First Letter to the Thessalonians

First Letter to the Thessalonians

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अध्याय 1

1 पौलुस, सिलास और तीमुथियुस थिस्सलुनीकियों चर्च को लिखते हैं जो परमेश्वर पिता और प्रभु यीशु मसीह का है। हमारे परमेश्वर पिता और प्रभु यीशु मसीह की ओर से आपको अनुग्रह और शान्ति मिले।
2 हम हमेशा आप सभी के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं। हम आपको याद करते हैं और आपके लिए प्रार्थना करते हैं।
3 हम याद करते रहते हैं कि आपने अपने विश्वास के कारण किस प्रकार के काम किये थे। आप परमेश्वर की सेवा करते हैं क्योंकि आप उससे प्यार करते हैं। आप धीरज रखते हैं। और यह परमेश्वर पिता की उपस्थिति में रहने वाले यीशु मसीह पर आशा रखने में आपकी मदद करता है।
4 हे भाइयों, आप जानते हैं कि परमेश्वर ने आप को चुना है और वह आप से प्यार करता है।
5 जब हम आपके पास मसीह के बारे में अच्छी खबर लाए तब यह सिर्फ़ शब्द नहीं थे। हमने पवित्र आत्मा में होकर और शक्ति के साथ आपसे बात की। और आपको पूरी तरह से यकीन हुआ कि हमने सच कहा था। आप जानते हैं कि हमने आपको उदाहरण दिखाया।
6 हम यीशु की तरह जिये। और आप हमारी और प्रभु की सी चाल चलने लगे। आपने बहुत दु:ख उठाया लेकिन फिर भी आपने वचन को स्वीकार किया और पवित्र आत्मा में आनन्दित हुए।
7 और आप मकिदुनिया और अखया के सभी विश्वासियों के लिए उदाहरण बन गए।
8 परमेश्वर के वचन ने सिर्फ़ मकिदुनिया और अखया में ही आवाज नहीं लगाई। दूसरे स्थानों में भी आपने परमेश्वर पर अपने विश्वास को फैलाया जहाँ हम पहले नहीं गये थे। इसलिए जब हम उन जगहों पर जाते हैं तब हमें वहाँ अपने बारे में कुछ भी बताने की ज़रूरत नहीं होती।
9 इसके बजाय, वे लोग हमें इस के बारे में बताते हैं कि हम एक बार कैसे आपसे मिले और उसके बाद आप मूर्तियों से परमेश्वर की ओर मुड़ गए। और अब आप जीवित और सच्चे परमेश्वर की सेवा करते हैं।
10 परमेश्वर ने अपने बेटे को मरे हुओं में से जिलाया। और अब आप परमेश्वर के बेटे का स्वर्ग से आने का इन्तज़ार कर रहे हैं। जल्दी ही परमेश्वर लोगों से उनके पापों के लिए गुस्सा होगा लेकिन यीशु हमें परमेश्वर के गुस्से से बचाएगा।

