Proverbs of Solomon

Proverbs of Solomon

अध्याय 1

1 यह किताब सुलैमान की बुद्धि की बातों का संग्रह है, जो इस्राएल पर राज्य करता था और राजा दाऊद का बेटा था।
2 सुलैमान ने ये बुद्धि की बातें इसलिए लिखी ताकि हम समझ सकें कि बुद्धि है क्या। वह चाहता था कि हम सीखें कि हमें उचित सुधारों के प्रति कैसे बर्ताव करना चाहिए। यह किताब इसलिए लिखी गई ताकि हम बुद्धिमान लोगों के शब्दों में छिपे हुए मतलब को समझ सकें।
3 सुलैमान ने इन बुद्धि की बातों को इकट्ठा किया, जो हमारे चरित्र पर काम करने और बुद्धि से काम करने में हमारी मदद कर सकती है। तब हम समझ पाएंगे कि धार्मिकता, न्याय और ईमानदारी क्या हैं।
4 अगर साधारण व्यक्ति बुद्धि की बातों को सुनेगा तो वह समझदार बन जाएगा। अगर जवान व्यक्ति बुद्धि की बातों को ध्यान से पढ़ेगा तो उसे ज्ञान मिलेगा, जो उसे सिखाएगा कि सही फैसले कैसे लेने हैं।
5 अगर बुद्धिमान व्यक्ति बुद्धि की बातों पर ध्यान देगा तो वह अपने ज्ञान को बढ़ाएगा। और अगर पढ़ा-लिखा व्यक्ति बुद्धि की बातों को सुनेगा तो वह उनमें बहुमूल्य सलाह को पाएगा।
6 जो बुद्धि की बातों को ध्यान से पढ़ता है वह उन लोगों को समझना सीखेगा, जो छिपे हुए मतलब के साथ या मज़ाक में बोलते हैं। वह समझ पाएगा कि बुद्धिमान लोगों का क्या मतलब है।
7 जो प्रभु का भय मानता है वह समझने लगेगा कि बुद्धि क्या है। सिर्फ़ मूर्ख ही बुद्धि और उचित सुधारों से घृणा करते हैं।
8 हे मेरे बेटे, अपने पिता की बात सुनो जब वह तुम्हारा उचित सुधार करता है। और जब तुम्हारी माता तुम्हें परमेश्वर के कानून को सिखाती है तब तुम उसे मत रोको।
9 तुम्हारे माता-पिता तुम्हें जो बताते हैं उस पर ध्यान दो। तब अनुग्रह मुकुट की तरह तुम पर चमकेगा और हार की तरह तुम्हें सजाएगा।
10 हे मेरे बेटे, पापियों को तुम्हें पाप में मत धकेलने दो।
11 वे तुम्हें मना लेंगे और कहेंगे, “हमारे साथ आओ! हम जाल बिछाएंगे और छिपने की जगह में इन्तज़ार करेंगे। फिर अचानक किसी निर्दोष व्यक्ति पर हमला करेंगे और उसे बिना किसी कारण के मार डालेंगे।”
12 हे मेरे बेटे, अपराधी कहेंगे, “चलो, हम जीवित लोगों को नरक में भेजें और उन्हें सीधे ही मरे हुए लोगों के पास कब्र में डाल दें।”
13 डाकू कहेंगे, “हम सभी प्रकार की बहुमूल्य चीजें चुराएंगे और अपने घरों को लूट की चीजों से भर लेंगे।”
14 अपराधी कहेंगे, “आ जाओ, और तुम हमारे साथ पर्चियाँ डालना। जो तुम जीतो उसे तुम ले लेना और इस तरह हम चुराई हुई चीजों को बांट लेंगे।”
15 हे मेरे बेटे, किसी भी उपद्रवी मंडली में शामिल न होना, सभी अपराधियों से दूर रहना।
16 याद रखना कि अपराधी बुराई करने के लिए बेसब्र होते हैं। और बिना किसी झिझक के वे हत्या कर देते हैं।
17 पक्षी कभी भी नहीं सोचते कि उनमें से कोई भी जाल में फंसेगा।
18 लेकिन शिकारी छिपने की जगह में इन्तज़ार करते हैं और मारने के लिए पक्षियों को फसाते हैं।
19 ऐसा ही उस व्यक्ति के साथ होगा, जो दूसरों की चीजें चोरी करना चाहता है। ये चुराई हुई चीजें ही उससे उसके जीवन को छीन लेंगी।
20 बुद्धि गलियों में और चौकों में सभी से ज़ोर ज़ोर से कहती है।
21 वह हर जगह जहाँ लोग इकट्ठे होते हैं प्रचार करती है। बुद्धि उन लोगों से बात करती है, जो शहर में प्रवेश करते हैं और फाटक से होकर चले जाते हैं।
22 और वह यही कहती है, “तुम, जिसके पास ज्ञान नहीं, कब तक अपने अज्ञान से प्रेम रखोगे? तुम, जो दूसरों का अपमान करते हो, कब तक अपमान करके आनन्द मनाते रहोगे? और तुम, मूर्खों, कब तक ज्ञान से नफ़रत करोगे?
23 बुद्धि कहती है, “जब मैं तुम्हें ठीक करती हूँ तब मेरी सुनो और अपने पापों से मन फिराओ। और फिर मैं अपनी आत्मा तुम पर उँडेल दूँगी और जो कुछ मैं जानती हूँ वह तुम्हें सिखाऊँगी।
24 लेकिन जब मैंने तुम्हें पुकारा तब तुमने नहीं सुना। और जब मैंने मदद करनी चाही और अपने हाथ तुम तक फैलाये तब किसी ने मुझ पर ध्यान नहीं दिया।
25 तुमने मेरी सारी सलाहों को अनदेखा किया और अपने जीवन को बदलने से इनकार कर दिया।
26 इसलिए जब तुम पर मुसीबत आएगी तब मैं हँसूँगी। और जब तुम घबराओगे तब मैं आनन्द मनाऊँगी।
27 अत्यंत भय तूफ़ान की तरह तुम पर आ पड़ेगा। और तबाही अचानक बवंडर की तरह तुम पर आ पड़ेगी। और तुम कष्ट और मुश्किल परिस्थितियों में जीवन बिताओगे।
28 तब मूर्ख मुझे पुकारेंगे लेकिन मैं उनकी नहीं सुनूँगी। वे मुझे ढूँढेंगे लेकिन वे मुझको नहीं ढूँढ पाएंगे।
29 उनके साथ ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि उन्होंने ज्ञान से नफ़रत की। उन्होंने प्रभु की बात मानने से इंकार किया और ऐसे जीने लगे जैसे कि परमेश्वर है ही नहीं।
30 उन्होंने मेरी सभी सलाहों को नकार दिया। और जब मैंने उन्हें सही किया तब उन्होंने मेरी निंदा ​​की।
31 इसलिए वे कड़वे फल खाएंगे, जो उनके जीवन में बढ़ेंगे। उन्होंने दूसरों को नुकसान पहुँचाने की योजना बनाई लेकिन उनकी दुष्ट योजनाएँ उनके अपने जीवन को नष्ट कर देंगी।
32 जिनके पास कोई ज्ञान नहीं, वे बुद्धि के खिलाफ़ विद्रोह करेंगे और यह उन्हें मौत की ओर ले जाएगा। मूर्ख जीवन को गम्भीरता से नहीं लेते हैं, और यह उन्हें नष्ट कर देगा।
33 और जो मेरी बात सुनेगा वह बुराई से न डरेगा। वह सुरक्षित और शांति से रहेगा।”

अध्याय 2

1 हे मेरे बेटे, मेरे शब्दों को याद रखना और उन आज्ञाओं को कभी मत भूलना, जिनके बारे में मैंने तुम्हें बताया था।
2 ध्यान से सुनो कि बुद्धि क्या कहती है। सोचना और मनन करना सीखो।
3 ज्ञान को ढूँढो और अपनी सोचने की क्षमता को बढ़ाओ।
4 ज्ञान को ऐसे ढूँढो जैसे तुम चाँदी या ख़ज़ाने को ढूँढते हो।
5 तब तुम सीखोगे कि प्रभु का भय क्या है और तुम समझोगे कि परमेश्वर कौन है।
6 प्रभु बुद्धि देता है। वह ऐसे शब्द बोलता है, जो व्यक्ति को ज्ञान और समझ देते हैं।
7 परमेश्वर उन लोगों को सफलता देता है, जो ईमानदारी से काम करते हैं। और वह अपनी ढाल से उनकी रक्षा करता है।
8 प्रभु उन लोगों के जीवन के सभी क्षेत्रों की रखवाली करता है, जो ईमानदारी से काम करते हैं। वह उस रास्ते की रक्षा करता है, जिसमें उसके पवित्र लोग चलते हैं।
9 हे मेरे बेटे, मेरी बात सुनो। तब तुम समझोगे कि धार्मिकता और न्याय क्या हैं। तुम वह करना सीखोगे जो सही है और सही चुनाव करना सीखोगे।
10 अपने दिल को बुद्धि से भरने दो। और अपने प्राण को ज्ञान से प्रेम करने दो।
11 तब तुम समझदार व्यक्ति बनोगे और यह तुम्हारी रक्षा करेगा। तुम बुद्धिमान व्यक्ति बन जाओगे और यह तुम्हें बुराई से बचाएगा।
12 अगर तुम बुद्धिमान बन जाओगे तो तुम जीवन में सही दिशा चुनोगे। बुद्धि तुम्हें झूठ बोलने वाले व्यक्ति से बचाएगी।
13 अगर तुम समझदार व्यक्ति बन जाओगे तो यह तुम्हें उन लोगों से बचाएगा, जिन्होंने जीवन में गलत रास्ता चुना है और अन्धकार के मार्गों में चलते हैं।
14 बुद्धि तुम्हें उन से बचाएगी, जो बुराई करने में खुश होते हैं और उलट फेर के काम में आनन्द लेते हैं।
15 चरित्रहीन जीवन जीने वाले व्यक्ति को समझ में नहीं आता कि यह उसे कहाँ ले जाएगा।
16 अगर पराई स्त्री चिकनी चुपड़ी बातें और मीठे शब्द बोले तो तुम्हें बुद्धिमान व्यक्ति की तरह व्यवहार करना होगा ताकि वह तुम्हें लुभा न सके।
17 जब वह जवान थी तब उसने शादी की। लेकिन अब उसने अपने पति को छोड़ दिया। और जो वादा उसने परमेश्वर के सामने अपने पति से किया, उसे उसने तोड़ दिया।
18 चरित्रहीन औरत के घर में प्रवेश करने वाला व्यक्ति नाश होगा और कब्र में जाएगा।
19 जो ऐसी औरत के साथ रिश्ता बनाएगा वह जीवन के सही रास्ते पर नहीं लौट पाएगा।
20 सही काम करने वाले लोगों के उदाहरण का अनुसरण करो। परमेश्वर पर विश्वास करने वाले लोगों की तरह जियो।
21 याद रखो कि सिर्फ़ परमेश्वर पर विश्वास करने वाले ही इस धरती पर जीवित रहेंगे। और ईमानदारी से काम करने वाले ही इस में बने रहेंगे।
22 और नीच लोग धरती पर नाश हो जाएंगे। और जो बुराई की योजनाएँ बनाते हैं वे पूरी तरह से मिटाए जाएंगे।

अध्याय 3

1 हे मेरे बेटे, परमेश्वर के कानून को मत भूलना जो मैंने तुम्हें सिखाये थे। परमेश्वर की आज्ञाओं को अपने दिल में रहने देना।
2 तब तुम्हारा जीवन कई सालों तक चलता रहेगा। और तुम पूरी शान्ति और सफलता में जीवन बिताओगे।
3 दूसरों पर दया दिखाओ और वही करो जो सच्चाई तुम्हें सिखाती है। यह तुम्हारे जीवन को खूबसूरत बना देगा जैसे कीमती हार किसी व्यक्ति को खूबसूरत बना देता है। पत्थर पर खोदे गए शब्दों की तरह दया और सच्चाई को अपने दिल में लिख लो।
4 तब तुम्हें परमेश्वर की नज़र में अनुग्रह मिलेगा। और लोग तुम्हारा आदर करेंगे।
5 अपने सारे दिल से प्रभु पर भरोसा रखना। और अपनी समझ का सहारा न लेना।
6 हर परिस्थिति में यह समझने का हर संभव प्रयास करना कि परमेश्वर क्या करना चाहता है। और वह कदम कदम पर तुम्हारी अगुवाई करेगा।
7 अपने बारे में यह मत सोचना कि तुम हर किसी से ज़्यादा चतुर हो। प्रभु का भय मानना और बुराई से अलग होना।
8 तब तुम्हारा शरीर और तुम्हारी हड्डियाँ मजबूत बनेंगे और तुम अपनी बीमारी से चंगे हो जाओगे।
9 जो कुछ तुम्हारा है वह प्रभु को समर्पित कर दो और उसकी सेवा करो। अपनी फ़सल का पहला फल उसके पास लाओ और उसे अपने लाभ का भाग दो। इस तरह से तुम प्रभु को अपना गहरा आदर दिखाओगे।
10 तब परमेश्वर तुम्हें इतनी बहुतायत से फसल देगा कि तुम अनाज से अपने भण्डार घरों को ऊपर तक भर दोगे। और तुम्हारे पास इतने अंगूर होंगे कि तुम बहुतायत से नया दाखरस बनाओगे।
11 हे मेरे बेटे, जब प्रभु तुम्हारी गलतियों को दिखाता है तब ध्यान देना। और जब वह तुम्हें ठीक करता है तब गुस्सा मत करना।
12 प्रभु उसी को सुधारता है जिससे वह प्यार करता है। जैसे पिता अपने प्यारे बेटे को ठीक करता है वैसे ही परमेश्वर उसे ठीक करता है जिस से वह प्यार करता है।
13 जिसने अक्लमंदी और समझदारी से काम लेना शुरू कर दिया वह आशीषित और सुखी जीवन जिएगा।
14 बुद्धि तुम्हें चाँदी से ज़्यादा लाभ देगी। तुम्हें सोने से ज़्यादा बुद्धि से अधिक कमाई मिलेगी।
15 बुद्धि बहुमूल्य पत्थर से भी ज़्यादा कीमती है। और जिसकी भी तुम इच्छा करते हो उसकी तुलना बुद्धि से नहीं हो सकती।
16 बुद्धि अपने दाहिने हाथ में लंबे जीवन को पकड़े रहती है। बुद्धि अपने बाएं हाथ में धन-संपत्ति और महिमा को पकड़े रहती है।
17 बुद्धि के मार्ग पर चलना कितना सुहावना है। तब तुम्हारा हर कदम तुम्हारे लिए शान्ति और सफलता लाएगा।
18 जो बुद्धि की खोज करता है वह जीवन के पेड़ को खोजता है। आशीषित और सुखी जीवन जीने के लिए बुद्धि से काम करें।
19 प्रभु ने पृथ्वी को बुद्धि से बनाया और ज्ञान से स्वर्गों को फैलाया।
20 परमेश्वर जानता था कि पानी के सोते कैसे बनाए जाएं, जो ज़मीन से बाहर फूट पड़ें। उसने बादल बनाए ताकि ओस ज़मीन पर गिर सके।
21 हे मेरे बेटे, फ़ैसला लेने से पहले अच्छी तरह सोचो। अच्छी तरह से सोच समझकर और बुद्धि से काम लो।
22 यह तुम्हारे प्राण को जीवन देगा और तुम्हें कीमती हार की तरह सजाएगा।
23 तब तुम सुरक्षित रहोगे और तुम सही रास्ते से नहीं भटकोगे।
24 और जब तुम बिस्तर पर जाओगे तब डर के कारण तुम्हारी रातों की नींद खराब नहीं होगी। तुम शान्ति से सो पाओगे और मीठी नींद का आनन्द लोगे।
25 अगर नीच लोग तुम्हें धोखा देने की कोशिश करें तो न डरना और न घबराना।
26 प्रभु में भरोसा रखो। और वह तुम्हें उस जाल से बचने में मदद करेगा जो नीच लोग तुम्हारे लिए लगाते हैं।
27 अगर तुम्हारे पास जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करने का मौका है तो उसकी मदद करने से इनकार मत करना।
28 अगर तुम आज अपने दोस्त की मदद कर सकते हो तो कल पर अपने अच्छे काम मत टालो।
29 जो तुम्हारे पास शांति से रहता है उस व्यक्ति के विरुद्ध कोई बुरी योजना मत बनाना।
30 अगर उसने तुम्हें कोई नुकसान नहीं पहुँचाया तो बिना किसी कारण उसका दुश्मन मत बनना।
31 बेरहम व्यक्ति की सफलता से ईर्ष्या मत करना। और उसकी तरह से कभी काम मत करना।
32 परमेश्वर बिगडे़ हुए व्यक्ति से नफ़रत करता है। प्रभु उन लोगों के साथ बातचीत करता है जो उस पर विश्वास रखते हैं और जो सही काम करने के लिए उत्सुक रहते हैं।
33 प्रभु पाप में रहने वाले अविश्वासी के घर को श्राप देता है। लेकिन प्रभु सही काम करने के लिए उत्सुक रहने वाले विश्वासी के घर को आशीष देता है।
34 प्रभु उन लोगों की हंसी उड़ाएगा जो उसकी हंसी उड़ाते हैं। और वह अपना अनुग्रह उसी को देगा जो परमेश्वर के सामने खुद को नम्र करता है।
35 जो बुद्धि से काम करता है वह अच्छी प्रतिष्ठा पाएगा। और जो मूर्खता से काम करता है वह अपने आप को शर्मिंदा करेगा।

अध्याय 4

1 हे मेरे बच्चों, अपने पिता की बात सुनो जब वह तुम्हारा उचित सुधार करता है। समझ सीखने के लिए उसके शब्दों पर ध्यान दो।
2 मैंने तुम्हें सही बातें सिखाई हैं, परमेश्वर के कानून को मत भूलना।
3 जब मैं बच्चा था तब मेरा भी पिता था, जो मुझसे बहुत प्यार करता था। और मेरी माँ ने मुझे अपने इकलौते बेटे की तरह माना।
4 मेरे पिता ने मुझसे कहा, “तुम्हारा दिल मेरे शब्दों को याद रखे। मैं तुम्हें आज्ञाओं को सिखाता हूँ ताकि तुम सुखी जीवन जी सको।
5 समझदारी सीखने के लिए बुद्धि को ढूँढो। इसके बारे में भूल मत जाना और मेरे शब्दों को अनदेखा मत करना।
6 जो बुद्धि कहती है उसको अनदेखा मत करो तब वह तुम्हारी रक्षा करेगी। बुद्धि से काम करो तब वह तुम्हारी रखवाली करेगी।
7 बुद्धि को खोजें, क्योंकि जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज़ बुद्धि है। समझ के साथ कैसे काम करना है यह सीखने के लिए हर संभव प्रयास करें।
8 किसी भी चीज़ से अधिक बुद्धि को बहुमूल्य समझना और यह तुम्हें महान बनाएगी। बुद्धि के साथ एक हो जाना तब लोग तुम्हारा आदर करेंगे।
9 बुद्धि अनुग्रह को सुंदर माला की तरह तुम पर रखेगी। बुद्धि शानदार मुकुट से तुम्हें सजाएगी।”
10 हे मेरे बेटे, मेरी बात सुनो और जो मैं कहता हूँ वह करो। तब तुम लंबा और सुखी जीवन जिओगे।
11 मैं तुम्हें सिखाता हूँ कि कैसे बुद्धिमान बनें। मैं तुम्हें बताता हूँ कि कैसे सही तरीके से जीवन जीना है।
12 जब तुम कुछ करना शुरू करोगे तब कुछ भी तुम्हें रोकने में सफल नहीं होगा। और जब तुम्हें जल्दी से काम करने की ज़रूरत होगी तब तुम गलती नहीं करोगे।
13 जब कोई व्यक्ति तुम्हारा उचित सुधार करता है तब ध्यान देना और उन्हें अनदेखा मत करना। अपने आप को सही करो, क्योंकि यह तुम्हारे जीवन में सफलता लाएगा।
14 अपने जीवन में सही दिशा चुनना। और कभी भी अपराधी या नीच व्यक्ति की तरह काम मत करना।
15 अगर तुमने गलत रास्ते पर चलना शुरू कर दिया है तो रुको और इस रास्ते को छोड़ दो। और अगर कोई तुम्हें अपराध करने की सलाह देता है तो इसमें भाग लेने से मना कर दो।
16 अगर अपराधी कोई बुराई नहीं करेंगे तो वे सो नहीं पाएंगे। अगर वे किसी को नुकसान नहीं पहुँचाएंगे तो उन्हें नींद नहीं आएगी।
17 नीच लोग अपना जीवनयापन करने के लिए अपराध करते हैं। वे शराब के नशे में धुत होकर क्रूर बातें करते हैं।
18 सही काम करने के लिए उत्सुक रहने वाले विश्वासियों का जीवन सूरज की तरह है जो भोर को उगता है और तब तक वह और चमकदार और उज्जवल होता जाता है जब तक दोपहर की तरह धूप न हो जाए।
19 लेकिन कानून तोड़ने वालों का जीवन अन्धकार की तरह है जो तब तक घोर अंधेरा होता रहता है जब तक रात की तरह अन्धकार न हो जाए। ऐसे लोग यह नहीं देख सकते कि वे कहाँ जा रहे हैं। और वे नहीं जानते कि किस से ठोकर खाएंगे।
20 हे मेरे बेटे, मेरे शब्दों पर ध्यान दो। जो मैं कहता हूँ उसे सुनो।
21 जो मैंने तुम्हें लिखा है उसे पढ़ते रहो ताकि मेरे शब्द तुम्हारे दिल की गहराई में उतर जाएं।
22 जो मेरे शब्दों का मतलब समझता है वह पूरी तरह से स्वस्थ रहेगा और सुखी जीवन जिएगा।
23 किसी भी चीज़ से ज़्यादा इस बात पर ध्यान देना कि तुम्हारे दिल में क्या भरा है। तुम्हारा दिल स्त्रोत है और जो कुछ भी तुम्हारे जीवन में होता है वह तुम्हारे दिल से शुरू होता है।
24 झूठ मत बोलना और अपने शब्दों से दूसरों को गुमराह मत करना।
25 इस तरह से जियो कि तुम ईमानदारी से लोगों की आँखों में देख सको और शर्म के कारण अपनी आँखें न चुराओ।
26 पहले से सोच लो कि तुम्हें क्या करना चाहिए। सही दिशा में जाओ और जिस मार्ग को तुम चुनते हो उस पर शक मत करना।
27 दाहिने या बाएं ओर मत मुड़ना। और उन जगहों पर मत जाना जहाँ दूसरे लोग बुराई करते हैं।

