains patient and speaks calmly.
12 If there are only wicked people who surround a leader of the country, he will hear nothing from them, but lies.
13 What can a poor person have in common with the one who treats him unjustly? Both of their lives are in the hands of the Lord. Their eyes will see the light as long as God wants it.
14 If a king treats the poor with justice and ensures that no one violates their rights, he will rule for a long time.
15 If parents discipline their child and make proper corrections to him, he will learn to do what is right and become wise. But if his mother neglects to raise her child in the right way, he will grow up to be a shameless person. And she will be ashamed of his behavior.
16 If the wicked come to power, crime increases in the country. But when their power comes to an end, the believers will see how the wicked will get the punishment they deserve.
17 Discipline your son from his childhood. Then he will grow up to be a good person. And you will rejoice with all your heart that you do not have to worry about his future.
18 If a nation does not follow God's revelation, people get wild. They do whatever they wish and bring suffering to themselves. But if a nation keeps the Law of God, people will live a blessed and happy life.
19 It is impossible to correct a slave with words. He can hear the corrections, but he ignores them and keeps doing things the way he wants.
20 Have you met a person who does not think about the consequences of his words? He is worse than a fool, and you cannot trust him.
21 If you spoil a slave from his childhood, he will disrespect you when he grows up.
22 An evil person gets angry quickly and starts quarreling with others. The hot-tempered person cannot control himself and commits many sins.
23 The one who shows arrogance will get into unpleasant situations, and he will be ashamed of his behavior. But the one who treats others without contempt will earn respect.
24 If you help a thief and partner with him secretly, you will harm yourself and become a participant in a crime. When you stand in court, you will say, “I swear to tell the truth.” But you will bear false witness and bring a curse upon yourself.
25 Do not be concerned about what others speak about you. Otherwise, you will harm yourself and face trouble. Trust the Lord, and He will keep you safe from every evil.
26 Many people seek an audience with an influential person. They hope that he will help them get a just decision. But not many people come to the Lord who has all the power to restore justice.
27 A believer hates what a wicked person does. And a wicked person hates the way a believer lives.

अध्याय 30

Chapter 30

1 आगूर याके का बेटा था। और जब उसने इतिएल और उक्काल से बातें की तब उसने ऐसे शब्द कहे जो ध्यान देने योग्य हैं,
2 “मैं जानता हूँ कि मैं सबसे चतुर नहीं और मेरे पास वह ज्ञान नहीं जो दूसरों के पास है।
3 मैं बुद्धि को न सीख सका और यह न समझ सका कि पवित्र परमेश्वर कौन है।
4 कौन स्वर्ग पर चढ़ा और स्वर्ग से पृथ्वी पर उतर आया? किसने हवा को पकड़कर अपने हाथों में बाँध लिया? वह कौन है जो कपड़ों में से पानी को गुज़रने से रोक सकता है? परमेश्वर का नाम क्या है जिसने इस सारी पृथ्वी को बनाया और उसके बेटे का नाम क्या है? अगर तुम जानते हो तो मुझे बताओ।
5 जो कुछ परमेश्वर कहता है वह सच्चाई है जिस पर हम भरोसा कर सकते हैं। परमेश्वर उन लोगों के लिए ढाल बन जाते हैं जो खतरे के समय उससे छुटकारे के लिए बिनती करते हैं।
6 जो कुछ परमेश्वर ने कहा है उसमें कुछ भी न जोड़ना। नहीं तो, वह तुम पर झूठ बोलने का दोष लगाएगा और तुम झूठे पाए जाओगे।
7 हे प्रभु, मैं आप से बिनती करता हूँ कि जब तक मैं पृथ्वी पर जीवित हूँ तब तक आप मुझे दो बातों के लिए इन्कार न करना।
8 सबसे पहली बात यह है कि मुझे उद्देश्यपूर्ण और ईमानदार बनने में मदद कीजिए ताकि मैं अपना जीवन बर्बाद न करूँ। और दूसरी बात यह है कि मैं न तो गरीब बनना चाहता हूँ और न ही अमीर। मुझे केवल वही दीजिए जो ज़रूरी है।
9 नहीं तो, अगर मैं अमीर हो गया तो मैं आपका इन्कार करूँगा और कहूँगा, “प्रभु कौन है? मैंने अपने दम पर सफलता पाई है।” लेकिन अगर मैं गरीब हो गया तो मैं चोरी करना शुरू कर दूँगा और अपने परमेश्वर के नाम को शर्मिंदा करूँगा।
10 जो व्यक्ति अपने कर्तव्य अच्छी तरह से पूरा करता है, उसकी झूठी बदनामी न करना। नहीं तो, जब यह पता चलेगा कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया तब उसका मालिक तुम्हें श्राप देगा। वह तुम्हें बदनामी के लिए जिम्मेदार ठहराएगा और तुम एक अच्छे व्यक्ति की प्रतिष्ठा को बदनाम करने के दोषी ठहरोगे।
11 ऐसे लोग हैं जो अपने माता-पिता का अपमान करते हैं। वे अपने पिता को श्राप देते हैं और अपनी माता को धन्यवाद नहीं देते।
12 ऐसे भी हैं जो अपने पापों में गंदगी की तरह डूब गए हैं। लेकिन उन्हें कोई शर्म नहीं और वे अपने आप को पवित्र समझते हैं।
13 ऐसे लोग भी हैं जो दूसरों को घमंड से देखते हैं। वे दूसरों को कितनी अनादर दृष्टि से देखते हैं!