अध्याय 2

1 हे भाइयों, आप जानते हैं कि हम व्यर्थ में आपसे मिलने नहीं आए।
2 लेकिन आपके पास आने से पहले, लोगों ने फिलिप्पी में हमारे साथ क्रूरता से व्यवहार किया और हमने वहाँ दु:ख उठाया। और आप जानते हैं कि परमेश्वर ने हमें हिम्मत दी और हमने बड़े विरोध के बावजूद आपको परमेश्वर के बारे में अच्छी खबर का प्रचार किया।
3 जब हम लोगों को सिखाते हैं तब हम उन्हें धोखा नहीं देते। हमारी इच्छाएँ बुरी नहीं और हम लोगों के साथ चालाकी से व्यवहार नहीं करते।
4 परमेश्वर ने हमें अपनी सेवा करने के योग्य बनाया। उसने हम पर विश्वास किया ताकि हम यीशु के बारे में अच्छी खबर का प्रचार करें। जब हम अच्छी खबर को बांटते हैं तब हम परमेश्वर को खुश करते हैं, लोगों को नहीं। और परमेश्वर नज़र रखता है कि हमारे दिलों में क्या हो रहा है।
5 आप जानते हैं कि हमने आपसे कभी चापलूसी की बातें नहीं की। और परमेश्वर हमारा गवाह है कि हमने कभी भी आपका फ़ायदा उठाने की कोशिश नहीं की।
6 हम नहीं चाहते कि आप या कोई और हमारी बड़ाई करे।
7 हम मसीह के प्रेरित हैं। हम आप पर अपना अधिकार दिखा सकते थे लेकिन हमने आपके साथ शांति से व्यवहार किया। जैसे दूध पिलाने वाली माँ अपने बच्चों की देखभाल करती है वैसे ही हमने भी आपकी देखभाल की।
8 हमने आप से प्यार किया। इसलिए हम चाहते थे कि आप सिर्फ़ परमेश्वर की अच्छी खबर को ही स्वीकार न करें लेकिन यह भी समझें कि हमारे दिलों में क्या हो रहा है।
9 हे भाइयों, क्या आपको याद है कि हमने कैसे परमेश्वर के बारे में आपको अच्छी खबर का प्रचार किया? हमने इतनी मेहनत की कि हमें बेहद थकान महसूस हुई। हमने दिन-रात मज़दूरी की क्योंकि हम आप में से किसी पर बोझ नहीं बनना चाहते थे।
10 और आप, विश्वासियों, यह गवाही दे सकते हो कि हमने आपके साथ पवित्रता, ईमानदारी और बिना किसी दोष के व्यवहार किया। परमेश्वर भी इसकी गवाही देता है।
11 आप जानते हैं कि हमने आप में से हर एक के साथ वैसे ही बर्ताव किया जैसे पिता अपने बच्चों के साथ करता है।
12 जब परमेश्वर ने आपको अपने पास बुलाया तब आपने उसके राज्य में प्रवेश किया और उसकी महिमा देखी। इसलिए हमने आपसे विनती की, आपको यकीन दिलाया और जोर देकर कहा कि इस तरह से जियें ताकि आप उन माँगों को पूरा कर सकें जो परमेश्वर ने हमें दी हैं।
13 हम लगातार आपके लिए परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं। जब आपने हम से परमेश्वर का वचन सुना तो इसे ऐसे स्वीकार किया जैसे कि परमेश्वर ने ही वह वचन कहा, न कि मनुष्य ने। और सच में परमेश्वर का वचन सच्चा है। आप परमेश्वर के वचन पर विश्वास करते हैं और वचन आप में काम करता है।
14 जो चर्च यहूदिया में स्थित हैं वे प्रभु के हैं। वे यीशु मसीह पर विश्वास करते हैं इसलिए यहूदी लोगों ने उन्हें सताना शुरू कर दिया। हे भाइयों, उन चर्चों की तरह ही आपके साथ हुआ। आपको अपने लोगों का भी सामना करना पड़ा।
15 यहूदियों ने प्रभु यीशु और उसके भविष्यद्वक्ताओं को मार डाला। उन्होंने हमें भी सताया। यहूदी परमेश्वर को खुश नहीं करते और वे सभी लोगों का विरोध करते हैं।
16 जब हम अन्यजाति लोगों को उद्धार के बारे में बताते हैं तब यहूदी लोग हमें रोकते हैं। इस तरह से यहूदी लोग अपने पापों को बढ़ाते रहते हैं। लेकिन अन्त नज़दीक आ रहा है और परमेश्वर यहूदियों से गुस्सा होगा।
17 हे भाइयों, थोड़े समय के लिए हम आपसे अलग हो गए। आप हमारे दिलों में बने रहे इसलिए हमें आपको फिर से देखने की बड़ी इच्छा है।
18 हम आपके पास आना चाहते थे। मुझ, पौलुस ने एक बार और फिर दूसरी बार ऐसा करने की कोशिश की लेकिन शैतान ने हमारे लिए रुकावटें खड़ी कीं।
19 लेकिन हमें आशा है कि आप परमेश्वर की सेवा करते रहते हैं। और जब हमारा प्रभु यीशु मसीह पृथ्वी पर वापस आएगा तब हम आपसे मिलेंगे और आपके साथ आनन्द मनाएंगे। तब परमेश्वर हमारी प्रशंसा करेगा और हमने आपकी जो सेवा की है उसके लिए हमें इनाम देगा।
20 हम आनन्दित होंगे क्योंकि परमेश्वर कहेगा कि हमने आप के बीच में अच्छा काम किया।