अध्याय 5

1 हे मेरे बेटे, मेरे ज्ञान की बातों पर ध्यान दो और मेरी बुद्धि की सलाहों को सुनो।
2 तब तुम समझदार व्यक्ति बन जाओगे और तुम योग्यता के साथ बोलोगे।
3 चरित्रहीन औरत के शब्द शहद की तरह मीठे होते हैं और ख़ुशबूदार तेल की तरह सुहावने होते हैं।
4 लेकिन अगर वह तुम्हें लुभाएगी तो तुम उसके परिणाम से बच नहीं पाओगे। तुम्हें इतना बुरा लगेगा जैसे तुम्हें ज़हर दिया गया हो। यह तुम्हें ऐसे चोट पहुँचाएगा जैसे कि तुम तेज तलवार से घायल किए गए हो।
5 चरित्रहीन औरत मौत की तरफ जाती है और धीरे धीरे वह नरक के और पास आ जाती है।
6 वह अपने जीने के तरीके के बारे में नहीं सोचती। और वह चिन्ता नहीं करती कि उसके जीवन का कोई लक्ष्य नहीं।
7 हे मेरे बेटे, इसलिए मेरी बात सुनो और जो मैं तुमसे कह रहा हूँ उसे मत भूलना।
8 चरित्रहीन औरत से दूर रहना और उसके घर के दरवाज़े के पास भी मत जाना।
9 लेकिन अगर तुम उसके साथ रिश्ता बनाओगे तो तुम लोगों से आदर खो दोगे और तुम्हारा जीवन कष्ट में बदल जाएगा।
10 ऐसी औरतों पर अपना जीवन बर्बाद मत करना। नहीं तो, जो कुछ भी तुम कमाते हो वह तुम उन्हें दे दोगे।
11 बीमारी तुम्हारे शरीर को खा जाएगी। तुम अपनी सेहत को खो दोगे और तुम दर्द से पीड़ित रहोगे।
12 तब तुम कहोगे, “जब मुझे दूसरों ने सुधारा तब मुझे उनकी बात सुननी चाहिए थी। जब मेरी अंतरात्मा ने मुझे रोकने की कोशिश की तब मुझे इस पर ध्यान देना चाहिए था।
13 मैं उन लोगों की बात सुनना ज़्यादा पसंद करूँगा जिन्होंने मुझे सही काम करना सिखाया। मैं उन लोगों की बातों पर ज़्यादा ध्यान दूँगा जिन्होंने सच्चाई के रास्ते पर मेरी अगुवाई की।
14 और अब मेरे आस-पास हर कोई देख सकता है कि मैंने कितनी जल्दी अपना जीवन बर्बाद कर लिया।”
15 अपनी पत्नी के प्रति वफ़ादार रहना। अपने ही कुएँ से पानी पीना जो हमेशा ताजे पानी से भरा रहता है।
16 उन औरतों के साथ रिश्ता मत बनाना जो खुद को सड़कों और शहर के चौकों में सौंप देती हैं। ऐसे गंदे नाले से पानी न पीना।
17 तुम्हें सिर्फ़ अपनी पत्नी से संबंध रखना चाहिए और तुम्हारे पास दूसरी औरतें नहीं होनी चाहिए।
18 अपनी पत्नी का आनन्द लेना जो तुम्हारी जवानी से ही तुम्हारी है। वही तुम्हारे लिए आशीषों का सोता बनी रहे।
19 तुम्हारी पत्नी प्यारे हिरण की तरह कोमल है। वह सुंदर पहाड़ी बकरी की तरह सुंदर है। और तुम हमेशा उसकी बाहों में प्यार का आनन्द ले सकते हो।
20 हे मेरे बेटे, चरित्रहीन औरत के प्यार में मत पड़ना। तुम खुद को उसकी बाहों में क्यों फेंकोगे?
21 प्रभु एक व्यक्ति के सभी कामों को देखता है। वह हर बात पर ध्यान देता है जो व्यक्ति करता है।
22 अगर कोई बुराई करेगा तो वह अपने कामों से कष्ट भोगेगा। वह व्यक्ति अपने अपराधों से अपने ही जीवन को नाश कर देगा। और उसके पाप उसे लोहे की जंजीरों की तरह कसकर पकड़ लेंगे।
23 नीच व्यक्ति मर जाएगा क्योंकि वह अपना जीवन बदलना नहीं चाहता। वह सही रास्ते से भटक गया है और बहुत सारे जंगली काम करता है।

अध्याय 6

1 हे मेरे बेटे, तुमने अपने दोस्त के कर्ज को चुकाने का वादा क्यों किया? तुमने किसी दूसरे व्यक्ति के धन की जिम्मेदारी अपने ऊपर क्यों ली?
2 जब तुम किसी और के कर्ज को चुकाने के लिए सहमत हुए तब तुमने खुद को अपने ही शब्दों में फंसा लिया।
3 हे मेरे बेटे, तुमने खुद को दूसरे व्यक्ति के अधिकार में दे दिया है। इसलिए मेरी सलाह को सुनो। अपने उस दोस्त के पास जाओ जिसका कर्ज तुमने चुकाने का वादा किया है और उसके सामने घुटने टेको। तब तक उससे विनती करो जब तक वह तुम्हें उन जिम्मेदारियों से आज़ाद न कर दे, जो तुमने अपने ऊपर ली हैं।
4 सारी शाम और सारी रात उससे विनती करो, जब तक वह मान न जाए।
5 जैसे हिरण शिकारी से दूर भागता है वैसे ही किसी दूसरे का कर्ज चुकाने से अपने आप को बचाए रखना। जाल में फंसे पक्षी की तरह अपने आप को आज़ाद कर लेना।
6 हे आलसी, चींटियों के पास जाओ। उनके कामों को देखो और उनसे बुद्धि से व्यवहार करना सीखो।
7 चींटी के पास कोई अगुवा या नेता नहीं होता। और कोई भी चींटियों को काम करने के लिए मजबूर नहीं करता।
8 लेकिन वे पूरी गर्मियों में फ़सल कटने तक और सर्दियों के लिए खाना इकट्ठा करने के लिए काम करती हैं।
9 हे आलसी, तुम इतनी देर से क्यों उठ रहे हो? तुम कब जागोगे और अपने बिस्तर से उठोगे?
10 बिस्तर में पड़े रहना और यह सोचना बंद करो, “अगर मैं थोड़ा और सो लेता हूँ और छोटी सी झपकी लेता हूँ तो यह ठीक है। अगर मैं कुछ नहीं करता और थोड़ा और आराम करता हूँ तो यह ठीक है।”
11 लेकिन अगर तुम आलसी बने रहोगे तो गरीबी तुम पर लुटेरे की तरह हमला करेगी। और सभी तरह की समस्याएँ तुम पर डाकू की तरह आ पड़ेंगी।
12 झूठ फैलाने वाला व्यक्ति घिनौने और नीच तरीके से काम करता है।
13 अपनी आँखों की हरकतों से, जिस तरह से वह चलता है और जिस तरह से वह इशारे करता है, इनसे वह खुद को प्रकट करता है।
14 वह अपने दिल में नीचता छुपाए रखता है। वह दूसरों के लिए मुसीबतें खड़ी करने के लिए हमेशा तैयार रहता है ताकि उनमें झगड़ा भड़के।
15 इसलिए अचानक कोई मुसीबत उस पर आ पड़ेगी। और वह अचानक बिना चंगाई की उम्मीद लिए हुए नाश हो जाएगा।
16 छह चीजों से प्रभु नफ़रत करता है, यहाँ तक कि उसका प्राण सात चीजों से घृणा करता है।
17 प्रभु को घृणा होती है जब कोई व्यक्ति दूसरे की निंदा करता है। प्रभु को घृणा होती है जब लोग झूठ बोलते हैं। जब कोई निर्दोष व्यक्ति की हत्या करता है तब परमेश्वर इससे नफ़रत करता है।
18 प्रभु को घृणा होती है जब लोग अपने दिलों में बुरी योजनाएँ रखते हैं। उसे घृणा होती है जब कोई व्यक्ति अपराध करने के लिए बेसब्र होता है।
19 परमेश्वर नफ़रत करता है जब कोई झूठी गवाही देता है। उसे घृणा होती है जब कोई व्यक्ति भाइयों के बीच नफ़रत पैदा करता है।
20 हे मेरे बेटे, उन आज्ञाओं को मानना, जिनके बारे में तुम्हारे पिता ने तुम्हें बताया था। और जब तुम्हारी माँ तुम्हें परमेश्वर का नियम सिखाती है तब उन्हें अस्वीकार मत करना।
21 अगर आज्ञाएँ हमेशा तुम्हारे दिल में बनी रहेंगी तो वे तुम्हें बहुमूल्य हार की तरह सजाएंगी।
22 जब तुम कुछ करना शुरू करते हो तब ये आज्ञाएँ सही फैसले लेने में तुम्हारी मदद करेंगी। जब तुम बिस्तर पर जाओ तब वे तुम्हें बेचैन करने वाले विचारों से बचाएंगी। और जब तुम उठोगे तब तुम आज्ञाओं पर ध्यान लगाओगे।
23 आज्ञा दीपक की तरह तुम्हारे जीवन के मार्ग को प्रकाशित करेगी। परमेश्वर का कानून तुम्हारे जीवन में धूप जैसा तेज प्रकाश लाएगा। जो उचित सुधारों पर ध्यान देता है और खुद को बेहतर बनाता है वह सुखी जीवन जिएगा।
24 चरित्रहीन औरत तुम से मीठी बातें करेगी। लेकिन अगर तुम आज्ञाएँ मानोगे तो वह तुम्हें लुभा न सकेगी।
25 उसके शरीर की सुंदरता की चाह मत करना और उसकी आँखों की सुंदरता में फंस मत जाना। वासना भरी इच्छाओं को अपने दिल में मत भरने देना।
26 चरित्रहीन औरत आदमी को गरीब बना देगी और उसे पूरी तरह से तोड़ कर छोड़ देगी। और जो पराई स्त्री के साथ रिश्ता बनाता है वह अपने जीवन से इसकी कीमत चुकाएगा।
27 अगर कोई व्यक्ति अपने कपड़ों के अन्दर आग रखेगा तो उसके कपड़े जल जाएंगे।
28 अगर कोई व्यक्ति जलते हुए अंगारों पर चलेगा तो वह अपने पैरों को जला लेगा।
29 और अगर कोई पराई स्त्री के साथ सोएगा तो वह आग से खेलेगा और सजा पाएगा, जिसका वह हकदार है।
30 जब चोर खाने के लिए चोरी करता है तब कोई भी उस भूखे चोर को माफ़ नहीं करता।
31 और अगर लोग उसे पकड़ेंगे तो उसे चुराए हुए का सात गुना वापस करना पड़ेगा। जो कुछ उसने चुराया है उसके लिए उसे सब कुछ दे देना होगा।
32 और जो किसी औरत के साथ प्रेम संबंध शुरू करता है उसमें समझ नहीं। जो पराई स्त्री के साथ सोता है वह खुद को नाश कर देगा।
33 लोग उसकी पिटाई करेंगे और उसे शर्मिंदा करेंगे। और वह कभी भी अपने सम्मान को वापस नहीं पाएगा।
34 जब उसके पति को पता चलेगा कि उसकी पत्नी ने उसे धोखा दिया है तब वह क्रोध से भर जाएगा। जलन रखने वाला पति उस आदमी को नहीं छोड़ेगा, जिसका उसकी पत्नी के साथ प्रेम संबंध था। वह अपने अपराधी से बदला लेने के लिए कुछ भी करेगा।
35 और अगर उसका अपराधी भरपाई करने की कोशिश करेगा तो सबसे बड़ा धन भी उस गुस्से वाले पति को शांत नहीं कर पाएगा।

अध्याय 7

1 हे मेरे बेटे, जैसा मैं तुम्हें बताता हूँ वैसा ही करो। और उन आज्ञाओं को मत भूलना जो मैंने तुम्हें सिखाई हैं।
2 उन्हें मत तोड़ना और तुम सुखी जीवन जीओगे। परमेश्वर के कानून का पालन करना क्योंकि यह उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि अच्छी दृष्टि होना।
3 आज्ञाओं को मानना और यह तुम्हारे जीवन को सुंदर बनाएगी जैसे कीमती अंगूठियाँ किसी व्यक्ति को सुंदर बनाती हैं। पत्थर पर खोदे गये शब्दों की तरह आज्ञाओं को अपने दिल में लिख लो।
4 बुद्धि की ओर मुड़ो और कहो, “मैं अपनी बहन की तरह तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ।” समझ की ओर मुड़ो और कहो, “मैं अपने करीबी दोस्त की तरह तुम्हें सराहता हूँ।”
5 तब बुद्धि और समझ तुम्हें चरित्रहीन औरत से बचाएंगे। और वह अपने मीठे शब्दों से तुम्हें लुभा नहीं पाएगी।
6 एक बार मैं घर पर था और खिड़की की जाली से देख रहा था।
7 मैंने भोले-भाले जवानों की मण्डली को देखा और उन के बीच एक मूर्ख जवान पर ध्यान दिया।
8 उसने चौराहे को पार किया और चरित्रहीन औरत के घर की ओर चला।
9 अंधेरा हो चला था जब शाम रात और अंधकार में बदल गयी।
10 तब एक औरत, जो बेशर्मों जैसे कपड़े पहने हुए थी, लुभाने के लिए जवान आदमी के पास आई।
11 वह हमेशा से ऊँचे शब्द से बोलने वाली और विद्रोही है। और वह कभी घर पर नहीं टिकती।
12 वह गलियों में, चौराहों पर और हर एक कोने पर उन लोगों को ढूँढती है जिन्हें लुभाया जा सकता है।
13 उस ने जवान आदमी को पकड़ा और उसे चूमना शुरू कर दिया। और बिना किसी शर्म के उसने उससे कहा,
14 “मैंने भगवान से जो वादा किया था उसे पूरा किया। इसलिए आज मैं मन्दिर गई जहाँ मैंने भगवान को अपनी शांति बलि चढ़ाई। और अब मेरे पास घर पर बहुत सारा बचा हुआ खाना है जो बलिदान के बाद बच गया है।
15 इसलिए मैं किसी ऐसे व्यक्ति को ढूँढने के लिए बाहर आयी जिसके साथ मैं आनन्द मना सकूँ। और तुम बिल्कुल वही हो जिसे मैं ढूँढ रही थी।
16 मैंने अपने बिस्तर पर मिस्र के खूबसूरत कंबल बिछाए हैं और अपने सोने वाले कमरे को कालीनों से सजाया है।
17 मैंने अपने सोने वाले कमरे को लोबान, अगर और दालचीनी से खुशबूदार बनाया है।
18 मेरे पास आओ! हम सुबह तक खेलेंगे और प्यार का आनन्द लेंगे।
19 सिर्फ़ मैं घर पर हूँ और कोई भी नहीं, क्योंकि मेरा पति लंबे समय से व्यापार यात्रा पर गया है।
20 वह अपने साथ बहुत पैसा ले गया और महीने के अंत में ही घर लौटने का वादा किया था।”
21 उसने अपने मीठे शब्दों से जवान आदमी को ललचाया और अपने कोमल होंठों से उसे लुभा लिया।
22 और वह उसी घड़ी उसके पीछे हो लिया एक बैल की तरह जो नहीं समझता कि वह कसाई के पास जाता है। वह हिरण की तरह उसके पीछे हो लिया जिसे पता नहीं कि वह जाल की ओर भाग रहा है।
23 जल्द ही उसे हिरण की तरह गोली मार दी जाएगी। और वह नहीं जानता कि एक तीर उसके दिल को छेद देगा। वह ऐसे पक्षी की तरह था जिसने खुद को जाल में फेंक दिया, यह महसूस किए बिना कि यह उसे नाश कर देगा।
24 इसलिए, हे मेरे बेटे, मेरी बात सुनो और जो मैं तुमसे कहता हूँ उस पर ध्यान दो।
25 किसी चरित्रहीन औरत से प्यार मत करना। अपना दिल उसे मत देना और उससे बहुत दूर रहना।
26 उसने बहुत दुख दिये और बहुत से मजबूत आदमियों के जीवन को पूरी तरह से नाश कर दिया।
27 चरित्रहीन औरत के घर में प्रवेश करने वाला उस मार्ग में प्रवेश करेगा जो उसे नरक की ओर ले जाएगा। उसके सोने के कमरे में जाने वाला नाश हो जाएगा।

अध्याय 8

1 क्या तुम सुनते हो कि बुद्धि कैसे लोगों से ज़ोर से बोलती है? क्या तुम सुनते हो कि समझ कैसे सभी को अपने पास आने के लिए बुलाती है?
2 बुद्धि पहाड़ी की चोटियों पर, सड़क के किनारे और चौराहों पर खड़ी रहती है।
3 बुद्धि ज़ोर से उन लोगों से बोलती है जो शहर में प्रवेश करते हैं और फाटक से होकर चले जाते हैं।
4 बुद्धि कहती है, “हे लोगों, मैं तुम्हें पुकारती हूँ ताकि तुम मेरे पास आओ! जो मैं तुमसे कहना चाहती हूँ, उसे सुनो।
5 तुम, जिसके पास ज्ञान नहीं, अक्‍लमंदी से सोचना सीखो। और तुम, मूर्खों, बुद्धिमान बनो।
6 मेरी बात सुनो, क्योंकि मैं उन चीजों के बारे में बात करूँगी जो महत्वपूर्ण और सही हैं।
7 मुझे सच बोलना पसंद है और मुझे झूठ से नफ़रत है।
8 मेरे सभी शब्द सच्चे हैं। मैंने कभी किसी को धोखा नहीं दिया और न ही गुमराह किया।
9 समझदार व्यक्ति मेरी हर बात का मतलब समझ सकता है, जो मैं कहती हूँ। और जिसने ज्ञान पाया वह जाँच लेगा कि मेरे शब्द सच्चे हैं।
10 जब मैं तुम्हें सिखाती हूँ तब ध्यान से सुनो। चाँदी से ज़्यादा मेरी शिक्षा की प्रशंसा करो। ज्ञान प्राप्त करो, क्योंकि यह शुद्ध सोने से बेहतर है।
11 बुद्धि गहनों से ज़्यादा कीमती है। तुम बुद्धि की तुलना ऐसे किसी धन से नहीं कर सकते, जिसे तुम पाना चाहते हो।
12 मैं बुद्धि हूँ। यही कारण है कि मैं अक्‍लमंदी और शुद्ध सोच को दिखाती हूँ। और मेरे पास ज्ञान की भरपूरी है।
13 मैं बुद्धि हूँ। और मुझे नफ़रत होती है जब कोई व्यक्ति दूसरों को घमंड और अहंकार से देखता है। जब लोग अपराध करते हैं तो इससे मुझे घृणा होती है। मुझे नफ़रत होती है जब कोई व्यक्ति दूसरों को गुमराह करने के लिए झूठ बोलता है। इसलिए जो प्रभु का भय मानता है उसे बुराई से नफ़रत करनी है।
14 मैं ऐसी सलाह देती हूँ, जो सफलता लाती है। मैं जानती हूँ कि किसी व्यक्ति को बुद्धिमान और मजबूत कैसे बनाया जाए।
15 मैं राजाओं को उनके देश पर अच्छी तरह से राज्य करना सिखाती हूँ। मैं सरकार को न्यायपूर्ण कानून बनाने के लिए बुद्धि देती हूँ।
16 मैं राज्यपालों, शासकों और पृथ्वी के न्यायियों को उनके लोगों की सही दिशा में अगुवाई करने में मदद करती हूँ।
17 मैं बुद्धि हूँ। मैं उनसे प्यार करती हूँ जो मुझसे प्यार करते हैं। और जो मुझे ढूँढता है वह मुझे पाएगा।
18 मेरे पास धन, महिमा और धार्मिकता है। मेरे पास वह खजाना है, जो कभी नाश न होगा।
19 और जो मुझे ढूँढने के लिए उत्सुक रहता है वह ऐसा इनाम पाएगा, जो चोखे सोने से बेहतर होगा। मैं उसे ऐसा इनाम दूँगी, जो शुद्ध चाँदी से ज़्यादा कीमती होगा।
20 मैं सही काम करती हूँ और न्यायपूर्ण फैसले करती हूँ।
21 जो बुद्धि से प्यार करते हैं उन्हें धन विरासत में मिलेगा। और मैं उनके घरों को बहुमूल्य चीज़ों से भर दूँगी।
22 प्रभु के दुनियाँ को बनाने से भी पहले उस के पास बुद्धि थी।
23 मैं बुद्धि हूँ। परमेश्वर के पृथ्वी को बनाने से भी पहले, मैं मौजूद थी।
24 परमेश्वर के गहरे समुद्रों को बनाने से पहले और झरनों में पानी भरने से भी पहले, मैं पैदा हुई।
25 परमेश्वर के पहाड़ों और पहाड़ियों को बनाने से भी पहले, मैं पैदा हुई।
26 परमेश्वर के धरती, खेतों और संसार की पहली धूल के कण बनाने से भी पहले, मैं पैदा हुई।
27 जब परमेश्वर ने आकाश को फैलाया तब मैं वहाँ थी। मैंने देखा कि उसने क्षितिज की रेखा कैसे खींची जहाँ आकाश बहुत गहरे महासागर से मिलता है।
28 जब परमेश्वर ने आकाश को बादलों से भर दिया तब मैं वहाँ थी। मैंने देखा कि पृथ्वी के नीचे क्या हो रहा था जब परमेश्वर ने पानी से भूमिगत सोतों को भरा।
29 जब परमेश्वर ने समुद्र को आज्ञा दी कि वह अपने किनारों से बाहर न आए तब मैं वहाँ थी। मैंने देखा जब उसने पृथ्वी का आंतरिक ढांचा बनाया।
30 मैं परमेश्वर के साथ थी और मैंने कारीगर की तरह उसकी योजनाओं को पूरा किया। हर दिन मैंने परमेश्वर को आनन्द दिया और हर समय मैं उसकी उपस्थिति में खुशी से हँसी।
31 जब परमेश्वर ने पृथ्वी और पहले परिवार को बनाया तो मैं कितनी उत्साहित थी!
32 हे लोगों, मेरी बात सुनो। जो बुद्धि से काम करता है वह आशीषित और सुखी जीवन जिएगा।
33 जब मैं तुम्हारा उचित सुधार करती हूँ तब मेरी बात सुनो और उनको अस्वीकार मत करो। तब तुम बुद्धिमान बन जाओगे।
34 जो हर दिन मेरे घर के दरवाज़े पर मुझे देखने का इंतजार करता है और जो मुझे सुनने के लिए मेरे दरवाज़े से बाहर आने का इंतेज़ार करता है वह आशीषित और सुखी जीवन जिएगा।
35 मैं बुद्धि हूँ। और जो मुझे पाएगा वह ऐसा जीवन जिएगा, जो प्रभु के लिए आनन्द लाएगा।
36 और जो मुझे नहीं ढूँढता, वह खुद को नुकसान पहुँचाएगा। जो मुझसे नफ़रत करता है वह मौत से प्यार करता है।”