14 ऐसे लोग भी हैं जिनके दाँत तलवारों की तरह तेज़ हैं और जिनके जबड़े चाकू की तरह काटते हैं। वे गरीबों और ज़रूरतमंदों के साथ क्रूरता से व्यवहार करते हैं, वे उनके खर्च पर खुद को अमीर बनाना चाहते हैं।
15 लालची लोग उन दो जोंकों की तरह असंतुष्ट रहते हैं जो चिल्ला चिल्लाकर एक दूसरे को रोकती और कहती हैं, “मुझे और दो, मुझे और दो!” तीन चीज़ें ऐसी हैं जो कभी संतुष्ट नहीं होंगी और यहाँ तक की चार ऐसी भी चीजें हैं जो कभी नहीं कहेंगी, “बस!”
16 सबसे पहली चीज़ मौत है जो लोगों को लेना कभी बंद नहीं करेगी। दूसरी है एक बांझ महिला जो कभी नहीं कहेगी, “बस, अब मैं बच्चे पैदा नहीं करना चाहती!” तीसरी चीज़ रेगिस्तान है जो कभी भी पानी पीकर तृप्त नहीं होगा। और चौथी चीज़ आग है जो तब तक जलती रहेगी जब तक कि यह चारों ओर की सारी चीज़ों को भस्म न कर दे।
17 जो अपने पिता को तुच्छ दृष्टि से देखता है, वह शर्मनाक मौत मरेगा। और तराई में रहने वाले कौवे उसकी आँखें चोंच मारकर फोड़ देंगे। जो अपनी माता की बात नहीं सुनता और उसको तुच्छ समझता है, वह मर जाएगा और वह उन जवान बाज़ों का शिकार बन जाएगा जो लाशों को खाते हैं।
18 तीन बातें ऐसी हैं जो मुझे बहुत हैरान कर देती हैं और चार बातें ऐसी हैं जिन्हें मैं समझा नहीं सकता।
19 मैं इस बात से हैरान हूँ कि बाज आकाश में कैसे उड़ता है और सांप चट्टान पर कैसे रेंगता है। मुझे समझ नहीं आता कि जहाज समुद्र के बीच में कैसे चलता है और आदमी किसी जवान महिला के दिल तक कैसे पहुँच जाता है।
20 जो औरत अनैतिक जीवन जीती है, उसका चाल-चलन भी मुझे समझ नहीं आता। वह पुरुषों के साथ प्रेम संबंधों को खाना खाने जैसा समझती है। वह खाती है, अपना मुँह पोंछती है और भूल जाती है कि उसने क्या खाया। फिर वह कहती है, “मैंने कुछ भी गलत नहीं किया।”
21 तीन बातों से पृथ्वी कांप जाती है और चार बातों से वह सहन नहीं कर सकती।
22 यह दु:ख की बात है अगर कोई दास राजा बन जाए और किसी मूर्ख को वह सब मिल जाए जो उसे जीवन के लिए चाहिए।
23 यह गलत है कि किसी चरित्रहीन औरत की शादी किसी आदरणीय आदमी से हो जाए। और यह भी गलत है कि किसी नौकरानी का उसके मालिक के साथ गलत संबंध हो और वह उसकी पत्नी की जगह ले ले।
24 पृथ्वी पर सब जीवित प्राणियों में से चार प्राणी ऐसे हैं जिन पर हम ध्यान नहीं देते लेकिन वे सबसे बुद्धिमान को भी बुद्धि सिखा सकते हैं।
25 चींटियों के पास शक्ति तो कम होती है लेकिन वे मेहनती होती हैं और भोजन को इकट्ठा करके रखती हैं। वे सर्दियों के लिए भोजन बचा कर रखने के लिए पूरी गर्मियों में काम करती हैं।
26 पहाड़ी चूहे शिकारी जानवरों से नहीं लड़ सकते। लेकिन वे पहाड़ियों पर अपने लिए बिल बनाते हैं जहाँ वे उनसे छिप सकते हैं।
27 टिड्डों के पास कोई राजा नहीं होता। लेकिन वे बड़े झुंडों में चलते हैं जहाँ हम अद्भुत क्रम को देखते हैं।
28 छिपकली अपने पंजों से कुशलता से चिपकी रहती है और राजा के महल में आसानी से घुस जाती है जहाँ कोई और प्रवेश नहीं कर सकता।
29 तीन जानवर महिमा के साथ राजा की तरह चलते हैं और चार जानवर शान से चलते हैं।
30 शेर सभी जानवरों में सब से अधिक शक्तिशाली होता है। वह किसी से नहीं डरता और किसी को रास्ता नहीं देगा।
31 झगड़ालू मुर्गा और ज़िद्दी बकरी आंगन में गर्व से घूमती हैं। और राजा अपनी सेना की अगुवाई करता है।
32 अगर तुमने घमंड दिखाया और मूर्खता से काम किया और दूसरों को नुकसान पहुँचाने की योजना बनाने लगे हो तो खुद पर काबू रखना और चिल्लाना बन्द कर देना।
33 अगर तुम दूध को फेंटोगे तो मक्खन निकलेगा। अगर तुम किसी की नाक पर मारोगे तो खून निकलेगा। और अगर तुम अपना गुस्सा बाहर निकालोगे तो झगड़ा शुरू होगा।
1 Agur was the son of Jakeh. And when he talked to Ithiel and Ucal, he said the words that deserve attention,