अध्याय 3

1 हमने मुश्किलों के कारण एथेन्स में रहने का फैसला किया।
2 लेकिन हमने भाई तीमुथियुस को आपके पास भेजा। वह परमेश्वर की सेवा करता है, हमारे साथ काम करता है और मसीह के बारे में अच्छी खबर को फैलाता है। तीमुथियुस आपका साथ देगा और आपके विश्वास को मज़बूत करेगा।
3 आप जानते हैं कि इस जीवन में हम सतावों और मुसीबतों से बच नहीं सकते। इसलिए अगर आप कष्टों से गुजर रहे हैं तो न घबराना।
4 पिछली बार जब हम आपसे मिलने आए तो हमने पहले से ही अनुमान लगा लिया था कि हमें दु:ख सहना होगा। और आप जानते हैं कि यह इसी तरह से हुआ जैसे हमने कहा था।
5 मैं आपसे मिलने नहीं आ सका इसलिए मैंने अब और इन्तज़ार नहीं किया और तीमुथियुस को आपके पास भेजा। मैं जानना चाहता था कि क्या आप विश्वास से जीते हैं या नहीं। मुझे डर था कि बहकानेवाला आपको गुमराह कर देगा और हमारा काम परिणाम नहीं लाएगा।
6 लेकिन तीमुथियुस पहले ही लौट आया और उसने हमें आपके बारे में अच्छी खबर दी। हम जानते हैं कि आप परमेश्वर पर विश्वास करते रहते हैं और एक दूसरे से प्यार करते हैं। आप हमेशा हमारे बारे में अच्छी बातें बोलते हैं और आप हमें उतना ही देखना चाहते हैं जितना हम आपको देखना चाहते हैं।
7 हे भाइयों, हम दु:ख में होकर जाते हैं और कमी में जीते हैं। लेकिन जैसे आप विश्वास करते हैं उस से हम उत्साहित हुए।
8 आप प्रभु के पीछे चलते रहते हैं और यह हमें जीवन से भर देता है।
9 हम आपके लिये परमेश्वर का कितना धन्यवाद करें? जब हम अपने परमेश्वर की उपस्थिति में जाते हैं तब आपके कारण हम बहुत आनन्द महसूस करते हैं।
10 दिन रात हम आपके लिए दिल खोलकर प्रार्थना करते हैं। हम आपसे मिलना चाहते हैं क्योंकि हम आपको कुछ ऐसी बातें सिखा सकते हैं जो आपके विश्वास को और भी मजबूत बना सकती हैं।
11 परमेश्वर पिता और प्रभु यीशु मसीह आपके पास आने के लिए हमारी सहायता करें।
12 प्रभु ने हमें प्यार से भर दिया है इसलिए हम आपसे प्यार करते हैं। वह आपको भी प्यार से भरे ताकि आप एक दूसरे से और सभी लोगों से प्यार कर सकें।
13 दूसरों से प्यार करें और यह आपके दिलों को मज़बूत बनाएगा। परमेश्वर की पवित्रता आपके दिलों को शुद्ध करेगी और आपको परमेश्वर की नज़रों में निर्दोष बनाएगी। इसलिए जब हमारा प्रभु यीशु मसीह परमेश्वर के सभी पवित्र लोगों के साथ पृथ्वी पर आएगा तब आप हमारे परमेश्वर पिता की उपस्थिति में खड़े होने के लायक होंगे। आमीन।