अध्याय 9

1 बुद्धि ने अपना घर बनाया और वहाँ सात पत्थर के खम्भे खड़े किए।
2 उसने बहुत सारा स्वादिष्ट भोजन और पेय तैयार किए। उसने आनन्द मनाने के लिए मेज़ पर अपना भोजन रखा।
3 बुद्धि ने अपने मदद करने वालों को शहर के सबसे ऊँचे स्थानों पर जाने और लोगों को बुलाने के लिए भेजा,
4 “जिनके पास ज्ञान नहीं, यहाँ आओ!” बेवकूफी से काम करने वालों से बुद्धि ने कहा,
5 “मेरे पास आओ! मेरी रोटी खाओ और जो मैंने तुम्हारे लिए तैयार किया है उसे पी लो।
6 बेवकूफी के काम करना बंद करो। सुखी जीवन जीने के लिए अक्लमंदी से काम लेना सीखो।”
7 अगर तुम उसका उचित सुधार करोगे जो अपने भद्दे मज़ाक से दूसरों को नाराज़ करता है तो वह बदले में तुम्हारा अपमान करेगा। और अगर तुम नीच व्यक्ति को ठीक करने की कोशिश करोगे तो तुम खुद को नुकसान पहुँचाओगे और मुसीबत में पड़ जाओगे।
8 जो दूसरों को नाराज़ करता है उसे मत सुधारना, क्योंकि इससे तुम्हें एक ऐसा दुश्मन मिलेगा, जो तुमसे नफ़रत करेगा। लेकिन अगर तुम बुद्धिमान व्यक्ति को ठीक करोगे तो तुम एक ऐसे दोस्त को पाओगे, जो तुमसे प्यार करेगा।
9 अगर तुम बुद्धिमान व्यक्ति को सिखाओगे तो वह और बुद्धिमान हो जाएगा। और अगर तुम ऐसे व्यक्ति को सलाह दोगे जो सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है तो वह तुम्हारी बात सुनेगा।
10 जो प्रभु का भय मानता है वह समझने लगेगा कि बुद्धि क्या है। और जो पवित्र परमेश्वर को जानने के लिए उत्सुक रहता है वह समझदारी से काम करना सीखेगा।
11 अगर तुम बुद्धि से व्यवहार करोगे तो परमेश्वर तुम्हारे जीवन में कई दिन और साल जोड़ देगा।
12 जो बुद्धि से काम करता है वह सफल इंसान बनेगा। और जो बुद्धि का मज़ाक उड़ाता है और बेवकूफी से व्यवहार करता है वह अपने जीवन को नाश कर देगा।
13 मूर्खता शोर मचाने वाली और बेवकूफ औरत की तरह है, जो कुछ भी नहीं जानती।
14 वह अपने घर के दरवाज़े पर कुर्सी पर बैठती है। वह लोगों तक पहुँचने के लिए शहर के सबसे ऊँचे स्थानों पर भी जाती है।
15 वह उन लोगों को बुलाती है, जो पास से गुज़रते हैं। वह उन लोगों को उलझाने के लिए उनकी ओर मुड़ जाती है, जो अपने कारोबार के लिए जाते है।
16 वह उनसे कहती है, “जिनके पास ज्ञान नहीं, यहाँ आओ!” वह बेवकूफी से काम करने वालों से कहती है,
17 “चोरी करना मीठे पानी के जितना ही अच्छा है। धोखा देना स्वादिष्ट भोजन जितना ही आनन्दमय है।”
18 जो उस घर में प्रवेश करता है जहाँ मूर्खता रहती है वह नाश हो जाएगा। लेकिन मूर्ख व्यक्ति इसे समझ नहीं पाता। यही कारण है कि वह बेवकूफी की सलाह को सुनता है और सीधे नरक में जाता है।

अध्याय 10

1 यह किताब राजा सुलैमान की बुद्धि की बातों का संग्रह है। जो बेटा बुद्धि से काम करता है वह अपने पिता को आनंदित करता है। लेकिन जो बेटा बेवकूफी से काम करता है वह अपनी माँ को दुःखी करता है।
2 गैरकानूनी तरीकों से धन कमाने वाला व्यक्ति मुसीबत में पड़ेगा और अपने जीवन को खतरे में डालेगा। लेकिन ईमानदारी से काम करने वाला व्यक्ति सुरक्षित रहेगा।
3 अगर नीच लोग विश्वासी के जीवन को बर्बाद करने की योजना बनाएंगे तो प्रभु उन योजनाओं को नाश कर देगा। परमेश्वर ऐसे व्यक्ति का ध्यान रखेगा जो उस पर विश्वास करता है ताकि वह व्यक्ति भूख से परेशान न हो।
4 जो आलसी होना पसन्द करता है वह बर्बाद हो जाएगा। और जो काम करना पसन्द करता है वह अमीर हो जाएगा।
5 मेहनती बेटा कटनी के समय फसल इकट्ठा करता है। लेकिन आलसी बेटा सोता रहता है और अपने परिवार को शर्मिंदा करता है।
6 एक विश्वासी जो सही बोलने और सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है उसे बहुत आशीषें मिलेंगी। और नीच व्यक्ति जो झगड़े के बारे में बोलता और क्रूरता से काम करता है वह अपने जीवन को नाश कर लेगा।
7 जब लोग उस विश्वासी के बारे में सोचते हैं जो सही काम करने के लिए उत्सुक रहता था तो वे उसके नाम को आशीर्वाद देते हैं। और जब लोग नीच व्यक्ति के नाम का ज़िक्र करते हैं तो उन्हें घृणा होती है।
8 बुद्धिमान दिल का व्यक्ति आज्ञाओं को सुनता और सफल होता है। लेकिन मूर्ख किसी की बात नहीं सुनता। वह बकवास की बातें बोलता है और अपने जीवन को नाश कर देता है।
9 जो ईमानदारी से काम करता है वह सफलता और शांति से जिएगा। और जो धोखाधड़ी में लगा रहता है वह पकड़ा जाएगा और सज़ा पाएगा।
10 बुराई करने का इरादा रखने वाला व्यक्ति अपने साथियों को अपनी आँखों से गुप्त इशारे करता है। लेकिन आज नहीं तो कल, वह कुछ बेवकूफी भरी बात कहेगा और उसकी पोल खुल जाएगी।
11 जब सही काम के लिए उत्सुक रहने वाला विश्वासी बोलता है तब उसके शब्द जीवन देने वाले सोते की तरह बहते हैं। लेकिन जब नीच व्यक्ति बोलता है तब वह झगड़ा भड़काता है और लोगों के जीवनों को नाश करता है।
12 जो नफ़रत से भरा है वह माफ़ नहीं करना चाहता और झगड़े शुरू करता है। और जो प्रेम से भरा है वह अपराधों को माफ़ करता है और झगड़े मिटाता है।
13 अक्‍लमंद व्यक्ति जानता है कि शांति लाने के लिए बुद्धि के साथ कैसे जवाब दिया जाए। लेकिन मूर्ख ऐसे शब्दों के साथ जवाब देता है कि उसे अपनी पीठ पर छड़ी से मार खानी पड़ती है।
14 बुद्धिमान व्यक्ति योग्यता के साथ बोलता है और दूसरों की समस्याओं को हल करने में उनकी मदद करता है। लेकिन मूर्ख के पास कोई ज्ञान नहीं होता और उसकी सलाह मुसीबत लाती है।
15 अमीर व्यक्ति के लिए उसकी सम्पत्ति गढ़ वाले किले की तरह है। वह अपने धन का सहारा लेता है, जो उसे मुसीबत से बचाता है। लेकिन गरीब गरीबी में रहता है, जो उसका जीवन बर्बाद कर देती है।
16 विश्वासी ईमानदारी से कमाता है और अपने जीवन में सफलता प्राप्त करता है। लेकिन नीच व्यक्ति गैरकानूनी तरीकों से बहुत अधिक लाभ प्राप्त करता है और पाप भरे सुखों पर अपना सब कुछ खर्च कर देता है।
17 जब दूसरे किसी व्यक्ति का उचित सुधार करते हैं और वह इन पर ध्यान देता है तब वह व्यक्ति सफल हो जाएगा। लेकिन जो अपनी गलतियों को स्वीकार नहीं करना चाहता, वह बिना लक्ष्य के अपना जीवन बिताएगा।
18 जो अपनी नफ़रत छिपाने के लिए दूसरे व्यक्ति से चिकनी चुपड़ी बातें बोलता है वह झूठा है। और जो खुलकर अपनी नफ़रत दिखाता और झूठी निंदा फैलाता है वह मूर्ख है।
19 बिना रुके बोलने वाला मूर्ख बहुत अधिक बोलेगा। लेकिन समझ रखने वाला व्यक्ति अपनी जीभ को रोक कर रखता है।
20 विश्वासी सही बातों के बारे में सोचता है। और उसके शब्द शुद्ध चाँदी की तरह कीमती हैं। लेकिन नीच व्यक्ति पाप के बारे में सोचता है और वह दूसरों को कुछ भी अच्छा नहीं सिखा सकता।
21 अक्‍लमंदी के साथ बोलने वाले विश्वासी के शब्द बहुत से लोगों को उत्साहित करते हैं। लेकिन मूर्ख बुद्धि के शब्दों को नहीं सुनता और अपने जीवन को नाश कर देता है।
22 परमेश्वर की आशीष व्यक्ति को अमीर बनाती है और कोई परेशानी नहीं लाती।
23 मूर्ख परिणाम के बारे में नहीं सोचता और मज़ाक के लिए अपराध करता है। लेकिन समझदार व्यक्ति बुद्धि से काम करता है और कानून नहीं तोड़ता।
24 विश्वासी के सपने पूरे हो जाएंगे। और जिस बात से नीच व्यक्ति डरता है वही उसके साथ होगा।
25 तूफ़ान की तरह अचानक आने वाली तबाही नीच लोगों के जीवन को पूरी तरह से बर्बाद कर देगी। लेकिन अनन्त परमेश्वर पर विश्वास करने वाला और सही काम करने के लिए उत्सुक रहने वाला व्यक्ति परीक्षा के समय मज़बूती से खड़ा रहेगा।
26 आलसी को कोई काम मत दो। नहीं तो, वह सिरके की तरह तुम्हारे दांतों को खराब कर देगा या धुएँ की तरह तुम्हारे आँसू निकाल देगा।
27 अगर तुम प्रभु का भय मानोगे तो वह तुम्हारे जीवन में कई दिनों और सालों को जोड़ देगा। लेकिन नीच व्यक्ति अपने समय से पहले ही मर जाएगा।
28 सही काम करने के लिए उत्सुक रहने वाला विश्वासी आनन्द के साथ अपना सपना पूरा होने का इन्तज़ार करता है। नीच व्यक्ति भी सबसे अच्छी चीज़ों की आशा करता है लेकिन उसका सपना कभी पूरा नहीं होगा।
29 जो ईमानदारी से काम करता और प्रभु के पीछे चलता है वह गढ़ वाले किले की तरह सुरक्षित रहेगा। लेकिन जो कानून तोड़ता है वह समझ ले कि प्रभु उसे सज़ा देगा।
30 जो परमेश्वर पर विश्वास करता है और सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह हमेशा पूरी सुरक्षा में जीवित रहेगा। लेकिन नीच व्यक्ति का जीवन पूरी तरह से नाश हो जाएगा।
31 जब कोई विश्वासी बोलता है तब उसकी बात बुद्धि से भरी होती हैं और लोग खुशी से उसे सुनते हैं। लेकिन जब झूठा व्यक्ति बोलता है तब वह निन्दा फैलाता है और लोग उस से कहते हैं, “तुम्हारी जीभ काट दी जाए।”
32 परमेश्वर पर विश्वास करने वाला जानता है कि दूसरों से दया के साथ कैसे बात करें। लेकिन नीच व्यक्ति गुस्से से बोलता है।

अध्याय 11

1 परमेश्वर नफ़रत करता है जब कोई बेचनेवाला खरीदने वाले को धोखा देने के लिए गलत तराज़ू का इस्तेमाल करता है। लेकिन जब लोग सही तराज़ू का इस्तेमाल करते हैं और ईमानदारी से कमाते हैं तब परमेश्वर उसे पसन्द करता है।
2 जो घमण्ड से काम करता है वह मूर्ख है। ऐसा व्यक्ति मुसीबत में पड़ेगा और शर्मिंदा होगा। लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति दूसरों के साथ आदर से व्यवहार करता है।
3 ईमानदार व्यक्ति हर परिस्थिति में सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है। लेकिन जब बेईमान के पास मौका होता है तब वह धोखा देता है और वह अपने कामों से अपने जीवन को बर्बाद कर लेगा।
4 जिस दिन बेईमान व्यक्ति की मौत आएगी, उस दिन उसका धन उसकी मदद नहीं कर पाएगा। लेकिन जो सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह अदालत में दोषी नहीं ठहरेगा और मौत से बच जाएगा।
5 जो ईमानदारी से जीता है वह मुसीबत में नहीं पड़ेगा। लेकिन नीच व्यक्ति को उसके बुरे कामों के अनुसार वही मिलेगा जिसका वह हकदार है।
6 जो व्यक्ति ईमानदारी से काम करता है वह अपने आप को मुसीबत से बचाएगा। लेकिन जो नीच व्यक्ति दूसरों को नुकसान पहुँचाने के लिए उत्सुक रहता है वह अपने कामों से दुख उठाएगा।
7 अपराधी अपनी बुरी योजनाओं को पूरा करने की आशा में जीता है। लेकिन वह मर जाएगा और उस बुराई को नहीं कर पाएगा, जिसे उसने करने की योजना बनाई थी।
8 जो विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह मुसीबत में नहीं पड़ेगा। लेकिन नीच व्यक्ति उसके बदले मुसीबत में फंस जाएगा।
9 जो परमेश्वर पर विश्वास नहीं करता, वह पाखंड करता है और दूसरे व्यक्ति को धोखा देता है ताकि अपने वचनों से उसका नाश करे। लेकिन जो विश्वासी सच्चाई को जानता है और सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है, वह चिकनी चुपड़ी बातों पर विश्वास नहीं करेगा और धोखे में नहीं आएगा।
10 जब विश्वासी सफल होते हैं और अच्छे काम करते हैं तब सारा शहर आनन्दित होता है। और जब नीच लोग मरते हैं तब भी लोग अपना आनन्द छिपा नहीं सकते।
11 विश्वासी अपने शहर को आशीर्वाद देते हैं और उसे सफ़ल बनाते हैं। लेकिन नीच लोग अपने शहर को अपनी बातों से श्राप देते हैं और उसको नाश कर देते हैं।
12 दूसरों के बारे में घृणा के साथ बोलना मूर्खता है। इससे अच्छा है कि तुम समझदारी दिखाओ और चुप रहो।
13 जो व्यक्ति चुगली करना पसन्द करता है, उसे विश्वास की बातें मत बताना, नहीं तो वह तुम्हारे भेदों को प्रगट कर देगा। अपने रहस्यों को किसी भरोसेमंद व्यक्ति को बताना, जो इसे किसी को भी नहीं बताएगा।
14 अगर किसी देश के नेता के पास योग्य सलाहकार कम हैं तो वह देश गरीबी में रहेगा। लेकिन अगर उसके पास कई बुद्धिमान सलाहकार हैं तो उस देश के लोग सफल होंगे।
15 जो किसी दूसरे व्यक्ति के कर्ज को भरने का वादा करता है वह मुसीबत में पड़ेगा। लेकिन जो दूसरों का कर्ज अपने ऊपर लेने के खिलाफ़ है वह अपने आप को समस्याओं से बचाएगा।
16 लोग उस दयालु महिला का आदर करेंगे, जो दूसरों की मदद करती है। लेकिन जो अमीर व्यक्ति दया नहीं दिखाता वह कभी भी आदर का हकदार नहीं होगा।
17 जो दूसरों का भला करता है, उसके दिल में आनन्द होगा। लेकिन जो लोगों के साथ क्रूरता का व्यवहार करता है, उसके स्वास्थ्य को लेकर परेशानी होगी।
18 नीच व्यक्ति वह सब कुछ खो देगा, जो उसने गैरकानूनी तरीकों से प्राप्त किया। लेकिन जो ईमानदारी से कमाता है वह हमेशा बहुतायत में रहेगा।
19 जो विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह सुखी जीवन जिएगा। लेकिन जो अपनी बुरी योजनाओं को पूरा करने के लिए बेसब्र रहता है वह अपनी मौत की ओर जा रहा है।
20 जो लोग अनैतिक चीज़ों के लिए सोच विचार करते हैं और पाप में जीते हैं उनसे प्रभु घृणा करता है। लेकिन जो सही बातों के लिए सोच विचार करते हैं और सही काम करते हैं वे प्रभु को आनन्दित करते हैं।
21 तुम पूरी तरह से निश्चिंत हो सकते हो कि जो लोग अनैतिक जीवन जीते हैं उन्हें वह सजा मिलेगी, जिसके वे हकदार हैं। और तुम इसके लिए भी पूरी तरह से निश्चिंत हो सकते हो कि जो परमेश्वर पर विश्वास रखने वालों की संतान हैं और सही काम करने के लिए उत्सुक रहते हैं, वे उद्धार पाएंगे।
22 अगर कोई औरत सुन्दर है लेकिन मूर्ख है तो वह सुअर की नाक में सोने की नत्थ के समान है।
23 जो विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है और अच्छे के लिए आशा रखता है उसके सपने पूरे हो जाएंगे। जो नीच व्यक्ति अपराध करता है वह भी अच्छे की आशा करता है लेकिन उसे न्याय का सामना करना पड़ेगा।
24 एक व्यक्ति उदारता से दूसरों को बाँटता है और ज़्यादा अमीर बन जाता है। लेकिन दूसरा हमेशा बचत करता है और ज़्यादा गरीब हो जाता है।
25 जो उदारता से ज़रूरतमंद लोगों को बाँटता है वह सफल होगा। और जो प्यासे को पानी देता है उसे भी पानी दिया जाएगा।
26 जो अपने भण्डार घरों में अनाज जमा करता है ताकि जब उसका दाम बढ़ जाए तब उसे बाद में बेच दें, उसे लोग श्राप देंगे। लेकिन लोग उसे आशीर्वाद देंगे, जो अनाज को तुरंत बेच देता है और कीमत नहीं बढ़ाता।
27 जो दूसरों का भला करता है उसके जीवन में भलाई ही आएगी। लेकिन जो दूसरों को नुकसान पहुँचाता है उसके जीवन में बुराई आएगी।
28 अगर किसी व्यक्ति को अपने धन पर आशा है तो उसका जीवन उन सूखे पत्तों की तरह है, जो पतझड़ में पेड़ों से गिरते हैं। लेकिन अगर कोई व्यक्ति प्रभु पर विश्वास करता है और उस पर भरोसा रखता है तो उसका जीवन हरे पत्तों की तरह है, जो वसंत में दिखाई देते हैं।
29 जो बेवकूफी से काम करता है वह अपने परिवार को बर्बाद कर देगा और जो कुछ उसके पास है वह उसे उड़ा देगा। मूर्ख उस व्यक्ति का दास बन जाएगा, जो बुद्धिमानी से काम करता है।
30 जो परमेश्वर पर विश्वास रखता है वह अच्छे काम करता है। और उसका जीवन उस पेड़ की तरह है जिस पर फल लगते हैं, जो दूसरों को जीवन देते हैं। ऐसा व्यक्ति बुद्धि से काम करता है और लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
31 जब तक विश्वासी पृथ्वी पर जीवित रहता है उसे वह मिलेगा, जिसका वह हकदार है। और निश्चय ही, जो परमेश्वर को ठुकराता है और पाप में जीता है उसे वह मिलेगा, जिसका वह हकदार है।