2 “I know that I am not the smartest, and I lack the knowledge that others have.
3 I could not learn wisdom or understand who the Holy God is.
4 Who could go up to heaven and come down from heaven to earth? Who could catch the wind and hold it in his hands? Who could stop water from passing through clothes? What is the name of the One who created this entire earth, and what is the name of His Son? Tell me if you know.
5 Everything God says is true and can be trusted completely. God becomes a shield for those who ask Him for salvation in times of danger.
6 Do not add anything to what God said. Otherwise, He will accuse you of lying, and you will be found a liar.
7 Lord, I ask You not to deny me two things while I live on earth.
8 First, help me be purposeful and honest so that I would not waste my life. And second, I do not want to be either poor or rich. Give me only what is necessary.
9 Otherwise, if I become rich, I will deny You and say, “Who is the Lord? I have achieved success on my own.” But if I become poor, I will start stealing and bring shame to the name of my God.”
10 Do not spread slander about a person who fulfills his duties well. Otherwise, when it is revealed that he did nothing wrong, his boss will curse you. He will hold you accountable for the slander, and you will be guilty of discrediting the reputation of a good person.
11 There are people who treat their parents with contempt. They curse the father and express no gratitude to the mother.
12 There are also those who have sunk into their sins like into impurities. But they have no shame and consider themselves pure.
13 There are also those who look at others with arrogance. What disrespectful looks they cast around!
14 There are also those whose teeth are sharp like swords and whose jaws cut like knives. They treat the poor and needy with cruelty to enrich themselves at their expense.
15 The greedy are as unsatisfied as two leeches who are screaming and interrupting each other, “Give me more, give me more!” There are three things that will never be satisfied, and even four that will never say, “Enough!”
16 First, it is death that will never stop taking people. Second, it is a barren woman who will not say, “That’s it, I do not want to have children anymore!” Third, it is a desert that will never drink enough water. And fourth, it is a fire that will burn until it consumes everything around.
17 The one who looks at his father with a sneer will die a shameful death. And his eyes will be pecked out by the ravens that live in a valley. The one who does not listen to his mother and despises her will die and become prey to the young eagles that feed on dead bodies.
18 There are three things that amaze me, and even four that I cannot explain.
19 I am amazed at how an eagle flies in the sky, and how a snake crawls on a rock. I do not understand how a ship navigates in the middle of the sea, and how a man finds his way to the heart of a young woman.
20 I also do not understand the behavior of a woman who lives an immoral life. She treats love affairs with men like eating a meal. She eats, wipes her mouth and forgets what she ate. Then she says, “I did nothing wrong.”