अध्याय 4

1 हे भाइयों, हमने आपको सिखाया कि आपको कैसे व्यवहार करना चाहिए और कैसे परमेश्वर को खुश करना चाहिए। इसलिए यीशु मसीह के नाम में हम आपसे विनती करते हैं और आपको उत्साहित करते हैं कि आप ज़्यादा से ज़्यादा अपने कामों से परमेश्वर को खुश करें।
2 आप प्रभु यीशु की आज्ञाओं को जानते हैं जो हमने आपको सिखाईं।
3 अपने आप को परमेश्वर की इच्छा के लिए सौंप दें और अपने आप को पाप से शुद्ध करें। गलत यौन संबंधों में हिस्सा न लें।
4 आप में से हर एक अपने शरीर पर काबू रखे। पवित्र और परमेश्वर के योग्य जीवन जियें।
5 अन्यजाति लोगों की तरह व्यवहार न करें। वे परमेश्वर को नहीं जानते, वे अपनी वासना को संतुष्ट करते और अपनी पापी आदतों से खुद को नष्ट करते हैं।
6 अपने भाइयों का फ़ायदा न उठाएं। अपने मतलब के लिए एक दूसरे को धोखा न दें। हमने इसके बारे में पहले से ही बातें की और आपको सिखाया कि प्रभु ऐसे कामों के लिए सजा देगा।
7 अपनी बुरी इच्छाओं का पीछा न करें क्योंकि परमेश्वर ने हमें पवित्र जीवन जीने के लिए बुलाया है।
8 जो हमारी शिक्षा को ठुकराता है वह किसी व्यक्ति को नहीं लेकिन परमेश्वर को ठुकराता है जिसने हमें पवित्र आत्मा दी है।
9 मुझे भाईचारे के प्यार के बारे में लिखने की कोई ज़रूरत नहीं क्योंकि परमेश्वर आपको एक दूसरे से प्यार करना सिखाता है।
10 आप उन सब विश्वासियों के साथ प्रेम से व्यवहार करते हैं जो मकिदुनिया में रहते हैं। हे भाइयों, हम आपको एक दूसरे से ज़्यादा से ज़्यादा प्यार करने के लिए उत्साहित करना चाहेंगे।
11 जो हमने आपको सिखाया है उसे मानने के लिए हर प्रयास करें। शान्ति से रहें, अपना काम करें और अपने हाथों से मेहनत करें।
12 तब आपके पास कुछ कमीं घटी नहीं होगी। और अविश्वासियों के साथ भी अच्छे तरीके से व्यवहार करें।
13 हे भाइयों, मैं चाहता हूँ कि आप जानें कि जो विश्वासी मर चुके हैं उनके साथ क्या होगा। दूसरे लोगों की तरह शोक न मनाएं जिनके पास कोई उम्मीद नहीं।
14 हम विश्वास करते हैं कि यीशु मरा और फिर जीवित हुआ। हम यह भी विश्वास करते हैं कि जब यीशु धरती पर वापस आएगा तब परमेश्वर उन विश्वासियों को भी यीशु के साथ लाएगा जो पहले ही मर चुके हैं।
15 हम आप को प्रभु का वचन सुनाते हैं। पहले जो विश्वासी मर चुके हैं वे प्रभु के आगमन को देखेंगे। और फिर हम, जो पृथ्वी पर जीवित बच जाएंगे, प्रभु से मिलेंगे।
16 उस दिन सबसे ऊँचा स्वर्गदूत अपनी आवाज़ उठाएगा, परमेश्वर की तुरही बजेगी और प्रभु खुद ही स्वर्ग से उतरेगा। और पहले परमेश्वर उन मरे हुए लोगों को जीवित करेगा जो मसीह पर विश्वास करते थे।
17 उसके बाद हम, जो धरती पर बच जाएंगे, उन ज़िन्दा लोगों के साथ बादलों पर उठाए जाएंगे। और हम हवा में प्रभु से मिलेंगे। इस तरह से हम हमेशा के लिए प्रभु के साथ एक हो जाएंगे।
18 इसलिए इन शब्दों से एक दूसरे को शान्ति दें।