अध्याय 12

1 जो सीखना पसंद करता है वह ध्यान से सुनता है जब दूसरे लोग उसका उचित सुधार करते हैं। लेकिन मूर्ख सीखना पसंद नहीं करता और वह नफ़रत करता है जब दूसरे लोग उसका उचित सुधार करते हैं।
2 प्रभु भलाई करने वालों पर कृपा करता है। लेकिन जो दूसरों को नुकसान पहुँचाना चाहता है प्रभु उसकी निंदा करता है।
3 बुरे काम करने वाले के जीवन में स्थिरता नहीं होगी। लेकिन जो परमेश्वर पर विश्वास करता है और सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह मजबूत नींव पर खड़ा होगा।
4 अगर पत्नी सही काम करती है तो वह अपने पति को मुकुट की तरह सजाएगी। लेकिन अगर वह इस तरह से व्यवहार करे कि उसका पति शर्मिंदा होता है तो वह उसे ऐसी पीड़ा देगी जैसे कि हड्डियों में दर्द हो।
5 विश्वासी ऐसी बातों के बारे में सोचते हैं कि ईमानदारी से व्यवहार कैसे करें। लेकिन नीच लोग ऐसी बातों के बारे में सोचते हैं कि दूसरों को कैसे धोखा दें।
6 अपराधी एक दूसरे से बातें करते हैं कि किसी दूसरे व्यक्ति को मारने के लिए कैसे जाल बिछाएं। लेकिन विश्वासी चर्चा करते हैं कि इस व्यक्ति के जीवन को मौत से कैसे बचाएं।
7 अगर नीच व्यक्ति पर मुसीबत आ पड़े तो वह उसके जीवन को पूरी तरह से नाश कर देगी। लेकिन अगर कोई विश्वासी मुसीबत में पड़ जाए तो उसका परिवार उस मुसीबत से गुजरेगा और मजबूत बना रहेगा।
8 लोग बुद्धिमान व्यक्ति के बारे में अच्छी बातें करेंगे। लेकिन वे उस मूर्ख से घृणा ​​करेंगे, जो अनैतिक बातों के बारे में सोचता है।
9 खाना न होने पर भी अमीर व्यक्ति होने का दिखावा करने से साधारण व्यक्ति होना और अपनी जीविका कमाना बेहतर है।
10 विश्वासी जानवरों के साथ भी भलाई करता है न केवल मनुष्यों के साथ। लेकिन नीच व्यक्ति किसी पर दया नहीं करता, क्योंकि उसका दिल क्रूरता से भरा हुआ है।
11 जो अपनी भूमि पर काम करता है वह बहुतायत का जीवन जिएगा। लेकिन जो मूर्ख सपनों का पीछा करता है और काम नहीं करना चाहता, वह गरीबी में रहेगा।
12 दूसरों के पास जो कुछ है नीच व्यक्ति उसका अधिकारी होना चाहता है। लेकिन जो विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह खुद कमाता है और दूसरों की मदद करता है।
13 झूठ बोलने वाला अपनी ही बातों से दु:ख उठाएगा और मुसीबत में फंस जाएगा। लेकिन विश्वासी झूठ नहीं बोलता, इसलिए वह मुसीबत से बच जाएगा।
14 व्यक्ति का जीवन उसके शब्दों और कामों पर निर्भर करता है। जो कोई व्यक्ति सही बोलता और सही काम करता है वह सुखी जीवन जिएगा।
15 मूर्ख सोचता है कि वह हमेशा वही करता है जो सही है इसलिए वह दूसरों की सलाह नहीं लेता। लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति उनके पास जाता है, जो उसे सलाह दे सकते हैं।
16 जब मूर्ख का अपमान होता है तो वह तुरन्त अपना गुस्सा दिखाता है। लेकिन समझदार व्यक्ति शान्त रहता है और अपमान को अनदेखा कर देता है।
17 जो व्यक्ति ईमानदारी से काम करना पसंद करता है वह अदालत में सच बोलेगा। लेकिन बेईमान व्यक्ति झूठ बोलेगा और अदालत को गुमराह करेगा।
18 मूर्ख बोलने से पहले नहीं सोचता और वह कठोर शब्द बोलता है। वह दूसरे व्यक्ति को तलवार की तरह चोट पहुँचाता है। लेकिन बुद्धिमान के शब्दों से चंगाई मिलती है।
19 समय दिखाएगा कि कौन सच बोल रहा था और कौन झूठ बोल रहा था। झूठ का जीवन छोटा होता है। लेकिन सच हमेशा जीवित रहेगा।
20 जो झगड़ा भड़काना चाहता है ऐसे व्यक्ति का दिल बुरे इरादों से भरा रहता है। लेकिन जो शान्ति लाना चाहता है ऐसे व्यक्ति का दिल आनंद से भरा रहता है।
21 उस विश्वासी के साथ कुछ बुरा नहीं होगा जो सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है। लेकिन नीच व्यक्ति का जीवन मुसीबतों से भरा रहेगा।
22 जब कोई झूठ बोलता है तब इससे परमेश्वर घृणा करता है। लेकिन परमेश्वर को खुशी होती है जब कोई व्यक्ति सच बोलता है।
23 बुद्धिमान व्यक्ति बहुत सी बातें जानता है लेकिन वह बहुत ज़्यादा नहीं बोलता। मूर्ख कम जानता है लेकिन वह बहुत सारी मूर्खतापूर्ण बातें बोलता है।
24 जो अपने काम को अच्छी तरह से करने के लिए प्रयास करता है उसे ऊँचा पद दिया जाएगा। लेकिन जो आलसी है वह गुलाम की तरह काम करने को मजबूर होगा।
25 जो हमेशा चिन्ता करता है वह निराशा में चला जाएगा। लेकिन अगर तुम किसी व्यक्ति से भले शब्द बोलोगे तो यह उसको शान्ति और आनन्द देगा।
26 जो परमेश्वर पर विश्वास करता है और सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह दूसरे व्यक्ति को सही फैसले लेने में मदद करेगा। लेकिन जो नीच व्यक्ति की तरह जीता है वह दूसरों को सही रास्ते से भटका देगा।
27 आलसी व्यक्ति कुछ भी पूरा नहीं कर सकता। जो उसके पास है वह उसकी कदर नहीं करता। इसलिए जो उसने शिकार में पकड़ा है वह खराब हो जाएगा। लेकिन मेहनती व्यक्ति उसकी कदर करता है, जो कुछ भी उसने कमाया है इसलिए वह ज़्यादा अमीर बन जाता है।
28 जो परमेश्वर पर विश्वास करता है वह सही काम करेगा और सुखी जीवन जिएगा। लेकिन जो पाप करता है वह मौत की ओर जा रहा है।

अध्याय 13

1 बुद्धिमान बेटा अपने पिता को सुनता है जब वह उसका उचित सुधार करता है। लेकिन आज्ञा न मानने वाला बेटा ध्यान नहीं देता जब उसका पिता उसे सुधारता है।
2 व्यक्ति का जीवन उसके शब्दों पर निर्भर करता है। जो दूसरे लोगों से सही तरीके से बात करना जानता है वह सफल होगा। लेकिन जो बुरी बातें बोलता और बुराई करता है, उसके जीवन में बुराई आएगी।
3 जो बोलने से पहले सोचता है वह अपने आप को मुसीबतों से बचाएगा। लेकिन जो बोलने से पहले नहीं सोचता वह अपने जीवन को नष्ट कर देगा।
4 आलसी व्यक्ति अमीर होने का सपना देखता है लेकिन वह और गरीब हो जाएगा। लेकिन जो काम करना पसंद करता है वह सब कुछ प्राप्त कर लेगा, जो वह चाहता है।
5 जो परमेश्वर पर विश्वास करता है और सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह झूठ से नफ़रत करता है। लेकिन नीच व्यक्ति बेशर्मी से झूठ बोलता है और इस तरह से वह अपने आप को शर्मिंदा करता है।
6 जो विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह सीधे मार्ग से नहीं भटकेगा। लेकिन पापी व्यक्ति बुराई करता है, जो उसे नष्ट कर देगी।
7 ऐसे लोग हैं जिनके पास कुछ नहीं। लेकिन वे ऐसी छाप छोड़ने की कोशिश करते हैं जैसे कि वे अमीर हैं। और ऐसे दूसरे लोग भी हैं, जो बहुत अमीर हैं लेकिन वे साधारण तरीके से व्यवहार करते हैं।
8 अगर अमीर व्यक्ति को कोई धमकी देता है तो वह अपने जीवन के लिए धन देकर छूट सकता है। लेकिन गरीब व्यक्ति को ऐसी धमकियों का सामना कभी नहीं करना पड़ेगा।
9 विश्वासी का जीवन ज्योति और आनन्द से भरा हुआ होता है। लेकिन नीच व्यक्ति का जीवन बुझते हुए दीये की तरह अंधकारमय हो जाता है।
10 घमंडी व्यक्ति किसी से सलाह नहीं माँगता। वह झगड़े भड़काता है और लोगों के साथ रिश्तें तोड़ता है। लेकिन जो दूसरों से सलाह लेता है वह बुद्धि की सलाह पाता है और झगड़ों से बचता है।
11 जो काम नहीं करता और जल्दी अमीर हो जाता है वह अपना पैसा जल्दी ही उड़ा देगा। लेकिन जो मेहनत से काम करता है वह थोड़ा-थोड़ा करके अपनी बचत को बढ़ाएगा।
12 अगर आशा लम्बे समय तक पूरी न हो तो व्यक्ति का दिल निराश हो जाता है। लेकिन पूरी की गई इच्छा इंसान के दिल को ऐसे आनन्द से भर देती है जैसे उसने जीवन के पेड़ का फल खा लिया हो।
13 जो परमेश्वर के वचन को नज़रअंदाज़ करता है वह उसके जीवन को नष्ट कर देगा। लेकिन जो परमेश्वर की आज्ञाओं को तोड़ने से डरता है वह सफल होगा।
14 जो दूसरों को परमेश्वर का कानून सिखाता है वह बुद्धि से काम करता है। वह लोगों को जीवन के सोते तक ले जाता है और उन्हें मौत के खतरे से बचाता है।
15 बुद्धिमान और दयालु व्यक्ति से बात करना कितना अच्छा लगता है। लेकिन कोई भी नीच व्यक्ति के साथ संगति नहीं करना चाहता, क्योंकि वह दूसरों का अपमान करता है।
16 समझदार व्यक्ति योग्यता के साथ काम करता है। लेकिन मूर्ख के पास ज्ञान नहीं होता, इसलिए वह अपनी मूर्खता दिखाता है।
17 किसी लापरवाह व्यक्ति पर भरोसा मत करना, क्योंकि वह तुम्हें मुसीबत में डाल देगा। लेकिन जो जिम्मेदारी से अपने कर्तव्यों को पूरा करता है वह कठिन परिस्थिति से बाहर निकलने का रास्ता खोजने में तुम्हारी मदद करेगा।
18 जो पढ़ना नहीं चाहता वह गरीबी में जिएगा और लोग उसे नज़रअंदाज़ करेंगे। लेकिन जो ज्ञान प्राप्त करना पसन्द करता है वह सफलता पाएगा और लोग उस व्यक्ति का आदर करेंगे।
19 व्यक्ति अपने सपने के सच होने पर पूरे दिल से आनन्द मनाता है। लेकिन मूर्ख तब आनन्द मनाता है जब वह बुराई करता है।
20 जो बुद्धिमान लोगों के साथ संगति रखता है वह बुद्धिमान बन जाएगा। लेकिन जो मूर्खों से संगति रखने में समय बिताता है वह अपना जीवन बर्बाद कर लेगा।
21 बुराई उस व्यक्ति का पीछा करेगी, जो परमेश्वर को अस्वीकार करता है और पाप में जीता है। लेकिन जो परमेश्वर पर विश्वास करता है और सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है उसका भला होगा।
22 दयालु व्यक्ति अपने नाती-पोतों के लिए भी विरासत छोड़ जाएगा। लेकिन पापी अपनी दौलत खो देगा और यह उस विश्वासी को मिल जाएगी, जो सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है।
23 गरीब व्यक्ति भी अपने खेत में भरपूर फसल पा सकता है। लेकिन अगर देश में अन्यायपूर्ण कानून होता है तो गरीब व्यक्ति अपनी गरीबी से बाहर नहीं निकल पाएगा।
24 जो अपने बेटे को सजा नहीं देता, वह अपने बेटे के जीवन को नष्ट कर देता है। लेकिन जो अपने बेटे से प्यार करता है वह उसे बचपन से ही सुधारता है और ठीक करता है।
25 जो विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह खाना खाएगा और संतुष्ट होगा। लेकिन नीच व्यक्ति भूखा ही रह जाएगा।

अध्याय 14

1 बुद्धिमान औरत अपने परिवार की देखभाल करती है और अपना घर बनाती है। लेकिन मूर्ख औरत अपने घर की देखभाल नहीं करती और अपने परिवार को नष्ट कर देती है।
2 जो ईमानदारी से काम करता है वह प्रभु का भय मानता है। लेकिन जो दूसरों को धोखा देता है वह परमेश्वर से घृणा ​​करता है।
3 मूर्ख घमंड के साथ बोलता है। वह अपनी बातों से इस तरह दुख उठाएगा जैसे किसी ने उसे डंडे से पीटा हो। लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति अपनी बातों के कारण मुसीबत में नहीं पड़ेगा, क्योंकि वह अपनी जीभ को वश में रखता है।
4 जिसके पास बैल नहीं, वह उनके पालने के लिए पैसे खर्च नहीं करता। लेकिन जिसके पास बैल हैं वह बहुत सारी भूमि जोत पाएगा और बड़ी फसल काटेगा।
5 ईमानदार व्यक्ति अदालत में सच बोलेगा। लेकिन बेईमान व्यक्ति बहुत सारे झूठ बोलेगा।
6 मूर्ख बुद्धि का मज़ाक बनाता है, इसलिए वह कभी बुद्धिमान नहीं बनेगा। समझदार व्यक्ति बुद्धि को पसन्द करता है और वह आसानी से ज्ञान प्राप्त करता है।
7 मूर्ख तुम्हें कोई बुद्धि की बात नहीं सिखा सकता। इसलिए उस पर अपना समय बर्बाद मत करना।
8 जिस व्यक्ति के पास ज्ञान है वह समझता है कि सही काम कैसे करें, इसलिए वह सही फैसला करता है। लेकिन मूर्ख सोचता है कि वह जानता है कि उसे क्या करना है, इसलिए वह बेवकूफी भरा काम करेगा।
9 जो परमेश्वर से अपने पाप के लिए माफ़ी माँगता है मूर्ख उसका मज़ाक उड़ाते हैं। लेकिन विश्वासी स्वीकार करते हैं जब कोई व्यक्ति परमेश्वर के पास आता है और अपने पापों को छोड़ देता है।
10 कोई किसी दूसरे के टूटे हुए दिल के दुख को पूरी तरह से नहीं समझ सकता। और उसी तरह से कोई भी दूसरे व्यक्ति के आनन्द को पूरी तरह से नहीं समझ सकता।
11 नीच व्यक्ति का घर नष्ट किया जाएगा। लेकिन सही काम करने के लिए उत्सुक रहने वाले विश्वासी का घर, बहुत अच्छी स्थिति में रहेगा।
12 ऐसा खतरनाक रास्ता है जो इन्सान के नज़रिये से सही लगता है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति इस रास्ते को चुनेगा तो यह उसे मौत की ओर ले जाएगा।
13 चाहे कोई व्यक्ति खुश दिखता है तो भी उसके दिल में दुख भरा हुआ हो सकता है। और जब वह हँसना बन्द कर देगा तब वह अपने दुःखों के साथ अकेला रह जाएगा।
14 जिस व्यक्ति का दिल परमेश्वर को ठुकरा देता है उसे वह प्राप्त होगा जिसका हकदार वह अपने कामों के अनुसार है। और जिस विश्वासी ने अच्छे काम किए उसे भी वह मिलेगा जिसका वह हकदार है।
15 भोला-भाला व्यक्ति जो कुछ सुनता है उस पर विश्वास करता है और बेवकूफ़ी भरे फ़ैसले करता है। लेकिन समझदार व्यक्ति सही चुनाव करने से पहले हर स्थिति के बारे में ध्यान से सोचता है।
16 बुद्धिमान व्यक्ति मुसीबतों में पड़ने से डरता है, इसलिए वह बुराई से दूर रहता है। लेकिन मूर्ख अपने कामों के परिणाम के बारे में नहीं सोचता। वह बुराई करता है और आशा करता है कि उसके साथ कुछ भी बुरा नहीं होगा।
17 जो आसानी से गुस्सा हो जाता है और कुछ बेवकूफी करता है लोग उसे माफ़ कर सकते हैं। लेकिन वे उससे नफ़रत करेंगे, जो जानबूझकर दूसरों को नुकसान पहुँचाता है।
18 मूर्ख ज्ञान को पसन्द नहीं करता, इसलिए वह मूर्खता विरासत में पाएगा। लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति ज्ञान प्राप्त करने के लिए उत्सुक रहता है जो उसे ताज की तरह सजाएगा।
19 जो बुराई करता है वह अपनी हार मान लेगा और भलाई करने वाले का अनुग्रह चाहेगा। और जो अपराध करता और परमेश्वर का विरोध करता है वह विश्वासी के घर मदद माँगने आएगा।
20 गरीब आदमी को कोई भी पसन्द नहीं करता। और यहाँ तक ​​कि उसके करीबी रिश्तेदार भी यह नहीं छिपा सकते कि वे उसे पसंद नहीं करते। लेकिन अमीर व्यक्ति के कई दोस्त होते हैं।
21 जो व्यक्ति दूसरे लोगों के मदद माँगने पर उन से घृणा करता है, वह पाप करता है। लेकिन करुणा दिखाने वाले और जरूरतमंदों की मदद करने वाले को कैसा आनन्द और आशीर्वाद मिलता है!
22 जो दूसरों को नुकसान पहुँचाने की योजना बनाता है वह भटक गया है। लेकिन जो सही रास्ते पर चलता है वह सोचता है कि दूसरों की कैसे मदद की जाए। ऐसा व्यक्ति लोगों का प्यार और आदर पाएगा।
23 मेहनती व्यक्ति अपने हर काम में सफल होगा और बहुतायत में जीवित रहेगा। लेकिन जो सिर्फ़ बोलता है और कुछ नहीं करता वह गरीबी में जिएगा।
24 जो बुद्धिमानी से काम करता है उसे ईनाम में धन दिया जाएगा। लेकिन जो मूर्खता से काम करता है उसे मूर्खता के अलावा कुछ नहीं मिलेगा।
25 ईमानदार व्यक्ति अदालत में सच बोलेगा और दूसरे लोगों को झूठे आरोपों से बचाएगा। लेकिन बेईमान व्यक्ति बहुत झूठ बोलेगा और निर्दोष लोगों को नुकसान पहुँचाएगा।
26 जो प्रभु का भय मानता है वह हर परिस्थिति में उस पर पूरा भरोसा रखेगा। और ऐसे व्यक्ति के परिवार को खतरा होने पर परमेश्वर उसके बच्चों को सुरक्षित स्थान पर छिपा देगा।
27 जो प्रभु का भय मानता है वह ऐसी शक्ति से भर जाएगा, मानो वह जीवन के सोते में से पीता है। ऐसा व्यक्ति उन परिस्थितियों से बचेगा, जो उसे मौत की ओर ले जा सकती है।
28 किसी देश की जितनी अधिक जनसंख्या होती है, उस देश का राजा उतना ही अधिक शक्तिशाली हो जाता है। लेकिन अगर जनसंख्या कम हो जाती है तो राजा अपनी शक्ति खो देता है।
29 व्यक्ति जितना अधिक धीरज धरता है, उसके पास उतनी ही अधिक बुद्धि होती है। लेकिन जो जल्दी से गुस्सा हो जाता है वह मूर्खता से व्यवहार करता है।
30 अगर किसी का दिल शान्ति से भरा है तो उसका स्वास्थ्य अच्छा होगा। लेकिन दूसरों से जलन स्वास्थ्य को वैसे ही नष्ट कर देती है जैसे घातक बीमारी हड्डियों को नष्ट कर देती है।
31 जो गरीब व्यक्ति के साथ अन्याय करता है और उसके खर्चे पर अपने आप को धनी बनाता है, वह उसके बनाने वाले का अपमान करता है। लेकिन जो दया दिखाता है और गरीब लोगों की मदद करता है, वह परमेश्वर की महिमा करता है।
32 जब मुसीबत आएगी तब नीच व्यक्ति का जीवन नाश कर देगी। और वह अपने बुरे कामों के अनुसार वह प्राप्त करेगा जिसके योग्य वह है। लेकिन जो विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह परमेश्वर पर भरोसा करेगा तब भी जब उसका जीवन खतरे में होगा।
33 बुद्धिमान व्यक्ति का दिल बुद्धि से भरा रहता है। और वह जानता है कि मूर्ख व्यक्ति को बुद्धिमानी से जवाब कैसे देना है।
34 जिस देश के लोग परमेश्वर पर विश्वास करते हैं और सही काम करने के लिए उत्सुक रहते हैं वे अपने देश को महान बनाएंगे। लेकिन जिस देश के लोग पाप में जीते हैं वे अपने देश को शर्मिंदा करेंगे।
35 राजा उस दास से खुश होगा, जो अपना काम योग्यता से करता है। लेकिन जो गलत तरीके से अपना काम करता है उस से राजा गुस्सा होगा।