21 Three things cause the earth to shake, and it cannot tolerate four things.
22 It is sad if a slave becomes a king, and if a fool gets everything he needs for life.
23 It is wrong when an immoral woman marries an honorable man. And it is also wrong when a servant woman has an affair with her master and takes his wife’s place.
24 Among all living creatures on the earth there are four beings that we do not pay attention to, but they can teach wisdom even to the wisest.
25 Ants have little strength, but they are hardworking and store supplies. They work all summer to gather food for the winter.
26 Mountain mice cannot fight off predators. But they dig holes on the hillsides where they can hide from them.
27 Locusts have no king. But they are able to move in huge swarms where we can see amazing order.
28 Lizard clings skillfully with its paws and can easily sneak into the king’s palace where no one else can enter.
29 Here are three things walking with majesty, and four walking with dignity.
30 The lion is the strongest among the animals. It is not afraid of anyone and will not give way to anyone.
31 Here is a quarrelsome rooster and a stubborn goat walking proudly around the yard. And here is the king leading his army majestically.
32 If you showed arrogance, acted foolishly, and started making plans to harm others, take control of yourself and stop shouting.
33 If you churn milk, you will get butter. If you hit someone in the nose, it will bleed. And if you give in to anger, a quarrel will break out.

अध्याय 31

Chapter 31

1 लमूएल राजा ने बुद्धि की उन सलाहों को लिखा जो उसकी माँ ने उसे दी थीं।
2 हे मेरे बेटे, जब मैंने तुम्हें जन्म दिया तब मैंने तुम्हें परमेश्वर को सौंप दिया।
3 औरतों के वश में न हो जाना। अपनी शक्ति उन पर बर्बाद न करना, नहीं तो, तुम सही रास्ते से भटक जाओगे। औरतें बहुत राजाओं को बर्बाद कर चुकी हैं।
4 लमूएल, शराब भी न पीना। राजाओं को शराब नहीं पीनी चाहिए। शासकों को शराब बिल्कुल भी नहीं पीनी चाहिए।
5 अगर वे शराब पीने लगेंगे तो वे कानून तोड़ना शुरू कर देंगे। तब वे उन लोगों की रक्षा के लिए सही फ़ैसले नहीं ले पाएंगे जिनके साथ अन्याय हुआ है।
6 जिसका जीवन नष्ट हो गया है वह शराब पीता है। और जिसका प्राण दुःखी होता है वह शराब पीता है।
7 जब कोई व्यक्ति नशे में होता है तब वह भूल जाता है कि वह गरीब है। और जब वह नशे में होता है तब उसे अपनी समस्याएँ याद नहीं रहतीं।
8 जो मजबूर हैं उनके अधिकारों की रक्षा करना। जो अपने लिए खड़े नहीं हो सकते उन लोगों की रक्षा करना।
9 गरीबों और जरूरतमंदों की वकालत करना ताकि उन्हें अदालत में न्याय मिल सके।
10 जो दयालु और मेहनती औरत से शादी करता है, वह उसे कीमती पत्थरों से भी ज़्यादा कीमती समझेगा।
11 ऐसी पत्नी का पति व्यवसाय चलाने के लिए उस पर पूरा भरोसा करता है क्योंकि वह लाभदायक फ़ैसले लेती है।
12 वह जीवन भर अपने पति की भलाई का ध्यान रखेगी और उसे कभी धोखा नहीं देगी।
13 वह ऊन और सनी के कपड़े बनाती है। और जो कुछ भी वह करती है उससे उसे खुशी मिलती है।
14 वह उस व्यापारिक जहाज की तरह है जो जीवन के लिए ज़रूरी सब चीजें लाने के लिए लम्बी यात्रा पर निकलता है।
15 वह भोर से पहले उठकर अपने परिवार के लिए भोजन बनाती है और अपनी नौकरानियों को आज्ञा देती है।
16 वह ज़मीन ढूँढती है और ख़रीदने के लिए बातचीत करती है। और कमाए हुए पैसे से वह वहाँ अंगूर का बगीचा लगाती है।
17 मजबूत बनने और चुनौतियों को पार करने के लिए वह अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखती है।
18 वह देखती है कि वह कितना अच्छा कमाती है। और उसका दीया रात को भी नहीं बुझता।
19 वह चरखे पर बैठती है और ऊन और सन के धागे को बुनती है।
20 वह गरीब की मदद करती है और जरूरतमंदों की ओर मदद का हाथ बढ़ाती है।
21 जब सर्दी आती है तब वह अपने परिवार के बारे में चिंता नहीं करती क्योंकि उसे यह पता है कि उसके परिवार में सभी के पास गर्म कपड़े हैं।
22 वह बिछौने बनाती है। वह बढ़ियाँ सनी से बने चमकीले लाल रंग के शानदार कपड़े पहनती है।
23 और उसका पति समाज में ऊँचे स्थान पर है। वह शहर के फाटकों पर बैठता है और दूसरे बड़े लोगों के साथ ज़रूरी फ़ैसले लेता है।
24 वह सनी के कपड़े सीती है और बेल्ट बनाती है। फिर वह उन्हें व्यापारियों के पास भेजती है जो उन्हें अलग-अलग जगहों पर बेचते हैं।