अध्याय 5

1 हे भाइयों, मुझे समय और तारीखों के बारे में लिखने की कोई ज़रूरत नहीं।
2 आप पहले से ही जानते हैं कि जैसे चोर रात में आता है वैसे ही प्रभु का दिन अचानक से आ जाएगा।
3 जब लोग कहेंगे कि “शान्ति और सुरक्षा है” तब अचानक से मुसीबत उन पर आ पड़ेगी। जैसे गर्भवती महिला जन्म देने के दर्द से नहीं बच पाती वैसे ही कोई भी प्रभु के आगमन से नहीं बच पाएगा।
4 हे भाइयों, आप अंधकार में नहीं जीते। और प्रभु का दिन आपके लिए रात में आने वाले चोर की तरह अचानक से नहीं आएगा।
5 आप सभी ज्योति की संतान हैं जो दिन के समय पैदा हुए। हम अंधकार की संतान नहीं जो रात के समय पैदा हुए।
6 इसलिए दूसरे लोगों की तरह न सोएं। आत्मिक चीजों में अपनी रुचि न खोएं। सादा जीवन जियें।
7 एक व्यक्ति रात को सोता है और दूसरा नशे में चूर हो जाता है।
8 लेकिन हम दिन के समय पैदा हुए इसलिए हमें सादा जीवन जीना चाहिए।। हम परमेश्वर पर विश्वास करते हैं और एक दूसरे के साथ प्यार से व्यवहार करते हैं और यह कवच की तरह हमारी रक्षा करते हैं। हमें यकीन है कि यीशु ने हमें पाप से बचाया। इसलिए हम उद्धार के टोप को अपने सिर पर पहनते हैं।
9 परमेश्वर ने पहले ही फ़ैसला लिया कि वह हम से गुस्सा नहीं होगा। और हमने उद्धार पाया क्योंकि हमारा प्रभु यीशु मसीह हमारे लिए क्रूस पर मरा।
10 जब प्रभु पृथ्वी पर वापस आएगा तब हम में से कुछ जीवित रहेंगे और कुछ नहीं। लेकिन परमेश्वर हमें जीवित करेगा ताकि हम मसीह के साथ जी सकें।
11 इसलिए आपको एक दूसरे को दिलासा देते रहना चाहिए और इन शब्दों से एक दूसरे का विश्वास दृढ़ करते रहना चाहिए।
12 हे भाइयों, हम आपसे कहते हैं कि उन सेवकों का आदर करें जिन्हें परमेश्वर ने आपके ऊपर रखा है। वे आपके बीच में काम करते हैं और आपको परमेश्वर का वचन सिखाते हैं।
13 उन से प्यार करें और जो काम वे करते हैं उसके लिए उन्हें बड़ा आदर दें। एक दूसरे के साथ शान्ति से रहें।
14 हे भाइयों, हम आपसे विनती करते हैं कि जो अपने जीवन के साथ खिलवाड़ करते हैं उन लोगों को सुधारें। जो डर में जीते हैं उन्हें उत्साहित करें। जिनका विश्वास कमजोर है उन्हें सहारा दें। और सभी लोगों के साथ बहुत धीरज से रहें।
15 ध्यान दें कि कोई बुराई के बदले बुराई न करे। हमेशा एक दूसरे का और अपने आस-पास के लोगों का भला करने का हर संभव प्रयास करें।
16 हमेशा आनन्दित रहें।
17 नियमित रूप से प्रार्थना करें।
18 आप यीशु मसीह के हैं। और परमेश्वर चाहता है कि आप उसे हर परिस्थिति में धन्यवाद दें।
19 पवित्र आत्मा की आग को न बुझाएं।
20 भविष्यवाणियों से घृणा न करें।
21 सब कुछ जांचें और जो सही है उस पर खड़े रहें।
22 किसी बुरे कामों में हिस्सा न लें।
23 परमेश्वर शान्ति का स्रोत है। और वह खुद आपको पूरी तरह से पवित्र करे। परमेश्वर आपकी आत्मा, प्राण और शरीर को उस दिन तक पूरी तरह से पाप से सुरक्षित रखे, जब तक हमारा प्रभु यीशु मसीह फिर से न आए।
24 परमेश्वर ऐसा करेगा क्योंकि उसने आपको अपने पास बुलाया है ताकि आप उसकी वफ़ादारी देख सकें।
25 हे भाइयों, हमारे लिए प्रार्थना कीजिए।
26 सभी भाइयों से पवित्र चुंबन से मिलें।
27 मैं आपसे प्रभु के नाम से विनती करता हूँ कि इस पत्र को परमेश्वर के सभी पवित्र लोगों के सामने पढ़ें।
28 हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह आपके साथ बना रहे। आमीन।