अध्याय 15

1 जो व्यक्ति जानता है कि जब कोई उसका अपमान करता है तो उसे कोमलता से कैसे जवाब दें, ऐसा व्यक्ति क्रोध से भरे हुए दूसरे व्यक्ति को शान्त करने के योग्य होगा। लेकिन जो व्यक्ति जवाब में अपमानजनक शब्द बोलता है वह चिड़चिड़े व्यक्ति का क्रोध कई गुना बढ़ा देगा।
2 जब बुद्धिमान लोग बोलते हैं तब वे दूसरों के साथ उपयोगी ज्ञान को बाँटते हैं। लेकिन जब मूर्ख बोलते हैं तब उनके शब्दों में कोई समझ की बात नहीं होती।
3 प्रभु सब कुछ देखता है, जो पृथ्वी पर होता है। वह बुराई करने वालों और भलाई करने वालों पर नजर रखता है।
4 भले वचन व्यक्ति को ऐसी शक्ति से भर देते हैं, जैसे की उसने जीवन के पेड़ का फल खा लिया है। लेकिन बुरे शब्द दूसरे व्यक्ति के दिल को तोड़ देते हैं।
5 जो व्यक्ति अपने पिता के उचित सुधारों को अनदेखा करता है वह मूर्ख है। लेकिन जो व्यक्ति अपने पिता के उचित सुधारों पर ध्यान देता है वह समझदार है।
6 विश्वासी ईमानदारी से कमाता है और अपने घर के लिए बहुत सी महंगी चीजें खरीदता है। लेकिन नीच व्यक्ति गैरकानूनी तरीकों से बहुत अधिक लाभ प्राप्त करता है लेकिन यह उसके लिए सिर्फ़ समस्याएँ ही लाता है।
7 अगर किसी व्यक्ति का दिल बुद्धि से भरा है तो वह अपना ज्ञान दूसरों के साथ बाँटेगा। लेकिन अगर किसी व्यक्ति के दिल में मूर्खता रहती है तो उसके शब्दों में कोई समझ की बात नहीं होगी।
8 प्रभु को घृणा होती है जब नीच लोग अनुग्रह पाने के लिए उसके लिए बलिदान चढ़ाते हैं। लेकिन परमेश्वर प्यार करता है जब सही काम करने के लिए उत्सुक रहने वाले विश्वासी प्रार्थना में उसके पास आते हैं।
9 नीच व्यक्ति के जीवन के तरीके से प्रभु को घृणा होती है। लेकिन परमेश्वर उसी से प्यार करता है जिसने जीवन में सही दिशा चुनी।
10 जो व्यक्ति सही रास्ते से भटक जाता है उसे कठोर सजा मिलेगी। और जो व्यक्ति दूसरों के द्वारा सुधारे जाने से नफ़रत करता है, वह मर जाएगा।
11 प्रभु देखता है कि नरक में और उस जगह क्या हो रहा है जहाँ लोग मौत के बाद जाते हैं। और बिल्कुल, वह देखता है कि पृथ्वी पर रहने वाले लोगों के दिलों में क्या हो रहा है।
12 मूर्ख को दूसरों का मज़ाक उड़ाना अच्छा लगता है। लेकिन वह उन लोगों को पसन्द नहीं करता, जो उसका उचित सुधार करते हैं। इसलिए वह बुद्धिमान लोगों के साथ कभी संगति नहीं करेगा।
13 अगर किसी का दिल आनन्द से भरा है तो वह खुश दिखाई देगा। लेकिन अगर उसका दिल दर्द से भरा है तो उसका दिल टूट जाएगा और वह निराश दिखाई देगा।
14 बुद्धिमान व्यक्ति का दिल ज्ञान को ढूँढता है। लेकिन मूर्ख व्यक्ति का दिल मूर्खता से भरा है और जो कुछ वह कहता है उसका कोई मतलब नहीं।
15 अगर किसी व्यक्ति का दिल दर्द से भरा है तो वह हर दिन दु:खी और उदास रहेगा। लेकिन जिसका दिल आनन्द से भरा है वह अपने जीवन के हर दिन का आनंद लेगा।
16 गैरकानूनी तरीकों से बहुत सा धन कमाने और हर समय चिंता करने से कम आमदनी होना और परमेश्वर का भय मानना बेहतर है।
17 प्यार करने वालों के साथ सादा सब्जी खाना, एक दूसरे से नफ़रत करने वालों के साथ पके हुए बैल का मांस खाने से बेहतर है।
18 गर्म स्वभाव का व्यक्ति झगड़ा शुरू करता है लेकिन धीरज रखने वाला व्यक्ति झगड़ा शान्त करता है।
19 आलसी व्यक्ति काम करना पसंद नहीं करता। और उसका जीवन उस रास्ते की तरह है, जिस में कांटे वाले जंगली पौधे उग गए हैं। विश्वासी काम करना पसंद करता है। और उसका जीवन अच्छी तरह से बनी हुई सड़क की तरह है।
20 बुद्धिमान बेटा अपने पिता के साथ आदर से व्यवहार करता है और अपने पिता को आनन्द देता है। लेकिन बेवकूफ बेटा अपनी माँ से घृणा करता है और उसे उदास करता है।
21 बेवकूफ व्यक्ति मूर्खता के काम करना पसंद करता है इसलिए वह अपने जीवन में गलत रास्ते पर चला जाता है। लेकिन समझदार व्यक्ति वही करना पसंद करता है जो सही है इसलिए वह सही दिशा में जाता है।
22 जो व्यक्ति दूसरे लोगों के साथ अपनी योजनाओं की चर्चा नहीं करता, वह अपनी योजनाओं को पूरा नहीं कर पाएगा। लेकिन जो व्यक्ति कई समझदार लोगों की सलाह सुनता है वह अपनी योजनाओं को पूरा कर पाएगा।
23 किसी व्यक्ति को कितनी खुशी मिलती है जब वह दूसरे की मदद करने के लिए सही समय पर सही शब्द कहता है।
24 बुद्धिमान का जीवन उस मार्ग की तरह होता है, जो ऊपर जाता है। वह सही रास्ते से नहीं भटकेगा और खुद को उस सड़क पर नहीं पाएगा जो नरक की ओर जाती है।
25 प्रभु उन लोगों के घर को नष्ट कर देगा जो घमंडी हैं और विधवा के साथ अन्याय करते हैं। परमेश्वर विधवा और उसकी संपत्ति की रक्षा करेगा।
26 जब कोई नीच व्यक्ति बुराई करने के बारे में सोचता है तब प्रभु उसके विचारों से नफ़रत करता है। लेकिन जब विश्वासी अच्छा काम करने के बारे में सोचता है और इसके बारे में बात करता है तब परमेश्वर उससे प्यार करता है।
27 लालची व्यक्ति धनी होने के लिए रिश्वत लेता है, लेकिन वह अपने परिवार को नष्ट कर देगा। लेकिन रिश्वत से नफ़रत करने वाला मुसीबतों से बचेगा।
28 विश्वासी बोलने से पहले सोचता है और शांति से दूसरे व्यक्ति को जवाब देता है। लेकिन नीच व्यक्ति अपनी बातों के परिणामों के बारे में नहीं सोचता और वह गुस्से से लोगों पर चिल्लाता है।
29 नीच लोग अपना जीवन प्रभु से दूर रहकर जीते हैं। लेकिन विश्वासियों का परमेश्वर के साथ करीबी संबंध होता है। और जब वे प्रार्थना में प्रभु के पास आते हैं तब वह उनकी सुनता है।
30 सकारात्मक व्यक्ति दूसरे लोगों को प्रभावित करता है और उनके दिलों में खुशी लाता है। वह लोगों को उत्साहित करता है और उन्हें नई शक्ति मिलती है।
31 जो व्यक्ति अपना जीवन बदलना चाहता है वह बुद्धिमान लोगों के पास जाए और उनकी शिक्षा को ध्यान से सुने।
32 जो व्यक्ति उचित सुधारों पर ध्यान नहीं देता, वह अपने आप को नुकसान पहुँचाता है। लेकिन जो व्यक्ति सुधारों को सुनता है वह बुद्धिमान बन जाएगा।
33 जो व्यक्ति प्रभु का भय मानता है वह बुद्धिमानी से काम करना सीखेगा। और जो व्यक्ति घमंड के बिना दूसरे लोगों के साथ व्यवहार करता है वह लोगों का आदर कमाएगा।

अध्याय 16

1 व्यक्ति अपने दिल में योजनाएँ बनाता है। लेकिन प्रभु अपने लक्ष्यों को पूरा करना चाहता है इसलिए वह जानता है कि उसे अंत में क्या कहना है और क्या फैसला लेना है।
2 कोई व्यक्ति सोच सकता है कि जो कुछ भी वह करता है वह सही है। लेकिन प्रभु उसके सच्चे इरादों को जानता है। और सिर्फ़ परमेश्वर ही न्याय कर सकता है कि कोई व्यक्ति सही काम करता है या नहीं।
3 जो कुछ भी तुम करते हो उसे प्रभु को सौंप दो। तब तुम अपनी योजनाओं को पूरा कर पाओगे।
4 जो कुछ भी प्रभु करता है उसका अपना लक्ष्य होता है। प्रभु के पास उस व्यक्ति के लिए भी एक योजना है जो प्रभु को ठुकरा देता है। ऐसा व्यक्ति उस दिन नष्ट हो जाएगा जब बड़ा क्लेश उस पर आएगा।
5 परमेश्वर हर उस व्यक्ति से घृणा करता है जिसका मन घमण्ड से भरा है। ऐसा व्यक्ति सजा से बच नहीं पाएगा।
6 अगर कोई व्यक्ति दया करे और सच्चाई की शिक्षा के अनुसार काम करे तो परमेश्वर उसे उसके पाप से शुद्ध करेगा। जो प्रभु का भय मानता है वह कोई बुराई नहीं करेगा।
7 जब प्रभु तुम्हारे काम से खुश होगा तब परमेश्वर ऐसा करेगा कि तुम्हारे दुश्मन भी तुम्हारे साथ शान्ति से रहने लग जाएंगे।
8 गैरकानूनी तरीकों से बहुत अधिक लाभ प्राप्त करने की तुलना में कम आमदनी होना और ईमानदारी से जीना बेहतर है।
9 व्यक्ति अपने दिल में योजनाएँ बनाता है और सोचता है कि उसे क्या करना चाहिए। लेकिन यह प्रभु है जो व्यक्ति के जीवन का मार्गदर्शन करता है।
10 राजा के शब्दों में वह अधिकार होता है जो परमेश्वर ने उसे दिया है। इसलिए जब राजा दूसरों का न्याय करता है तब उसे सही फैसला लेना ही पड़ता है।
11 प्रभु चाहता है कि बेचने वाले सही तराजू और सही मापने वाले प्यालों का इस्तेमाल करें। परमेश्वर को अच्छा लगता है जब बेचने वाले के थैले में सभी वजन उनके असली वजन से मेल खाते हैं।
12 जब लोग कानून को तोड़ते हैं तब राजा को इस बात से नफ़रत करनी ही चाहिए। अगर राजा न्याय के साथ काम करता है तो यह उसके अधिकार को और भी अधिक मजबूत बनाएगा।
13 राजा सच जानना चाहता है। इसलिए वह उस व्यक्ति को पसन्द करता है जो उससे सच नहीं छिपाता।
14 अगर राजा गुस्सा होता है तो वह मौत की आज्ञा दे सकता है। लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति राजा से बात करना जानता है ताकि वह उसके गुस्से को दया में बदल सके।
15 अगर राजा अच्छे मूड में होता है तो वह दूसरे व्यक्ति को माफ़ कर सकता है और उसका जीवन बख्श सकता है। जैसे फसल बसंत की बारिश पर निर्भर करती है वैसे ही व्यक्ति का जीवन राजा के अनुग्रह पर निर्भर करता है।
16 बुद्धिमान बनने का हर संभव प्रयास करो क्योंकि बुद्धि सोने से ज़्यादा बेहतर है। समझदार व्यक्ति बनने का हर संभव प्रयास करो क्योंकि समझ शुद्ध चाँदी से ज़्यादा कीमती है।
17 जो लोग परमेश्वर पर विश्वास करते हैं वे ऐसा जीवन जीते हैं कि वे बुराई नहीं करते। जो सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह खुद को मुसीबतों से दूर रखेगा।
18 घमंड व्यक्ति को नष्ट कर देगा। अहंकार करने वाला व्यक्ति अपने गलत कामों से दु:ख उठाएगा।
19 ईमानदार होना और गरीब लोगों के बीच रहना अपराधियों के साथ दूसरे व्यक्ति को लूटने और इस बात पर घमंड करने से ज़्यादा बेहतर है कि तुम अपराधियों के साथ अमीर बन गए।
20 जो आज्ञाओं को ध्यान से सुनता है और बुद्धि से काम करता है वह सफल होगा। और जो प्रभु पर भरोसा रखता है वह आशीषित और सुखी जीवन जिएगा।
21 जिसका दिल बुद्धि से भरा है वह समझदार व्यक्ति के नाम से जाना जाएगा। बुद्धिमान व्यक्ति दूसरों का अनुग्रह जीतना जानता है। वह सोच-समझकर बोलता है और उसकी बातें भरोसेमंद लगती हैं।
22 बुद्धिमान व्यक्ति इतने आनन्द से ज्ञान प्राप्त करता है जैसे की वह जीवन देने वाले सोते से पी रहा है। लेकिन मूर्ख कुछ भी सीखना नहीं चाहता, इसलिए उस पर अपना समय बर्बाद न करें।
23 अगर किसी व्यक्ति का दिल बुद्धि से भरा है तो वह बुद्धि से बोलेगा और उसके शब्द भरोसेमंद लगेंगे।
24 दया की बातें शहद की तरह मीठी होती हैं। वे प्राण को आनन्द से भर देती हैं और चंगाई लाती है।
25 ऐसा खतरनाक रास्ता है जो इन्सान के नज़रिये से सही लगता है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति इस रास्ते को चुनेगा तो यह उसे मौत की ओर ले जाएगा।
26 हर एक को काम करना चाहिए। जो काम नहीं करता, वह भूखा रहेगा।
27 नीच व्यक्ति बुराई करने की योजना बनाता है।
उसकी बातें आग की तरह खतरनाक हैं।
28 जो लड़ाई से प्यार करता है वह झगड़े की स्थिति पैदा करता है। और जो अफ़वाहें फैलाता है वह दोस्तों के बीच अच्छे रिश्ते को तोड़ देता है।
29 बुरे इरादों वाला व्यक्ति दूसरों को सही मार्ग से भटकाएगा। वह लोगों को गलत काम करने के लिए उकसाएगा।
30 उसकी आँखें बुरी हैं। वह अपनी बुरी योजनाओं के बारे में सोचता है और बुरी मुस्कराहट के साथ अपराध करता है।
31 सही काम करने के लिए उत्सुक रहने वाला विश्वासी लोगों से आदर पाएगा और वह पक्के बाल होने तक जीवित रहेगा।
32 बड़ा धीरज रखने वाला व्यक्ति उस व्यक्ति से बेहतर है जो बहादुरी से लड़ने लगता है। और जो अपने आप को वश में रखना जानता है वह नगरों को जीतने वाले से अधिक शक्तिशाली है।
33 व्यक्ति पर्ची डालता है और अच्छी किस्मत की आशा करता है। लेकिन किसी व्यक्ति की किस्मत का फैसला प्रभु करता है पर्ची नहीं।

अध्याय 17

1 बहस और झगड़ा पसन्द करने वालों के साथ उत्सव की मेज पर बैठने से अच्छे लोगों के साथ रोटी का सूखा टुकड़ा बाँटना बेहतर है।
2 बुद्धिमान दास अपने स्वामी के दुष्ट बेटे को वश में करना जानता है। इसलिए इस दास को अपने स्वामी के सब बेटों के साथ विरासत का हिस्सा मिलेगा।
3 जैसे आग चाँदी और सोने को अशुद्धियों से शुद्ध करने के लिए परीक्षा करती है वैसे ही प्रभु लोगों को पाप से शुद्ध करने के लिये उनके दिल की परीक्षा करता है।
4 नीच व्यक्ति उनकी बातें ध्यान से सुनता है जो दूसरों को बुराई करने के लिए उकसाते हैं। और झूठा व्यक्ति चुगली करने वालों की बातें खुशी से सुनता है।
5 जो व्यक्ति गरीब लोगों का मज़ाक उड़ाता है वह परमेश्वर का अपमान करता है जिसने उन्हें जीवन दिया। जो दूसरे व्यक्ति की मुसीबत में आनन्दित होता है वह सजा से बच नहीं पाएगा।
6 अगर बच्चे अपने माता-पिता का आदर करते हैं तो वे अपने दादा-दादी का भी आदर करेंगे। और यह बुजुर्गों को बहुत आनंद देगा।
7 अगर कोई मूर्ख बुद्धिमान की तरह बोलने की कोशिश करता है तो लोग हैरान हो जाते हैं। लेकिन लोग और भी ज़्यादा हैरान हो जाते हैं अगर कोई आदरणीय व्यक्ति झूठी बातें फैलाता है।
8 जो रिश्वत देता है वह सोचता है कि वह जहाँ भी जाएगा, वहाँ उसे चमत्कारिक रूप से सफल होने में मदद मिलेगी।
9 जो प्यार और मित्रता बनाए रखना चाहता है वह लोगों की गलतियों को माफ़ कर देगा। लेकिन जो पिछली गलतियों की याद दिलाता है वह रिश्तों को नष्ट कर देगा और अपने दोस्तों को खो देगा।
10 बुद्धिमान व्यक्ति को एक बार डाँटो और वह खुद को सुधारेगा। मूर्ख को सौ बार मारो लेकिन वह नहीं मानेगा।
11 जो नफ़रत भड़काता है वह बुराई करने की योजना बनाता है। उसके खिलाफ़ बेरहम और गुस्से से भरा दूत भेजा जाएगा।
12 ऐसे भालू की माँ से मिलना कितना खतरनाक है जिसके बच्चे ले लिए गए हैं! लेकिन ऐसे मूर्ख के साथ व्यवहार करना और भी खतरनाक है जो बेवकूफी से काम करता है।
13 जो तुम्हारे साथ भला करते हैं उनका नुकसान न करें। नहीं तो, बुराई तुम्हारे घर से कभी नहीं निकलेगी।
14 जो झगड़ा शुरू करता है वह उस व्यक्ति की तरह है जो बांध में दरार डालता है। झगड़े से बचना इसके नतीजों से निपटने की तुलना में बेहतर है।
15 प्रभु दो बातों से नफ़रत करता है। वह घृणा करता है जब नीच व्यक्ति को सही ठहराया जाता है और निर्दोष व्यक्ति पर आरोप लगाया जाता है।
16 मूर्ख सोचता है कि अगर उसके पास बहुत पैसा होगा तो यह उसकी समस्याओं का समाधान कर देगा। लेकिन कोई भी पैसा उसकी मदद नहीं कर सकता जो बुद्धि को नहीं ढूँढता।
17 सच्चा दोस्त अच्छे समय के साथ-साथ बुरे समय में भी तुम्हारे साथ रहेगा। और मुसीबत के समय रिश्तेदार तुम्हारी मदद करेंगे।
18 कितना मूर्ख है वह जो ज़मानती बनता है और दूसरे के कर्ज को भरने का वादा करता है!
19 जो झगड़ा करना पसन्द करता है वह पाप से प्यार करता है। और जो डींग मारना पसन्द करता है वह मुसीबत में पड़ेगा।
20 जो बुराई करने की योजना बनाता है वह सफल नहीं होगा। और जो झूठ फैलाएगा, वह मुसीबत में पड़ेगा।
21 जिनके बच्चे मूर्खता करते हैं उनके माता-पिता पर धिक्कार है। मूर्ख बेटा अपने पिता को आनन्द नहीं देगा।
22 अगर किसी का दिल आनन्द से भर जाता है तो यह उसे दवा की तरह चंगा करता है। लेकिन अगर किसी व्यक्ति की आत्मा टूट जाती है और उदास होती है तो वह बीमार और थका हुआ महसूस करेगा।
23 भ्रष्ट न्यायी गलत फ़ैसला लेने के लिए चुपके से रिश्वत लेता है।
24 जब बुद्धिमान व्यक्ति किसी बात के विषय में सीखता है तब वह छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देता है। लेकिन मूर्ख विचलित रहता है और किसी भी बात पर ध्यान नहीं लगा सकता।
25 बेवकूफ बेटा अपने पिता के लिए हाय लाता है और अपनी माता को दुःख देता है।
26 यह अन्याय है जब निर्दोष व्यक्ति अपराधियों के अपराध की सजा काटता हैं। यह सही नहीं जब आदरणीय लोगों को सच बोलने के लिए अदालत में लाया जाता है।
27 बुद्धिमान व्यक्ति अधिक नहीं बोलता। वह अच्छा सोचता है और हर स्थिति में शान्त रहता है।
28 जब मूर्ख चुप रहता है तब वह बुद्धिमान दिखाई दे सकता है। जब तक वह अपना मुँह बन्द रखता है तब तक वह होशियार दिखाई देता है।

अध्याय 18

1 स्वार्थी व्यक्ति अपने हितों को दूसरों के हितों से ऊपर रखता है। वह उन लोगों से बहस करता है जो उसे अच्छी सलाह देते हैं।
2 मूर्ख सीखना पसन्द नहीं करता। उसके पास कोई ज्ञान नहीं, लेकिन वह अपनी बात पर जोर देना पसन्द करता है।
3 लोग नीच व्यक्ति से घृणा करेंगे। वह बुरा नाम कमाएगा और अपने आप को शर्मिंदा करेगा।
4 बुद्धिमान व्यक्ति के शब्दों में गहरा मतलब छिपा हुआ होता है। यह सबसे गहरे समुद्र जितना गहरा है। जब वह बोलता है तब उसके शब्द तेज धारा की तरह बहते हैं।
5 यह ठीक नहीं कि कोई न्यायी किसी अपराधी को निर्दोष ठहराए और किसी निर्दोष को दण्ड दे।
6 मूर्ख की बातें झगड़े की ओर ले जाती हैं जो लड़ाई में बदल जाती है।
7 मूर्ख के बोलने का तरीका उसके जीवन को नष्ट कर देता है। वह मुसीबत में पड़ जाएगा और अपनी ही बातों से फंदे में फंस जाएगा।
8 जो व्यक्ति बकबक करना पसन्द करता है उसका मन बदनामी से भरा होता है। और वह बकबक करने का उतना ही आनन्द लेता है जितना लोग स्वादिष्ट भोजन का आनन्द लेते हैं।
9 आलसी मज़दूर उस व्यक्ति से अलग नहीं जो जानबूझकर अपने मालिक को नुकसान पहुँचाता है।
10 प्रभु का नाम एक मजबूत मीनार की तरह विश्वासी की रक्षा करता है। जो मुसीबत के समय परमेश्वर की ओर देखता है वह सुरक्षित होगा।
11 लेकिन अमीर व्यक्ति अपने धन पर भरोसा रखता है। वह सोचता है कि जैसे ऊँची दीवारें मजबूत शहर की रक्षा करती हैं वैसे ही उसका धन उसे मुसीबत से बचाएगा।
12 घमंडी व्यक्ति मुसीबत में पड़ेगा। लेकिन जो दूसरों से घृणा नहीं करता, वह लोगों से आदर पाएगा।
13 किसी को जवाब देने से पहले उसकी सुनना। नहीं तो, तुम मूर्ख दिखाई दोगे और शर्मिंदगी की स्थिति में आ जाओगे।
14 अगर कोई व्यक्ति अन्दर से मजबूत है तो वह बीमारी से लड़ पाएगा। लेकिन ऐसे व्यक्ति की मदद कैसे करें जिसने हार मान ली और जिसका दिल ही टूट गया हो?
15 बुद्धिमान व्यक्ति पूरे दिल से ज्ञान की खोज में रहता है। वह बुद्धिमान हो जाएगा क्योंकि जब दूसरे उसे सिखाते हैं तब वह ध्यान से सुनता है।
16 दान देने वाले व्यक्ति को नए मौके मिलेंगे और वह अधिकारी लोगों से मिलेगा।
17 जो अदालत में पहले बोलता है वह सही लगता है। लेकिन जब तक न्यायी दोनों पक्षों को नहीं सुनता, तब तक वह कोई फ़ैसला नहीं ले सकता।
18 अगर अधिकारी लोग एक-दूसरे से सहमत नहीं हो सकते तो उनके झगड़े को पर्चियाँ डालकर सुलझाया जा सकता है।
19 मज़बूत शहर को जीतना रूठे हुए व्यक्ति को मनाने से आसान है। जब लोग झगड़ते हैं तब वे अपने दिलों को ऐसे कसकर बन्द कर लेते हैं जैसे वे किसी मजबूत किले के दरवाजे को बन्द करते हैं।
20 शब्द बीजों की तरह होते हैं जो बाद में फल लाएंगे। व्यक्ति का दिल उसकी बातों से भर जाएगा। और उसके शब्द उसके पूरे जीवन को प्रभावित करेंगे।
21 शब्दों में शक्ति होती है। वे जीवन और मौत दोनों ला सकते हैं। और जिन चीजों के बारे में व्यक्ति बात करना पसन्द करता है वही उसके जीवन में होगा।
22 जिसने पत्नी को पाया, उसने अपनी खुशी पाई और प्रभु की ओर से आशीष पाई है।
23 जब कोई गरीब व्यक्ति किसी अमीर व्यक्ति से मदद माँगता है तब उसे मदद की बजाय कठोरता भरा इनकार भी मिल सकता है।
24 किसी व्यक्ति के कई अविश्वसनीय दोस्त हो सकते हैं। लेकिन सच्चा दोस्त भाई से ज़्यादा करीब हो जाता है।