25 वह शक्ति से भरी हुई है और अपने आप को आदर के साथ रखती है। वह आनन्दित रहती है और उसे इस बात की चिंता नहीं कि भविष्य में क्या होगा।
26 वह बुद्धि और दया के साथ दूसरों को परमेश्वर के कानून का पालन करना सिखाती है।
27 वह घर का काम करती है और खाली नहीं बैठती।
28 उसके बच्चे उसका आदर करते और उसे आशीर्वाद देते हैं। और उसका पति भी उसकी तारीफ़ करता हैं।
29 वह कहता है, “बहुत सी योग्य औरतें हैं लेकिन तुम उन सब से अच्छी हो।”
30 बाहरी आकर्षण धोखा देने वाला होता है और सुन्दरता हमेशा के लिए बनी नहीं रह सकती। लेकिन अगर कोई औरत प्रभु का भय मानती है तो यह सबसे महत्वपूर्ण गुण है जिसके लिए उसकी सराहना की जानी चाहिए।
31 जो कुछ भी वह करती है उसके लिए वह आदर की हकदार है। और शहर के सब लोगों को उसके अच्छे कामों के बारे में पता चलना चाहिए।
1 King Lemuel wrote down the wise advice given to him by his mother.
2 My son, when I gave birth to you, I dedicated you to God.
3 Do not be captivated by women. Do not waste your energy on them, otherwise, you will stray from the right path. Women have destroyed many kings.
4 Lemuel, also do not indulge in alcohol. Kings should not consume wine. Rulers must not drink strong drinks.
5 If they start drinking, they will begin to break the law. Then they will not be able to make the right decisions to protect those who have suffered injustice.
6 The one whose life is ruined consumes alcohol. And the one whose soul suffers from sorrow gets drunk on wine.
7 When a person gets drunk, he forgets that he is poor. And while he is drunk, he does not remember his problems.
8 Defend the rights of those who are helpless. Protect those who cannot stand up for themselves.
9 Advocate for the poor and needy so that they can get justice in court.
10 The one who marries a kind and hardworking woman will value her more than precious stones.
11 The husband of such a wife completely trusts her to manage the business, because she makes profitable decisions.
12 Throughout her life she will take care of her husband’s well-being and will never betray him.
13 She makes clothes from wool and linen. And everything she does brings her pleasure.
14 She is like a merchant ship that sets off on a long trip to bring everything necessary for life.
15 She gets up before dawn, prepares food for her family, and gives instructions to her maids.
16 She finds land and negotiates its purchase. And with the money she earns, she plants a vineyard there.
17 She takes care of her health in order to be strong and overcome challenges.
18 She can see how well she earns. And her lamp does not go out even at night.
19 She sits down at the spinning wheel and takes hold of the spindle to twist thread from wool and flax.
20 She helps the poor and extends a helping hand to the needy.
21 She does not worry about her family when winter comes because she has made sure that everyone has warm clothing.
22 She makes bed covers. She wears luxurious clothes of bright red color made of fine linen.
23 And her husband holds a high position in society. He sits at the city gates and makes important decisions with other elders.
24 She sews linen clothes and makes belts. Then she sends them to traders who sell them in different places.
25 She is full of strength and carries herself with dignity. She is cheerful and does not worry about what might happen in the future.
26 With wisdom and kindness she teaches others to follow God's Law.
27 She does housework and does not sit idle.
28 Her children treat her with respect and bless her. And her husband also praises her.
29 He says, “There are many worthy women, but you have surpassed them all.”
30 External attractiveness is deceptive, and beauty cannot last forever. But if a woman fears the Lord, this is the most important quality for which she should be valued.
31 She deserves to be treated with respect for everything she does. And may all the people in the city know about her good deeds.