अध्याय 19

1 कितना मूर्ख है वह व्यक्ति जो गैरकानूनी तरीकों से पैसा कमाने के लिए झूठ बोलता है। ईमानदार होकर गरीब होना बेहतर है।
2 अगर किसी व्यक्ति के पास ज्ञान नहीं तो वह बिना सोचे समझे काम करेगा। वह अपने जल्दबाज़ी के फैसलों के कारण मुसीबत में पड़ेगा।
3 कोई व्यक्ति मूर्खता से काम करता है और अपने ही जीवन को नष्ट कर लेता है। लेकिन अपने दिल में वह प्रभु पर गुस्सा होता है और अपनी असफलताओं के लिए उसे दोष देता है।
4 अगर कोई व्यक्ति अमीर हो जाता है तो उसके पास बहुत से दोस्त हो जाते हैं। लेकिन अगर वह गरीब हो जाता है तो उसके पास एक दोस्त भी नहीं बचता।
5 जो अदालत में झूठी गवाही देता है वह सज़ा से बच नहीं पाएगा। और जो झूठ बोलता है वह अपना जीवन नहीं बचा सकता।
6 बहुत से लोग अधिकारी की तरफ़दारी पाने के लिए उसे खुश करना चाहते हैं। और हर कोई किसी ऐसे व्यक्ति के साथ अच्छे संबंध बनाना चाहता है जो उसकी मदद कर सकता है।
7 गरीब व्यक्ति के सभी रिश्तेदार उसे पसन्द नहीं करते। इसके अलावा, उसके दोस्त उसके साथ कोई भी संबंध नहीं रखना चाहते। अगर वह उनसे सिर्फ़ बात करना चाहता है तो भी वे उसे अनदेखा कर देते हैं।
8 जो बुद्धि से काम करना चाहता है वह अपने लिए भलाई चाहता है। और जो समझ दिखाता है वह सफल जीवन जीएगा।
9 जो अदालत में झूठी गवाही देता है वह सज़ा से बच नहीं पाएगा। और जो झूठ बोलता है वह नाश हो जाएगा।
10 मूर्ख को ऐश ओ आराम में नहीं जीना चाहिए। इसके अलावा, दास को अपने स्वामी को आदेश नहीं देना चाहिए।
11 समझदार व्यक्ति गुस्सा नहीं होता लेकिन वह धीरज धरता है। लोग उसका आदर करते हैं क्योंकि वह उन्हें उनकी गलतियों के लिए माफ़ कर देता है और उनके खिलाफ़ कोई अपराध नहीं करता।
12 जब राजा गुस्सा होता है तब वह दहाड़ते हुए शेर की तरह होता है जो अपने पास आने वाले को फाड़ डालने के लिए तैयार रहता है। और जब राजा अच्छे मूड में होता है तब वह अपने पास आने वाले पर अपनी कृपा दिखाता है। और उसकी दया जीवन देने वाली ओस के तरह है जो सुबह घास पर गिरती है।
13 बेवकूफ बेटा अपने पिता के लिए बहुत मुसीबतें लाता है। बड़बड़ाने वाली पत्नी अपने पति को टपकते पानी की तरह परेशान करती है।
14 माता-पिता अपने बेटे के लिए घर और धन विरासत के रूप में छोड़ कर जा सकते हैं। लेकिन सिर्फ़ प्रभु ही बुद्धिमान पत्नी दे सकता है।
15 जो आलसी होना पसन्द करता है उसे सोना अच्छा लगता है। और जो काम करने से इंकार करता है वह भूखा रहेगा।
16 जो आज्ञाओं का पालन करता है वह अपने प्राण को बुराई से बचाता है। लेकिन जो अपने कामों के परिणामों के बारे में नहीं सोचता और लापरवाही से व्यवहार करता है वह नाश हो जाएगा।
17 जो गरीब लोगों की मदद करता है वह प्रभु को उधार देता है। परमेश्वर कर्ज में नहीं रहेगा और वह ऐसे व्यक्ति को उसके अच्छे कामों के लिए ईनाम देगा।
18 जो अपने बेटे को सुधारता है वह आशा करता है कि उसका बेटा जीवन में ठीक मार्ग चुनेगा। लेकिन जो अपने बेटे को नहीं सुधारता, वह अपने बेटे का जीवन नष्ट कर देगा।
19 गर्म स्वभाव के व्यक्ति को उसके कामों के परिणामों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। लेकिन अगर तुम उसे जवाबदेह होने से दूर करने में मदद करते हो तो तुम्हें हर समय उसकी समस्याओं का समाधान करना होगा।
20 अगर तुम सलाह को सुनोगे और उचित सुधारों पर ध्यान दोगे तो बाद में तुम बुद्धिमानी से काम करना सीखोगे।
21 व्यक्ति अपने दिल में बहुत सी चीज़ों की योजनाएँ बना सकता है। लेकिन सिर्फ़ वही योजनाएँ सफल होंगी जो प्रभु की ओर से हैं।
22 गैरकानूनी तरीकों से पैसा कमाने से गरीब होना अच्छा है। गरीब व्यक्ति दूसरों की मदद करने का आनन्द ले सकता है।
23 जो प्रभु का भय मानता है वह सुखी जीवन जिएगा। वह अपने जीवन के हर दिन के लिए परमेश्वर का आभारी रहेगा और बुराई उसके पास नहीं आएगी।
24 आलसी व्यक्ति चम्मच तो लेता है लेकिन वह उसे अपने मुँह तक नहीं उठाना चाहता।
25 अगर तुम किसी ऐसे व्यक्ति का उचित सुधार करोगे जो अनादर से व्यवहार करता है तो वह तुम्हें नहीं सुनेगा। इसलिए उसे अपने कामों के परिणामों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। तब साधारण लोग भी समझ से काम करना सीख जाएंगे। लेकिन अगर तुम किसी बुद्धिमान व्यक्ति का उचित सुधार करोगे तो वह समझ जाएगा कि उसे अपने व्यवहार को सुधारना चाहिए।
26 जो बेटा अपने पिता को बर्बाद कर देता है और अपनी माँ को घर से भगा देता है वह शर्मिंदगी भरा व्यवहार करता है और अपने आप को बदनाम करता है।
27 हे मेरे बेटे, अगर तुम उचित सुधारों पर ध्यान देना बन्द कर दोगे तो तुम बेवकूफी भरी गलतियाँ करने लगोगे।
28 जब गवाह झूठी गवाही देता है तब अदालत का मज़ाक बन जाता है। और जब कोई अपराधी बोलता है तब वह कुशलता से झूठ बोलता है।
29 अपराधी न्याय से नहीं बच सकता। और मूर्ख पिटाई से नहीं बच सकता।

अध्याय 20

1 जो शराब पीता है वह अपना तमाशा बनाता है और लोग उसका मज़ाक उड़ाएंगे। जो तीखी शराब पसन्द करता है वह दूसरों से लड़ेगा। जो लोग शराब के आदी हैं वे बेवकूफी भरे काम करेंगे।
2 जब राजा गुस्से से भर जाता है तब वह दहाड़ते हुए शेर की तरह होता है। जो राजा के गुस्से को भड़काता है वह अपना जीवन खो सकता है।
3 कोई भी मूर्ख झगड़ा शुरू कर सकता है। लेकिन जो झगड़ों को सुलझाना जानता है वह आदर के योग्य है।
4 आलसी व्यक्ति बीज बोने के लिए भूमि को नहीं जोतता। वह व्यर्थ ही उस खेत में फसल का इन्तज़ार करता है जहाँ उसने कुछ भी नहीं बोया।
5 व्यक्ति के विचारों में इतनी गहराई होती है कि उसकी तुलना गहरे समुद्र से की जा सकती है। लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति अपने विचारों को इस तरह से कहना जानता है कि दूसरे लोग उसे समझ सकें।
6 व्यक्ति के आस-पास बहुत से लोग हो सकते हैं जो खुद को उसका दोस्त कहते हैं। लेकिन एक सच्चा दोस्त मिलना कितना मुश्किल है जो तुम्हें कभी असफल नहीं होने देगा!
7 अगर कोई विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है तो उसके बच्चे आशीषित और सुखी जीवन जीएंगे।
8 जब राजा अपराधी पर दंड की आज्ञा सुनाता है तब अपराधी के लिए राजा की ओर देखना कितना भयानक है!
9 कौन ऐसा कहने की हिम्मत कर सकता है, “मैंने अपने दिल को साफ़ किया और अपने पाप से छुटकारा पाया?”
10 प्रभु नफ़रत करता है जब बेचने वाले दूसरों को धोखा देने के लिए गलत तराजू और गलत मापने वाले प्यालों का इस्तेमाल करते हैं।
11 एक बच्चे के चाल-चलन को देखो। अगर उसके माता-पिता ने उसे सही तरीके से पाला है तो वह ईमानदारी से काम करेगा।
12 प्रभु ने लोगों को देखने और सुनने की क्षमता दी ताकि वे बुद्धि की बातें सीख सकें।
13 जो नींद से प्यार करता है वह गरीब हो जाएगा। लेकिन जो थके हुए भी काम करता है उसके पास जीवन भर के लिए जरूरत की हर चीज़ होती है।
14 शुरुआत में खरीददार कीमत कम करने के लिए सामान की गुणवत्ता के बारे में शिकायत करता है। लेकिन बाद में वह दूसरों के सामने फूलता है कि वह एक अच्छी कीमत पर अच्छा सामान खरीद पाया।
15 जब लोग योग्यता के साथ बोलते हैं तब उनकी बातें बहूमूल्य पत्थर से अधिक कीमती होती हैं। ऐसे शब्द सोने और अनमोल गहने से भी अधिक मूल्यवान हैं।
16 अगर तुमने दूसरे व्यक्ति का कर्ज चुकाने का वादा किया लेकिन तुम ऐसा नहीं कर पाए तो लेनदार तुम्हारी सारी संपत्ति ले लेंगे। तुम्हारे पास कपड़े भी नहीं बचेंगे।
17 जो गैरकानूनी तरीकों से पैसा कमाना पसन्द करता है वह उसी तरह इसका आनन्द लेता है जैसे लोग स्वादिष्ट भोजन का आनन्द लेते हैं। लेकिन बाद में उसे ऐसा लगेगा जैसे उसे उल्टी हो रही है क्योंकि उसने गंदगी खाई है।
18 अगर तुम समझदार लोगों से सलाह लोगे तो तुम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाओगे। बिना योजना के युद्ध में जल्दबाज़ी न करना, नहीं तो तुम हार जाओगे।
19 जो अफ़वाहें फैलाता है वह भेद को छिपाना नहीं जानता। जो बहुत अधिक बोलता है उसके साथ संगति न रखना।
20 अपने माता-पिता का अपमान करने वाले का जीवन उस दीपक की तरह होगा जो घोर अन्धकार में चमकना बन्द कर देगा।
21 जितनी जल्दी कोई व्यक्ति अपनी विरासत प्राप्त करता है भविष्य में उसे उतना ही कम लाभ और आशीष मिलेगी।
22 जिस व्यक्ति ने तुम्हारे साथ गलत किया उस से यह मत कहो, “जैसा तुमने मेरे साथ किया, वैसा ही मैं भी तुम्हारे साथ करूँगा।” इस स्थिति को प्रभु के हाथ में सौंप दो और वह बुराई से तुम्हारी रक्षा करेगा।
23 जब बेचने वाले खरीददारों को धोखा देते हैं और असली वजन से मेल न खाने वाले बट्टों का इस्तेमाल करते हैं तब प्रभु इससे नफ़रत करता है। गलत तराजू से तुम्हारा कोई भला नहीं होगा।
24 प्रभु व्यक्ति के जीवन की दिशा निर्धारित करता है। और कोई भी नहीं जानता कि भविष्य में उसके साथ क्या होगा।
25 कोई भी वादा करने से पहले अच्छी तरह से सोचना। नहीं तो, तुम अपने ही शब्दों से मुसीबत में पड़ सकते हो।
26 जैसे लोग भूसी को अनाज से अलग करने के लिए दावने वाला पहिया चलाते हैं वैसे ही बुद्धिमान राजा नीच लोगों को अपने मुँह के सामने से दूर करता है।
27 प्रभु व्यक्ति के मन में ज्योति जलाता है ताकि वह व्यक्ति देख सके कि उसके मन की गहराइयों में क्या हो रहा है।
28 अगर कोई राजा दया दिखाए और सच्चाई की शिक्षा के अनुसार काम करे तो ये बातें बुराई से उसकी रक्षा करेंगी। और अगर राजा अपने लोगों का ध्यान रखे तो वह अपने देश पर बहुत दिनों तक राज्य करेगा।
29 जवान लोग अपनी शक्ति के लिए जाने जाते हैं। लेकिन जो बूढ़े लोग पक्के बाल होने तक जीवित हैं वे अपने बुद्धि के लिए जाने जाते हैं।
30 जो व्यक्ति बुराई करता है उसके चेहरे पर चोट के निशान होंगे। ऐसा व्यक्ति अपनी दुष्ट योजनाओं को तब तक नहीं छोड़ेगा जब तक उसे पीटा न जाए।

अध्याय 21

1 अगर प्रभु चाहे तो वह तेज धारा वाली नदी की दिशा बदल सकता है। और उसी तरह से वह राजा के विचारों की दिशा बदल सकता है क्योंकि परमेश्वर राजा के दिल को अपने हाथ में रखता है।
2 कोई व्यक्ति सोच सकता है कि वह हमेशा वही करता है जो सही है। लेकिन प्रभु व्यक्ति के दिल के असली इरादों को जानता है। और सिर्फ़ परमेश्वर ही न्याय कर सकता है कि व्यक्ति सही करता है या नहीं।
3 जब कोई व्यक्ति सही फैसले लेता है और सही काम करता है तब प्रभु उस से प्यार करता है। लेकिन जो जीवन में गलत रास्ता चुनता है और उसकी तरफ़दारी पाने के लिए परमेश्वर को बलिदान चढ़ाता है वह प्रभु को खुश नहीं कर पाएगा।
4 जो पाप में जीता है और बुरे काम करता है वह दूसरों को घमण्ड की दृष्टि से देखता है क्योंकि उसका मन घमण्ड से भर हुआ है।
5 जो काम करना पसन्द करता है वह अपने काम को बढ़िया तरीके से करने का हर संभव प्रयास करता है। इसलिए वह सफलता में जीएगा। लेकिन जो लापरवाही से काम करता है और जल्दबाज़ी में अपना काम खत्म करता है वह गरीबी में जीएगा।
6 अगर कोई व्यक्ति अमीर होने के लिए झूठ बोलता है तो यह उसे मौत की ओर ले जाएगा। और उसकी दौलत पूरी तरह से गायब हो जाएगी।
7 जो न्याय करने से इन्कार करता है और दूसरों के साथ क्रूरता करता है उसके साथ भी क्रूरता की जाएगी।
8 जिसने अपराध किया वह दूसरों को धोखा देगा। लेकिन निर्दोष व्यक्ति ईमानदारी से व्यवहार करेगा।
9 बड़े घर में झगड़ालू पत्नी के साथ रहने से छत के किनारे पर रहना बेहतर है।
10 नीच व्यक्ति को बुराई करना अच्छा लगता है। इसलिए उसे अपने दोस्त पर भी दया नहीं आती।
11 अगर तुम किसी ऐसे व्यक्ति का उचित सुधार करोगे जो अनादर से व्यवहार करता है तो वह तुम्हें नहीं सुनेगा। इसलिए उसे अपने कामों के परिणामों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। तब साधारण व्यक्ति भी समझ से काम करना सीख जाएगा। और जो समझ के साथ काम करता है वह आनन्द से और भी समझदार बनना सीखेगा।
12 नीच व्यक्ति अपने घर के बन्द दरवाजों के पीछे जो करता है उसे परमेश्वर देखता है। प्रभु न्यायी है इसलिए नीच व्यक्ति विपत्ति से बच नहीं पाएगा।
13 जब गरीब व्यक्ति तुम से मदद माँगे तब उसे अनदेखा न करना। नहीं तो, जब तुम्हारे सामने मुश्किल परिस्थिति आएगी तब तुम्हारी भी कोई मदद नहीं करेगा।
14 अगर कोई व्यक्ति तुम पर गुस्सा है और क्रोध से भरा हुआ है तो उस से मेल मिलाप करने के लिए अपनी उदारता दिखाना। तुम को उससे अकेले में मिलने और उस के लिए कुछ उपहार ले जाने की ज़रूरत है।
15 जब लोग न्याय करते हैं तब विश्वासी आनन्दित होता है क्योंकि वह सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है। लेकिन कानून तोड़ने वाला न्याय से डरता है।
16 जो सही मार्ग से भटक जाता है वह नाश होकर कब्र में जाएगा।
17 जो मनोरंजन पसन्द करता है वह गरीब हो जाएगा। जो शराब और भोग विलास में पैसा खर्च करना पसन्द करता है वह अमीर नहीं होगा।
18 अगर कोई नीच व्यक्ति किसी विश्वासी को नुकसान पहुँचाना चाहता है तो विश्वासी के बजाय वह खुद दुःख उठाएगा। और अगर कोई झूठा व्यक्ति किसी ईमानदार व्यक्ति पर आरोप लगाना चाहता है तो ईमानदार व्यक्ति के बजाय वह खुद दुःख उठाएगा।
19 झगड़ालू और गुस्से वाली पत्नी के साथ रहने के बजाय रेगिस्तान में रहना बेहतर है।
20 बुद्धिमान व्यक्ति के घर में कीमती चीजें और खाने-पीने की वस्तुएं होती हैं। लेकिन मूर्ख बिना किसी लक्ष्य के वह सब कुछ खर्च कर देता है जो वह कमाता है।
21 जो ईमानदारी से काम करता है और दूसरों के साथ अच्छा करता है वह सुखी जीवन जीएगा। लोग ऐसे व्यक्ति के साथ अच्छी तरह से व्यवहार करेंगे और उसका आदर करेंगे।
22 बुद्धिमान व्यक्ति उस शहर को जीत पाएगा जिसकी रक्षा हथियारबंद लोग करते हैं। ऐसा लगता है कि शहर के चारों ओर की दीवारों को तोड़ना नामुमकिन है। लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति जानता है कि यह कैसे करना है।
23 जो व्यक्ति कुछ भी कहने से पहले सोचता है और बहुत ज़्यादा नहीं बोलता, वह अपने आप को मुसीबतों से बचाएगा।
24 जो घमण्ड दिखाता और दूसरों को नीचा दिखाता है वह बिना किसी शर्म के बुराई करेगा।
25 आलसी आदमी काम नहीं करना चाहता इसलिए उसके सपने कभी भी पूरे नहीं होंगे। वह काम पर जाने के बजाय भूखा मरना पसन्द करेगा।
26 लालची व्यक्ति के पास हमेशा काफ़ी नहीं होता है इसलिए वह कभी भी जरूरतमंद लोगों की मदद नहीं करता। लेकिन एक विश्वासी जो कुछ उसके पास है उसे उदारता से दूसरों के साथ बाँटता है।
27 जब नीच लोग परमेश्वर का अनुग्रह पाने के लिए उसे बलिदान चढ़ाते हैं तब परमेश्वर उस से नफ़रत करता है। और प्रभु विशेष रूप से इससे नफ़रत करता है जब वे अपराध करने से पहले ऐसा करते हैं।
28 बेईमान व्यक्ति जो अदालत में झूठी गवाही देता है वह सजा से बच नहीं पाएगा। लेकिन ईमानदार व्यक्ति जो हमेशा सच बोलता है वह अदालत में वही बताएगा जो वह जानता है।
29 नीच व्यक्ति बेशर्मी से व्यवहार करता है और अपने कामों के परिणाम के बारे में नहीं सोचता। लेकिन विश्वासी सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है इसलिए वह कुछ भी करने से पहले सोचता है।
30 ऐसा कोई बुद्धिमान और चतुर व्यक्ति नहीं जो प्रभु को उसकी योजनाओं को पूरा करने से रोक सके।
31 जब कोई व्यक्ति अपने घोड़े को युद्ध के दिन के लिए तैयार करता है तब वह जीतने के लिए हर संभव प्रयास करता है। लेकिन जीत प्रभु की ओर से आती है।

अध्याय 22

1 बड़े धन से ज़्यादा अच्छा नाम होना बेहतर है। अच्छी इज्जत चाँदी और सोने से ज़्यादा कीमती होती है।
2 अमीर व्यक्ति और गरीब व्यक्ति में क्या समानता है? प्रभु ने ही उन दोनों को बनाया और उन्हें जीवन दिया।
3 समझदार व्यक्ति खतरे को देख लेता है और सावधानी से रहता है। लेकिन लापरवाह व्यक्ति खतरे को नजरअंदाज करता और मुसीबत में पड़ जाता है।
4 जो अपने आपको प्रभु के सामने नम्र करता है और उसका भय मानता है वह धन पाएगा। वह आदरणीय व्यक्ति बनेगा और सुखी जीवन जिएगा।
5 जो बुराई करने की योजना बनाता है वह अपने ही कामों से दु:ख उठाएगा। वह मुसीबत में पड़ेगा जो उसे कांटों की तरह चोट पहुँचाएगी। उसे ऐसी परेशानियाँ होंगी जो उसे जाल की तरह पकड़ लेंगी। लेकिन जो सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है वह अपने आप को मुसीबतों से बचाएगा।
6 अगर तुम अपने बच्चे को बचपन से ही सही तरीके से बड़ा करोगे तो वह अपने जीवन के अन्त तक सही रास्ते से नहीं मुडे़गा।
7 गरीबों के ऊपर अमीरों का अधिकार होता है। और जो कर्ज लेता है वह दास की तरह अपने लेनदार की आज्ञा का पालन करेगा।
8 जो गुस्से के साथ अन्याय के बीज बोता है वह मुसीबत की कटनी काटेगा और अपना अधिकार खो देगा।
9 जो गरीबों पर दया दिखाता है और जिन्हें भोजन की ज़रूरत है उन्हें खिलाता है वह आशीष पाएगा।
10 जब तुम ऐसे व्यक्ति की संगति करना छोड़ दोगे जो दूसरों को नाराज करता है तब तुम बहस करना, झगड़ा करना और अपमान करना छोड़ दोगे।
11 अगर किसी का दिल सच्चा हो और वह बात करने में अच्छा हो तो राजा उसको अपने करीब ले आएगा।
12 प्रभु अपने वचन के पूरा होने पर नज़र रखता है। वह उन लोगों की योजनाओं को नष्ट कर देगा जो उस पर विश्वास नहीं करते और उसकी सच्चाई के खिलाफ़ बोलते हैं।
13 आलसी व्यक्ति हमेशा बहाने बनाता है। वह कहता है, “शहर में एक शेर घूम रहा है इसलिए मैं काम पर नहीं जा सकता। अगर मैं बाहर जाऊँगा तो वह मुझे चौक के बीच में टुकड़े-टुकड़े कर डालेगा!”
14 जो चरित्रहीन औरत से बात करता है वह खड़ी चट्टान के किनारे पर खड़ा होता है और प्रभु का क्रोध अपने ऊपर लाता है। जो उस औरत के साथ रिश्ता बनाएगा वह इस चट्टान से गिर जाएगा।
15 अगर कोई बच्चा सुधारों को नहीं समझता और गलत तरीके से व्यवहार करता रहता है तो शारीरिक अनुशासन उसे सही काम करना सिखाएगा।
16 जो धनी होने के लिए गरीबों के साथ अन्याय करता है वह अपनी दौलत खो देगा। और जो अमीरों का तरफ़दारी पाने के लिए उन पर अपनी उदारता दिखाता है वह गरीब हो जाएगा।
17 जो बुद्धि से बोलते हैं उनकी बातों को ध्यान से सुनना। और जो मैं तुम्हें सिखाता हूँ उसे याद रखना। इन्हें अपने दिल में हमेशा के लिए रहने देना।
18 मेरी बातों को मत भूलना। तब तुम बुद्धि से बात करोगे और यह तुम्हें आनन्द देगा।
19 जो मैं तुम्हें सिखाता हूँ उसे याद रखना। हर दिन तुम्हें प्रभु पर भरोसा रखना चाहिए।
20 मैं तुम्हें पहले ही तीस सलाहें लिख चुका हूँ कि सही तरीके से काम कैसे करना है।
21 मैंने तुम्हें सच्चाई की शिक्षा के अनुसार सिखाया। और मैं चाहता हूँ कि जो लोग तुम्हारे पास सलाह के लिए आते हैं उनसे तुम सच्चाई के वचन कहना।
22 गरीब लोग अपनी रक्षा नहीं कर पाते इसलिए उन्हें अमीर बनाने के लिए बर्बाद न कर देना। और गरीब होने के बावजूद भी उनके साथ अदालत में न्याय करना।
23 याद रखना कि प्रभु उनकी रक्षा करेगा और वह गरीब लोगों को लूटने वालों का जीवन उनसे छीन लेगा।
24 गुस्सा करने वाले से दोस्ती न करना। गर्म स्वभाव वाले व्यक्ति के साथ संगति न रखना।
25 नहीं तो, तुम भी उसी की तरह गर्म स्वभाव वाले व्यक्ति बन जाओगे और यह आदत तुम्हारे जीवन को नष्ट कर देगी।
26 किसी दूसरे व्यक्ति के कर्ज को चुकाने के लिए सहमत न होना और उसके धन की जिम्मेदारी अपने ऊपर न लेना।
27 अगर तुम उसका कर्ज चुकाने का वचन देते हो लेकिन तुम ऐसा न कर पाए तो लेनदार तुम्हारी सारी संपत्ति ले लेंगे। तुम्हारे पास बिस्तर भी नहीं बचेगा।
28 ऐसी सीमा को न बढ़ाना जो तुम्हारे बाप दादों ने बहुत पहले तय की थी।
29 क्या तुम किसी कुशल व्यक्ति को जानते हो? वह राजाओं की सेवा करेगा और वह साधारण लोगों के लिए काम नहीं करेगा।

अध्याय 23

1 अगर कोई अधिकारी तुम्हारे साथ किसी बात पर चर्चा करने के लिए तुम्हें रात के खाने के लिए बुलाए तो सावधान रहना और जो कुछ तुम देखो वह सब कुछ न खाना।
2 चाहे तुम खाना बहुत पसन्द करते हो, फिर भी खुद पर काबू रखना।
3 उस स्वादिष्ट भोजन पर ध्यान न देना जो वह तुम्हारे सामने रखे। इसके बजाय, उसकी बात ध्यान से सुनना ताकि वह तुम्हें धोखा न दे सके और तुम्हें किसी ऐसे खतरनाक काम में शामिल न कर सके जो जल्दी लाभ कमाने का वादा करता है।
4 दौलत के पीछे न भागना। बुद्धिमान बनना और जोखिम भरे व्यवसाय में भाग लेने से इनकार करना।
5 नहीं तो, तुम्हारी दौलत पलक झपकते ही गायब हो जाएगी। यह बाज की तरह अपने पंख फड़फड़ाएगी और आकाश में उड़ जाएगी।
6 अगर कोई लालची व्यक्ति तुम्हें रात के खाने के लिए बुलाए तो उसके पास जाने से इंकार कर देना। और कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह तुम्हें किस तरह का स्वादिष्ट भोजन खाने को देगा।
7 व्यक्ति के दिल के विचार दिखाते हैं कि वह व्यक्ति असलियत में कौन है। इसलिए अगर तुम किसी लालची व्यक्ति से मिलने जाओ तो वह तुम से कहेगा, “खाओ और पियो।” लेकिन वह तुम्हारे खाने के हर एक टुकड़े की कीमत अपने मन में गिनेगा।
8 जब तुम उसके व्यवहार को समझोगे तब जो कुछ तुमने खाया उसके कारण तुम बीमार महसूस करोगे। और तुम पछताओगे कि तुमने उसे उसके स्वादिष्ट भोजन के लिए धन्यवाद दिया।
9 मूर्ख को बुद्धिमानी की सलाह न देना क्योंकि वह उन्हें तुच्छ समझेगा।
10 उस ज़मीन के सीमा को न बढ़ाना जो बहुत पहले ठहराई गयी। और उस भूमि को हड़प न लेना जो अनाथों की है।
11 जो अनाथों को नुकसान पहुँचाता है उसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर का सामना करना पड़ेगा जो उनकी रक्षा करता है।
12 ध्यान देना जब दूसरे लोग तुम्हारा उचित सुधार करते हैं। और जब लोग तुम्हें बुद्धिमानी की बातें सिखाते हैं तब तुम्हारा मन इधर-उधर भटकने न पाए।
अपने बच्चे को सुधारना और उसे वह सब कुछ न करने देना जो भी वह चाहता है। अगर तुम शारीरिक अनुशासन का इस्तेमाल करते हो तो इससे उसे कोई भी नुकसान नहीं होगा।
14 इसके बजाय, यह उसका भला करेगा। तुम उसके प्राण को नरक से बचाने के लिए उसे अनुशासित करते हो।
15 हे मेरे बेटे, अगर तुम्हारा मन बुद्धि से भर जाए तो मैं अपने सारे मन से आनन्दित होऊँगा।
16 और जब तुम वह बोलोगे जो सही है तब मैं तुम्हारे लिए बहुत खुश होऊँगा।
17 जो लोग पाप में जीते हैं उनकी सफलता से तुम्हारे दिल में जलन नहीं होनी चाहिए। अपने जीवन के सभी दिनों में तुम्हें अपने पूरे दिल से प्रभु का भय मानना ​​चाहिए।
18 उज्जवल भविष्य तुम्हारा इंतिज़ार कर रहा है। इसलिए हर परिस्थिति में प्रभु में अपनी आशा को न खोना।
19 हे मेरे बेटे, मेरी बात सुनो और बुद्धिमानी से काम करना शुरू करो। अपने पूरे दिल से जीवन में सही दिशा चुनने का हर संभव प्रयास करो।
20 अपना समय उन लोगों की संगति में न बिताना जो शराब पीते हैं और बहुत अधिक मांस खाते हैं।
21 ऐसे लोग शराब और खाने के सिवा किसी और चीज़ में दिलचस्पी नहीं रखते। वे बहुत ज़्यादा सोते हैं इसलिए वे गरीब हो जाएंगे और उनके कपड़े फटे चिथड़ों में बदल जाएंगे।
22 अपने पिता की सुनो क्योंकि उसने तुम्हें जीवन दिया है। और जब तुम्हारी माँ बूढ़ी हो जाये तब उसे नज़रअंदाज़ न करना।
23 अगर तुम समझ गए हो कि सच्चाई क्या है तो किसी पैसे के लिए सच्चाई को धोखा न देना। जब कोई तुम्हारा उचित सुधार करता है तब उस पर ध्यान देना। हर कीमत पर हर स्थिति में बुद्धिमानी और उचित तरीके से व्यवहार करना।
24 पिता के लिए यह कितनी मधुर और आनन्द की बात है कि उसका बेटा ऐसा बुद्धिमान है जो परमेश्वर पर विश्वास करता है और सही काम करने के लिए उत्सुक रहता है!
25 इसलिए बुद्धि से काम करना और यह तुम्हारे पिता को आनन्द देगा। और तुम्हारी माँ को खुशी होगी कि उसने ऐसे अच्छा बेटे को जन्म दिया।
26 हे मेरे बेटे, मैं जानना चाहता हूँ कि तुम्हारे दिल में क्या चल रहा है। मैं कैसे जीता हूँ इस पर ध्यान दो और मुझसे उदाहरण लो।
27 किसी चरित्रहीन औरत से सम्बन्ध शुरू न करना क्योंकि वह खड़ी चट्टान से गिरने जितना खतरनाक है। पराई स्त्री के साथ न सोना। नहीं तो, तुम इतनी बड़ी समस्याओं में फंस जाओगे कि तुम्हारे लिए उनसे निकलना उतना ही मुश्किल हो जाएगा जितना कि संकरे कुएं से निकलना।
28 चरित्रहीन औरत डाकू की तरह व्यवहार करती है जो दूसरे परिवारों को नष्ट कर देता है। वह उन आदमियों को ढूँढती है जिन्हें लुभाया जा सकता है। और बहुत से आदमी उसके साथ संबंध बनाते हैं और अपनी पत्नियों के विश्वासघाती बन जाते हैं।
29 दुःख में कौन रोता है और कौन उदास है? कौन झगड़े शुरू करता है और कौन जीवन के बारे में शिकायत करता है? फालतू के झगड़ों में किसे चोट लगती है? और किसकी आँखें खून से लाल हैं?
30 जो शराब पीना पसन्द करता है वह ऐसा ही दिखता है। जो हमेशा नई शराब पीने के लिए तैयार रहता है वह ऐसे ही जीता है।
31 जब शराब को गिलासों में डाला जाता है और वह जैसे चमकती है तब उसे न देखना।
32 लेकिन अगर तुम शराब पीना शुरू करोगे तो आगे चलकर तुम्हें ऐसा लगेगा जैसे कि सांप ने तुम्हें डस लिया या नाग ने डंक मारा हो।
33 तुम अजीब चीजें देखोगे। तुम अच्छी तरह से नहीं सोच पाओगे और तुम अनैतिक चीजों के बारे में बात करोगे।
34 जब तुम सो जाओगे तब तुम ऐसा महसूस करोगे जैसे तुम तूफ़ानी समुद्र में जहाज के मस्तूल पर चढ़ गए हो।
35 और जब तुम जागोगे तब कहोगे, “लोगों ने मुझे पीटा लेकिन मुझे कोई दर्द महसूस नहीं हुआ। उन्होंने मुझे धक्का दिया लेकिन मुझे कुछ महसूस नहीं हुआ। अब मुझे फिर से शराब पीनी है।”

अध्याय 24

:1 बुराई करने वालों की सफलता से न जलना। ऐसे लोगों की संगती से दूर रहना।
2 वे हिंसक अपराध करने की योजना बनाते हैं और इस बारे में बात करते हैं कि दूसरों को कैसे परेशान किया जाए।
3 जो घर बनाना चाहता है उसे बुद्धि की ज़रूरत है। जो अपने घर को बेहतर बनाना चाहता है उसके पास सही ज्ञान होना चाहिए।
4 और जब घर बनता है तब बनावट की समझ रखने वाले लोग अपने घर को आरामदेह बनाने के लिए हर तरह की कीमती और खूबसूरत चीजें खरीदते हैं।
5 जो बुद्धिमान होता है वह बलवान होता है। और जो ज्ञान प्राप्त करता रहेगा वह और भी बलवान बनेगा।
6 इसलिए युद्ध की शुरुआत से पहले तुम समझदार लोगों के पास जाकर सावधानी से युद्ध के लिए योजना बनाना। अगर तुम अनुभवी लोगों की सलाह लगातार सुनते रहोगे तो तुम जीत पाओगे।
7 मूर्ख के लिए बुद्धि बहुत गहरी होती है। इसलिए जब बुद्धिमान लोग महत्वपूर्ण बातों की चर्चा करते हैं तब मूर्ख को समझ में नहीं आता कि बातचीत किस बारे में है और वह चुप रहता है।
8 जो दूसरों को नुकसान पहुँचाने की योजना बनाता है वह नीच व्यक्ति के नाम से जाना जाएगा।
9 जो मूर्खता करने की योजना बनाता है उसने पाप करने की योजना बनाई है। और लोग उससे नफ़रत करेंगे जो दूसरों से घृणा करता है।
10 मुसीबत के समय व्यक्ति का व्यवहार दिखाता है कि वह कितना मजबूत है। अगर तुम कठिनाई के समय जल्दी हार मान लेते हो और अपना दिल हार जाते हो तो जीतने के लिए जितनी शक्ति तुम्हें चाहिए वह तुम्हारे पास नहीं होगी।
11 जो अपनी मौत के नज़दीक हैं उन्हें बचाना और जिनका भाग्य मरना है उनकी मदद करना।
12 मदद के लिए उनकी पुकार को अनसुना न करना और ऐसे न कहना, “यह मेरा काम नहीं!” प्रभु देखता है कि तुम्हारे दिल में क्या चल रहा है। वह निगरानी रखता है कि तुम कैसे व्यवहार करते हो। तुम्हें यह याद रखना चाहिए कि हर किसी को अपने कामों के अनुसार परमेश्वर से वही मिलेगा जिसका वह हकदार है।
13 हे मेरे बेटे, तुम्हें शहद खाना पसन्द है क्योंकि यह स्वादिष्ट और स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
14 बुद्धि से काम करना सीखो। और यह तुम्हारे प्राण के लिए उतना ही सुखदायक होगा जैसे कि तुमने शहद खा लिया हो। अगर तुम बुद्धिमान बन जाओगे तो तुम्हारा भविष्य बहुत अच्छा होगा और तुम्हारे सपने सच हो जाएंगे।
15 नीच व्यक्ति की तरह काम न करना जो उस घर पर नज़र रखता है जहाँ विश्वासी शान्ति से रहता है। उसके घर में घुसने और उसे लूटने की कोई योजना न बनाना।
16 विश्वासी सात बार मुसीबतों का सामना कर सकता है लेकिन वह हर बार अपनी समस्याओं को हल कर लेगा। लेकिन नीच व्यक्ति जो एक विश्वासी को नुकसान पहुँचाता है वह मुसीबत में नष्ट हो जाएगा।
17 लेकिन जब तुम्हारे दुश्मन के साथ कुछ बुरा हो तब आनन्दित न होना। और जब तुम्हारे विरोधी पर मुसीबत आए तब तुम अपने दिल में आनन्दित न होना।
18 अगर तुम किसी दूसरे की मुसीबतों से आनन्दित होते हो तो प्रभु उसे देखेगा। जो कुछ तुम्हारे दिल में चल रहा है उसे वह पसन्द नहीं करेगा और वह तुम्हारे दुश्मन पर अपना क्रोध उंडेलना बन्द कर देगा।
19 अगर किसी ने तुम्हारा नुकसान किया तो गुस्सा न होना। और नीच लोगों की सफलता से ईर्ष्या न करना।
20 बुराई करने वाले के साथ भविष्य में कुछ भी अच्छा नहीं होगा। नीच व्यक्ति के जीवन का अन्त उस दीये की तरह होगा जो बुझता जाता है।
21 हे मेरे बेटे, प्रभु और राजा का भय मानना। उन लोगों से कोई लेना-देना न रखना जो परमेश्वर के खिलाफ़ जाते हैं और सरकार गिराने के लिए विद्रोह करते हैं।
22 नहीं तो, उस व्यक्ति पर अचानक मुसीबत आ पड़ेगी जो प्रभु और राजा का भय नहीं मानता। कोई भी नहीं जानता कि प्रभु विद्रोहियों को कैसे सज़ा देगा और राजा दंगा करने वालों के साथ क्या करेगा।
23 और एक बुद्धिमानी भरी कहावत है। अगर कोई न्यायी किसी व्यक्ति के साथ पक्षपात करता है और गलत फ़ैसले लेता है तो यह सही नहीं।
24 जो अपराधी से कहता है कि वह सही है उस व्यक्ति को लोग श्राप देंगे और जातियाँ उस से नफ़रत करेंगी।
25 लेकिन अगर कोई न्यायी दोषियों को दण्ड देता है तो वह न्यायी अच्छा नाम कमाएगा और परमेश्वर से आशीष पाएगा।
26 सच्चा दोस्त इतनी ईमानदारी से प्यार करता है कि जब वह सच कहता है तब यह दोस्ताना चुंबन की तरह सुखद होता है।
27 पहले अपने घर के बाहर का सारा काम पूरा करना और अपने खेतों का काम पूरा कर लेना। अगर तुम देखते हो कि तुम अपनी आजीविका कमा पा रहे हो तो तुम अपना घर बनाने या सुधारने का काम शुरू कर सकते हो।
28 किसी निर्दोष के खिलाफ़ अदालत में झूठी गवाही न देना। क्या तुम नहीं समझते कि झूठ बोलने से तुम्हारा कुछ भला नहीं होगा?
29 अगर किसी ने तुम्हें नुकसान पहुँचाया तो उस से बदला लेने की कोशिश न करना। ऐसा न कहना, “मैं इस व्यक्ति के साथ वही करूँगा जो उसने मेरे साथ किया।”
30 मैं आलसी व्यक्ति के खेत से होकर चला। मैं मूर्ख की दाख की बारी के पास से गुज़रा।
31 मैंने देखा कि खेत और दाख की बारी काँटों और जंगली पौधों से ढँकी हुई है और पत्थर का बाड़ा टूटा हुआ है।
32 तब जो कुछ मैंने देखा उसके बारे में सोचने लगा। और जो सबक मैंने सीखा वह यह है।
33 तुम बिस्तर पर पड़े रहकर सोच सकते हो, “अगर मैं थोड़ा और सो लेता हूँ और छोटी सी झपकी लेता हूँ तो यह ठीक है। अगर मैं कुछ नहीं करता और थोड़ा और आराम करता हूँ तो यह ठीक है।”
34 लेकिन अगर तुम आलसी हो तो गरीबी लुटेरे की तरह तुम पर हमला करेगी। और सभी तरह की समस्याएँ हथियारबंद डाकू की तरह तुम पर आ पड़ेंगी।

अध्याय 25

1 ये सुलैमान की कुछ और बुद्धिमानी की बातें हैं जिन्हें यहूदा के राजा हिजकिय्याह के सेवकों ने इकट्ठा की और लिखी।
2 जो कुछ भी परमेश्वर करता है वह रहस्य से ढका है और यह मनुष्य की समझ से बाहर है। इसलिए लोग परमेश्वर के कामों की प्रशंसा करते हैं। और लोग उन राजाओं की भी प्रशंसा करते हैं जो परमेश्वर के रहस्यों को समझना चाहते हैं।
3 कोई भी आकाश की ऊँचाई और पृथ्वी की गहराई को माप नहीं सकता। उसी तरह से कोई भी नहीं समझ सकता कि राजा के दिल में क्या चल रहा है।
4 चाँदी में से अशुद्धता को दूर करो तभी जौहरी उस से एक महंगा बर्तन बना पाएगा।
5 वैसे ही नीच व्यक्ति को राजा की उपस्थिति दूर करो। तभी राजा न्यायपूर्ण कानून बना पाएगा जो उसके अधिकार को और मजबूत कर देगा।
6 राजा की उपस्थिति में घमंड न करना। और उस जगह पर भी न बैठना जो किसी आदरणीय व्यक्ति के लिए तैयार की जाती है।
7 नहीं तो, जब उसके सामने लोग तुम से दूसरी जगह पर बैठने के लिए कहेंगे तब तुम बहुत शर्मिंदा होगे। लेकिन अगर तुम साधारण जगह पर बैठोगे और लोग तुम्हें आदर की जगह पर जाने के लिए कहेंगे तब तुम बहुत खुश होगे।
8 अदालत जाने के लिए जल्दी न करना, क्योंकि अगर तुम गलत साबित हो गए और अन्त में अपने विपक्षी से हार गए तो तुम क्या करोगे?
9 अगर तुम अपने मामले को अदालत में ले जाते हो तो वही बोलना जो तुम्हारे मामले से संबंधित है और किसी दूसरे व्यक्ति के रहस्यों को न खोलना।
10 नहीं तो, जिसने तुम पर भरोसा करके अपने रहस्य तुम्हें बताए वह तुम्हारी बातें सुनेगा और तुम से अप्रसन्न होगा। तुम अपने सम्मान को वापस नहीं पा सकोगे और लोग तुम पर भरोसा करना बन्द कर देंगे।
11 कुशल जौहरी सोने के सेब बनाना और उन्हें चाँदी के गहनों से सजाना जानता है। और जो बोलने में अच्छा है वह सही समय पर सही बात कहना जानता है।
12 बुद्धिमान व्यक्ति के उचित सुधारों को ध्यान से सुनना। उसकी सलाह सोने की बालियों और शुद्ध सोने के गहनों से अधिक कीमती होती हैं।
13 कटाई के समय ठंडा पानी पीना कितना सुखदायक होता है। और उसी तरह से किसी ऐसे व्यक्ति के साथ व्यवहार करना भी सुखदायक होता है जो ठीक वही करता है जो उसे करने के लिए कहा जाता है। ऐसे व्यक्ति को काम पर रखने वाला हमेशा संतुष्ट रहेगा।
14 जब गर्मी के दिन हवा आकाश में बादलों को उड़ा कर लाती है लेकिन ये बादल बारिश नहीं लाते तब कोई भी ऐसे बादलों को पसन्द नहीं करता। और उसी तरह से जब कोई व्यक्ति अपनी उदारता दिखाने का वादा करता है लेकिन वह अपनी बात को पूरा नहीं करता तब कोई भी ऐसे व्यक्ति को पसन्द नहीं करता।
15 अगर तुम चाहते हो कि कोई अधिकारी तुम्हारी तरफ़ हो तो धीरज के साथ उसे अपनी बात समझाना। जिसके साथ बात करना अच्छा होता है ऐसा व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा क्योंकि कोमल जीभ कठोर हड्डी को तोड़ देती है।
16 अगर तुम्हें शहद मिले तो उसे बहुत ज़्यादा न खाना। नहीं तो, तुम अधिक खाकर उल्टी कर दोगे।
17 अपने दोस्त के घर बार-बार न जाना। नहीं तो, वह तुम से थक जाएगा और तुम्हें लगेगा कि वह तुम्हें पसन्द नहीं करता।
18 जो अदालत में झूठी गवाही देता है वह निर्दोष के जीवन को खतरे में डालता है। झूठे आरोप डंडे की तरह लगते हैं। वे तलवार की तरह छेदते हैं और नुकीले तीर की तरह घाव बनाते हैं।
19 अगर मुसीबत के समय तुम किसी लापरवाह व्यक्ति पर भरोसा रखोगे तो यह तुम्हें उतना ही दर्द देगा जितना टूटे हुए दांत से चबाने पर या लंगड़े पैर पर कदम रखने पर होता है।
20 अगर कोई व्यक्ति मुसीबत में है तो उसके लिए आनन्द के गीत न गाना। यह उतना ही अनुचित है जितना कि ठंड के दिन अपने कपड़े उतारना। यह घाव पर सिरका डालने के जितना दर्द देता है।
21 अगर तुम्हारा दुश्मन भूखा हो तो उसे रोटी देना। अगर वह प्यासा हो तो उसे पानी देना।
22 इस तरह से तुम अपने विरोधी को शर्म से ऐसा जलाओगे जैसे उसके सिर पर जलते हुए अंगारे डाल दिए गए हों। और प्रभु तुम्हें अपने दुश्मन का भला करने के लिए ईनाम देगा।
23 अगर उत्तरी हवा चलने लगती है तो यह बादल को ले आएगी और बारिश होगी। और अगर कोई व्यक्ति अफ़वाहें फैलाने लगे तो वह दुश्मनी लाएगी और लोग एक दूसरे को गुस्से से देखेंगे।
24 बड़े घर में झगड़ालू पत्नी के साथ रहने से छत के किनारे पर रहना बेहतर है।
25 दूसरे देश में रहने वाले अपनों की ओर से आई हुई अच्छी खबर बहुत प्यासे व्यक्ति के लिए ठंडे पानी की तरह सुखदायक होती है।
26 अगर कोई विश्वासी सच्चाई से फिर जाता है और नीच व्यक्ति की तरह काम करता है तो वह गंदे सोते या प्रदूषित कुएं की तरह बन जाता है।
27 बहुत ज़्यादा शहद खाने वाले व्यक्ति को उल्टी का अहसास होगा। और उसी तरह से जो हर समय खुद की प्रशंसा करता रहता है उस से लोग घृणा करेंगे।
28 जो अपने आप को अनुशासित करना नहीं जानता वह उस उजड़े हुए शहर की तरह है जिसकी दीवारें टूट चुकी हैं।

Chapter 26

1 It is frustrating when it snows in summer and when it rains during harvest. And it is also frustrating when people honor a fool.
2 No one is afraid of fearful birds. And you also should not be afraid if someone curses you, though you did not do any evil. An undeserved curse will not come true. It will flutter like a sparrow and fly away like a swallow.
3 As people direct a horse with a whip and stop a donkey with a bridle so people beat the back of a fool with a stick so that he would do his work.
4 If a fool asks you a foolish question, do not give him a foolish answer. Otherwise, you will make yourself look foolish.
5 If a fool asks you a foolish question, answer him in such a way that he would look foolish and would not consider himself a wise person.
6 Do not ask a fool to convey your words to others. Otherwise, your legs will start trembling when you find out that you got into a big trouble because of him.
7 As it is difficult for a lame person to walk so it is hard for a fool to teach others something wise.
8 As it is useless to shoot with a broken weapon so it is useless to honor a fool.
9 If a fool tries to say something wise, he looks as ridiculous as a drunkard who swings a thorny branch and hurts himself.
10 An authoritative person tends to act recklessly. He may hire a fool or a random person.
11 As a dog is not disgusted by its vomit and returns to where it vomited so a fool is not disgusted by his foolishness and repeats it again.
12 Have you met a person who considers himself smarter than everyone else? A fool is more likely to listen to others and change. But the one who is overconfident will never become wise.
13 A lazy person always makes excuses. He says, “There is a lion walking on the roads and streets so I cannot go to work.”
14 As a door turns on its hinges so a lazy person turns on his bed.
15 A lazy person takes food from his plate, but it is difficult for him to lift it to his mouth.
16 A lazy person considers himself seven times smarter than any other professionals who know their business well.
17 The one who walks by and interferes in someone else’s fight may put his life in danger. He acts like the one who pulls the ears of a stray dog.
18 A person who pretends to be mad shoots flaming arrows randomly and puts others in mortal danger.
19 He is as dangerous as the one who deliberately deceives his friend, and then says, “I was just joking.”
20 Fire goes out if no one throws firewood. And quarrels stop if no one spreads gossips.
21 Strong heat comes from coals, and fire starts from firewood. And quarrel breaks out because of a quarrelsome person.
22 The heart of a person who loves gossips is filled with slander. And he enjoys gossips as much as people enjoy delicious food.
23 Clay pot covered with cheap silver paint looks attractive, but it has no value. The same way, the flattering words of a person whose heart is filled with evil mean nothing.
24 If your enemy plans to cause you trouble, he will speak flattering words to hide his hatred.
25 Seven disgusting sins fill his heart. So do not believe him, even though he will say nice words to you.
26 The enemy may act cunningly to hide his hatred. But when anger begins to overwhelm him, he will no longer be able to hide it. Then everyone will see that he wanted to harm you.
27 The one who digs a pit for another person will fall into it. The one who rolls a stone at another one will get crushed by this stone.
28 The one who hates another person will spread lies to harm him. And the one who speaks flattering words wants to destroy the life of another person.

Chapter 27

1 Do not boast about what you are going to do in the future because you do not know what may happen to you tomorrow.
2 Do not praise yourself, let people praise you. Live in such a way that others would speak well about you.
3 It is difficult to work with stones and sand. But it is even more difficult to work with a quick-tempered fool.
4 If a person boils with anger and great wrath, he can commit cruel actions. But if he is filled with jealousy, he can be even more dangerous.
5 The one who loves his friend will make a proper correction to him. He will not keep silent if his friend made a mistake.
6 Listen to your friend who loves you when he sincerely speaks to you about your weaknesses. And do not trust your enemy who hates you, though he speaks flattering words as pleasant as kisses.
7 If you give honey to a person who is full, he will throw it away. But if you give tasteless food to a hungry person, he will eat it with such pleasure, as if it were sweet honey.
8 As it is difficult for a bird to live without a nest, so it is hard for a person to live far from his home.
9 Good advice from a friend is as pleasant as fragrant oil and incense.
10 Maintain good relationships with your friends and with your father’s friends who live near you. If you get into trouble, and your brother lives far away then a friend who is near will help you faster than a brother who is far away.
11 My son, if you believe in God and act wisely, I will rejoice with all my heart. Then I will know what to answer to unbelievers who ridicule me, and whose children act foolishly.
12 A person of understanding foresees danger and takes precautions. But a careless person ignores danger and gets into trouble.
13 If you promised to pay off the debts of another person, but you could not do it then the creditors will take all your possessions. You will not even have clothes left.
14 If you pray loudly early in the morning, you will wake up others. Your prayer will not bring blessing, but it will irritate people.
15 When the weather is bad, it rains non-stop. And when a wife is grumpy, she nags again and again.
16 As it is impossible to stop the wind so it is impossible to stop her complaints. As it is impossible to hold oil in the hand so it is impossible to keep a grumbling wife from quarreling.
17 As one iron blade can be sharpened well against another one, so one friend can influence another one in a good way.
18 The one who takes good care of a fig tree will eat its fruit. And the one who does his job well will receive a reward from his boss.
19 Look at the surface of water, and you will see your reflection. Look at what fills your heart, and you will understand what kind of person you really are.
20 Hell and death can never be satisfied. The same way, a person who throws dirty looks will never be able to satisfy his lust.
21 When fire purifies silver and gold, they become valuable. And when others praise a person, we can understand how much people value him.
22 People crush grain in a bowl to separate it from the husk. And people beat a fool with a stick to correct him, but he remains stupid.
23 Take good care of your livestock. Watch if your flocks are in a good condition.
24 Remember that it is impossible to keep accumulated wealth forever. And it may happen that political power in the country will change.
25 That is why you should work well so that you could have everything you need for life. Store hay for your livestock. And when new grass grows, drive your flocks to the fields and cut the grass on the slopes of the hills.
26 Cut the wool off your sheep to make clothes for yourself. And sell your goats to buy one more field.
27 Keep she-goats which could give a lot of milk. Then you will be able to feed your family and your hired workers.

Chapter 28

1 A wicked person runs away in fear, though no one chases him. But a believer who is eager to do what is right acts boldly like a lion.
2 If a nation rebels, the political power in the country will change often, and the country will go into chaos. But when a wise and knowledgeable person comes to power, he will establish such laws that will bring prosperity and stability to his country.
3 A poor person who received authority and started ruining the poor will bring a lot of evil. He is like heavy rain which destroys crops and causes a lot of troubles.
4 The one who breaks the Law of God approves the works of wicked people. But the one who keeps the Law rises up against of what the wicked do.
5 The one who does evil does not understand how to act with justice. But the one who follows the Lord always knows how to do what is right.
6 It is better to be poor and honest than to be a rich person who earns money by illegal means.
7 If a son keeps the Law of God, he acts wisely and brings joy to his parents. But if a son joins a bad company, he does a lot of stupid things and dishonors his father.
8 The one who wants to get rich and lends money at high interest will give his profit to the one who does charity.
9 It is disgusting to God if a person prays, but he does not want to listen to His Law.
10 The one who wants to harm a believer and pushes him into the path of evil will fall into his own pit. But in the life of a believer who is eager to do what is right good things will come.
11 A rich person always looks wise in his own eyes. But a poor person who has wisdom can point out the mistake that the rich person made.
12 If believers rule a country, people will rejoice because there will be order and prosperity in the country. But if the wicked come to power, people will be afraid of what will happen in the future. They will live in such a way that they would not attract any attention to themselves.
13 He who does not acknowledge his sins will fail. But the one who admits that he was wrong and leaves his sins will receive forgiveness and succeed.
14 The person who fears God and is eager to do what is right will live a blessed and happy life. But the one who hardens his heart against the Lord will get into trouble.
15 If a wicked person rules a country and ruins the poor, people will fear him like a roaring lion or a hungry bear.
16 If a stupid person rules a country and uses his position to get rich, he will ruin his people and lose his power. But if a person who hates corruption rules the country, his people will prosper, and he will be in power for a long time.
17 The one who committed a murder is guilty of a crime. He will hide from justice until his death, and no one will come to help him.
18 The one who does what is right will keep himself out of troubles. But the one who chooses a wrong path will destroy his life.
19 The one who works on his land will live in abundance. But a lazy person who chases empty dreams will live in poverty.
20 There will be many blessings in the life of an honest person. But the one who is eager to get rich quickly by illegal means will not be able to escape punishment.
21 It is not good for a judge to make unjust decision for personal gain. Such a judge can be bribed even for a small amount of money.
22 A greedy person wants to get rich quickly by illegal means. But he does not understand that he will get into trouble and lose everything.
23 Your friend may feel uncomfortable if you make him a proper correction. But later he will appreciate you because you did not flatter, but told him the truth.
24 The one who robs his father and mother, and says that it is not a sin is no different from a thief.
25 The one who is not happy with what he has will be angry with others. But the one who trusts the Lord and thanks Him for everything will live in peace.
26 The one who relies on himself will act foolishly. But the one who listens to the advice of others will behave wisely and avoid troubles.
27 The one who helps the poor will be blessed. And such a person will lack nothing. But the one who ignores the poor will receive many curses.
28 When the wicked come to power, people will be afraid of what will happen in the future. They will live in such a way that they would not attract any attention to themselves. But when the wicked lose their power, people will stop living in fear and many of them will come to God.

Chapter 29

1 If people make proper corrections to a person, but he does not want to listen, suddenly he will become so sick that he will not be able to restore his health.
2 If believers who are eager to do what is right rule the country, their nation will live prosperously and happily. But if a wicked person comes to power, people will suffer.
3 The one who loves to act wisely will bring joy to his father. But the one who enters into the relationships with immoral women will recklessly squander the property of his family and bring sorrow to his father.
4 If a king does justice, he will make his country strong. But if he does not fight against bribery, it will destroy his country.
5 He who flatters his friend will harm him with his lies.
6 If a person harms others, he will suffer from his own sin. But a believer who is eager to do what is right will avoid all the troubles and sing for joy.
7 A believer treats the poor with justice and watches closely that no one would violate their rights. But a wicked person does not care about the poor and does not want to help them with their problems.
8 The one who provokes violence can make an uprising in the city. But the wise call for peace and make efforts to calm down the people who are full of rage.
9 If a wise person goes to court with a fool, the fool will become angry and ridicule the wise person with insults. A fool is not able to control himself and negotiate peacefully.
10 Cruel murders want to kill innocent people. But the believers help those whose lives are in mortal danger.
11 A fool gets angry quickly and starts shouting. A wise person shows patience and speaks calmly.
12 If there are only the wicked who surround a leader of the country, he will hear nothing, but lies.
13 What can a poor person and the one who treats him unjustly have in common? The life of each of them is in the hands of the Lord. Their eyes will see the light as long as God wants it.
14 If a king treats the poor with justice and watches that no one would violate their rights, he will rule for a long time.
15 If parents discipline their child and make him proper corrections, he will learn to do what is right and grow up to be a wise person. But if his mother does not care to raise her child in a right way, he will grow up to be a shameless person. And she will be ashamed of his behavior.
16 If the wicked come to power, the crime increases in the country. But when their power comes to end, the believers will see how the wicked will get the punishment they deserve.
17 Discipline your son since his childhood. Then he will grow up to be a good person. And you will rejoice with all your heart that you do not have to worry about his future.
18 If a nation does not follow God’s revelation, people get wild. They do whatever they wish and bring sufferings to themselves. But if a nation keeps the Law of God, people will live a blessed and happy life.
19 It is impossible to correct a slave with words. He can hear the corrections, but he ignores them and keeps doing things the way he wants.
20 Have you met a person who does not think about the consequences of his words? He is worse than a fool, and you cannot trust him.
21 If you spoil a slave since his childhood, he will disrespect you when he grows up.
22 An evil person gets angry quickly and starts quarreling with others. The hot-tempered person cannot control himself and commits many sins.
23 The one who shows arrogance will get into unpleasant situations, and he will be ashamed of his behavior. But the one who treats others without contempt will earn respect.
24 If you help a thief and partner with him secretly, you will harm yourself and become a participant in a crime. When you stand in court, you will say, “I swear to tell the truth.” But you will bear a false witness and bring a curse upon yourself.
25 Do not be afraid of what other people speak about you. Otherwise, you will harm yourself and get into troubles. Trust the Lord, and He will keep you safe from every evil.
26 Many people seek an audience with an influential person. They hope that he will help them get just decision. But not many people come to the Lord who has all the power to restore justice.
27 A believer hates what a wicked person does. And a wicked person hates the way a believer lives.

Chapter 30

1 Jakeh had a son Agur. Agur spoke inspired words to Ithiel and Ucal.
2 Surely I am more stupid than other people. I do not understand what others understand.
3 I did not learn wisdom, and I did not gain knowledge of the Holy God.
4 Who went up to heaven and came down? Who can hold the wind in his hands, and who can carry water in his clothes? Who established all the boundaries of the earth? Do you know His name, and what is the name of His Son?
5 Every word of God is pure. God becomes a shield for those who trust in Him.
6 Do not add to the words of God, otherwise He will judge you, and you will become a liar.
7 Do not deny my request. I will ask You for two things before I die.
8 Remove lie and meaningless things from me. Do not give me poverty nor riches. Provide me with my daily bread.
9 Otherwise, if I get rich, I will deny You and say, “Who is the Lord?” And if I become poor, I will steal and bring shame to the name of my God.
10 Do not speak lie about a servant to his master. Otherwise, he will curse you, and you will become guilty.
11 Some people curse their fathers and do not bless their mothers.
12 They think that they are pure, but they are dirty with their waste.
13 Oh, how proudly such people look around! What kind of disrespectful look they throw around!
14 Some people hurt with their teeth like swords. They cut with their jaws like knives. They eat the poor and needy people on the earth.
15 The leach has two daughters. They scream, “Give me more, give me more!” There are three things, and they will not be satisfied. There are even four things, and they will not say, “Enough!”
16 Death and a woman without children will not say, “Enough!” Fire and the earth will not be satisfied with water, they will not say, “Enough!”
17 If a person looks at his father and makes fun of him then crows will eat his eyes in the valley. If a person despises his mother and does not obey her then eagle’s children will eat him.
18 Three things amaze me so much, and I don’t understand four things.
19 I wonder how an eagle flies in the sky, and how a snake crawls on a rock. I do not understand how a ship navigates in the middle of the sea, and how a man finds his way to a young woman.
20 The same way, I do not understand the way of a woman who sleeps with different men. She ate, wiped her mouth and said, “I did nothing wrong.”
21 The earth shakes from three things, and it cannot tolerate four things.
22 It is not right when a slave becomes a king. And it is not right when a fool eats bread to the full.
23 It is not right when a woman who has evil plans gets married. And it is not right when a servant girl takes the place of her mistress.
24 Four little creatures live on the earth, but they are extremely wise.
25 Ants are not strong, but they prepare their food in the summer.
26 Mountain mice are weak, but they build their houses on the rock.
27 Locusts have no king, but they move in order.
28 Lizard quickly moves his legs, and it goes even to the royal palaces.
29 Three animals walk majestically, and even four of them move impressively.
30 A lion is mighty among all the animals, he will not turn away from anyone.
31 A rooster and a goat walk proudly, and a king majestically leads his army.
32 If you become proud then you will do foolishness. Stop, if you plan to do an evil thing.
33 He who beats milk will produce butter. If you beat the nose, then blood will flow. And he who pours out his anger will start a quarrel.

Chapter 31

1 These are the words of king Lemuel. His mother gave him these advices.
2 My son, I gave birth to you. My son, I dedicated you to God!
3 Do not give your strength to women. They destroy kings, do not give your ways to women.
4 Lemuel, kings should not drink wine. Rulers should not drink alcoholic drinks.
5 Otherwise, they will get drunk, and they will forget the law. And they will unjustly judge all the oppressed people.
6 People give a strong drink to a perishing person. And a grieving soul drinks wine.
7 He gets drunk and forgets about his poverty. And while he is still drunk, he does not remember about his suffering.
8 Raise your voice for helpless people and protect oppressed people.
9 Raise your voice for justice, for the case of a poor and a needy person.
10 A man who marries a business woman will treasure her more than precious jewels.
11 His wife will make his life rich. Her husband will trust her with all of his heart.
12 All the days of her life she will do good things to her husband. She will not harm him.
13 She gets wool and flax, she likes working with her hands.
14 Like ships she brings her food from distant places.
15 She gets up while it is still night. She distributes food in her house, and she gives work to her servant girls.
16 She plans to buy a field, and she does it. She plants a vineyard with the money she earned.
17 Her muscles are strong. She feels strength in her hands.
18 She sees that her business goes well. And her lamp does not stop shining even at night.
19 She stretches her hands to a spinning wheel, and she twists thread with her fingers.
20 She helps a poor and a needy person.
21 She is not afraid of cold weather because she dresses all her family in warm clothes.
22 She makes bed coverings for herself. She wears expensive clothes made of purple fabric.
23 People respect her husband when he discusses matters with the elders at the city gate.
24 She makes clothes and sells them. She makes belts and delivers them to sell-men.
25 Her clothes are strength and honor. And she looks at her future with confidence.
26 She speaks the Law of God the Creator with wisdom and kindness.
27 She watches over her household. She is not lazy, and she does not eat food just because she is bored.
28 Children stand up, and they call her blessed, her husband also praises her.
29 He says, “There are many business women, but you are the best.”
30 A pretty face deceives, and beauty disappears. But a woman who fears the Lord deserves to be praised.
31 Reward her according to her works. And let her deeds make her famous at the city gate.